Students can access the CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi with Solutions and marking scheme Set 7 will help students in understanding the difficulty level of the exam.
CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi Set 7 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश :
(i) निम्नलिखित निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए।
(ii) इस प्रश्न पत्र में खंड “अ’ में वस्तुपरक तथा खंड “ब में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं।
(iii) खंड “अ’” में 40 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं, सभी 40 प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
(iv) खंड “ब” में वर्णनात्मक ग्रएन पूछे गए हैं। प्रश्नों के उचित आंतरिक विकल्प दिए गए हैं।
(v) दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(vi) यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्त क्रमशः लिखिए।
खंड ‘अ’- वस्तुपरक प्रश्न (अंक 40)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (10 × 1 = 10)
एकांत ढूँढ़ने के कई सकारात्मक कारण हैं। एकांत की चाह किसी घायल मन की आह भर नहीं, जो जीवन के काँटों से बिंधकर घायल हो चुका है, एकांत सिर्फ उसके लिए शरण मात्र नहीं। यह उस इंसान की ख़्वाइश भर नहीं, जिसे इस संसार में “फेंक दिया गया’ हो और वह फेंक दिए जाने की स्थिति से भयभीत होकर एकांत ढूंढ़ रहा हो। हम जो एकांत में होते हैं, वही वास्तव में होते हैं। एकांत हमारी चेतना की अंतर्वस्तु को पूरी तरह उघाड़ कर रख देता है।
अंग्रेजी का एक शब्द है-‘ आइसोनोफिलिया’। इसका अर्थ है अकेलापन, एकांत से गहरा प्रेम। पर इस शब्द को गौर से समझें तो इसमें अलगाव की एक परछाईं भी दिखती है। एकांत प्रेमी हमेशा ही अलगाव की अभेद्य दीवारों के पीछे छिपना चाह रहा हो, यह जरूरी नहीं। एकांत की अपनी एक विशेष सुरभि है और जो भीड़ के अशिष्ट प्रपंचों में फँस चुका हो, ऐसा मन कभी इसका सौंदर्य नहीं देख सकता। एकांत और अकेलेपन में थोड़ा फर्क समझना जुरूरी है। एकांत जीवी में कोई दोष या मनोमालिन्य नहीं होता। वह किसी व्यक्ति या परिस्थिति से तंग आकर एकांत की शरण में नहीं जाता, न ही आततायी नियति के विषैले बाणों से घायल होकर वह एकांत की खोज करता है। अंग्रेज़ी कवि लॉर्ड बायरन ऐसे ही एकांत की बात करते हैं। वे कहते हैं कि वे इंसान से कम प्रेम करते हैं, बस प्रकृति से ज़्यादा प्रेम करते हैं।
बुद्ध अपने शिष्यों से कहते हैं कि वे जंगल में विचरण करते हुए गैंडे के सींग की तरह अकेले रहें। वे कहते हैं-‘ प्रत्येक जीव-जन्तु के प्रति हिंसा का त्याग करते हुए, किसी की भी हानि की कामना न करते हुए, अकेले चलो-फिरो, वैसे ही जैसे किसी गैंडे का सींग।’ ‘हक्सले ‘ “एकांत के धर्म’ या ‘रिलीजन ऑफ सोलीट्यूड’ की बात करते हैं। वे कहते हैं जो मन जितना ही अधिक शक्तिशाली और मौलिक होगा, एकांत के धर्म की तरफ़ उसका उतना ही अधिक झुकाव होगा, धर्म के क्षेत्र में एकांत, अंधविश्वासों, मतों और धर्मान्धता के शोर से दूर ले जाने वाला होता है। इसके अलावा एकांत धर्म और क्िज्ञान के क्षेत्र में नई अंतर्दृष्टियों को भी जन्म देता है। ज्यांपॉल सात्र इस बारे में बड़ी ही खूबसूरत बात कहते हैं। उनका कहना है-‘ईश्वर एक अनुपस्थिति है। ईश्वर है इंसान का एकांत।’ .
क्या एकांत लोग इसलिए पसंद करते हैं कि वे किसी को मित्र बनाने में असमर्थ हैं? क्या वे सामाजिक होने की अपनी असमर्थता को छिपाने के लिए एकांत को महिमामंडित करते हैं ? वास्तव में एकांत एक दोधारी तलवार की तरह है। लोग क्या कहेंगे इसका डर भी हमें अक्सर एकांत में रहने से रोकता है। यह बड़ी अजीब बात है, क्योंकि जब आप वास्तव में अपने साथ या अकेले होते हैं, तभी इस दुनिया और कुदरत के साथ अपने गहरे संबंध का अहसास होता है। इस संसार को और अधिक गहराई और अधिक समानुभूति के साथ प्रेम करके ही हम अपने दुःखदाई अकेलेपन से बाहर हो सकते हैं। (जनसत्ता से साभार)
1.उपरोक्त गद्यांश किस विषयवस्तु पर आधारित है?
(क) अकेलेपन पर।
(ख) एकांत पर।
(ग) जीवन पर।
(घ) अध्यात्म पर।
उत्तर:
(ख) एकांत पर।
2. एकांत हमारे जीवन के लिए क्यों आवश्यक है?
(क) परेशानी से भागने के लिए।
(ख) आध्यात्मिक चिंतन के लिए।
(ग) स्वयं को जानने के लिए।
(घ) अशांत मन को शांत करने के लिए।
उत्तर:
(ग) स्वयं को जानने के लिए।
3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
कथन (I) धर्म के क्षेत्र में एकांत समर्पण की भावना के तौर पर है।
कथन (II) धर्म के क्षेत्र में एकांत पूजा और साधना के तौर पर है।
‘कंथन (III) धर्म के क्षेत्र में एकांत धर्म के वास्तविक स्वरूप की पहचान के तौर पर है।
कथन (IV) धर्म का क्षेत्र संकुचित है।
गद्यांश के अनुसार कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(क) केवल कथन (III) सही है।
(ख) केवल कथन (IV) सही है।
(ग) केवल कथन (I) सही है।
(घ) केवल कथन (II) सही है।
उत्तर:
(क) केवल कथन (III) सही है।
4. दुःखद अकेलेपन से कैसे बाहर आया जा सकता है?
(क) संसार से प्रेम करके।
(ख) सच्चे दोस्त बनाकर।
(ग) संसार की वास्तविकता को समझ कर।
(घ) संसार से मुक्त होकर।
उत्तर:
(क) संसार से प्रेम करके।
5. एकांत की खुशबू को कैसे महसूस किया जा सकता है?
