Understanding the question and answering patterns through NCERT Solutions Class 11 Geography in Hindi Chapter 2 संरचना तथा भू-आकृति विज्ञान will prepare you exam-ready.
Class 11 Geography NCERT Solutions Chapter 2 in Hindi संरचना तथा भू-आकृति विज्ञान
पृष्ठ संख्या-18
प्रश्न 1.
क्या आप चित्र में दिखाये गए बालू के टिब्बों के प्रकार को पहचान सकते हैं?
उत्तर:
उक्त चित्र में दिखाए गए बालू के टिब्बे बरखान के नाम से जाने जाते हैं।
पृष्ठ संख्या-19
प्रश्न 2.
26 दिसम्बर, 2004 को अण्डमान और निकोबार द्वीपों पर एक प्राकृतिक आपदा ने कहर ढाया। क्या आप इस आपदा का नाम बता सकते हैं और इससे प्रभावित बाकी क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं?
उत्तर:
26 दिसम्बर, 2004 को अण्डमान और निकोबार द्वीपों पर सुनामी नामक प्राकृतिक आपदा ने कहर ढाया था। इस आपदा से प्रभावित अन्य क्षेत्रों में कन्याकुमारी, रामेश्वरम्, केरल, चेन्नई आदि प्रमुख थे।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
(i) नीचे दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर का चयन करें-
(i) करेवा भूआकृति कहाँ पाई जाती है?
(क) उत्तरी-पूर्वी हिमालय
(ख) पूर्वी हिमालय
(ग) हिमाचल-उत्तराखण्ड हिमालय
(घ) कश्मीर हिमालय
उत्तर:
(घ) कश्मीर हिमालय
(ii) निम्नलिखित में से किस राज्य में ‘लोकताक’ झील स्थित है-
(क) केरल
(ख) मणिपुर
(ग) उत्तराखण्ड
(घ) राजस्थान
उत्तर:
(ख) मणिपुर
(iii) अण्डमान और निकोबार को कौनसा जलक्षेत्र अलग करता है-
(क) 11° चैनल
(ग) मन्नार की खाड़ी
(ख) 10° चैनल
(घ) अण्डमान सागर
उत्तर:
(ख) 10° चैनल
(iv) डोडाबेटा चोटी निम्नलिखित में से कौनसी पहाड़ी श्रृंखला में स्थित है—
(क) नीलगिरि
(ग) अनामलाई
(ख) कार्डामम
(घ) नल्लामाला
उत्तर:
(क) नीलगिरि
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 30 शब्दों में दीजिए—
प्रश्न 1.
यदि एक व्यक्ति को लक्षद्वीप जाना हो तो वह कौन से तटीय मैदान से होकर जाएगा और क्यों?
उत्तर:
यदि एक व्यक्ति को लक्षद्वीप जाना हो तो वह पश्चिमी तटीय मैदान से होकर जाएगा; क्योंकि यह द्वीप पश्चिमी तटीय मैदान के मालाबार (केरल) तट से लगभग 280 किलोमीटर की दूरी पर अरब सागर में स्थित है। यही मार्ग सबसे निकटतम दूरी वाला मार्ग है।
प्रश्न 2.
भारत में ठण्डा मरुस्थल कहाँ स्थित है ? इस क्षेत्र की मुख्य श्रेणियों के नाम बताइए।
उत्तर:
भारत का ठण्डा मरुस्थल कश्मीर हिमालय के उत्तरी-पूर्वी भाग में वृहद् हिमालय और कराकोरम श्रेणियों के बीच स्थित है। कराकोरम, लद्दाख, जास्कर और पीरपंजाल इस क्षेत्र की प्रमुख श्रेणियाँ हैं।
प्रश्न 3.
पश्चिमी तटीय मैदान पर कोई डेल्टा क्यों नहीं है?
