These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant & Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 20 यक्ष प्रश्न are prepared by our highly skilled subject experts.
Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 20 यक्ष प्रश्न
Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers in Hindi Chapter 20
पाठाधारित प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
युधिष्ठिर कहाँ जा पहुँचे?
उत्तर:
युधिष्ठिर उसी विषैले सरोवर के समीप जा पहुँचे जहाँ उनके चारों भाई मृत अवस्था में पड़े थे।
प्रश्न 2.
यक्ष की बात मानकर युधिष्ठिर ने क्या कहा?
उत्तर:
यक्ष की बात मानकर युधिष्ठिर बोले- आप प्रश्न पूछ सकते हैं।
प्रश्न 3.
यक्ष के प्रश्न कि मनुष्य का साथ कौन देता है? का उत्तर युधिष्ठिर ने क्या दिया?
उत्तर:
धैर्य
प्रश्न 4.
विदेश जाने वाले का साथी कौन होता है? का उत्तर युधिष्ठिर ने क्या दिया?
उत्तर:
विदया।
प्रश्न 5.
यक्ष ने युधिष्ठिर से कितने प्रश्न किए।
उत्तर:
यक्ष ने युधिष्ठिर से पंद्रह प्रश्न किए।
प्रश्न 6.
घास से भी छोटी वस्तु किसे बताया गया है?
उत्तर:
चिंता को।
प्रश्न 7.
संसार में सबसे बड़े आश्चर्य की बात क्या है?
उत्तर:
संसार में सबसे बड़े आश्चर्य की बात यह है कि हर रोज़ कितने लोग काल के मुँह में समा जाते हैं, फिर भी हर प्राणी चाहता है कि वह अमर रहे।
प्रश्न 8.
युधिष्ठिर ने नकुल को ही जिलाना क्यों ठीक समझा?
उत्तर:
युधिष्ठिर ने यक्ष को बताया कि मेरे पिता की दो पत्नियाँ हैं। एक पत्नी कुंती से मैं जीवित हूँ। माद्री का भी एक पुत्र जीवित रहना चाहिए। अतः मैंने उसके पुत्र नकुल को जीवित करना चाहा है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
युधिष्ठिर को आशीर्वाद देते हुए यक्ष ने क्या कहा?
उत्तर:
युधिष्ठिर का उत्तर सुनकर यक्ष प्रसन्न हो गया और युधिष्ठिर को छाती से लगा लिया। उसके चारों भाइयों को जीवित कर दिया।
प्रश्न 2.
वनवास की 12 वर्ष की अवधि पूरी होने पर पांडवों ने क्या-क्या किया?
उत्तर:
बारह वर्ष की अवधि पूरी होने पर पांडवों ने निम्नलिखित काम किए-
अर्जुन ने इंद्रदेव से दिव्यास्त्र प्राप्त किए। भीम हनुमान का आलिंगन प्राप्त कर दस गुना शक्तिशाली हो गए। युधिष्ठिर को धर्मदेव के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ। पांडव आधी रात को चले गए। पांडवों ने मत्स्य देश के राजा विराट के यहाँ तेरहवाँ वर्ष बिताने का निश्चय किया।
प्रश्न 3.
युधिष्ठिर को अपने मृत पड़े भाइयों को देखकर किस चीज़ का भय हुआ?
उत्तर:
जब युधिष्ठिर ने चारों भाइयों को सरोवर के तट पर मृत पड़े देखा तो उनकी आँखों में आँसू आ गए। उन्हें भय होने लगा कि यह किसी का माया जाल है। वहाँ पर किसी शत्रु के पाँव के निशान भी नज़र नहीं आ रहे थे। उन्हें लगा कि वह भी शायद दुर्योधन का ही षड्यंत्र है या संभव है पानी में विष मिला दिया हो।
Bal Mahabharat Katha Class 7 Summary in Hindi Chapter 20
चारों भाइयों के लापता होते ही युधिष्ठिर अपने भाइयों को खोजते-खोजते उसी तलाब पर पहुँच गए। अपने भाइयों को मृतावस्था में देखकर युधिष्ठिर रोने लगे। उन्होंने सोचा या तो माया जाल है या दुर्योधन का षड्यंत्र। उन्होनें अपने भाइयों के शरीर को ध्यान से देखा। आसपास किसी शत्रु या पाँव के निशान भी नहीं था। सोचते-सोचते युधिष्ठिर प्यास से प्रेरित पानी की ओर चले तो वही आवाज़ आई। युधिष्ठिर समझ गए कि कोई यक्ष बोल रहा है। वे रुक गए और बोले आप प्रश्न कर सकते हैं। यक्ष ने कई प्रश्न किए और युधिष्ठिर उसके प्रश्न का उत्तर देते चला गया।
प्रश्न
मनुष्य का साथ कौन देता है?
