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NCERT Class 12 Geography Chapter 3 Solutions in Hindi मानव विकास
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प्रश्न 1.
भारत में किस राज्य की जनसंख्या का उच्चतम अनुपात गरीबी रेखा के नीचे है?
उत्तर:
भारत में छत्तीसगढ़ राज्य की जनसंख्या का लगभग 39.93 प्रतिशत अंश गरीबी रेखा के नीचे है।
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प्रश्न 2.
केरल, मिजोरम, लक्षद्वीप और गोआ की साक्षरता दरें अन्य राज्यों की तुलना में ऊँची क्यों हैं?
उत्तर:
केरल, मिजोरम, लक्षद्वीप और गोआ में राष्ट्रीय औसत से अधिक साक्षरता दर पायी जाती है। इन प्रदेशों में पुरुष साक्षरता और स्त्री साक्षरता के मध्य कम अंतर के साथ-साथ गरीब जनसंख्या का भी न्यून प्रतिशत पाया जाता है। ये राज्य तुलनात्मक रूप से सामाजिक-आर्थिक दृष्टि से विकसित हैं। इस कारण इन राज्यों में साक्षरता दरें देश के अन्य राज्यों की तुलना में ऊँची हैं।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए-
प्रश्न (i) मानव विकास सूचकांक (2018 ) के संदर्भ में विश्व के देशों में भारत की निम्नलिखित में से कौन-सी कोटि थी?
(क) 126
(ग) 128
(ख) 130
(घ) 129
उत्तर:
(ख) 130
प्रश्न (ii) मानव विकास सूचकांक में भारत के निम्नलिखित राज्यों से किस एक की कोटि उच्चतम है?
(क) तमिलनाडु
(ग) केरल
(ख) पंजाब
(घ) हरियाणा
उत्तर:
(ग) केरल
प्रश्न (iii) भारत के निम्नलिखित राज्यों में से किस एक में स्त्री साक्षरता निम्नतम है?
(क) जम्मू और कश्मीर
(ख) अरुणाचल प्रदेश
(घ) बिहार
(ग) झारखंड
उत्तर:
(घ) बिहार
प्रश्न (iv) भारत के निम्नलिखित राज्यों में से किस एक में 0-6 आयु वर्ग के बच्चों में लिंग अनुपात निम्नतम है?
(क) गुजरात
(ग) पंजाब
(ख) हरियाणा
(घ) हिमाचल प्रदेश
उत्तर:
(ख) हरियाणा
प्रश्न (v) भारत के निम्नलिखित केन्द्र शासित प्रदेशों में से किस एक की साक्षरता दर उच्चतम है?
(क) लक्षद्वीप
(ख) चंडीगढ़
(ग) दमन और दीव
(घ) अंडमान और निकोबार द्वीप उत्तरमाला
उत्तर:
(क) लक्षद्वीप
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें-
प्रश्न (i) मानव विकास को परिभाषित कीजिये ।
उत्तर:
स्वस्थ भौतिक पर्यावरण से लेकर आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्वतन्त्रता तक सभी प्रकार के मानव विकल्पों को सम्मिलित करते हुए, लोगों के विकल्पों में विस्तार और उनके शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं तथा सशक्तिकरण के अवसरों में वृद्धि की प्रक्रिया मानव विकास कहलाती है।
प्रश्न (ii) उत्तरी भारत के अधिकांश राज्यों में मानव विकास के निम्न स्तरों के दो कारण बताइए।
उत्तर:
(i) उत्तरी भारत के अधिकांश राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर आदि में मानव विकास सूचकांक 0.5 से भी कम है। इन राज्यों में प्रति व्यक्ति आय बहुत कम है, जिसके कारण यहाँ गरीबी तथा बेरोजगारी जैसी आर्थिक समस्याएँ उत्पन्न हो गयी हैं।
(ii) इन क्षेत्रों में साक्षरता का स्तर भी अपेक्षाकृत निम्न है। इस कारण मानव विकास भी निम्न स्तर का है।
प्रश्न (iii) भारत के बच्चों में घटते लिंगानुपात के दो कारण बताइये।
उत्तर:
भारत में केरल को छोड़कर शेष सभी राज्यों में 0-6 आयु वर्ग के बच्चों का लिंगानुपात निरन्तर घट रहा है। इसके प्रमुख दो कारण निम्न हैं-
(i) प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण की सुविधा का अधिकाधिक प्रयोग।
(ii) भारत में सामाजिक दृष्टिकोण से महिला शिशु की तुलना में पुरुष शिशु के जन्म को वरीयता मिलना। 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें-
प्रश्न (i) भारत में 2011 के स्त्री साक्षरता के स्थानिक प्रारूपों की विवेचना कीजिए और इसके लिए उत्तरदायी कारणों को समझाइए।
उत्तर:
