CBSE Class 6 Hindi रचना पत्र-लेखन
पत्र-लेखन एक कला है, जिसके माध्यम से दूर रहने वाले मित्रों एवं संबंधियों का समाचार प्राप्त किया जाता है तथा अपने विचार और समाचार उन तक पहुँचाए जाते हैं। पत्र की भाषा सरल एयं स्पष्ट तथा इसका भाव बोधगम्य होना चाहिए।
पत्र के प्रकार-पत्र मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं-
1. व्यक्तिगत-पत्र-यह साधारणतः संबंधियों एयं मित्रों को लिखे जाते हैं तथा इनका विषय भी व्यक्तिगत होता है।
2. ब्यावसायिक-पत्र-इसका प्रयोग ब्यापारी तथा व्यावसायिक संस्थाएँ ब्यापार में करती हैं।
3. कार्यालयीन-पत्र-इनका प्रयोग कार्यालयों तथा विभिन्न सरकारी विभागों में होता है।
4. प्रार्यना-पत्र-इनमें हुट्टी, नौकरी, शुल्क या दंड क्षमा कराने हेतु आवेदन किया जाता है।
किसी भी पत्र के सात अंग होते हैं-
1. स्थान एवं तिथि-पत्र जिस स्थान से तथा जिस तिथि को लिखा जाता है, इसका उल्लेख पत्र के ठीक ऊपर बाईं ओर किया जाता है।
2. प्रशस्ति या संबोधन-जिसे पत्र लिखा जाता है, उसके लिए उपयुक्त संबोधन का प्रयोग किया जाता है; जैसे-प्रिय, पूजनीय, मान्ययर, श्रीमान आदि।
3. अभिवादन-संबोधन के नीचे संबंधित व्यक्ति के लिए अभिवादन या आशीषसूचक शब्द लिखा जाता है।
4. पत्र का कलेवर-मुख्य बातें, जिनके लिए पत्र लिखा जा रहा है, उसका वर्णन किया जाता है।
5. प्रेषक विशेषण-पत्र लिखने वाला अपने लिए उपयुक्त विशेषणों का प्रयोग करता हैं; जैसे-आपका पुत्र, भवदीय आदि।
6. हस्ताक्षर-प्रेषक विशेषण के नीचे पत्र लिखने वाला अपना नाम लिखता है।
7. पता-जिसे पत्र भेजा जा रहा है, उसका पूरा पता लिफाफ़े पर लिखा जाता है।
विभिन्न प्रकार के पत्रों के आरंभ और समापन की औपचारिकता संबंधी शब्द
विभिन्न प्रकार के पत्रों का प्रारूप
1. व्यक्तिगत-पत्र का प्रारूप
व्यक्तिगत-पत्र के उदाहरण
1. ऐतिहासिक स्यलों के भ्रमण की अनुमति माँगते हुए पिता जी को पन्न।
परीक्षा भवन, क.ख.ग विद्यालय
पानीपत, हरियाणा
6 सितंबर, 20 x x
पूल्य पिता जी
सादर चरणस्पर्श
में यहाँ कुशलपूर्वक हूँ तथा ईश्वर से आपकी कुशलता एवं अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करता हूं। मेरी पढ़ाई ठीक चल रही है। अगले महीने विद्यालय के बच्चों को ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण के लिए ले जाया जा रहा है। इसके लिए प्रत्येक विद्यार्यी को ₹ 500 शुल्क जमा करना है। मैं भी विद्यालय के छात्रों के साथ भ्रमण हेतु जाना चाहता हूँ। शुल्क के अतिरिक्त संभवतः भ्रमण करते हुए और रुपयों की आवश्यक्ता पड़ेगी। अतः आप शीघ्र ही ₹ 1500 मेजने की कृपा करें h
माता जी को चरणस्पर्श एवं रानी को प्यार।
आपका पुत्र
य.र.ल.
