Students can find the 11th Class Hindi Book Antra Questions and Answers Chapter 1 ईदगाह to practice the questions mentioned in the exercise section of the book.
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antra Chapter 1 ईदगाह
Class 11 Hindi Chapter 1 Question Answer Antra ईदगाह
प्रश्न 1.
‘ईदगाह’ कहानी के उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिए, जिनसे ईद के अवसर पर ग्रामीण परिवेश का उल्लास प्रकट होता है।
उत्तर :
ईद के अवसर पर ग्रामीण परिवेश में उल्लास प्रकट करने वाले प्रसंग निम्नलिखित हैं :
1. रमज़ान के पूरे तीस रोज़ों के बाद ईद आई है। कितना मनोहर, कितना सुहावना प्रभात है। वृक्षों पर कुछ अजीब हरियाली है, खेतों में कुछ अजीब रौनक है, आसमान पर कुछ अजीब लालिमा है। आज का सूर्य देखो, कितना प्यारा, कितना शीतल है, मानो संसार को ईद की बधाई दे रहा है। गाँव में कितनी हलचल है।
2. ईदगाह जाने की तैयारियाँ हो रही हैं। किसी के कुरते में बटन नहीं है, पड़ोस के घर से सूई-तागा लेने दौड़ा जा रहा है। किसी के जूते कड़े हो गए हैं, उनमें तेल डालने के लिए तेली के घर भागा जाता है। जल्दी-जल्दी बैलों को सानी-पानी दे दें।
3. लड़के सबसे ज़्यादा प्रसन्न हैं। अब उन्हें जल्दी पड़ी है कि लोग ईदगाह क्यों नहीं चलते। इन्हें गृहस्थी की चिताओं से क्या प्रयोजन! सेवैयों के लिए दूध और शक्कर घर में है या नहीं, इनकी बला से, ये तो सेवैयाँ खाएँगे। वह क्या जानें कि अब्बाजान क्यों बदहवास चौधरी कायमअली के घर दौड़े जा रहे हैं।
प्रश्न 2.
‘उसके अंदर प्रकाश है, बाहर आशा। विपत्ति अपना सारा दलबल लेकर आए, हामिद की आनंद भरी चितवन उसका विध्वंस कर देगी।’-इस कथन से लेखक का क्या आशय है?
उत्तर :
इस कथन के आधार पर कहा जा सकता है कि कर्तव्य-पथ पर चलते हुए मनुष्य के समक्ष अनेक बाधाएँ आती हैं। मनुष्य उनका सामना तभी कर सकता है, जब उसका मन आशा से भरा हो। यह आशा उसे उत्साहित करती है। फलत: वह विपरीत परिस्थितियों में भी आगे बढ़ जाता है। कहानी में भी हामिद आर्थिक अभावों से जूझ रहा है, परंतु वह इन्हें कुछ नहीं समझता। वह उत्साहित है।
प्रश्न 3.
‘उन्हें क्या खबर कि चौधरी आज आँखें बदल लें, तो यह सारी ईद मुहरम हो जाए।’-इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
लेखक ने बच्चों की बेफ़िक्री तथा प्रौढ़ों की चिता को व्यक्त किया है। प्रौढ़ों को गाँव के चौधरी कायमअली से कर्ज़ लेकर बच्चों की खुशियाँ खरीदनी होती हैं। यदि चौधरी साहब कर्ज़ न दें, तो ईद की सारी खुशियाँ मिट जाएँगी अर्थात पैसों के बिना ईद की सेवैयाँ, बच्चों के नए कपडे, खिलौने, मेले का खर्च कुछ भी तो नहीं पूरा हो पाएगा। यहाँ प्रौढ़ों की दयनीय आर्थिक दशा का वर्णन है।
प्रश्न 4.
‘मानो श्रातृत्व का एक सूत्र इन समस्त आत्माओं को एक लड़ी में पिरोए हुए है।’-इस कथन के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए कि ‘धर्म तोड़ता नहीं जोड़ता है।’
उत्तर :
लेखक ईद के अवसर पर नमाज़ अदा करने की प्रक्रिया का वर्णन करता है। इस समय लाखों मनुष्य एक साथ सिज़दे में सिर झुकाते हैं। वे सभी एक ईश्वर को मानते हैं। उनके मन में अपार श्रद्धा का भाव है, जिसके कारण उनमें भाईचारा है, पर धर्म का असली कार्य है-मनुष्यों को आपस में जोड़ना। वह किसी को छोटा-बड़ा नहीं मानता। ईद के अवसर पर हज़ारों लोगों के एकत्र होने, नमाज़ पढ़ने, सिज़दा करने के मूल में धर्म ही है, जो सभी को जोड़े हुएहै।
प्रश्न 5.