(क) संसार से अलग होकर।
(ख) भीड़ में न रहकर।
(ग) एकांत से प्रेम करके।
(घ) अकेले रहकर।
उत्तर:
(ग) एकांत से प्रेम करके।
6. गैंडे के सींग की क्या विशेषता होती है?
(क) वह किसी को हानि नहीं पहुँचाता।
(ख) वह सींग नहीं वरन सींग का अपररूप होता है।
(ग) गैंडे अकेले रहते हैं इसलिए सींग भी अकेला रहता है।
(घ) अपनी दुनिया में मस्त रहना।
उत्तर:
(क) वह किसी को हानि नहीं पहुँचाता।
7. बायरन मनुष्य से अधिक प्रकृति से प्रेम क्यों करते थे?
(क) प्रकृति की सुंदरता के कारण।
(ख) मनुष्य से घृणा के कारण।
(ग) एकांत प्रेम के कारण।
(घ) अकेलेपन के कारण।
उत्तर:
(ग) एकांत प्रेम के कारण।
व्याख्या-बायरन मनुष्य से अधिक प्रकृति से प्रेम एकांत प्रेम के कारण करते थे क्योंकि वे प्रकृति को अपने निकट महसूस करते थे।
8. नई अंतर्दृष्टि से आप कया समझते हैं?
(क) नई खोज।
(ख) नया अनुसंधान।
(ग) नई संकल्पना।
(घ) नया सिद्धांत।
उत्तर:
(ग) नई संकल्पना।
9. ईश्वर एक अनुपस्थिति है-कैसे ?
(क) ईश्वर कभी दिखाई नहीं देते।
(ख) ईश्वर कभी उपस्थित नहीं होते।
(ग) एकांत में ही ईश्वर महसूस होते हैं।
(घ) ईश्वर होते ही नहीं हैं।
उत्तर:
(ग) एकांत में ही ईश्वर महसूस होते हैं।
10. एकांत में रहने का अर्थ है-
(क) संसार और प्रकृति की सुन्दरता को देखना।
(ख) घर की सुन्दरता को देखना।
(ग) विदेश की सुन्दरता को देखना।
(घ) पड़ोस की सुन्दरता को देखना।
उत्तर:
(क) संसार और प्रकृति की सुन्दरता को देखना।
प्रश्न 2.
दिए गए पद्यांश पर आधारित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (5 × 1 = 5)
1. साँसों का मुसाफिर किसे कहा गया है ?
(क) कवि।
(ख) मनुष्य।
(ग) प्रकृति।
(घ) जीवन।
उत्तर:
(घ) जीवन।
व्याख्या-इस काव्यांश में कवि ने जीवन को साँसों का मुसाफ़िर कहा है, क्योंकि साँसों से हमारा जीवन चलता है। साँसें नहीं तो जीवन नहीं।
2. अपनों को मैं देख रहा हूँ
अपने लघु दर्पण में-पंक्ति में लघु दर्पण किसे कहा गया है?
(क) हृदय।
(ख) आँखें।
(ग) मस्तिष्क।
(घ) जीवन।
उत्तर:
(घ) जीवन।
व्याख्या-पंक्ति में “लघु दर्पण” जीवन को कहा गया है। व्यक्ति जीवन में लोगों के बीच बँधा रहता है लेकिन अपने जीवन एकांकी होता है और अपने जीवन के तरीके से लोगों को देखता रहता है। इसी को कवि ने लघु दर्पण कहा है।
3. “मन का सूर्योदय’ से आप क्या समझते हैं ?
(क) खिन्नता।
(ख) प्रसनन्नता।
(ग) आसननता।
(घ) भिन्नता।
उत्तर:
(ख) प्रसनन्नता।
व्याख्या-‘ मन का सूर्योदय ‘ प्रसन्नता को व्यक्त करता है।
4. उपरोक्त काव्यांश में सरि-सागर का अर्थ बताया गया है। निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
कथन (I) सरि-सागर का अर्थ हे समस्त सागर।
कथन (II) सरि-सागर का अर्थ है सरिता-सागर।
कथन (III) सरि-सागर का अर्थ है सुर-सागर।
कथन (IV) सरि-सागर का अर्थ है यमुना।
निम्नलिखित विकल्पों पर विचार कीजिए तथा सही विकल्प चुनकर लिखिए।
(क) केवल कथन (IV) सही है।
(ख) केवल कथन (III) सही है।
(ग) केवल कथन (I) सही है।
(घ) केवल कथन (II) सही है।
उत्तर:
(घ) केवल कथन (II) सही है।
व्याख्या-सरि-सागर का अर्थ है सरिता-सागर।
5. कॉलम (1) को कॉलम (2) से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए-
कॉलम-1 | कॉलम-2 | ||
1 | चलता हूँ | i | आश्वस्त हृदय |
2 | पंथी हूँ | ii | साँसों का |
3 | किरणों की लय के भीतर | iii | आयु के साथ |
विकल्प
(क) (1)-(i), (2)-(ii), (3)-(iii)
(ख) (1)-(iii), (2)-(ii), (3)-(i)
(ग) (1)-(ii), (2)-(i), (3)-(iii)
(घ) (1)-(iii), (2)-(i), (3)-(ii)
उत्तर:
(ख) (1)-(iii), (2)-(ii), (3)-(i)
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (5 × 1 = 5)
1. बहुत अल्प समय के लिए किसी समाचार संगठन में कार्य करने वाली पत्रकारिता कहलाती है-
(क) पेज श्री
(ख) पीत पत्रकारिता
(ग) अंशकालिक
(घ) ये सभी
उत्तर:
(ग) अंशकालिक
व्याख्या-अंशकालिक पत्रकारिता में पत्रकार निश्चित मानदेय के आधार पर किसी समाचार संगठन के लिए कार्य करता है, जबकि पीत पत्रकारिता पेज श्री का ही दूसरा नाम है। इसमें सनसनीखेज अथवा व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप, ब्लैकमेलिंग आदि के विचार से प्रकाशित समाचार होते हैं।
2. ‘लोकतन्त्र का चौथा स्तम्भ किसे कहा जाता है ?