2. मित्र को ग्रीप्मायकाश साव बिताने के लिए पत्र।
परीक्षा भवन, क.ख.ग. विद्यालय
नई दिल्ली
16 अप्रैल, 20 x x
प्रिय मित्र सौरम
सप्रेम नमस्ते।
आज तुम्हारा पत्र मिला। यह जानकर प्रसन्नता हुई कि इस साल गर्मी की छुट्टियों में तुम कहीं भ्रमण का कार्यक्रम बना रहे हो। मेरी यह हार्दिक इच्छा है कि इस साल छुट्टियाँ तुम मेरे साथ बिताओ। मैंने ग्रीष्मावकाश में अपने गाँब जाने का कार्यक्रम बनाया है। गर्मियों में वहाँ सारी दोपहरी आम के बगीचों में आम तोड़ते हुए बिताना तथा शाम को लहलहाते खेतों में घूमना मन को बहुत सुकून देता है। अगर तुम साथ रहोगे तो यह आनंदद दोगुना हो जाएगा। मेरी इस योजना पर विचार करना तथा अपने फैसले से मुझे शीप्र अवगत कराना।
चाचा-चाची को मेरा प्रणाम एवं छोटू को प्यार कहना।
तुम्हारा अभिन्न मित्र
य.र.ल.
3. होटे भाई को कुसंगति से बचाने के लिए पत्न।
परीक्षा भवन, क.ख.ग. विद्ययालय
कोलकाता
7 सितंबर, 20 x x
प्रिय राजीव
शुभाशीष।
आज तुम्हारे विद्ययालय के प्रधानाचार्य द्वारा भेजा गया पत्र मिला। पत्र पढ़ते ही मुझसे रहा नहीं गया और मैं तुम्हें पत्र लिखने बैठ गया। प्रधानाचार्य ने लिखा है कि तुम आजकल ऐसे लड़कों की संगति में पड़ गए हो, जिनका उद्देश्य पढ़ना है ही नहीं। उन्हीं के कारण विद्यालय में तुम्हारी अनुपस्थिति बढ़ गई है और कक्षा में तुम्हारे प्रदर्शन में भी काफ़ी गिरावट आई है। पिता जी यह सब सुनकर अत्यंत दुखित हैं। तुम जानते ही हो हमारे माता-पिता ने कितनी कठिनाइयों से हमारा पालन-पोषण किया है। तुम्हारे विषय में यह सब सुनकर उनके हुदय पर क्या बीती होगी, तुम इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते। उनके साथ-साथ तुम्हारी खुद के प्रति भी कुछ ज़िम्मेदारियाँ हैं। तुम्हारा एक गलत कदम तुम्हारे साथ हम सबके जीवन में हलचल ला सकता है। मेरी सलाह है कि तुम अपनी जिम्मेदारियों को समझो तथा गलत दोस्तों का साथ छोड़कर अपने जीवन का बेहतर निर्माण करो। प्यार और शुभकामनाओं सहित।
तुम्हारा अग्रज
य.र.ल.
4. परीका-परिणाम बताते हुआ माता जी को पत्र। परीक्षा भवन, क.ख.ग. वैद्यालय
नई दिल्ली
7 सितंबर, 20 x x
आदरणीया माता जी
सादर चरणस्पर्श।
आज मेरा परीक्षाफल घोषित हुआ है। आपको जानकर प्रसन्नता होगी कि मेने कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। मुझे दो विषयों में 90 से अधिक अंक प्राप्त हुए हैं। मुझे कुल 89 % अंक प्राप्त हुए हैं। शिक्षकगण मेंरे प्रदर्शन से संतुष्ट है। उन्हें आशा है कि मैं भविष्य में भी ऐसी ही उन्नति करूँगा। यह सब आपकी प्रेरणा और आशीर्वाद का फल है। अपने स्वास्थ्य के विषय में सूचना देते हुए पत्र अवश्य लिखिएगा। पूज्य पिता जी को चरणस्पर्श तथा शुभम को स्नेह।
आपका प्रिय पुत्र
य.र.ल.
5. जन्मदिन के उपहार के लिए चाचा जी को धन्यवाद-पत्र।
परीक्षा भवन, क.ख.ग. विद्यालय
नई दिंल्ली
17 सितम्बर, 20 x x
आदरणीय चाचा जी
सादर प्रणाम।
आज ही आपका पत्र मिला और साथ में मेरे जन्मदिन के अवसर पर भेजी गई घड़ी भी प्राप्त हुई। मुझे घड़ी की अत्यंत आवश्यकता थी। परीक्षा नज़दीक आ रही थी और परीक्षा भयन में यदि घड़ी हाथ में हो तो समय का पता चलता रहता है। आपके द्वारा भेजी हुई घड़ी अत्यंत सुंदर है। मेरे सभी मित्र इसकी प्रशंसा कर रहे हैं। आपके दूवारा भेजा यह उपहार मेरे लिए अनमोल है। में इसके लिए आपका अत्यंत आभारी रहैंगा। इस उपहार के लिए आपको बार-बार धन्यवाद देता हूं।
आपका स्नेहपात्र
य.र.ल.
6. परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर मित्र को बधाई-पत्र।
परीक्षा भवन, क.ख.ग. विद्यालय
नई दिल्ली
27 सितंबर, 20 x x
प्रिय मित्र रमन
सप्रेम नमस्ते।
आज तुम्हारा पत्र मिला। यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता हुई कि तुमने विद्यालय की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इस सफलता पर मैं तुम्हें हार्दिक बधाई देता हुं। मुझे पूरा विश्वास है कि भविष्य में तुम इसी प्रकार प्रगति करते रहोगे।
शुभकामनाओं सहित
तुम्हरा मित्र
य.र.ल.
7. जन्म्पदिन पर आर्मंत्रित करते हुए मित्र को पत्र।
परीक्षा भवन, क.ख.ग. विद्यालय
नई दिल्ली
6 सितंबर, 20 x x
प्रिय मित्र राहुल
कल तुम्हारा पत्र मिला। यह जानकर प्रसन्नता हुई कि वाद-विवाद प्रतियोगिता में तुम्हें प्रथम पुरस्कार मिला। आगामी 1 अक्तूबर को मेरा ग्यारहवों जन्मदिन है। मेरे माता-पिता इस दिन कुङ विशेष आयोजन करने वाले हैं। मैं चाहता हैं तुम भी इस उत्सव का हिस्सा बनो। मेरे माता-पिता तुम्हें देखकर प्रसन्न होंगे। आशा है तुम,हमें निराश नहीं करोगे।
तुम्हारे आगमन की प्रतीक्षा { }^{\prime} में
तुम्हारा मित्र
य.र.ल.
8. ग्रीप्मावकाश कैसे बिताया, यह बताते हुए मिन्न को पत्र।
परीक्षा भवन
क.ख.ग. विद्यालय
नई दिल्ली
27 जुलाई, 20 x x
प्रिय समर्थ
सस्नेह नमस्ते।
तुम्हरा पत्र मिला। तुम सपरिवार स्वस्थ एवं प्रसन्न हो, यह जानकर बड़ी प्रसन्नता हुई।
मित्र, तुमने पत्र में पूछा था कि मैंने ग्रीष्मावकाश कैसे बिताया तो इस पत्र में तुम्हारे पास वही लिखकर भेज रहा हूँ। इस ग्रीष्मावकाश में मैं अपने ननिहाल देहरादून चला गया। वहाँ अपने समवयस्क ममेरे भाई के साथ छुट्टियों का आनंद उठाया। उसके साथ मेंने ‘शांतिकुंज आश्रम’ तथा वह स्थान देखा, जहाँ गंगा मैदानी भाग में प्रवेश करती हैं। वहाँ पड़े गोल-सुडौल पत्थरों को देख बड़ा आशचर्य हुआ। हमने वहाँ लक्ष्मण झूला तथा अनेक आश्रमों को देखा। हम दोनों सहस्तधारा गए और गंधकयुक्त जल में स्नान किए। हम दोनों ने पंद्म दिन मसूरी में बिताए। वहाँ बिताए एक-एक पल की याद अब भी ताज़ा है।
अपनी पढ़ाई के बारे में लिखना तथा चाचा-चाची को मेरा प्रणाम कहना।
तुम्हारा अभिन्न मित्र
य.र.ल.