उत्तर:
धैर्य ही मनुष्य का साथी होता है।
प्रश्न
कौन-सा शास्त्र है जिसका अध्ययन करके मनुष्य बुद्धिमान बनता है?
उत्तर:
कोई शास्त्र ऐसा नहीं है। महान लोगों की संगति से ही मनुष्य बुद्धिमान बनता है।
प्रश्न
भूमि से भारी चीज़ क्या है ?
उत्तर:
संतान को कोख में धारण करने वाली माता भूमि से भी भारी होती है।
प्रश्न
आकाश से भी ऊँचा कौन है?
उत्तर:
पिता।
प्रश्न
हवा से भी तेज़ कौन चलता है ?
उत्तर:
मन।
प्रश्न
घास से भी तुच्छ चीज़ कौन-सी होती है?
उत्तर:
चिंता।
प्रश्न
विदेश जानेवाले का साथी कौन होता है ?
उत्तर:
विद्या।
प्रश्न
मरणासन्न वृद्ध का मित्र कौन होता है?
उत्तर:
दान।
प्रश्न
बरतनों में सबसे बड़ा बरतन कौन है?
उत्तर:
भूमि सबसे बड़ा बरतन है, जिसमें सब कुछ समा सकता है।
प्रश्न
सुख क्या है ?
उत्तर:
सुख वह चीज़ है जो शील और सच्चरित्रता पर स्थित है।
प्रश्न
किसके छूट जाने पर मनुष्य सर्वप्रिय बन जाता है?
उत्तर:
अहंभाव छूट जाने पर।
प्रश्न
किस चीज़ को खो जाने से दुख नहीं होता?
उत्तर:
क्रोध।
प्रश्न
किस चीज को गवाँ कर मनुष्य धनी बनता है?
उत्तर:
लालच को।
प्रश्न
संसार में सबसे बड़े आश्चर्य की बात क्या है ?
उत्तर:
हर रोज़ कितने प्राणियों को मरते हुए देखकर भी बचे हुए प्राणी, जो यह चाहते हैं कि हम अमर रहें। यही महान आश्चर्य की बात है।
युधिष्ठिर के प्रश्नों से प्रसन्न होकर यक्ष ने कहा- “राजन् मैं तुम्हारे मृत भाइयों में से एक भाई को जीवित कर सकता हूँ। तुम जिस किसी को भी चाहो, वह हो जाएगा।”
युधिष्ठिर ने कहा- मेरा छोटा भाई जी उठे। यक्ष ने सामने प्रकट होकर पूछा- दस हज़ार हाथियों के बल वाले भीम को छोड़कर तुमने नकुल को जीवित करवाना क्यों ठीक समझा?
युधिष्ठिर ने कहा यक्षराज! मैंने जो नकुल को जीवित करवाना चाहा, वह सिर्फ इसी कारण कि मेरे पिता जी की दो पत्नियों में से माता कुंती का बचा हुआ पुत्र एक मैं हूँ। मैं चाहता हूँ कि माता माद्री का भी एक पुत्र जीवित रहे। जिससे हिसाब बराबर रहेगा। अब आप कृपा करके नकुल को जीवित कर दें।
यक्ष युधिष्ठिर की बातों को सुनकर प्रसन्न हुए और चारों भाइयों को जीवित कर दिए।
युधिष्ठिर को यक्ष ने गले लगा लिया और आशीर्वाद दिया कि बारह वर्ष की अवधि समाप्त होने को है। आज्ञातवास में तुमको कोई पहचान नहीं पाएगा। ऐसा कहकर धर्मदेव गायब हो गए।
इस बारह वर्ष के दौरान अर्जुन ने इंद्रदेव से दिव्यास्त्र प्राप्त किए, भीम हनुमान से आलिंगन कर दस-गुनी शक्ति प्राप्त कर चुके थे। धर्मदेव का आशीर्वाद मिल गया था। बारह वर्ष बीत जाने पर युधिष्ठिर ने पारिवारिक लोगों को ब्राह्मणों के साथ नगर लौटा दिए। पाँचों भाइयों ने आपस में सलाह करके राजा विराट के यहाँ अज्ञातवास का समय बिताने का निर्णय लिया।
शब्दार्थ:
पृष्ठ संख्या-50- षड्यंत्र – कुचक्र, विष – जहर, धैर्य – धीरज, सब्र, निशान – चिह्न
पृष्ठ संख्या-51- मरणासन्न – मरने जैसा, सर्वप्रिय – सबका प्यारा, अहंभाव – अहंकार, घमंड, जीवित – जिंदा।
पृष्ठ संख्या-52- अंतर्धान – लुप्त हो जाना, दिव्याशास्त्र – अलौकिक हथियार, अधीश – राजा।