(क) संविधान
(ख) न्यायपालिका
(ग) विधायिका
(घ) प्रेस/मीडिया
उत्तर:
(घ) प्रेस/मीडिया
व्याख्या-प्रेस/मीडिया द्वारा जनता को निरंतर जागरूक करने और शासन की कमियों को उजागर करने के कारण यह लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहलाता है।
3. समाचार लेखन के कितने ककार होते हैं?
(क) चार
(ख) पाँच
(ग) छः
(घ) तीन।
उत्तर:
(ग) छः
व्याख्या-समाचार लेखन के छ: प्रकार होते हैं। वे हैं-क्या, कौन, कब, कहाँ, कैसे और क्यों ।
4. ‘फीचर लेखन की विशेषता है-
(क) घटना का सजीव वर्णन करना।
(ख) रसात्मक काव्य प्रस्तुत करना।
(गं) जनता का शासन।
(घ) घटना का कल्पनात्मक वर्णन करना।
उत्तर:
(क) घटना का सजीव वर्णन करना।
5. ‘फीचर लेखन की शैली निम्नलिखित में से किस शैली के निकट है?
(क) काव्यात्मक
(ख) कथात्मक
(ग) वक्तव्यात्मक
(घ) रूपात्मक।
उत्तर:
(ख) कथात्मक
व्याख्या-फ़ीचर लेखन किसी घटना का सजीव चित्रण करता है। वह अतीत में बीती घटना को कथ्यात्मक रूप में प्रस्तुत करता है।
पाठ्यपुस्तक आरोह भाग-2 अंक (10)
प्रश्न 4.
निम्नलिखित काव्यांश के प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (5 × 1 = 5)
1. काव्यांश में ‘बे’ और “उनके ‘ सर्वनाम शब्द किनके लिए प्रयुक्त हुए हैं?
(क) स्त्रियों के लिए
(ख) बच्चों के लिए
(ग) पुरुषों के लिए
(घ) बूढ़ों के लिए।
उत्तर:
(ख) बच्चों के लिए
व्याख्या-काव्यांश में (वे! और “उनके ‘ सर्वनाम शब्द बच्चों के लिए प्रयुक्त हुए हैं।
2. निम्नलिखित कथनों पर विचार करते हुए पंक्ति के सन्दर्भ में सही कथन को चयनित कर लिखिए।
“जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास’ पंक्ति का आशय है- ह।
(क) बच्चे के जन्म पर कपास का उपहार दिया जाता है
(ख) बच्चे कपास की तरह सफ़ेद होते हैं
(ग) जन्म से ही बच्चे कपास जैसी कोमल भावनाएँ और लचीला शरीर लेकर आते हैं
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(ग) जन्म से ही बच्चे कपास जैसी कोमल भावनाएँ और लचीला शरीर लेकर आते हैं
व्याख्या-बच्चे जब जन्म लेते हैं तब वे बहुत ही सुकोमल होते हैं। उनमें कोमल भावनाएँ होती हैं व लचीला शरीर होता है जैसे कि कपास कोमल, मुलायम व लचीली होती है।
3. “दौड़ते हैं बेसुध’ पंक्ति के अनुसार बच्चों की बेसुधी के उदाहरण हैं।
(क) वे दौड़ते-दौड़ते सो जाते हैं
(ख) वे सो नहीं पाते, अतः नींद में ही दौड़ते रहते हैं
(ग) वे जैसे ही बेसुध होते हैं, दौड़ना शुरू कर देते हैं
(घ) कटी पतंग को लूटने के लिए वे छतों पर बेसुध होकर दौड़ते हैं। वे छतों के खतरनाक किनारों पर भी बेसुध होकर दौड़ने लगते हैं।
उत्तर:
(घ) कटी पतंग को लूटने के लिए वे छतों पर बेसुध होकर दौड़ते हैं। वे छतों के खतरनाक किनारों पर भी बेसुध होकर दौड़ने लगते हैं।
व्याख्या-बच्चे जब पतंग उड़ा रहे होते हैं तब वे अपनी चिंता ही छोड़ देते हैं। वे बेसुध होकर कटी पतंग को लूटने के लिए दौड़ पड़ते हैं चाहे वह छत हो या छत का किनारा, जहाँ से गिरने का भय भी रहता है।
4. निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कथन (A): बच्चे छतों को भी नरम बना देते हैं।
कारण (R): बच्चे जब अपनी उमंग और उत्साह में दौड़ते हैं तब वे कठोर पत्थरों वाली छतों को मुलायम ही समझते हैं।
विकल्प
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दानों गलत हैं।
(ख) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं।
(ग) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) गलत है।
(घ) कथन (A) गलत है, लेकिन कारण (R) सही है।
उत्तर:
(ख) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं।
व्याख्या-जब बच्चे पतंग उड़ाते हैं या कटी पतंग को पकड़ने के लिए जब दौड़ते हैं तो इतने ज्यादा उत्साहित, सक्रिय व उमंग से भरपूर होते हैं कि उन्हें यह ध्यान ही नहीं रहता कि वे कठोर पत्थरों की सतह पर दौड़ रहे हैं। वह कठोर सतह भी उनके लिए नरम (मुलायम) सतह बन जाती है।
5. छतों के किनारों से उन्हें गिरने से कौन बचाता है?
(क) बच्चों की मदमस्त गतिविधियाँ
(ख) उनकी रोमांचकारी अनुभूतियाँ
(ग) उनकी बेखौफ़ एवं रोमांचक निश्चिन्तता
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।
व्याख्या-बच्चों की गतिविधियाँ बहुत मदमस्त होती हैं। उनके लिए कटी पतंग पकड़ने के लिए दौड़ना रोमांचकारी अनुभूति होती है। वे गिरने के डर से बेखौफ़ रहते हैं। उन्हें केवल रोमांचक निश्चिन्तता रहती है। उनकी ये सभी गतिविधियाँ और उनकी निडरता उन्हें छतों के किनारें से गिरने से बचाती है।
प्रश्न 5.