9. जन्पदिन की वधाई देते हुए मित्र को पत्र।
परीक्षा भवन,
क.ख.ग. विद्यालय
नई दिल्ली
21 सितम्बर, 20 x x
प्रिय पल्लव
सस्नेह नमस्ते।
स्वयं.सकुशल रहते हुए आशा करता हैं कि तुम भी स्वस्थ एवं प्रसन्न होगे तथा परीक्षा की तैयारी में लगे होगे।
मित्र! सबसे पहले अपने जन्मदिन की ढेर सारी बधाइयाँ स्यीकार करो। ईश्वर करे तुम्हारे जीयन में यह दिन बार-बार आए। मित्र, चाहकर भी में इस बार तुम्हारे जन्मदिन के शुभ अवसर पर साथ नहीं रह सकूँगा। उसी दिन इलाहाबाद में मेरी एक परीक्षा है, जहाँ से लौट सकना संभव नहीं है। इसके लिए क्षमा-प्रार्थी हूँ। जन्मदिन के अवसर पर तुम्हारे लिए एक छोटा-सा उपहार भेज रहा हूँ। आशा है कि तुम्हें पसंद आएगा। एक बार पुनः ढेरों बधाइयाँ। वहाँ से लौटते ही तुमसे मिलूँगा। अपने माता-पिता से मेरा प्रणाम कहना।
तुम्हारा अभिन्न मित्र
य.र.ल.
10. बड़े भाई के विवाह के अवसर पर आमंत्रित करते हुए मित्र को पत्र।
परीक्षा भवन, क.ख.ग. विद्यालय
अमेठी, (उ०प्र०)
03 मार्च, 20 x x
प्रिय रोहित
सप्रेम नमस्ते
तुम्हें यह जानकर अल्यंत हर्ष होगा कि परमपिता ईश्यर की असीम कृपा से मेरे बड़े भाई का वियाह आगामी 28 मार्च को होना निश्चित हुआ है। बारात हमारे निवास स्थान से दोपहर तीन बजे प्रतापगढ़ के लिए खवाना होगी। विवाह की इस पावन बेला पर मैं तुम्हें सादर निम्मंत्रित करता हूं। मिंने दो-तीन अन्य मित्रों को भी निमंत्रित किया है। तुम्हारे आने से बारात में शामिल होने की खुशी दोगुनी हो जाएगी। तुम अपने आने से पहले सूचित करना में सी०एस०एम० नगर रेलये स्टेशन पर तुम्हें लेने आ जाऊँगा। कृपया समय से एक दिन पूर्व पहुँचने का कष्ट करना।
वैवाहिक कार्यक्रम की गिस्तृत जानकारी संलग्न निमंत्रण-पत्र पर छपी है।
तुम्बारे आगमन की प्रतीक्षा में
तुम्हारा अभिन्न मित्र
य.र.ल.
2. व्यावसायिक-पत्र का प्रारूप
पुस्तकें मैगाने हेतु पत्र
क.ख.ग. इन्क्लेय
जयपुर, राजस्थान
6 अप्रैल, 20 x x
सेवा में
प्रबंधक महोदय
फुल सर्कल एजुकेशन प्रा०लि०
4238 A / 1, अंसारी रोड
दरियागंज, नई दिल्ली
महोदय
मुझे निम्नलिखित पुस्तकों की शीप्र आवश्यकता है। कृपया इन पुस्तकों का नवीन संस्करण वी०पी०पी० द्वारा शीव्र भिजवाने का कष्ट करें। ध्यान रहे कि पुस्तकें कटी-फटी न हों। उनकी छपाई सुंदर तथा जिल्द मज़बूत हो। किताबों की पिकिंग ठीक तरह से की गई हो ताकि वे रास्ते में मुड़ें या कटें-फटें नहीं। मैं एक हज़ार रुपए अग्रिम भेज रहा हूँ। शेष राशि का बिल बनाकर कमीशन काटने का भी कष्ट करें। पुस्तकों का विवरण इस प्रकार है-
1. फुल मार्क्स हिंदी गाइड कक्षा 6 – 10 प्रति
2. फुल मार्क्स गणित – कक्षा 8 – 7 प्रति
3. फुल मार्क्स हिंदी कोर्स ए नौंवी कक्षा हेतु – 8 प्रति
4. फुल मार्क्स हिंदी कोर्स बी दसवीं कक्षा हेतु – 5 प्रति
धन्यवाद
भवदीया
य.र.ल.
