CBSE Class 6 Hindi Vyakaran संज्ञा के विकार
संज्ञा एक विकारी शब्द है। संज्ञा में विकार या परिवर्तन तीन कारणों से होता है-
- लिंग
- वचन
- कारक
लिंग-शब्द के जिस रूप से उसके स्त्री या पुरुष जाति के होने की पहचान हो, उसे लिंग कहते हैं।
लिंग के भेद-
पुल्लिंग-पुरुष जाति की पहचान कराने वाले शब्दों को पुल्लिंग कहते हैं; जैसे-शेर, घोड़ा, लड़का आदि।
स्त्रीलिंग-स्त्री जाति की पहचान कराने वाले शब्दों को स्त्रीलिंग कहते हैं; जैसे-शेरनी, घोड़ी, लड़की आदि।
पुल्लिंग शब्दों की पहचान-कुछ शब्द प्रायः पुल्लिंग होते हैं; जैसे-
देशों के नाम – चीन, भारत, ब्रिटेन
पेड़ों के नाम – आम, केला, अंगूर
पर्वत के नाम , हिमालय, विंध्याचल
सागर के नाम – हिंद महासागर, प्रशांत महासागर
दिनों के नाम – रविवार, सोमवार, मंगलवार
महीनों के नाम – मार्च, जून, अगस्त
ग्रहों-तारों के नाम – सूर्य, चंद्र, मंगल
धातुओं के नाम – लोहा, सोना, हीरा
शरीर के अंग – बाल, सिर, कान
भाववाचक संज्ञा – बुढ़ापा, प्रेम, क्रोध
अकारान्त शब्द – कदम, पर्वत, उपवन
अपवादस्वरूप इमली, अरहर, पृथ्वी, चाँदी, उँगली, जीभ आदि शब्द स्त्रीलिंग हैं।
स्त्विलिंग शब्दों की पहचान-कुछ शब्द प्रायः स्त्रीलिंग होते हैं; जैसे –
भाषा/बोली के नाम – हिंदी, भोजपुरी, मैथिली
नदियों के नाम – गेंगा, यमुना, सरस्वती
तिथि के नाम – द्वितीया, एकादशी, अमावस्या
ईकारान्त शब्द – खुशी, लाठी, रोटी
आकारान्त शब्द – कामना, प्रार्थना; भावना
उकारान्त शब्द – आयु, ऋतु
लिंग परिवर्तन :
कुछ सर्वथा भिन्न रूप
- पिता – माता
- गाय – बैल
- नर – नारी
- राजा – रानी
- वीर – वीरांगना
- वर – वधू
- विद्वानान – विदुषी
- कवि – कवयित्री
- भाई – बहन
अभ्यास-प्रश्न
प्रश्न 1.
संज्ञा में परिवर्तन किन कारणों से होता है?
प्रश्न 2.
लिंग किसे कहते हैं? इसके कितने भेद हैं?
प्रश्न 3.
पुल्लिंग तथा स्त्रिलिंग शब्दों के कुछ उदाहरण दें।
प्रश्न 4.
निम्न शब्दों के लिंग बताएँकवि, बैल, गाय, वीरांगना, विदुषी
प्रश्न 5.
लिंग परिवर्तन करेंबेटा, शेर, पंडित, नाग, तपस्वी
वचन
वचन-शब्द के जिस रूप से उसके एक या अनेक होने का पता चले, उसे वचन कहते हैं। जैसे-लड़का-लड़के।
वचन के भेद-
एकवचन-शब्द के जिस रूप, से उसके एक होने का पता चले, उसे एकवचन कहते हैं; जैसे-पंखा, किताब आदि।
बहुवचन-शब्द के जिस रूप से उसके एक से अधिक होने का पता चले, उसे बहुवचन कहते हैं; जैसे-पंखे, किताबें आदि।
वचन में परिवर्तन के नियम (एकवचन से बहुवचन बनाना)
आकारान्त स्रीलिंग शब्दों के अंत में ‘ए’ लगाकर या ‘अ’ को ‘एँ’ बनाकर जैसे-
- सूचना – सूचनाएँ
- कामना – कामनाएँ
- माता – माताएँ
- कक्षां – कक्षाएँ
- लता – लताएँ
- बहन – बहनें
- पतंग – पतंगें
- किताब – किताबें
- पुस्तक – पुस्तकें
- दीवार – दीवारें
आकारान्त पुल्लिंग शब्दों के अंत में ‘आ’ की जगह ‘ए’ लगाकर जैसे-
- पंखा – पंखे
- घोड़ा – घोड़े
- लड़का – लड़के
- नाला – नाले
- छोटा – छोटे
- काला – काले
इकारांत तथा इकारांत शब्दों के अंत में दीर्घ स्वर को हूस्व बनाकर उसके बाद ‘याँ’ लगाकर जैसे-
- नदी – नदियाँ
- घड़ी – घड़ियाँ
- छड़ी – छड़ियाँ
- बेटी – बेटियाँ
- रोटी – रोटियाँ
- तिधि – तिथियाँ
- विधि – विधियाँ
- रीति – रीतियाँ
- नीति – नीतियाँ
उकारांत या ऊकारांत शब्दों के अंत में दीर्घ को ह्रस्व बनाने तथा उसके बाद ‘एँ’ लगाने से बहुवचन बनता है। जैसे-
वधू – वधुएँ
वस्तु – वस्तुएँ
कुछ स्तीलिंग शब्द जिनके अंत में ‘या’ हो उनमें केवल (ঁ) लगाकर बहुवचन बनाएं जाते हैं।
जैसे –
- चिड़िया – चिड़ियाँ
- बुढ़िया – बुढ़ियाँ
- चुहिया – चुहियाँ
- डिबिया – डिबियाँ
- गुड़िया – गुड़ियाँ
कुछ शब्दों को बहुवचन बनाने के लिए उनके अंत में समूहसूचक शब्द जोड़े जाते हैं;
जैसे-
- स्री – स्रीजन
- अधिकारी – अधिकारीवर्ग
- वैश्य – वैश्य समाज
- छात्र – छात्र्रण
- श्रमिक – श्रमिक लोग
- शिक्षक – शिक्षकवृंद
आदर प्रकट करने के लिए एकवचन संज्ञा के साथ बहुवचन क्रिया लगाई जाती है;
जैसे- श्री राम पिता की आज्ञा से वन चले गए।
बापू एक महान व्यक्ति थे।
कुछ शब्द सदैव बहुवचन रूप में प्रयुक्त होते हैं;
जैसे –
- दर्शन – आपके दर्शन कब होंगे?
- होश – वह अपने होश में नहीं है।
- प्राण – मेरे प्राण निकल गए।
- लोग – लोग चले गए।
कुछ शब्द सदैव एकवचन में प्रयुक्त होते हैं;
जैसे-
- जनता – जनता मैदान में खड़ी है।
- पानी – पानी बह रहा है।
- बारिश – बारिश हो रही है।
संबोधन कारक में जब किसी संज्ञा के साथ ‘ने’, ‘को’, ‘से’ आदि परसर्ग
लगे हों तो उनमें ‘’’ लगाकर बहुवचन बनाया जाता है;
जैसे-
बहनो एवं भाइयो
लड़के – लड़कों ने
देवियो एवं सज्जनो
नदी को – नदियों को
वचन से – वचनों से