निम्नलिखित गद्यांश के प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (5 × 1 = 5)
फिर जीजी बोलीं, “देख, तू तो अभी से पढ़-लिख गया है। मैंने तो गाँव के मदरसे का भी मुँह नहीं देखा। पर एक बात देखी है कि अगर तीस-चालीस मन गेहूँ उगाना है तो किसान पाँच-छह सेर अच्छा गेहूँ अपने पास से लेकर जमीन में क्यारियाँ बना कर फेंक देता है। उसे बुवाई कहते हैं। यह जो सूखे में हम अपने घर का पानी इन पर फेंकते हैं; वह भी बुवाई है। यह पानी गली में बोएँगे तो सारे शहर, कस्बा, गाँव पर पानी वाले बादलों की फ़सल आ जाएगी। हम बीज बनाकर पानी देते हैं, फिर काले मेघों से यानी माँगते हैं। सब ऋषि-मुनि कह गए हैं कि पहले खुद दो तब देवता तुम्हें चौगुना-अठगुना करके लौटाएँगे। भइया, यह तो हर आदमी का आचरण है, जिससे सबका आचरण बनता है। यथा राजा तथा प्रजा सिर्फ़ यही सच नहीं है। सच यह भी है-कि यथा प्रजा तथा राजा। यही तो गांधी जी महाराज कहते हैं।”
1. बुवाई के लिए किसान किस प्रकार से श्रम करता है ?
(क) जमीन की निराई, गुड़ाई करना
(ख) हल चलाना व क्यारियाँ बनाना
(ग) बीज बोना
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।
व्याख्या-किसान जुमीन की निराई, गुड़ाई करता है, बीज बोता है और हल चलाकर क््यारियाँ बनाकर परिश्रम द्वारा बुवाई करता है।
2. त्याग की महत्ता को किसने बताया था ?
(क) ऋषि-मुनियों ने
(ख) इंदर सेना ने
(ग) लेखक ने
(घ) राजा ने
उत्तर:
(क) ऋषि-मुनियों ने
व्याख्या-ऋषि-मुनियों का कहना है कि मनुष्य को पहले स्वयं त्यागपूर्वक दान करना चाहिए तभी उसे उसका गुना मिलता है।
3. निम्नलिखित कथनों पर विचार करते हुए गद्यांश के अनुसार सही कथन को चयनित कर लिखिए।
(क) इंदर सेना पर पानी फेंकना जीजी के अनुसार पानी की बर्बादी है।
(ख) इंदर सेना पर पानी फेंकना जीजी के अनुसार पानी की बुवाई है।
(ग) इंदर सेना पर पानी फेंकना जीजी के अनुसार अन्धविश्वास है।
(घ) इंदर सेना पर पानी फेंकना जीजी के अनुसार पानी का विसर्जन है।
उत्तर:
(ख) इंदर सेना पर पानी फेंकना जीजी के अनुसार पानी की बुवाई है।
व्याख्या-जीजी के अनुसार काले मेघों से वर्षा पाने के लिए इंदर सेना पर पानी फेंकना मानो पानी की बुवाई है।
4. कॉलम (1) को कॉलम (2) से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए-
कॉलम-1 | कॉलम-2 | ||
1 | जीजी ने अपने आचरण सम्बन्धी बात के समर्थन में | i | गाँधी जी का नाम लिया |
2 | पहले खुद दो | ii | तब देवता तुम्हें चौगुना करके लौटाएँगे | |
3 | पानी माँगते हैं | iii | काले मेघों से |
विकल्प
(क) (1)-(ii), (2)-(iii), (3)-(i)
(ख) (1)-(iii), (2)-(ii), (3)-(i)
(ग) (1)-(i), (2)-(ii), (3)-(iii)
(घ) (1)-(iii), (2)-(i), (3)-(ii)
उत्तर:
(ग) (1)-(i), (2)-(ii), (3)-(iii)
5. जीजी किसान के उदाहरण द्वारा क्या सिद्ध करना चाहती है?
(क) वर्षा के लिए इंदर सेना पर जल समर्पित करना होगा।
(ख) खेती के लिए हल चलाना आवश्यक है
(गे) हमें किसान के समान परिश्रमी बनना चाहिए
(घ) खेती का कार्य वर्षा पर निर्भर होता है।
उत्तर:
(क) वर्षा के लिए इंदर सेना पर जल समर्पित करना होगा।
व्याख्या-जीजी किसान के उदाहरण द्वारा यह बताना चाहती हैं कि जिस प्रकार किसान बुआई करके फ़सल उगाता है उसी प्रकार इंदर सेना पर जल डालना भी वर्षा के लिए बुवाई होती है।
पूरक पाठ्यपुस्तक वितान भाग-2 अंक (10)
प्रश्न 6.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (10 × 1 = 10)
1. “सिल्वर वेडिंग’ कहानी की मूल संवेदना आप किसे मानेंगे?
(क) पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव
(ख) हाशिए पर धकेले जाते मानवीय मूल्य
(ग) पीढ़ी अंतराल
(घ) सिल्वर वेडिंग के परिणाम
उत्तर:
(ग) पीढ़ी अंतराल
2. “सिल्वर वेडिंग’ पाठ में “जो हुआ होगा’ वाक्य का अर्थ है-
(क) पाश्चात्य विचारधारा के संदर्भ में
(ख) परिवार की संरचना के संदर्भ में
(ग) किशन दा की मृत्यु के संदर्भ में
(घ) यशोधर बाबू की नियुक्ति के संदर्भ में
उत्तर:
(ग) किशन दा की मृत्यु के संदर्भ में
3. दादा कोल्हू जल्दी क्यों लगाना चाहते थे?
(क) काम जल्दी समाप्त करने के लिए
(ख) दूसरी फ़ुसल के लिए
(ग) गुड़ की ज़्यादा कीमत के लिए
(घ) खेत में पानी देने के लिए.
उत्तर:
(ग) गुड़ की ज़्यादा कीमत के लिए
4. निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कथन (A): ‘जूझ ‘ एक उपन्यास है।
कारण (R): यह मूलत: मराठी भाषा में लिखा गया है।
विकल्प
(क) कथन (A) गलत है, लेकिन कारण (R) सही है।
(ख) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) गलत है।
(ग) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं।
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दानों गलत हैं।
उत्तर:
(ग) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं।
5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
कथन (I) महाकांड स्तूप में उत्तर और दक्षिण से सीढ़ियाँ उतरती हैं।
कथन (II) मोहनजोदड़ो सभ्यता में सूत की कताई, बुनाई और रंगाई भी होती थी।
कथन (III) सिंधु घाटी सभ्यता में जल निकासी की व्यवस्था अत्यंत बुरी थी।
कथन (IV) मोहनजोदड़ो से मिला नरेश के सिर का मुकुट बहुत छोटा था।
सही कथन/कथनों वाले विकल्प को चयनित कर लिखिए-
(क) केवल कथन I सही है।
(ख) केवल कथन III सही है।
(ग) कथन I, II और III सही हैं।
(घ) कथन I, II और IV सही हैं।
उत्तर:
(ग) कथन I, II और III सही हैं।
6. सिंधु घाटी की सभ्यता के संबंध में कौन-सा कथन सही नहीं है?