3. कार्यालयी ( शिकायती) पत्र का प्रारूप
1. विद्युत बोर्ड के प्रबंथक को पत्र।
क.ख.ग. कॉलोनी
नई दिज्ली
02 फरवरी, 20 x x
सेवा में
महाप्रबंधक महोदय
एन०डी०पी०एल०
नई दिल्ली
विषय-बिजली की बार-बार कटौती के संबंध में पत्र।
महोदय
निवेदन है कि लक्ष्मी नगर क्षेत्र में बिजली संकट के कारण इस क्षेत्र के निवासियों को भीषण कठिनाई का सामना करना पड रहा है। विशेषकर छात्रों के लिए परीक्षा के इस समय बिजली की आवाजाही परेशानी का कारण है। अतः आपसे प्रार्थना है कि बिजली की सप्लाई नियमित करने का प्रयास करें।
धन्यवाद सहित
भवदीय
य.र.ल.
सचिव
लक्ष्मीनगर संघ
2. पेयजल संकट के निवारण हेतु जल प्रदाय संस्थान के अधिकारी को पत्र।
क.ख.ग. कॉलोनी
बुराड़ी, नई दिल्ली
15 मई, 20 x x
सेवा में
अधिकारी महोदय
जल प्रदाय संस्थान
सिविल लाइन जोन
16, राजपुर रोड, नई दिल्ली।
विषय- पेयजल संकट के संबंध में।
महोदय
मैं आपका ध्यान अपने मोहल्ले इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में व्याप्त पेयजल संकट की ओर आकर्षित कराना चाहता हूं।
इस कॉलोनी में पानी की लाइन नही बिछाई गई है। पीने के पानी के लिए कोलोनीवासियों को जल बोर्ड के टैंकर पर निर्भर रहना पड़ता है। गर्मी आते ही यह संकट और भी बढ जाता है। यह संकट तब और भी गहरा जाता है, जब चार-चार दिन टैकर नहीं आता। बिना पानी के हमें कितनी परेशानी उठानी पड़ती है, यह हमसे बेहतर कोई नहीं जानता है। हम आस-पास के हैंडपंपों का पानी भी नहीं पी सकते, क्योंकि यह पीने योग्य नहीं है। अतः आप प्रार्थना में व्यक्तिगत रुचि लेकर पेयजल संकट से हम कॉलोनीवासियों को मुक्ति दिलवाने की कृपा करें।
धन्यवाद सहित
भवदीय
य.र.ल.
3. अपने मोहल्ले में चोरी की बढ़ती घटनाओं को रोकने के संवंध में थानाध्यक्ष को पत्र लिखिए।
क.ख.ग. कॉलोनी
नई दिल्ली
25 अगस्त, 20 x x
सेवा में
थानाध्यक्ष महोदय
उत्तम नगर थाना, नई दिल्ली
विषय-मोहल्ले में बढ़ती चोरी की घटनाओं के संबंध में।
मान्यवर
मैं आपका ध्यान अपने मोहल्ले के जीवन पार्क की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ। यह आवासीय कोलोनी पंखा रोड के साथ स्थित है। यहाँ गत एक माह से चोरी की घटनाएँ अचानक बढ़ गई हैं। पिठले सप्ताह की एक रात को चोरों ने एक ही गली की तीन दुकानों का शटर काटकर चोरी की। उससे चार दिन पहले कुमार ज्चेलर्स नामक दुकान की दीवार काटकर सेफ तथा ढेरों आभूषण उठा ले गए। वे यह काम इतनी निडरता से करते हैं, मानों उन्हें कानून का कोई भय ही नहीं रह गया हो।
अतः आपसे प्रार्थना है कि इस मामले में व्यक्तिगत रुचि लेते हुए आवश्यक कार्ययाही करें तथा पुलिस गश्त बढ़ाने की कृपा करें।
सधन्यवाद
भवदीय
य.र.ल.