निम्नलिखित गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :
(ख) बुढ़िया का क्रोध – स्वाद से भाँ।
उत्तर :
(क) व्याख्या भाग का गद्यांश-4 देखिए।
(ख) व्याख्या भाग का गद्यांश-7 देखिए।
प्रश्न 6.
हामिद ने चिमटे की उपयोगिता को सिद्ध करते हुए क्या-क्या तर्क दिए?
उत्तर :
हामिद ने चिमटे की उपयोगिता को निम्नलिखित तक्कों के आधार पर सिद्ध किया :
(क) चिमटे पर किसी भी मौसम का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
(ख) यह बड़े काम की चीज़ है। इसकी सहायता से रोटी भी सेंकी जा सकती है तथा आग भी पकड़ी जा सकती है।
(ग) यह खिलौने की तरह भी काम कर सकता है। कंधे पर रखने से यह बंदूक बन जाता है तथा हाथ में लेने पर फ़कीरों का चिमटा।
(घ) यह खिलौनों का बादशाह है।
(ङ) उपयोगी वस्तु होने के कारण अम्मा इसे देखकर प्रसन्न हो जाएगी।
प्रश्न 7.
गाँव से शहर जाने वाले रास्ते के मध्य पड़नेवाले स्थलों का ऐसा वर्णन लेखक ने किया है , मानो आँखों के सामने चित्र उपस्थित हो रहा हो। अपने घर और विद्यालय के मध्य पड़नेवाले स्थानों का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए। उत्तर :
मेरे घर से मेरा विद्यालय एक किलोमीटर दूर है। यहाँ की कच्ची सड़क के दोनों किनारे छायादार पेड़ हैं। उन परबैठे पक्षी कलरव करते रहते हैं। सड़क पर कहीं धूप, कहीं छाया अद्भुत दृश्य उपस्थित करती हैं। सड़क के दोनों ओर हरी-हरी फसलें, उनमें काम करते किसान और मज़दूर मानो परिश्रमी बनने का संदेश देते हैं। थोड़ा-सा आगे एक तालाब है, जिसमें बगुले मछलियों को अपना शिकार बनाते हैं। बतखें तैरती रहती हैं। कहीं-कहीं खिली कुमुदिनियाँ तालाब का सौंदर्य बढ़ाती हैं। कुछ पक्षी जल-क्रीड़ा करते दिखाई पड़ते हैं।
प्रश्न 8.
‘बच्चे हामिद ने बूढ़े हामिद का पार्ट खेला था। बुढ़िया अमीना बालिका अमीना बन गई।’-इस कथन में ‘बूढ़े हामिद’ औ ‘र ‘बालिका अमीना’ से लेखक का क्या आशय है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
लेखक बताता है कि हामिद छोटा बालक है, फिर भी वह बड़ों की तरह सोचता है। बड़े परिवार के सभी सदस्यों के बारे में सोचते हैं। उनकी ज़रूरतों का ध्यान रखते हैं। हामिद ने भी अपनी बूढ़ी अम्मा के बारे में सोचा तथा चिमटा ले लिया। चिमटा होने से अम्मा की अंगुलियाँ नहीं जलेंगी। वह बालसुलभ इच्छाओं को दबाकर परिवार की ज़रूरतों को पूरा करता है। इस तरह उसने बूढ़े हामिद का पार्ट खेला था।
दूसरी तरफ, बुढ़िया अमीना बालिका अमीना बन गई। बच्चे अपनी भावनाओं को छिपा नहीं पाते। जब हामिद ने अमीना को चिमटा दिया, तो पहले वह बहुत क्रोधित हुई, परंतु हामिद ने उसे बताया कि तुम्हारी अंगुलियाँ तवे से जल जाती थीं, इसलिए मैने इसे लिया। यह सुनकर वह भावविह्वल हो गई। वह बच्चों के समान रोने लगी।
प्रश्न 9.