(क) सिंधु घाटी की सभ्यता प्राचीनतम् सभ्यता थी।
(ख) सिंधु घाटी की सभ्यता आडंबरहीन सभ्यता थी।
(ग) सिंधु घाटी की सभ्यता छोटी होते हुए भी महान् थी।
(घ) सिंधु घाटी की सभ्यता में राजतंत्र स्थापित नहीं था।
उत्तर:
(घ) सिंधु घाटी की सभ्यता में राजतंत्र स्थापित नहीं था।
7. लेखक आनंद यादव की माँ के अनुसार पढ़ाई की बात करने पर लेखक का पिता कैसे गुर्राता है?
(क) कुत्ते के समान
(ख) शेर के समान
(ग) जंगली सूअर के समान
(घ) चीते के समान
उत्तर:
(घ) चीते के समान
8. राखालदास बनर्जी कौन थे?
(क) शिक्षक
(ख) भिक्षुक
(ग) पुरातत्त्ववेत्ता
(घ) व्यापारी
उत्तर:
(ग) पुरातत्त्ववेत्ता
9. जूझ’ कहानी लेखक की किस प्रवृत्ति को उद्घाटित करती है?
(क) कविता करने की प्रवृत्ति
(ख) पढ़ने की प्रवृत्ति
(ग) लेखन की प्रवृत्ति
(घ) संघर्षमई प्रवृत्ति
उत्तर:
(घ) संघर्षमई प्रवृत्ति
10. यशोधर बाबू अपने बटुए में कितने रुपए हमेशा रखते थे?
(क) दो सौ
(ख) सौ-डेड़ सौ
(ग) पचास
(घ) दस
उत्तर:
(ख) सौ-डेड़ सौ
व्याख्या-सारा सेक्शन जानता है कि यशोधर बाबू अपने बटुए में सौ-डेढ़ सौ रुपए हमेशा रखते हैं, भले ही उनका दैनिक खर्च नगण्य है।
जाह- ब॑वर्णनात्मक प्रश्न 40 अंक
जनसंचार और सृजनात्मक लेखन अंक (16)
प्रश्न 7.
निम्नलिखित दिए गए तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए- (6 × 1 = 6)
(क) लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका
उत्तर:
मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में इसकी भूमिका और महत्त्वपूर्ण हो जाती है। मीडिया की विश्वसनीयता जनता के सरोकारों और जन विश्वास पर ही टिकी होती है। मीडिया राष्ट्रीय संसाधन है जिसे पत्रकार बंधु जन विश्वास या ट्रस्ट में प्रयोग करते हैं। मीडिया की आवश्यकता इसलिए भी होती है कि वे जनसरोकारों के प्रति सत्यनिष्ठ रहें। महात्मा गांधी ने कहा था कि “पत्रकार का कर्त्तव्य है कि वह देश के जनमानस को पढ़े और निर्भीक हो कर उसे मुखर अभिव्यक्ति दे । पत्रकारिता का मुख्य उद्देश्य मात्र समाज सेवा ही होनी चाहिए। संसद और मीडिया एक-दूसरे के सहयोगी हैं। दोनों ही संस्थान जनभावनाओं को अभिव्यक्ति देते हैं। आज जब हम बढ़ती और बदलती जन अपेक्षाओं के युग में रह रहे हैं तब आवश्यक है कि हम अपने स्थापित पूर्वाग्रहों को त्यागें और जन अपेक्षाओं को स्वर दें। मीडिया को भी विकासवादी सकारात्मक राजनीति का वाहक बनना होगा।
(ख) दिया और तूफ़ान : मानव जीवन का सत्य
उत्तर:
मानव जीवन का सत्य है कि उसके जीवन में सुख और दुःख का चक्र निरन्तर चलता रहता है। दिया से तात्पर्य रोशनी देने से है अर्थात् दिया रोशनी और नई आशा का प्रतीक है जो मानव जीवन के अन्धकार को नष्ट करता है। इसके विपरीत ही तूफ़ान है। यह मानव जीवन में विपत्तियों का सूचक है। जब भी मानव जीवन में तृूफ़ान आता है तब दिया ही मानव का पथ प्रदर्शन करता है। तूफ़ान सब कुछ नष्ट कर देता है अर्थात् इसके कारण मानव जीवन नष्ट होने के कगार पर आ जाता है, इसलिए मनुष्य को अपने भीतर के आलोक को कभी नष्ट नहीं होने देना चाहिए। धैर्य और समझदारी से काम लेना चाहिए। सुख-दुःख जीवन का चक्र है जो निरन्तर चलता रहेगा, अत: कहा जा सकता है कि दिया और तूफ़ान मानव जीवन का सत्य है।
(ग) झरोखे से बाहर
उत्तर:
झरोखा है-भीतर से बाहर की ओर झाँकने का माध्यम और बाहर से भीतर देखने का रास्ता। हमारी आँखें भी तो झरोखा ही हैं-मन-मस्तिष्क को संसार से और संसार को मन-मस्तिष्क से जोड़ने का। मन रूपी झरोखे से किसी भक्त को संसार के कण-कण में बसने वाले ईश्वर के दर्शन होते हैं तो मन रूपी झरोखे से ही किसी डाकू-लुटेरे को किसी धनी-सेठ की धन-संपत्ति दिखाई देती है जिसे लूटने के प्रयत्न में वह हत्या जैसा जघन्य कोई कार्य करने में तनिक नहीं झिझकता। झरोखा स्वयं कितना छोटा-सा होता है पर उसके पार बसने वाला संसार कितना व्यापक है जिसे देख तन-मन की भूख जाग जाती है और कभी-कभी शांत भी हो जाती है। किसी पर्वतीय स्थल पर किसी घर के झरोखे से गगन चुंबी पर्वतमालाएँ, ऊँचे-ऊँचे पेड़, डरावनी खाइयाँ यदि पर्यटकों को अपनी ओर खींचती हैं तो दूर-दूर तक घास चरती भेड़-बकरियाँ भी मन मोह लेती हैं। झरोखे तो छोटे-बड़े कई होते हैं पर उनके बाहर के दृश्य तो बहुत बड़े होते हैं जो कभी-कभी आत्मा तक को झकझोर देते हैं।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर लगभग 40 शब्दों में निर्देशानुसार उत्तर दीजिए- (2 × 2 = 4)
(i) कहानी के नाटकीय परिवर्तन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
कहानी को नाटक में रूपान्तरित करते समय अनेक महत्त्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना चाहिए, जो इस प्रकार हैं-
- कहानी की कथावस्तु को समय और स्थान के आधार पर विभाजित करके।
- कहानी में घटित घटनाओं के आधार पर दृश्यों का निर्माण करके।
- कथावस्तु से सम्बन्धित वातावरण कौ व्यवस्था करके।
