Well-organized Class 12 Geography Notes in Hindi and Class 12 Geography Chapter 8 Notes in Hindi परिवहन एवं संचार can aid in exam preparation and quick revision.
Geography Class 12 Chapter 8 Notes in Hindi परिवहन एवं संचार
→ परिवहन:
परिवहन व्यक्तियों और वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक वहन करने की सेवा या सुविधा को कहा जाता है, जिसमें मनुष्यों, पशुओं तथा विभिन्न प्रकार की गाड़ियों का प्रयोग किया जाता है।
→ परिवहन की विधाएँ:
स्थल, जल, वायु और पाइप लाइन परिवहन की प्रमुख विधाएँ हैं। इनका प्रयोग अन्तरप्रादेशिक और अन्तरा प्रादेशिक परिवहन के लिए किया जाता है। सड़क परिवहन अधिकांश वस्तुओं एवं सेवाओं का संचलन स्थल पर होता है। आरम्भिक दिनों में मानव स्वयं वाहक थे। परिवहन में क्रान्ति 18वीं शताब्दी में भाप के इंजिन के आविष्कार के बाद आई।
→ सड़कें:
छोटी दूरियों के लिए सड़क परिवहन रेल परिवहन की अपेक्षा आर्थिक दृष्टि से लाभदायक होता है। सड़कों के द्वारा माल का परिवहन महत्त्वपूर्ण होता जा रहा है; क्योंकि इसके द्वारा घर-घर तक वस्तुओं को पहुँचाया जा सकता है।
→ यातायात प्रवाह:
विगत कुछ वर्षों में सड़कों पर यातायात में नाटकीय वृद्धि हुई है। जब सड़क तन्त्र यातायात की जरूरतों के अनुरूप विकसित न हो पाए तो सड़कों पर संकुलन बढ़ जाता है। नगरों की सड़कों पर दीर्घकालीन संकुलता पाई। जाती है।
→ महामार्ग:
महामार्ग दूरस्थ स्थलों को जोड़ने वाली पक्की सड़कें होती हैं। इनका निर्माण इस प्रकार से किया जाता है कि अबाधित रूप से यातायात का आवागमन हो सके। यातायात के अबाधित प्रवाह की सुविधा के लिए अलग-अलग यातायात लेन, पुलों, फ्लाई ओवरों और दोहरे वाहन मार्गों से युक्त 80 मीटर चौड़ी सड़कें होती हैं।
→ सीमावर्ती सड़कें:
अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं के सहारे बनाई गई सड़कों को सीमावर्ती सड़कें कहा जाता है। ये सड़कें सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को प्रमुख नगरों से जोड़ने और प्रतिरक्षा प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं।
→ रेल मार्ग:
रेल मार्ग लम्बी दूरी तक स्थूल वस्तुओं और यात्रियों के स्थल परिवहन की विधा है। रेल लाइनों की चौड़ाई प्रत्येक देश में अलग-अलग पाई जाती है, जिन्हें सामान्यतः बड़ी लाइन (1.5 मीटर से अधिक), (1.44 मीटर), मीटर लाइन (1 मीटर) और छोटी लाइन में वर्गीकृत किया जाता है। मानक लाइन का उपयोग ब्रिटेन में किया जाता है। दैनिक आवागमन की रेलें ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और भारत में अत्यधिक लोकप्रिय हैं।
→ पार – महाद्वीपीय रेल मार्ग – पार:
महाद्वीपीय रेल मार्ग पूरे महाद्वीप से गुजरते हुए इसके दोनों छोरों को जोड़ते पार –
- पार – साइबेरियन रेल मार्ग – रूस का यह प्रमुख रेलमार्ग पश्चिम में सेण्ट पीटर्सबर्ग से पूर्व में प्रशान्त महासागर तट पर स्थित ब्लाडीवोस्टक तक मास्को, कजान, ट्यूमिन, नोवोसिबिर्स्क, चिता और खबरोवस्क से होता हुआ जाता है। यह एशिया का सबसे महत्त्वपूर्ण और विश्व का सबसे अधिक लम्बा दोहरे पथ से युक्त विद्युतकृत पार – महाद्वीपीय रेल मार्ग है।