4. डाकिए की शिकायत करते हुए पत्र।
परीक्षा भवन
क.ख.ग. विद्यालय
दिलशाद गार्डन, नई दिल्ली
14 फरवरी, 20 x x
सेवा में
मुख्य डाक प्रबंधक महोदय
प्रधान डाकघर
कश्मीरी गेट, नई दिल्ली-110006
विषय-डाकिए की लापरवाही के संबंध में।
मान्यवर
मैं आपका ध्यान दिलशाद गार्डन पॉकेट 4 की गैर-जिम्मेदाराना डाक-वितरण व्यवस्था की ओर आकर्षित कराना चाहता हूं।
इस कॉलोनी का डाकिया सप्ताह में एक या दो दिन डाक-वितरण हेतु आता है और गली के किनारे खेल रहे बच्चों को गली भर के पत्र पकड़ाकर चला जाता है, जिससे हमारे पत्र हम तक नहीं पहुँच पाते हैं। बच्चों द्वारा इन पत्रों का दुरुपयोग करते देखा जा सकता है। कभी-कभी वह पत्रों को बर के अंदर डालने के बजाए गली में ही फेंककर चला जाता है। इस कारण अनेक नवयुवक समय से साक्षात्कार हेतु नहीं पहुँच सके हैं।
आपसे प्रार्यना है कि इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने की कृपा करें।
भवदीय
य.र.ल.
5. अपने मोहल्ते की सफ़ाई हेतु स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र।
क.ख.ग. नगर
नई दिल्ली
05 अगस्त, 20 x x
सेवा में
स्वास्थ्य अधिकारी महोदय
सियिल लाइंस क्षेत्र (दि०न०नि०)
16 , राजपुर रोड, नई दिल्ली
विषय-मोहल्ले की सफ़ाई के संबंध में पत्र।
मान्यवर
में आपका ध्यान अपने मोहल्ले राजीव नगर की सफ़ाई में की जा रही लापरवाही की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ। इस मोहल्ले में सफ़ाई कर्मचारी नियमित रूप से नहीं आते हैं। वे सप्ताह में एक या दो बार ही आते हैं और जैसे-तैसे सफ़ाई करके चले जाते हैं। वे कूड़े के ढेर जगह-जगह होड़ जाते हैं। इन कूड़ों पर मक्खी-मच्छर अपना बसेरा बना लेते हैं। गाय इनको इधर-उधर फैला जाती हैं, जिससे राह चलना मुक्किल हो जाता है। नालियों में पानी रुककर बदबू फैला रहा है, जिससे हैजा, आंत्रशोथ जैसी कई बीमारियाँ पैदा होने का खतरा उत्पन्न हो गया है।
आपसे प्रार्थना है कि इस मामले में व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करते हुए सफ़ाई व्यवस्था को ठीक कराने की कृपा करें।
सथन्यवाद
भवदीय
य.र.ल.
6. साइकिल खो जाने की सूचना देते हुए थानाध्यक्ष को पत्र।
परीक्षा भवन
क.ख.ग. विद्यालय
नई दिल्ली
13 जुलाई, 20 x x
सेथा में
थानाध्यक्ष महोदय
थाना-सब्ज़ी मंडी
घंटाघर नई दिल्ली
बिषय-साइकिल खोने के संबंध में।
महोदय
विनम्र निवेदन यह है कि कल दोपहर बाद में घंटाषर चीक के पास स्थित सब्ज़ी मंडी में सबियाँ तथा कुछ सामान खरीदने गया था। मैंने भीड़-भाड़ देख साइकिल को एक किनारे खड़ी करके ताला लगा दिया था। लगभग बीस मिनट बाद जब मैं वापस आया तो मेरी साइकिल गायब थी। आस-पास के लोगों से पूछताछ करने पर भी कुळ पता नहीं चला। लाल रंग की हीरो कंपनी की इस साइकिल को मैंने शक्ति नगर चौक से खरीदा धा, जिसकी रसीद पर उसकी फ्रेम संख्या अंकित है।
आपसे प्रार्थना है कि इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने की कृपा करें।
सथन्यवाद।
भवदीय
य.र.ल.
4. प्रार्थना-पत्र का प्रारूप
1. प्रघानाचार्ग को एक दिन के अवकाश के लिए प्रार्यना-पत्र।
परीक्षा भवन
क.ख.ग. विद्यालाल
नई दिल्ली
06 मार्च, 20 x x
सेवा में
प्रधानाचार्य महोदय
क.ख.ग. विद्यालय
शालीमार बाग
नई दिल्ली
बिषय-एक दिन के अयकाश के संबंध में।
महोदय
विनम्र निवेदन यह है कि मैं इस विद्यालय की छठी ‘ब’ की छात्रा हूं। कल विद्यालय से वापस आने के बाद से मुझ्रे बुखार आ गया और सिर में तेज दर्द होने लगा। डॉक्टर ने दवाएँ देकर एक दिन आराम करने की सलाह दी है। इस कारण में आज 6 मार्च, 20 x x को विद्यालय में उपस्थित होने में असमर्थ हूँ।
आपसे प्रार्थना है कि मुझ् 6 मार्च, 20 x x को अवकाश प्रदान करने की कृपा करें।
सधन्यवाद
आपकी आज्ञाकारिणी शिष्या
य.र.ल.