- ध्वनि और प्रकाश की व्यवस्था करके।
- ‘कथावस्तु के अनुरूप मंच सज्जा और संगीत का निर्माण करके।
- पात्रों एवं संवादों को अभिनय के अनुरूप स्वरूप प्रदान करके।
अथवा
‘कहानी-कला की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
कहानी का इतिहास मानव इतिहास जितना ही पुराना माना जाना चाहिए क्योंकि कहानी मानवीय प्रकृति जन्य है। पहले युद्ध, प्रेम, प्रतिशोध के किस्से, फिर कल्पनात्मक कहानियाँ और फिर जो उसे प्रिय लगा, उसके किस्से सुनाए जाते थे। धीरे-धीरे वीरता के बलिदानों और त्याग, तपस्या के किस्से भी सुनाए गए जिससे व्यक्तियों में साहस के साथ-साथ मानवीय मूल्य बने रहें। परियों की कहानियाँ, भूत-प्रेतों की डरावनी कहानियाँ, राजा-रानी की कहानियाँ, साधारण जीवन से जुड़ी आम आदमी की कहानियाँ आदि रोचक कहानियों से शुरू हुईं और वर्तमान में सामाजिक विसंगतियों पर प्रहार करती कहानियाँ रची जाने लगीं। शिक्षा देने के लिए कहानी विधा का प्रयोग किया गया और “पंचतंत्र’ की कहानियाँ लिखी गईं। धीरे-धीरे कहानी के साथ उद्देश्य का सम्मिश्रण हो गया जो कि उत्तरोत्तर विकसित होता गया।
(ii) रेडियो नाटक किसे कहते हैं ?
उत्तर:
रेडियो संचार का एक साधन है जिसके माध्यम से किसी भी संदेश को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचा सकते हैं लेकिन केवल आवाज के माध्यम से, इसलिए इसे दूरभाष यंत्र भी कहते हैं।
रेडियो-नाटक एक श्रव्य-माध्यम है। इसका रंगमंच एक तरह का अंधकार ही है क्योंकि ये हमें दिखाई नहीं देता, केवल सुनाई देता है। दर्शक सुने जा रहे संवादों से अपनी कल्पना में दृश्यों की रचना कर लेता है। रेडियो-नाटक शब्दों व माइक के सहारे प्रस्तुत किया जाता है। इसका समय निर्धारित होता है। इस पर देश, काल व स्थान का बँधन नहीं होता।
अथवा
नाटक की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
नाटक की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
- नाटक एक ऐसी गद्य विधा है, जिसका मंच पर अभिनय किया जाता है।
- नाटक का सम्बन्ध लेखक, निर्देशक, दर्शक तथा श्रोताओं से होता है।
- नाटक का मंच पर अभिनय किया जाता है।
- “नाटक ‘ को दृश्यों के आधार पर विभाजित किया जाता है।
- नाटक में मंच सज्जा संगीत तथा प्रकाश व्यवस्था का विशेष महत्त्व होता है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के लगभग 60 शब्दों में उत्तर दीजिए- (3 × 2 = 6)
(i) साइबर पत्रकारिता क्या है?
उत्तर:
साइबर पत्रकारिता का अभिप्राय उस पत्रकारिता से है जो मोबाइल, कंप्यूटर, इंटरनेट पर ख़बरें देती है। आज तमाम वेबसाइटें इस प्रकार की हैं जो प्रमुख समाचार भी उपलब्ध कराती हैं। फ़िल्म, खेल, व्यापार जगत के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय घटनाचक्र की ताज़ा-तरीन जानकारी इन वेबसाइटों पर उपलब्ध होती हैं।
साइबर मीडिया में ग्राफिक्स, ऑडियो-विडियो, चित्र आदि सभी का प्रयोग होता है। साइबर मीडिया अर्थात् मल्टी मीडिया कई संचार-माध्यमों से युक्त होता है। यह दर्शकों या पाठकों की रुचि को कम नहीं करता बल्कि बढ़ाता है जिसके कारण वे इससे दूर नहीं जा पाते।
(ii) बीट रिपोर्टिंग और विशेषीकृत रिपोर्टिंग में अंतर स्पष्ट कौजिए।
उत्तर:
बीट रिपोर्टिंग का आशय किसी विशेष क्षेत्र से संबंधित नए तथ्यों की आरम्भिक जानकारी देना है। इसमें कहाँ, कब, क्या, किसने किया ? इसकी पर्याप्त सूचना होती है। इसकी सूचना देने वाले को बीट रिपोर्टर कहा जाता है। रिपोर्टिंग से आशय सामान्य समाचारों के बाद विशेष क्षेत्र या विषय से जुड़ी समस्याओं का, घटनाओं का या अन्य किसी मुद्दे का गहराई से विवेचन करना है।
विशेषीकृत रिपोर्टिंग में घटना और घटना के महत्त्व का स्पष्टीकरण होता है तथा रक्षा, विदेश-नीति, राष्ट्रीय सुरक्षा आदि को प्राथमिकता दी जाती है।
(iii) हर सूचना समाचार नहीं होती। ऐसा क्यों ?
उत्तर:
हर सूचना समाचार इसलिए नहीं होती, क्योंकि समाचार किसी भी ऐसी ताज़ा घटना, विचार या समस्या की रिपोर्ट होती है, जिसमें अधिक-से-अधिक लोगों की रुचि होती है और इसका प्रभाव भी अधिक-से-अधिक लोगों पर पड़ता है। समाचारों में तथ्यों की शुद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इन तथ्यों को बिना तोड़े-मरोड़े प्रस्तुत किया जाता है।
हमें समाचार माध्यमों से महत्त्वपूर्ण सूचनाएँ प्राप्त होती रहती हैं। ये सार्वजनिक महत्त्व को सूचनाएँ होती हैं। ये व्यक्तिगत नहीं होतीं। ये समसामयिक घटनाओं पर आधारित होती हैं। हमारी निजी जिंदगी पर आधारित सूचनाएँ या व्यक्तिगत महत्त्व की सूचनाएँ समाचार नहीं होतीं ।
पाद्यपुस्तक आरोह भाग-2 अंक (20)
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के लगभग 60 शब्दों में उत्तर दीजिए- (3 × 2 = 6)
(i) कवि ने कविता की उड़ान और खिलने को चिड़िया और फूलों से किस तरह भिन्न बताया है?