‘दामन फैलाकर हामिद को दुआएँ देती जाती थी और आँसू की बड़ी-बड़ी बूँदें गिराती जाती थी। हामिद इसका रहस्य क्या समझता!’- लेखक के अनुसार हामिद अमीना की दुआओं और आँसुओं के रहस्य को क्यों नहीं समझ पाया? कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
जब हामिद ने चिमटा लाने का उद्देश्य बताया, तो अमीना भावुक हो उठी। अमीना उसके कार्य से अत्यधिक अभिभूत होकर आँसू बहाने लगी। वह उसको लंबी उम्र तथा खुशहाली की दुआएँ देने लगी। उम्र में छोटा होने के कारण हामिद उसकी दुआओं तथा आँसुओं के रहस्य को नहीं समझ पाया।
प्रश्न 10.
हामिद की जगह आप होते तो क्या करते?
उत्तर :
छात्र/छात्राएँ स्वयं करें।
योग्यता-विस्तार –
प्रश्न 1.
प्रेमचंद की कहानियों का संग्रह ‘मानसरोवर’ के नाम से आठ भागों में प्रकाशित है। अपने पुस्तकालय से लेकर उसे पढ़िए।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 2.
इस कहानी में लोक प्रचलित मुहावरों की भरमार है; जैसे-नानी मरना, छक्के छूटना आदि। इसमें आए मुहावरों की एक सूची तैयार कीजिए।
उत्तर :
इस कहानी में निम्नलिखित मुहावरे आए हैं :
नानी मरना, आँखें बदल लेना, छक्के छूटना, कुबेर का धन होना, राई का पर्वत बना लेना, बेड़ा पार लगाना, उल्लू बनाना, मुँह चुराना, हराम का माल हराम में जाना, धावा होना, मिज़ाज़ दिखाना, मैदान मार लेना, रंग जमा लेना, मुँह ताकते रह जाना, छाती पीट लेना, ईद मुहरम हो जाना, भेंट होना, दिल कचोटना, सिर पर सवार होना, पर लगना, आँखों नहीं लगना, तीन कौड़ी का होना, दिल बैठ जाना, बाल बाँका न कर पाना, सिक्का बैठना, सुरलोक सिधारना, गद्गद होना।
प्रश्न 3.
ईदगाह पर राजा द्वारा निर्मित Audio-Video सीडी देखें।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 4.
प्रेमचंद के कथा साहित्य पर आधारित फिल्म भी देख सकते हैं।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।
Class 11 Hindi NCERT Book Solutions Antra Chapter 1 ईदगाह
विषयवस्तु पर आधारित प्रश्नोत्तर –
प्रश्न 1.
हामिद का चिमटा रुस्तमे-हिंद कैसे है?
उत्तर :
हामिद का चिमटा रुस्तमे-हिंद इसलिए है, क्योंकि वह बड़ा बहादुर है। उसमें आग में कूदने की शक्ति है। आग में वही कूद सकते हैं, जो बहादुर हैं। उसके साथियों के मिट्टी के बने वकील, भिश्ती और सिपाही बहादुरी का काम नहीं कर सकते। हामिद का चिमटा उसके साथियों के खिलौनों को नष्ट कर सकता है। अतः वह रुस्तमे-हिंद है।
प्रश्न 2.
हामिद ने अपनी दादी के लिए चिमटा क्यों खरीदा?
उत्तर :
हामिद ने अपनी दादी के लिए चिमटा इसलिए खरीदा, क्योंकि रोटी पकाते समय उसकी बूढ़ी दादी की अंगुलियाँ तवे से छूकर जल जाती थीं। घर में चिमटा नहीं था। हामिद् ने सोचा कि चिमटा होने से उसकी दादी की अंगुलियाँ नहीं जलेंगी। घर में एक काम की चीज़ भी हो जाएगी तथा उसकी दादी प्रसन्न होगी।
प्रश्न 3.
हामिद के हाथ में चिमटा देखकर अमीना को क्रोध क्यों आया?
उत्तर :
हामिद के हाथ में चिमटा देखकर अमीना को क्रोध इसलिए आया, क्योंकि उसने हामिद को कुछ पैसे इसलिए दिए थे कि वह अपनी मर्जी से कुछ खा-पी सके या खिलौने ले सके, परंतु हामिद् अपने लिए कुछ भी नहीं लाया। वह मेले में दूसरों को खाता-पीता देखकर ललचाया होगा। दूसरे बच्चों को खिलौने खरीदते देखकर उसके मन में क्या-क्या भाव आए होंगे, यही सोचकर अमीना को क्रोध आया।
प्रश्न 4.