- पार – कैनेडियन रेल मार्ग – इस रेलमार्ग का निर्माण 1886 में मूल रूप से एक सन्धि के अन्तर्गत पश्चिमी तट पर स्थित ब्रिटिश कोलम्बिया राज्यों को संघ में शामिल करने के उद्देश्य से किया गया था। कनाडा की यह 7050 किलोमीटर लम्बी रेल लाइन पूर्व में हैलीफैक्स से शुरू होकर माँट्रियल, ओटावा, विनीपेग और कलगैरी से होती हुई पश्चिम प्रशान्त तट पर स्थित वैंकूवर तक जाती है ।
- संघ और प्रशान्त रेल मार्ग – यह रेल लाइन अटलाण्टिक तट पर स्थित न्यूयार्क को क्लीवलैण्ड, शिकागो, ओमाहा, इवांस, ऑग्डन और सैक्रामेण्टो से होती हुई प्रशान्त तट पर स्थित सॉन फ्रांसिस्को से मिलाती है।
- आस्ट्रेलियाई पार-महाद्वीपीय रेल मार्ग – यह रेल लाइन पश्चिमी तट पर पर्थ से आरम्भ होकर कालगुर्ली, | ब्रोकन हिल और पोर्ट ऑगस्ता से होकर पूर्वी तट पर स्थित सिडनी को मिलाते हुए महाद्वीप के दक्षिणी भाग के आर- पार पश्चिम से पूर्व को जाती है।
- ओरियण्ट एक्सप्रेस-यह रेल लाईन पेरिस से स्ट्रैस्बर्ग, म्युनिख वियना, बुडापेस्ट और बेलग्रेड होती हुई |इस्ताम्बूल तक जाती है।
→ जल परिवहन:
जल परिवहन के महत्त्वपूर्ण लाभों में से एक यह है कि इसमें मार्गों का निर्माण नहीं करना पड़ता। महासागर एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। इनमें विभिन्न प्रकार के जहाज चल सकते हैं। यह परिवहन का बहुत सस्ता साधन है। जल परिवहन को समुद्री मार्गों और आंतरिक जल मार्गों में विभक्त किया जाता है।
(क) समुद्री मार्ग:
महासागर सभी दिशाओं में मुड़ सकने वाले ऐसे महामार्ग प्रस्तुत करते हैं जिनकी कोई रख-रखाव की लागत नहीं होती है। एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक स्थूल पदार्थों का लम्बी दूरियों तक समुद्री परिवहन स्थल और वायु परिवहन की अपेक्षा सस्ता पड़ता है। आधुनिक यात्री जहाज और मालवाहक पोत राडार, बेतार के तार व अन्य नौ- परिवहन सम्बन्धी सुविधाओं से लैस होते हैं। महत्त्वपूर्ण समुद्री मार्ग निम्न प्रकार से हैं –
- उत्तरी अटलाण्टिक समुद्री मार्ग – यह मार्ग औद्योगिक दृष्टि से विकसित विश्व के दो प्रदेशों उत्तरी-पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका और पश्चिमी यूरोप को मिलाता है।
- भूमध्यसागर – हिन्द महासागरीय समुद्री मार्ग – यह समुद्री मार्ग प्राचीन विश्व के हृदय स्थल कहे जाने वाले क्षेत्रों से गुजरता है। पोर्टसईद, अदन, मुम्बई, कोलम्बो और सिंगापुर इस मार्ग के महत्त्वपूर्ण पत्तन हैं।
- उत्तमाशा अन्तरीप समुद्री मार्ग-अटलाण्टिक महासागर के पार यह एक अन्य महत्त्वपूर्ण समुद्री मार्ग है जो कि पश्चिमी यूरोपीय और पश्चिमी अफ्रीकी देशों को दक्षिणी अमेरिका में ब्राजील, अर्जेण्टाइना और ऊरुग्वे से मिलाता है।
- उत्तरी प्रशान्त समुद्री मार्ग – यह समुद्री मार्ग उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तट पर स्थित पत्तनों को एशिया के पत्तनों से जोड़ता है।
- दक्षिणी प्रशान्त समुद्री मार्ग – यह समुद्री मार्ग पश्चिमी यूरोप और उत्तरी अमेरिका को आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड और पनामा नहर से होते हुए प्रशान्त महासागर में प्रकीर्णित द्वीपों से मिलाता है।