उत्तर:
कविता कल्पना के पंखों पर चिड़िया की तरह मुक्त गगन में विचरण करती है और फूलों की भाँति खिलकर अपनी शोभा सर्वत्र फैला देती है। किन्तु कविता चिड़िया से भिन्न इसलिए है क्योंकि चिड़िया के पंखों की सामर्थ्य सीमित है, जबकि कविता की सामर्थ्य असीमित है। इसी प्रकार फूल खिलकर मुरझा जाते हैं, किन्तु कविता कभी मुरझाती नहीं, उसकी शोभा सुगंध रूपी समय बीतने के साथ और भी बढ़ती जाती है।
(ii) “कैमरे में बंद अपाहिज” करुणा के मुखौटे में छिपी क्रूरता की कविता है, इस कथन पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
चैनलों/दूरदर्शन द्वारा अपाहिज व्यक्तियों की बेबसी को दर्शाकर करुणा पैदा करने के पीछे क्रूरतापूर्वक व्यावसायिक उद्देश्यों का संचालन
(परीक्षार्थी के अन्य तर्कसंगत विचार भी स्वीकार्य)
व्याख्यात्मक हल-‘ कैमरे में बंद अपाहिज’ कविता करुणा के मुखौटे में छिपी क्रूरता की कविता है, क्योंकि एक शारीरिक रूप से अपाहिज, विकलांग व्यक्ति जो कि शारीरिक रूप से चुनौती को सहन कर रहा है, दूरदर्शन वाले अपने कार्यक्रम को रोचक बनाने के लिए उससे तरह-तरह के प्रश्न पूछकर, विभिन्न भाव-भंगिमाओं (संकेतों) द्वारा एक साक्षात्कार कार्यक्रम के बहाने उसका मानसिक शोषण करते हैं। कार्यक्रम का उद्देश्य समाज के ऐसे व्यक्तियों के प्रति करुणा जाग्रत करना है। यह कविता दूरदर्शन स्टूडियो के भीतर की दुनिया को उभारती जरूर है, लेकिन ऐसे व्यक्ति की ओर संकेत करती है, जो दुःख-दर्द, यातना-वेदना को बेचना चाहता है।
यह कविता शारीरिक चुनौती को सहन करते लोगों के प्रति संवेदनशील नजरिया अपनाने के रूप में भी देखी जा सकती है। कवि ने संवेदनहीनता को रेखांकित करने का प्रयास किया है। वह दिखलाता है कि किस तरह करुणा के मकसद से शुरू हुआ कार्यक्रम क्रूर बन जाता है।
(iii) ‘उषा’ कविता के आधार पर गाँव की सुबह का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर:
- प्रातःकाल की रंगत बहुत नीले शंख जैसी
- ओस से भरा भोर का नभ राख से लीपे हुए चौके जैसा
- उषाकालीन आकाश लाल केसर से धुली काली सिल जैसा निर्मल और स्वच्छ
- खुले तालाब में स्नान करती युवतियाँ
व्याख्यात्मक हल-उषा कविता में कवि ने गतिशील बिंब योजना का प्रयोग करते हुए गाँव की सुबह का सुंदर शब्द-चित्र प्रस्तुत किया है। बहुत सुबह पूर्व दिशा में सूर्य दिखाई देने से पहले आकाश नीले शंख के समान प्रतीत हो रहा था। उसका रंग ऐसा लग रहा था जैसे किसी गाँव की महिला ने चूल्हा जलाने से पहले राख से चौका पोत दिया हो। उसका रंग गहरा था। कुछ देर बाद हल्की-सी लाली ऐसे दिखाई दी जैसे काले सिल पर जरा-सा लाल केसर मल दिया हो और फिर उसे धो दिया हो या किसी सलेट पर लाल खड़िया या चाक मल दिया गया हो। आकाश के नीलेपन में सूर्य ऐसे प्रकट हुआ जैसे नीले जल में किसी युवती का गोरा सुंदर शरीर झिलमिलाता हुआ प्रकट हो रहा हो। लेकिन सूर्य के दिखाई देते ही यह सारा प्राकृतिक सौन्दर्य मिट गया।
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के लगभग 40 शब्दों में उत्तर दीजिए- (2 × 2 = 4)
(i) पंथी क्या सोच रहा है और क्यों ?
उत्तर:
पंथी यह सोच रहा है कि कहीं जीवन रूपी पथ में मृत्यु रूपी अंधकार छा गया तो मैं लक्ष्य की प्राप्ति नहीं कर पाऊँगा अतः मुझे अपनी गति बढ़ानी चाहिए। मंजिल अब ज़्यादा दूर नहीं है।
(ii) दूरदर्शन वाले कैमरे के सामने कमज़ोर को ही क्यों लाते हैं ?
उत्तर:
दूरदर्शन वालों को पता है कि कमज़ोर व अशक्त लोगों के प्रति समाज में करुणा व दया का भाव होता है। लोग दूसरे के दुःख के बारे में जानना चाहते हैं और दूरदर्शन वाले उनकी इसी भावना का फायदा उठाते हुए ऐसे कार्यक्रम बनाते हैं।
(iii) तुलसीदास के समय तत्कालीन समाज कैसा था ?