ईदगाह के नमाज़ के दृश्य का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
ईदगाह में नमाज़ का दृश्य बड़ा प्रभावशाली था। ज़मीन पर जाजिम बिछी हुई थी। रोज़े रखने वालों की कई पंक्तियाँ लगी थीं। यहाँ सब लोग बराबर थे। अमीर-गरीब का कोई फ़र्क नहीं था। लाखों लोग सिज़दे में एक साथ सिर झुकाते, एक साथ खड़े हो जाते। फिर एक साथ झुकते और एक साथ घुटनों के बल बैठ जाते, जिसे देखकर ऐसा लगता था, जैसे बिजली की लाखों बत्तियाँ एक साथ जल उठती हों और एक साथ बुझ जाती हों।
प्रश्न 5.
बच्चे जो खिलौने खरीदकर लाए थे, उनका अंत कैसे हुआ?
उत्तर :
बच्चे जो खिलौने इदगाह से खरीदकर लाए थे. उनका हश्र बुरा हुआ। मोहसिन की बहिन ने दौड़कर भिश्ती उसके हाथ से छीन ली। वह खुशी के मारे उछली, तो मियाँ भिश्ती नीचे गिर पड़े और टूट गए। मियाँ नूरे के वकील को दीवार में दो खूँटियाँ गाड़कर और उस पर पटरा बिछाकर राजा भोज की भाँति विराजा गया। पंखा से हवा करते समय पंखा छू जाने से वकील साहब नीचे आ गिरे और चूर-चूर हो गए। बाद में वकील साहब की अस्थि को घूरे पर डाल दिया गया। महमूद के सिपाही के लिए एक टोकरी को पालकी का रूप दिया गया। उसमें लाल कपड़ा बिछाकर उसे लिटाया गया। नूरे ने यह टोकरी उठाई। उसके हाथ से टोकरी गिर पड़ी, जिससे सिपाही की टाँग टूट गई। वह टाँग जोड़ी गई, पर वह खड़ा न हो सका। ऐसे में वह अपनी जगह बैठे-बैठे पहरा देने लगा। मियाँ हामिद के चिमटे ने सभी पर अपना रुतबा जमा दिया। बूढ़ी अमीना उसे देखकर पहले तो नाराज़ हुई, फिर असलियत जानते ही भाव-विभोर हो उठी।
प्रश्न 6.
इस कहानी की प्रमुख घटनाएँ कौन-कौन सी हैं? लिखिए।
उत्तर :
इस कहानी में घटनाओं की प्रचुरता है। इसमें निम्नलिखित प्रमुख घटनाएँ सामने आती हैं :
- बच्चों तथा ग्रामीणों का ईदगाह जाना।
- अमीना का चितन।
- मेले का वर्णन।
- बच्चों की बातचीत।
- हामिद का चिमटा खरीदना।
- रास्ते में हामिद् की साथियों के साथ बहस।
- चिमटा देखकर अमीना की प्रतिक्रिया।
प्रश्न 7.
‘बुढ़िया अमीना बालिका अमीना बन गई’- ‘ईदगाह’ कहानी में ऐसा क्यों कहा गया है?
उत्तर :
अमीना ने ईदगाह जाने के लिए मुश्किल से तीन पैसे जमा किए थे, ताकि हामिद वहाँ लगे मेले में अपनी पसंद की चीज़ें खरीदकर एवं कुछ खाकर खुश रह सके। हामिद उससे भी आगे निकला। उसने अपनी खुशी न्यौछावर करते हुए दादी के लिए चिमटा खरीदा। यह उपहार देखकर अमीना भाव-विभोर हो गई और रोने लगी। उसकी इन्हीं भावनाओं को व्यक्त करने के लिए लेखक ने यह वाक्य कहा।
प्रश्न 8.
‘हामिद इसका रहस्य क्या समझता’-यहाँ मुंशी प्रेमचंद किस रहस्य की ओर संकेत कर रहे हैं?
उत्तर :
हामिद अपनी दादी के लिए चिमटा लाया था, जिसे देखकर अमीना ने पहले गुस्सा दिखाया, फिर वह रोने लगी। वह उस उपहार को देखकर दुआएँ माँगने लगी। यह देखकर हामिद् हैरान रह गया कि क्षण भर पहले दादी उस पर क्रोधित हो रही थी, अब वह रो रही है। वह उसकी भावनाओं को समझ नहीं पाया।
प्रश्न 9.