उत्तर:
पश्चिमी तटीय मैदान एक मग्न तटीय मैदान है तथा इस प्रदेश में विवर्तनिक कारणों से भ्रंश घाटियाँ निर्मित होती रही हैं। नर्मदा तथा ताप्ती नदियाँ इन भ्रंश घाटियों से होकर ही समुद्र में गिरती हैं। इसी कारण ये नदियाँ डेल्टा नहीं बनाती हैं।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 125 शब्दों में दीजिए—
प्रश्न 1.
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में स्थित द्वीप समूहों का तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत करें। – अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में स्थित द्वीप समूहों की तुलना।
उत्तर:
अरब सागर के द्वीप समूह | बंगाल की खाड़ी के द्वीप समूह |
1. संख्या के आधार पर अरब सागर में कम द्वीप पाए जाते हैं। इनकी कुल संख्या 36 है। | 1. संख्या के आधार पर बंगाल की खाड़ी में अधिक द्वीप पाए जाते हैं। इनकी कुल संख्या 572 है। |
2. आकार में अरब सागर के द्वीप छोटे हैं। अरब सागर के कुल द्वीपों में से केवल 11 पर मानव आवास है। | 2. आकार में बंगाल की खाड़ी के द्वीप बड़े हैं तथा मानव आवास के योग्य हैं। |
3. अरब सागर के द्वीप 8° उत्तर से 12° उत्तर और 71° पूर्व से 74° पूर्व के मध्य बिखरे हुए हैं। | 3. बंगाल की खाड़ी के द्वीप 6° उत्तर से 14° उत्तर और 92° पूर्व से 94° पूर्व के मध्य स्थित हैं। |
4. अरब सागर के द्वीप मूँगे के निक्षेपों से बने हैं। | 4. बंगाल की खाड़ी के द्वीप समुद्री पर्वतों की पानी से निकली चोटियाँ हैं। |
5. अरब सागर के द्वीप समूह पर तूफान निर्मित पुलिन है जिस पर अबद्ध गुटिकाएँ, शिंगिल, गोलाश्मिकाएँ तथा गोलाश्म पूर्वी समुद्र तट पर पाए जाते हैं। | 5. बंगाल की खाड़ी के द्वीप समुद्र में जलमग्न पर्वतों का हिस्सा हैं। कुछ छोटे द्वीपों की उत्पत्ति ज्वालामुखी से भी जुड़ी है। बैरन आइलैण्ड नामक भारत का एकमात्र जीवन्त ज्वालामुखी निकोबार द्वीप समूह में स्थित है। यह द्वीप असंगठित कंकड़, पत्थरों और गोलाश्मों से बना हुआ है। |
प्रश्न 2.
नदी घाटी मैदान में पाए जाने वाली महत्त्वपूर्ण स्थलाकृतियाँ कौनसी हैं? इनका विवरण दें।
उत्तर:
नदी घाटी मैदान में पाई जाने वाली महत्त्वपूर्ण स्थलाकृतियाँ निम्नलिखित हैं-
(1) भाभर:
नदी घाटी मैदान में भाभर 8 से 10 किलोमीटर चौड़ाई की पतली पट्टी है, जो कि शिवालिक गिरिपाद के समानान्तर फैली हुई है। उसके फलस्वरूप हिमालय पर्वत श्रेणियों से बाहर निकलती नदियाँ यहाँ पर भारी जल-भार, जैसे—बड़े शैल और गोलाश्म जमा कर देती हैं और कभी-कभी स्वयं इसी में लुप्त हो जाती हैं।
(2) तराई:
नदी घाटी मैदान में भाभर के दक्षिण में तराई क्षेत्र है जिसकी चौड़ाई 10 से 20 किलोमीटर है। भाभर क्षेत्र में लुप्त नदियाँ इस प्रदेश में धरातल पर निकल कर प्रकट होती हैं क्योंकि इनकी निश्चित वाहिकाएँ
