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Class 11 Geography NCERT Solutions Chapter 12 in Hindi विश्व की जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन
पाठ्यपुस्तक प्रश्न
1. कोपेन के A प्रकार की जलवायु के लिए निम्न में से कौनसी दशा अर्हक हैं?
(क) सभी महीनों में उच्च वर्षा
(ख) सबसे ठण्डे महीने का औसत मासिक तापमान हिमांक बिन्दु से अधिक
(ग) सभी महीनों का औसत मासिक तापमान 180 सेल्शियस से अधिक
(घ) सभी महीनों का औसत तापमान 10° सेल्शियस के नीचे।
उत्तर:
(ग) सभी महीनों का औसत मासिक तापमान 180 सेल्शियस से अधिक
2. जलवायु के वर्गीकरण से सम्बन्धित कोपेन की पद्धति को व्यक्त किया जा सकता है-
(क) अनुप्रयुक्त
(ख) व्यवस्थित
(ग) जननिक
(घ) आनुभविक।
उत्तर:
(घ) आनुभविक।
3. भारतीय प्रायद्वीप के अधिकतर भागों को कोपेन की पद्धति के अनुसार वर्गीकृत किया जायेगा—
(क) “Af”
(ख) “BSh”
(ग) “Cfb”
(घ) “Am”
उत्तर:
(घ) “Am”
4. निम्नलिखित में से कौनसा साल विश्व का सबसे गर्म साल माना गया है?
(क) 1990
(ख) 1998
(ग) 1885
(घ) 1950
उत्तर:
(ख) 1998
5. नीचे लिखे गए चार जलवायु के समूहों में से कौन आर्द्र दशाओं को प्रदर्शित करता है ?
(क) A – B – C – E
(ख) A – C – D – E
(ग) B – C – D – E
(घ) A – C – D – F
उत्तर:
(ख) A – C – D – E
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए-
प्रश्न 1.
जलवायु के वर्गीकरण के लिए कोपेन के द्वारा किन दो जलवायविक चरों का प्रयोग किया गया है?
उत्तर:
कोपेन ने वनस्पति के वितरण और जलवायु के बीच एक घनिष्ठ सम्बन्ध की पहचान की। उन्होंने तापमान एवं वर्षण नामक दो जलवायविक चरों के कुछ निश्चित मानों का प्रयोग जलवायु के वर्गीकरण में किया।
प्रश्न 2.
वर्गीकरण की जननिक प्रणाली आनुभविक प्रणाली से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर:
जलवायु वर्गीकरण की जननिक प्रणाली में जलवायु को उनके कारणों के आधार पर संगठित किया जाता है जबकि आनुभविक प्रणाली में जलवायु तापमान और वर्षण से सम्बन्धित आँकड़ों पर आधारित है।
प्रश्न 3.
किस प्रकार की जलवायुओं में तापान्तर बहुत कम होता है?
उत्तर:
उष्ण कटिबन्धीय आर्द्र जलवायु में तापान्तर बहुत कम होता है। उष्ण कटिबंधीय आर्द जलवायु कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच पाई जाती है। सम्पूर्ण वर्ष सूर्य के उर्ध्वस्थ तथा अंतर उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र की उपस्थिति के कारण यहाँ की जलवायु उष्ण एवं आर्द्र रहती है।
प्रश्न 4.
सौर कलंकों में वृद्धि होने पर किस प्रकार की जलवायविक दशाएँ प्रचलित होंगी?
उत्तर:
सौर कलंक सूर्य पर काले धब्बे होते हैं, जो एक चक्रीय ढंग से घटते-बढ़ते रहते हैं। कुछ मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार सौर कलंकों में वृद्धि होने पर मौसम ठण्डा और आर्द्र हो जाता है और तूफानों की संख्या बढ़ जाती
है।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए-
प्रश्न 1.