इस कहानी में बच्चों के मध्य जो दिलचस्प वार्तालाप दिया गया है, उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
इस कहानी में बच्चों के दिलचस्प वार्तालाप मिलते हैं। ईदगाह में मिठाइयों की दुकान देखकर बच्चे कहते हैं कि सुना है, रात को जिन्नात आकर ये सारी मिठाई खरीद लेते हैं। हामिद् को यकीन न आया-रुपये जिन्नात को कहाँ से मिल जाएँगे? मोहसिन ने कहा-जिन्नात को रुपये की क्या कमी? जिस खजाने में चाहें चले जाएँ। लोहे के दरवाज़े तक उन्हें नहीं रोक सकते, ज़नाब।
हामिद ने फिर पूछा-जिन्नात बहुत बड़े-बड़े होते होंगे?
मोहसिन-एक-एक आसमान के बराबर होता है, जी। ज़मीन पर खड़ा हो जाए, तो उसका सिर आसमान से जा लगे, मगर चाहे तो एक लोटे में घुस जाए।
हामिद-लोग उन्हें कैसे खुश करते होंगे? कोई मुझे वह मंतर बता दे. तो एक जिन्न को खुश कर लूँ।
प्रश्न 10.
इस कहानी में पुलिस को लेकर बच्चों में दो तरह की धारणाएँ हैं। आप किस धारणा से सहमत हैं? तर्क दीजिए।
उत्तर :
इस कहानी में बच्चों के बीच पुलिस के बारे में दो तरह की धारणाएँ हैं, जो निम्नलिखित हैं :
1. पहली धारणा के मुताबिक पुलिस वाले रातभर घूमकर पहरा देते हैं। वे जनता की रक्षा करते हैं।
2. दूसरी धारणा यह है कि पुलिस वाले चोरों तथा डाकुओं से मिले रहते हैं। ये ही चोरी कराते हैं। ये रिश्वत खाते हैं। इन्हें पकड़ना किसी के वश में नहीं। इन लोगों को ईश्वर सज़ा देता है।
हम बच्चों की पहली धारणा से सहमत हैं। यह सही है कि पुलिस वाले श्रष्ट हैं। वे रिश्वत लेते हैं, परंतु यह सभी पर लागू नहीं होता। इस विभाग में भी ईमानदार पुलिस वाले हैं, जो अपनी ईमानदारी, सच्चाई, बहादुरी से अच्छा काम करके दूसरों के समक्ष अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।
प्रश्न 11.
‘ईदगाह’ कहानी के शीर्षक का औचित्य सिद्ध कीजिए। क्या इस कहानी का कोई और शीर्षक दिया जा सकता है?
उत्तर :
किसी भी रचना का शीर्षक उसकी मुख्य घटना, पात्र या उद्देश्य के आधार पर दिया जाता है। इस कहानी का यह शीर्षक सर्वथा उपयुक्त है। हामिद की दादी ईदगाह जाने के लिए तीन पैसे जोड़ पाती है, ताकि हामिद ईदगाह के मेले का आनंद उठा सके। यही एक मुख्य घटना है, जिस पर सारी कथा केंद्रित है। हामिद भी अपनी दादी के लिए ईद के उपहारस्वरूप चिमटा लेकर आता है। वस्तुतः दोनों पक्ष एक-दूसरे की प्रसन्नता के लिए त्याग करते हैं। अत: यह शीर्षक ही उपयुक्त है। हाँ, इस कहानी के लिए और भी शीर्षक दिए जा सकते हैं; जैसे-‘सबसे अच्छा खिलौना’, ‘हामिद का त्याग’ आदि।
प्रश्न 12.