नहीं होतीं। यह क्षेत्र अनूप बन जाता है जिसे तराई कहते हैं। तराई क्षेत्र प्राकृतिक वनस्पति से ढका रहता है और विभिन्न प्रकार के वन्य प्राणियों का घर है।
(3) खादर और बांगर:
नदी घाटी मैदान नदियों के द्वारा लाए गये अवसाद से बने हैं। ये मैदान दो प्रकार के होते हैं, यथा—खादर और बांगर। खादर नवीन मृदा से बने हैं, जबकि बांगर पुरानी मृदा से बने हैं। इनमें कंकड़- पत्थर पाए जाते हैं।
(4) अपरदनात्मक एवं निक्षेपणात्मक स्थलाकृतियाँ:
नदी घाटी मैदान में नदी की प्रौढ़ावस्था में बनने वाली अपरदनात्मक एवं निक्षेपणात्मक स्थलाकृतियाँ; यथा बालू-रोधिका, विसर्प, गोखुर झीलें और गुम्फित नदियाँ पाई जाती हैं। ब्रह्मपुत्र घाटी का मैदान नदीय द्वीप और बालूरोधिकाओं की उपस्थिति के लिए जाना जाता है। यहाँ अधिकतर क्षेत्र में समय-समय पर बाढ़ आती रहती है और नदियाँ अपना रास्ता परिवर्तित करके गुम्फित वाहिकाएँ बनाती रहती हैं।
(5) डेल्टा :
उत्तर भारत के मैदान में प्रवाहित होने वाली विशाल नदियाँ अपने मुहाने पर विश्व के बड़ें- बड़े डेल्टाओं का निर्माण करती हैं; यथा-सुन्दरबन डेल्टा आदि। सामान्य तौर पर यह एक सपाट मैदान है जिसकी समुद्र तल से औसत ऊँचाई 50 से 100 मीटर है।
प्रश्न 3.
यदि आप बद्रीनाथ से सुन्दरबन डेल्टा तक गंगा नदी के साथ-साथ चलते हैं तो आपके रास्ते में कौनसी मुख्य स्थलाकृतियाँ आएँगी?
उत्तर:
बद्रीनाथ भारत के उत्तरी भाग में उत्तराखण्ड हिमालय में स्थित एक पर्वतीय चोटी होने के साथ- साथ हिन्दुओं का प्रमुख पवित्र धार्मिक स्थल है। यह चमोली जिले में फूलों की घाटी के पास स्थित है। यदि हम बद्रीनाथ से सुन्दरबन डेल्टा तक गंगा नदी के साथ-साथ चलते हैं तो रास्ते में सबसे पहले वृहद् हिमालय तथा लघु हिमालय की वलित श्रेणियों के साथ-साथ अलकनन्दा नदी पर बसे नंद प्रयाग, कर्ण प्रयाग तथा रुद्र प्रयाग नामक नदी संगमों से होकर जाना पड़ेगा।
अलकनन्दा तथा भागीरथी नामक गंगा नदी की दो सहायक नदियों के मिलन स्थल देव प्रयाग से शिवालिक पर्वत श्रेणियों को पार करते हुए हरिद्वार के समीप मैदानी भाग में प्रवेश करेंगे। यहाँ से भाभर तथा तराई क्षेत्र से गुजरते हुए हम ऊपरी गंगा मैदान में प्रवेश करेंगे। पूर्व की तरफ मध्यवर्ती गंगा नदी के मैदानी भाग तथा निचले गंगा के मैदानों से होते हुए गंगा के डेल्टाई भाग में प्रवेश करेंगे। गंगा के डेल्टाई भाग में नदी विसर्प तथा गोखुर झीलों को पार करते हुए सुन्दरबन के डेल्टाई भाग में पहुँच जायेंगे। सुन्दरबन डेल्टा सामान्य रूप से एक सपाट मैदानी भाग है जिसकी समुद्र तल से औसत ऊँचाई 50 से 100 मीटर है।