छठी ‘ब’, अनुक्रमांक 25
2. प्रधानाचार्य को शुल्क माफ़ कराने के लिए प्रार्थना-पत्र।
परीक्षा भवन
क.ख.ग. विद्ययालय
नई दिल्ली
10 जुलाई, 20 x x
सेवा में
प्रधानाचार्य महोदय
क.ख.ग. विद्ययालय
शाहाबाद, नई दिल्ली
विषय-शुल्क माफ़ कराने के संबंध में।
मान्यवर
सविनय निवेदन है कि मेरे पिता गंभीर रूप से बीमार हैं। उनकी बीमारी के कारण घर की आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब हो गई है। ऐसी परिस्थिति में में विद्यायाल का शुल्क जमा कराने में अक्षम हूँ। आपसे आग्रह है कि मेरी वियशता पर विचार कर मेरा पूरा शुल्क माफ़ कर दें। मैं अपनी कक्षा में सदैव प्रथम आता रहा हैं एवं विदूयालय की सभी गतिविधियों में भी भाग लेता हूँ। कृपया मेरा पूरा शुल्क माफ करने की कृपा करें ताकि मुझ्झे अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ने के लिए विवश न होना पड़े। मैं आपका सदैव आभारी रहूँगा।
सधन्यवाद
आपका आज्ञाकारी शिष्य
य.र.ल.
छठी ‘ब’, अनुक्रमांक 16
3. प्रधानाचार्य को विदूयालय परित्याग प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन।
परीक्षा भवन
क.ख.ग. विद्युलय
नई दिल्ली
16 जुलाई, 20 x x
सेवा में
प्रधानाचार्य महोदय
क.ख.ग. बिद्यालय
करोलबाग
नई दिल्ली
विषय-विद्यालय परित्याग प्रमाण-पत्र के संबंध में।
महोदय
सविनय निवेदन यह है कि मेंरे पिता जी का स्थानांतरण गोरखपुर हो गया है। मेरा परिवार शीघ्र ही वहां जाने की योजना बना रहा है। ऐसी स्थिति में मेरा यहाँ रहना संभव नहीं है। कृपा करके मुझे विद्यालय परित्याग प्रमाण-पत्र प्रदान करें ताकि में यहाँ किसी अच्छे स्कूल की छठी कक्षा में प्रवेश ले सकूँ। इसके लिए में आपकी सदा आभारी रहूँगी।
आपकी आज्ञाकारिणी छात्रा
य.र.ल.
छठी ‘ब’, अनुक्रमांक 12
4. प्रधानाचार्य को अर्थ-दंड माफ़ करवाने के लिए आबेदन।
परीक्षा भवन
क.ख.ग. विद्यूालय
नई दिल्ली
16 जुलाई, 20 x x
सेबा में
प्रथानाचार्य महोदय
क.ख.ग. विद्यालय
बाराखंबा रोड, नई दिल्ली
विषय-अर्थ-दंड माफ़ कराने के संबंध में।
महोदय
सविनय निवेदन यह है कि कल विद्यालय आते समय मेरी साइकिल का टायर अचानक पंचर हो गया। इस कारण विद्यालालय पहुँचने में मुझे आधे घंटे की देर हो गई। फलस्वरूप कक्षा अध्यापक ने मुझ पर 25 रु० का जुर्माना लगा दिया। मेरी आपसे प्रार्थना है कि मेरी विवशता को समझते हुए मुझे अर्थ-दंड से मुक्त करने की कृपा करें। मैं आपका अत्यंत आभारी रहूँगा।
आपसे प्रार्थना है कि इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने की कृपा करें।
आपका आक्षाकारी शिष्य
य.र.ल.
छठी ‘ए’, अनुक्रमांक 47