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल साक्षरता 74.04% रही, जबकि स्त्री साक्षरता का अनुपात 65.46 प्रतिशत रहा। भारत के सभी राज्यों में स्वी साक्षरता की दर में स्थानिक विभिन्नता पायी जाती है। इस आधार पर भारत में स्वी साक्षरता के स्थानिक प्रतिरूपों में निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण हैं –
(1) उच्च स्त्री साक्षरता वाले प्रदेश देश में उच्च स्त्री साक्षरता दर रखने वाले प्रदेश केरल (91.98 प्रतिशत), मिजोरम ( 89.40 प्रतिशत), गोआ (81.84 प्रतिशत), अंडमान-निकोबार द्वीप समूह (81.84 प्रतिशत), चंडीगढ़ (81.38 प्रतिशत), लक्षद्वीप ( 88.25 प्रतिशत), दिल्ली (80.93 प्रतिशत), पुदुच्चेरी (81.22 प्रतिशत) हैं। यहाँ साक्षरता दरें 80% से अधिक रहीं।
(2) मध्यम स्त्री साक्षरता वाले प्रदेश- इनमें 70 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक साक्षरता रखने वाले प्रदेशों को सम्मिलित किया जाता है। इस प्रकार इसमें दमन और दीव (79.59%), हिमाचल प्रदेश (76.60%), महाराष्ट्र (75.48%), नागालैंड (76.69%), मेघालय ( 73.78% ), पंजाब (71.34%), सिक्किम ( 76.43% ), तमिलनाडु (73.86% ), त्रिपुरा ( 83.15% ), गुजरात (70.73%), उत्तराखंड (70.70%) और पश्चिम बंगाल (71.16%) आते हैं।
(3) निम्न स्त्री साक्षरता दर वाले प्रदेश – 70 प्रतिशत से कम स्त्री साक्षरता दर वाले प्रदेशों जैसे आंध्रप्रदेश (59.74%), जम्मू और कश्मीर (58.01%), हरियाणा (66.77%), राजस्थान ( 52.66%), उत्तर प्रदेश (5926%), बिहार ( 53.33%), अरुणाचल प्रदेश (5957% ), असम (67.27%), झारखण्ड (56.21%), ओडिशा (64.36%), छत्तीसगढ़ ( 60.59% ), मध्यप्रदेश (60.02%), दादर व नगर हवेली (65.93% ) एवं कर्नाटक ( 68.13%) को शामिल करते हैं। कारण – निम्न स्वी साक्षरता तथा इसके स्थानिक प्रारूपों में भिन्नता के प्रमुख कारण निर्धनता, स्त्रियों के साथ सामाजिक भेदभाव, प्रादेशिक विषमताएँ, पर्दा प्रथा, स्त्रियों पर अनेक सामाजिक प्रतिबन्ध आदि हैं।
प्रश्न (ii) भारत के 15 प्रमुख राज्यों में मानव विकास के स्तरों में किन कारकों ने स्थानिक भिन्नता उत्पन्न की है?
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की मानव विकास रिपोर्ट 2018 के अनुसार भारत विश्व के 189 देशों में 130 वें स्थान पर है। सूचकांक मूल्य 0.640 के साथ भारत मध्यम मानव विकास प्रदर्शित करने वाले देशों की श्रेणी में आता है। यू. एन. डी. पी. द्वारा चयनित सूचकों के आधार पर भारत के योजना आयोग ने भी राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों को विश्लेषण की इकाई मानकर मानव विकास रिपोर्ट तैयार की। इस रिपोर्ट में 0.790 संयुक्त सूचकांक मूल्य के साथ केरल का सर्वोच्च स्थान है। केरल के बाद क्रमश: दिल्ली (0.750), हिमाचल प्रदेश (0.652 ) गोवा (0.617) और पंजाब (0.605) हैं। इनके अतिरिक्त बिहार (0.367) ओडिशा ( 0.362) और छत्तीसगढ़ (0.358) जैसे राज्य देश के 23 प्रमुख राज्यों में सबसे नीचे हैं।
भारत के उक्त 23 राज्यों में मानव विकास के स्तर में निम्न कारकों ने स्थानिक भिन्नताएँ उत्पन्न की है- में मानव –
(i) उच्चतम साक्षरता दर रखने वाले केरल राज्य विकास सूचकांक मूल्य भी अधिकतम है जबकि बिहार, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, असम और उत्तर प्रदेश जैसे निम्न साक्षरता दर रखने वाले राज्यों में मानव विकास सूचकांक मूल्य भी न्यूनतम है।
(ii) शैक्षिक उपलब्धियों के अतिरिक्त आर्थिक विकास भी मानव विकास सूचकांक पर सार्थक प्रभाव डालता है। आर्थिक दृष्टि से विकसित महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब एवं हरियाणा जैसे राज्यों के मानव विकास सूचकांक का मूल्य असम, बिहार, मध्य प्रदेश आदि राज्यों की तुलना में ऊँचा है ।
(iii) भारत में सामाजिक वितरण, न्याय तथा संतुलित विकास के सांस्थितिकरण में मिलने वाली स्थानिक भिन्नताएँ भी मानव विकास सूचकांक स्तर में मिलने वाली भिन्नताओं में योगदान देती हैं।