→ तटीय नौ परिवहन:
तटवर्ती नौ परिवहन लम्बी तटरेखा वाले देशों के लिए एक सुगम विधि है। यदि तटवर्ती नौ परिवहन का भली प्रकार से विकास किए जाए तो इसके द्वारा स्थल भागों पर होने वाली यातायात भीड़ को कम किया जा सकता है।
→ नौ परिवहन नहरें:
स्वेज और पनामा दो ऐसी महत्त्वपूर्ण मनुष्य निर्मित नौ वाहन नहरें अथवा जलमार्ग हैं जो कि पूर्वी एवं पश्चिमी विश्व दोनों के लिए प्रवेश द्वारों का काम करती हैं।
→ स्वेज नहर:
इस नहर का निर्माण सन् 1869 में मिस्र में उत्तर में पोर्ट सईद एवं दक्षिण में स्थित पोर्ट स्वेज के मध्य भूमध्य सागर एवं लाल सागर को जोड़ने के लिए किया गया।
→ पनामा नहर:
यह नहर पूर्व में अटलाण्टिक महासागर को पश्चिम में प्रशान्त महासागर से जोड़ती है। इसका निर्माण पनामा जलडमरूमध्य के आर-पार पनामा नगर एवं कोलोन के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका के द्वारा किया गया।
(ख) आन्तरिक जल मार्ग:
नदियाँ, नहरें, झीलें तथा तटीय क्षेत्र प्राचीन काल से ही महत्त्वपूर्ण जल मार्ग रहे हैं। नावें तथा स्टीमर यात्रियों तथा माल वहन हेतु परिवहन के साधन के रूप में उपयोग किए जाते हैं। आन्तरिक जल-मार्गों का विकास नहरों की नौगम्यता, चौड़ाई और गहराई जल प्रवाह की निरन्तरता तथा उपयोग में लाई जाने वाली परिवहन प्रौद्योगिकी पर निर्भर करता है। प्राचीन काल में परिवहन के मुख्य राजमार्ग के रूप में नदी मार्ग ही प्रयुक्त हुआ करते थे।
प्रमुख नदी जल मार्ग निम्नलिखित हैं –
- राइन जल मार्ग राइन नदी जर्मनी और नीदरलैण्ड से होकर प्रवाहित होती है। नीदरलैण्ड में रोटरडम में अपने मुहाने से लेकर स्विट्जरलैण्ड में बेसल तक यह 700 किलोमीटर लम्बाई में नौकायन योग्य है।
- डेन्यूब जल मार्ग – यह महत्त्वपूर्ण आन्तरिक जलमार्ग पूर्वी यूरोपीय भाग को अपनी सेवाएँ प्रदान करता है। यह टारना से विरिन तक नौकायन योग्य है।
- वोल्गा जल मार्ग यह रूस का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण जल मार्ग है। यह 11,200 किलोमीटर तक नौकायन की सुविधा प्रदान करता है।
- वृहद् झीलें सेण्ट लारेन्स जल मार्ग उत्तरी अमेरिका की वृहद् झीलें सुपीरियन ह्यूरन, इरी तथा ओण्टारियो, सू नहर तथा क्लैण्ड नहर के द्वारा जुड़े हुए हैं तथा आन्तरिक जल मार्ग की सुविधा प्रदान करते हैं।
- मिसीसिपी जल मार्ग – मिसीसिपी – ओहियो जल मार्ग संयुक्त राज्य अमेरिका के आन्तरिक भागों को दक्षिण में मैक्सिको की खाड़ी के साथ जोड़ता है।
→ वायु परिवहन:
वायु परिवहन परिवहन का तीव्रतम साधन है; किन्तु यह अत्यन्त महंगा भी है। तीव्रगामी होने के कारण लम्बी दूरी की यात्रा के लिए यात्री इसे वरीयता देते हैं।
→ अन्तर:
महाद्वीपीय वायु मार्ग – उत्तरी गोलार्द्ध में अन्तर महाद्वीपीय वायु मार्गों की एक सुस्पष्ट पूर्व-पश्चिम पट्टी है। पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका, पश्चिमी यूरोप और दक्षिण-पूर्वी एशिया में वायु मार्गों का सघन जाल पाया जाता है। अफ्रीका, रूस के एशियाई भाग तथा दक्षिणी अमेरिका में वायु सेवाओं का अभाव है।
→ पाइप लाइन:
जल, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस जैसे तरल एवं गैसीय पदार्थों के अबाधित प्रवाह और परिवहन के लिए पाइप लाइनों का व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है। विश्व के अनेक भागों में रसोई गैस अथवा एल.पी.जी. की आपूर्ति पाइप लाइनों द्वारा की जाती है।
→ संचार:
लम्बी दूरियों के संचार के लिए मनुष्य ने अनेक विधियों का प्रयोग किया, जिनमें से टेलीग्राफ और टेलीफोन महत्त्वपूर्ण थे। विकासशील देशों में उपग्रहों द्वारा सम्भव बनाया गया सेलफोन का प्रयोग ग्रामीण सम्पर्क के लिए महत्त्वपूर्ण है। 1990 के दशक में सूचनाओं के अंकीकरण के साथ दूरसंचार का धीरे-धीरे कम्प्यूटर के साथ विलय हो गया।
→ उपग्रह संचार:
वर्तमान समय में इंटरनेट पृथ्वी पर सबसे बड़े विद्युतीय जाल के रूप में 100 से अधिक देशों के लगभग 1000 करोड़ लोगों को जोड़ता है। उपग्रहों ने मानव जीवन को अनेक प्रकार से प्रभावित किया है। केबिल दूरदर्शन (टेलीविजन) पर लोकप्रिय कार्यक्रमों को देखने के लिए उपग्रह संचार का उपयोग किया जाता है।
→ साइबर स्पेस इण्टरनेट:
साइबर स्पेस विद्युत द्वारा कम्प्यूटरीकृत स्पेस का संसार है। यह वर्ल्ड वाइड वेबसाइट जैसे इण्टरनेट द्वारा आवृत है। साइबर स्पेस लोगों में समकालीन आर्थिक और सामाजिक स्पेस को ई-मेल, ई-वाणिज्य, ई-शिक्षा एवं ई-प्रशासन के माध्यम से विस्तृत करेगा।
→ भौगोलिक शब्दावली
- परिवहन के प्रकार- स्थल, जल, पाइपलाइनें तथा वायु परिवहन।
- स्वेज नहर – विश्व की सबसे लम्बी जहाजी नहर जो कि एशिया को यूरोप के साथ जोड़ती है।
- उपग्रह संचार – अन्तरिक्ष में छोड़े गए कृत्रिम उपग्रहों की सहायता से संचार में आई क्रान्ति।
- परिवहन उपयोगी वस्तुओं और यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाने-ले जाने का कार्य।
- संचार – सूचनाओं का उनके उद्गम स्थल से लक्ष्य तक किसी चैनल के माध्यम से पहुँचाना।
- महामार्ग – किसी देश के मुख्य नगरों को जोड़ने वाली पक्की सड़कें।
- रज्जु मार्ग – ऊबड़-खाबड़ भूमि पर रस्सियों द्वारा बनाया गया मार्ग।
- केबल मार्ग – ऊबड़-खाबड़ भूमि पर केबिल द्वारा बनाया गया यात्रा का मार्ग अथवा सामान ढोने का मार्ग।
- महाद्वीपीय पारीय रेल मार्ग – महाद्वीप के आर-पार बनाए गये तथा इसके दो सिरों को जोड़ने वाले मार्ग।
- अन्तःस्थलीय जल मार्गस्थलीय भागों पर स्थित नदियों, झीलों तथा नहरों के जल मार्गों पर नावों तथा स्टीमरों का परिवहन के रूप में प्रयोग से वस्तु तथा यात्रियों का आवागमन होना।
- पत्तन – जहाजों पर यात्रियों को चढ़ाने और उतारने, माल के लदान और उतारने और नौभार के भण्डारण की कुछ सुविधाओं से युक्त
- पोताश्रय का एक वाणिज्यिक भाग।
- पोताश्रय गहरे जल का एक विस्तीर्ण भाग जहाँ पोत, सागर और प्राकृतिक लक्षणों अथवा कृत्रिम कार्यों से उत्पन्न महातरंगों से संरक्षण प्राप्त करने के लिए सुरक्षापूर्वक लंगर डालना।
- मुक्त मार्ग – चौड़े महामार्ग जिन पर उपरली योजनक सड़कें बनाकर आर-पार की सड़कों से बचा जाता है ताकि किसी एक दिशा में मुड़ने पर सुगम और तीव्र यातायात सुनिश्चित हो सके।
- महामार्ग – दूरस्थ स्थानों को जोड़ने वाली सार्वजनिक सड़क राष्ट्रीय महत्त्व की ऐसी सड़क को राष्ट्रीय महामार्ग कहा जाता है।