उत्तर:
तुलसीदास के समय में सामाजिक मान्यताएँ व परम्पराएँ नष्ट हो रही थीं। समाज में धार्मिक अंधविश्वास फैल रहा था जिनमें पूरा समाज फँसता जा रहा था। समाज में नारी की स्थिति शोचनीय थी।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के लगभग 60 शब्दों में उत्तर दीजिए- (3 × 2 = 6)
(i) भक्तिन के स्वभाव की ऐसी दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए जिनके कारण उसने लेखिका को अपने अनुसार ढाल लिया।
उत्तर:
- अभक्तन देहाती खाना-पीना (मकई, दलिया, मट॒ठा, ज्वार के भुने सफ़ेद दानों की खिचड़ी आदि) बनाना जानती थी।
- देहाती खाने की रुचि न होते हुए भी लेखिका को खाना पड़ता था।
- लेखिका को अपने बोलचाल, खान-पान के अनुरूप ढाल लिया लेकिन खुद को लेखिका के अनुसार नहीं ढाल पाई।
व्याख्यात्मक हल-भक्तिन देहाती खाना-पीना (मकई, दलिया, मट्ठा, ज्वार के भुने सफ़ेद दानों की खिचड़ी आदि) बनाना जानती थी। खाने की रुचि न होते हुए भी लेखिका को भक्तिन के बनाए खाने को खाना पड़ता था। भक्तिन ने कुछ ही दिनों में लेखिका को अपनी बोल-चाल, खान-पान के अनुरूप ढाल लिया लेकिन स्वयं को लेखिका के अनुसार नहीं बना पाई।
(ii) “बाजारूपन’ से आप क्या समझते हैं? कैसे लोग बाज़ार को सार्थकता प्रदान करते हैं?
उत्तर:
बाज़ारूपन से बाज़ार में कपट भाव बढ़ता है और अपनेपन के अभाव में आपस में उचित व्यवहार में कमी आ जाती है। ग्राहक और विक्रेता के संबंध केवल व्यावसायिक ही रह जाते हैं। एक की हानि में दूसरा अपना लाभ देखने लगता है। वे व्यक्ति ही बाज़ार को सार्थकता दे सकते हैं जो अपनी आवश्यकताओं को ठीक-ठीक समझकर बाज़ार का उपयोग करते हैं। यदि हम बाज़ार की चमक-दमक में फँसकर रह गए तो वह हमें असंतोष, तृष्णा, घृणा एवं ईर्ष्या से घायल कर बेकार बना डालता है।
(iii) जीजी इंदरसेना पर पानी फेंकना पानी की बर्बादी क्यों नहीं मानती ? उनके तर्कों का उल्लेख कौजिए।
उत्तर:
‘इंदर सेना’ गाँव के बालकों और किशोरों की एक मंडली थी जो लोगों से घर-घर जाकर पानी की माँग करती थी। जीजी ने कहा कि यदि हम इंदर सेना पर पानी नहीं फेंकेंगे तो इन्द्र भगवान हमें पानी कैसे देंगे ? यह पानी की बर्बादी नहीं है बल्कि यह तो पानी का अर्ध्य है जिसे हम कुछ पानी की चाह लेकर इंद्र को चढ़ाते हैं। मनुष्य जिस वस्तु को दान में नहीं देगा तो फिर कैसे पाएगा ? ऋषि-मुनियों ने दान को सर्वोत्तम बताया है। त्याग-भावना से जो दान दिया जाता है उसी से फल की प्राप्ति होती है। जिस प्रकार किसान तीस-चालीस मन गेहूँ की पैदावार प्राप्त करने के लिए पहले अपने खेत में पाँच-छ: सेर अच्छे गेहूँ की बुवाई करता है इसी प्रकार हमारे इस कार्य से प्रसन्न होकर इन्द्र देवता काले मेघा लेकर वर्षा करेंगे जिससे गाँव, शहर, खेत-खलिहान खिल उठेंगे।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के लगभग 40 शब्दों में उत्तर दीजिए। (2 × 2 = 4)
(i) लेखक किस कार्य को व्यर्थ मानता है और क्यों ?
उत्तर:
लेखक सूखे के समय मेढक मंडली पर पानी फेंकना व्यर्थ मानता है। वर्षा न होने के कारण पानी की इतनी कमी अधिक कमी है। उसके अनुसार दिन-दिन गहराते पानी के संकट के समय मेढ़क मंडली पर पानी फेंकना पानी की बर्बादी है। ऐसे अंधविश्वासों से देश का ही नुकसान होता है।
(ii) “बाज़ार दर्शन” में लेखक किसकी महिमा का कायल है?
उत्तर:
“बाज़ार दर्शन’ में लेखक पत्नी की महिमा का कायल है क्योंकि आदिकाल से फ़िजूलखर्ची में पत्नी की प्रमुखता पति से अधिक प्रमाणित है। पत्नी जब पति के साथ बाज़ार जाती है तो वह अपने पति को कुछ अधिक सामान खरीदने को मजबूर कर देती है।
(iii) जेठ-जिठैतों के मन किस कारण ललचा जाते थे ?
उत्तर:
भक्तिन के हरे-भरे खेत, मोटी-ताज़ी गाय-भैंस और फलों से लदे पेड़ देखकर जेठ-जिठौतों के मन ललचा जाते थे और किसी भी प्रकार उन्हें हड़प लेने को बेचैन रहते थे। वे भक्तिन की सारी संपत्ति पर अपना कब्जा कर लेना चाहते थे।
पूरक पाठ्यपुस्तक वितान भाग-2 अंक (4)
प्रश्न 14.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए किन्हीं दो प्रश्नों के लगभग 60 शब्दों में उत्तर दीजिए। (2 × 2 = 4)
(i) मुअनजो-दड़ो की मुहरों पर अंकित पशु आकृतियाँ देख क्या अनुमान लगाया जाता है?
उत्तर:
मोअनजो-दड़ो में मिली मुहरों पर पशु आकृतियाँ जैसे वृषभ, हाथी, गैंडा तथा एक मुहर पर बाघों के लड़ने के चित्र मिले। ऐसी कई वस्तुएँ यह प्रमाणित करती हैं कि उस समय वहाँ वन और जंगल हुआ करते थे। इसलिए मुअनजो-दड़ों की मुहरों पर अंकित पशु आकृतियाँ देख कर अनुमान लगाया जा सकता है कि उस समय जंगल अधिक थे।
(ii) यशोधर बाबू को अपना साला गिरीश कैसा व्यक्ति लगता है?
अथवा
मंत्री नामक मास्टर के विषय में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
यशोधर बाबू को अपना साला गिरीश भयंकर ओछा व्यक्ति लगता है क्योंकि वह महत्त्वाकांक्षी होने के साथ-साथ येन-केन-प्रकारेण उन्नति प्राप्त करने में विश्वास करता था तथा वह लड़कों को शार्टकट द्वारा उन्नति प्राप्त करने के उपाय बताता रहता है जो यशोधर बाबू के सिद्धान्तों के बिल्कुल विरुद्ध है। वह जीवन में शार्टकट से सफ़लता प्राप्त करने वाले व्यक्तियों का बिल्कुल समर्थन नहीं करते थे।