हामिद के चरित्र की कोई तीन विशेषताएँ बताइए।
उत्तर :
हामिद के चरित्र की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं :
(क) त्यागी-हामिद त्यागी लड़का है। वह दादी द्वारा दिए गए पैसे को अपने लिए खर्च नहीं करता है। वह अपनी दादी के लिए चिमटा खरीदकर लाता है, ताकि रोटी सेंकते समय उनकी अंगुलियाँ न जलें।
(ख) संतोषी-हामिद के साथी महमूद, मोहसिन, नूरे और शम्मी ऊँटों तथा घोड़ों पर बैठकर एक पैसे में पच्चीस चक्करों का मज़ा लेते हैं, लेकिन हामिद् एक पैसा भी नहीं खर्च करता। वह संतोषी स्वभाव का है।
(ग) बुद्धिमान-हामिद अपने घर की हालत समझता है। जब उसके साथी चिमटा खरीदने पर उसका मज़ाक उड़ाते हैं, तो वह अपने तर्क देकर उन्हें चुप करा देता है। सब उसे अपने खिलौने दिखाने लगते हैं और उसका चिमटा देखते हैं। हामिद अपने साथियों के मज़ाक को समझता है।
प्रश्न 13.
हामिद के अतिरिक्त इस कहानी के किस पात्र ने आपको सर्वाधिक प्रभावित किया और क्यों?
उत्तर :
इस कहानी में मुख्य पात्र हामिद और अमीना हैं। अन्य पात्रों की भूमिका बहुत संक्षिप्त है। हामिद के अतिरिक्त बूढ़ी अमीना ही हमें प्रभावित करती हैं। वे वृद्धा हैं तथा गाँव वालों के कपड़ों की सिलाई करके किसी तरह अपना और हामिद का पालन-पोषण कर रही हैं। वे अपने पोते हामिद् को ढेर-सारी खुशियाँ देना चाहती हैं, परंतु सीमित साधनों के कारण विवश हैं।
प्रश्न 14.
‘बच्चों में लालच एवं एक-दूसरे से आगे निकल जाने की होड़ के साथ-साथ निश्छलता भी मौजूद होती है।’-कहानी से कोई दो प्रसंग चुनकर इस मत की पुष्टि कीजिए।
उत्तर :
बच्चों में लालच एवं एक-दूसरे से आगे निकल जाने की होड़ के साथ-साथ निश्छलता भी मौजूद होती है। इस कहानी में इन तथ्यों को भली-भाँति चित्रित किया गया है। ईद की नमाज़ अदा करने के बाद बच्चे मिठाइयों तथा खिलौनों के लिए भागते हैं। हामिद भी इन चीज़ों की तरफ ललचाई नज़र से देखता है, लेकिन वह संयम भी रखता है। उदाहरणस्वरूप लालच और प्रतिस्पर्धा उस समय दिखाई देती है, जब सभी बच्चे अपने-अपने खिलौने की श्रेष्ठता सिद्ध करते हैं, परंतु हामिद सबको तर्कहीन कर देता है। अंत में सभी हामिद के चिमटे के कायल हो जाते हैं। इसके बाद बच्चे अपने खिलौने उसे देते हैं तथा उसका चिमटा बारी-बारी से हाथ में लेकर देखते हैं। उपर्युक्त प्रसंगों के आधार पर हम कह सकते हैं कि बच्चों में लालच और प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ निश्छलता भी मौजूद होती है।
प्रश्न 15.
‘प्रेमचंद की भाषा बहुत सजीव, मुहावरेदार और बोलचाल के निकट है।’-कहानी के आधार पर इस कथन की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
प्रेमचंद भाषा के प्रभावी रूप का इस्तेमाल करते हैं। वे आम व्यक्ति की भाषा के माध्यम से अपने तथ्य को प्रस्तुत करते हैं। इस कहानी में भी लेखक ने मुस्लिम परिवेश से संबंधित भाषा का प्रयोग किया है। बच्चों की भाषा में बालसुलभ अभिव्यक्ति है; जैसे –
- हामिद-‘एक सौ तो पचास से ज्यादा होते हैं?’
- ‘कहाँ पचास, कहाँ एक सौ। पचास एक थैली भर होता है। सौ तो दो थैलियों में भी न आए।’ लेखक ने तत्सम, तद्भव शब्दों के साथ-साथ उर्दू शब्दों का भी प्रयोग किया है; जैसे –
- ‘इनकी बला से, ये तो सेवैयाँ खाएँगे।’
- ‘वह क्या जानें कि अब्बाजान क्यों बदहवास चौधरी कायमअली के घर दौड़े जा रहे हैं।’ लेखक ने मुहावरों का सार्थक प्रयोग किया है; जैसे –
- दिन कटना, गरदन पर सवार होना, गद्गद होना, मुँह चुराना, उल्लू बनाना आदि।