A एवं B प्रकार की जलवायुओं की जलवायविक दशाओं की ‘तुलना उत्तर-A एवं B प्रकार की जलवायुओं की जलवायविक दशाओं की तुलना-
उत्तर:
A प्रकार की जलवायु करें। | B प्रकार की जलवायु |
1. A प्रकार की उष्ण कटिबन्धीय जलवायु कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच पाई जाती है। | B प्रकार की शुष्क जलवायु पृथ्वी के बहुत बड़े भाग पर पाई है जो कि विषुवत वृत्त से 15° उत्तरी व दक्षिणी अक्षांशों के बीच विस्तृत है। |
2. A प्रकार की जलवायु उष्ण व आर्द्र जलवायु है। | B प्रकार की जलवायु शुष्क जलवायु है। |
3. इस प्रकार की जलवायु के क्षेत्रों में तापान्तर बहुत कम तथा वर्षा अधिक होती है। | इसी प्रकार की जलवायु के क्षेत्रों में तापान्तर बहुत अधिक तथा वर्षा कम होती है। |
4. इस प्रकार की जलवायु के क्षेत्रों में पूरे वर्षभर सूर्य के ऊर्ध्वस्थ तथा अन्तर उष्ण कटिबन्धीय अभिसरण क्षेत्र की उपस्थिति के कारण जलवायु उष्ण व आर्द्र रहती है। | इस प्रकार की जलवायु के क्षेत्रों में तापमान का अवतलन और उत्क्रमण होने के कारण वर्षा नहीं होती है फलस्वरूप शुष्क जलवायु पायी जाती है। |
5. इसमें वार्षिक वर्षा की तुलना में वार्षिक वाष्पीकरण कम होता है। | इसमें वर्षण की तुलना में वाष्पीकरण अधिक होता है। |
प्रश्न 2.
C तथा A प्रकार की जलवायु में आप किस प्रकार की वनस्पति पायेंगे?
उत्तर:
C प्रकार की जलवायु में वनस्पति-
- भूमध्यसागरीय जलवायु वाले क्षेत्र ( Cs):
इन क्षेत्रों में लम्बी जड़, मोटी व चिकनी पत्ती तथा छाल वाले वृक्ष पाए जाते हैं जो कि शुष्क ग्रीष्म ऋतु में भी जीवित रहते हैं। जैतून का पेड़ इस जलवायु की प्राकृतिक वनस्पति का प्रतिनिधि वृक्ष कहा जाता है। ओक, बालनट, चेस्टनट, साइप्रस, सिडार, पाइन, शहतूत आदि इस प्रदेश के मुख्य वृक्ष हैं। - चीन तुल्य जलवायु प्रदेश (Cw):
इन क्षेत्रों में चौड़ी पत्तियों वाले सदाबहार वन पाए जाते हैं। ओक, यूकिलिप्टस, ताड़, बाँस, लारेल, फर, स्प्रूस, पाइन, सीडर तथा चेस्टनट आदि वृक्ष पाए जाते हैं। सामान्य वर्षा वाले क्षेत्रों में घास ही वनस्पति का प्रतिनिधित्व करती है। - पश्चिमी यूरोप तुल्य जलवायु प्रदेश:
शीतोष्ण पतझड़ी वन इस प्रदेश की प्रमुख प्राकृतिक वनस्पति है, जो शीतकाल में न्यून तापमानों से बचने के लिए अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं। यहाँ ओक, बीच, एल्म, एश, बर्च, चेस्टनट आदि वृक्ष प्रमुखता से पाए जाते हैं।
A प्रकार की जलवायु में वनस्पति:
- विषुवतरेखीय जलवायु प्रदेश (Af):
इस प्रदेश में वर्ष भर उच्च तापमान और समान रूप से वितरित वर्षा के कारण सदाबहार वनस्पति पाई जाती है। यहाँ कठोर तने तथा चौड़ी पत्ती वाले वृक्ष यथा रबड़, एबोनी, ताड़, महोगनी, गटापार्चा, बाँस, बेंत चन्दन, आबनूस, सिनकोना आदि प्रमुख रूप से पाए जाते हैं। - सवाना तुल्य जलवायु प्रदेश (Aw):
इस प्रदेश में प्राकृतिक वनस्पति के रूप में ऊँची सवाना घास पाई जाती है। इन घास के मैदानों को सूडान में सवाना, ब्राजील में कैम्पोस, द. अफ्रीका में पार्कलैण्ड और वेनेजुएला में लानोज कहते हैं। - मानसूनी जलवायु प्रदेश (Am):
इस प्रदेश की प्राकृतिक वनस्पति वर्षा की मात्रा पर निर्भर करती है। 200 सेण्टीमीटर से अधिक वर्षा वाले भागों में सदाबहार वृक्ष यथा देवदार, ताड़, महोगनी, गटापार्चा आदि पाए जाते हैं। 100 सेण्टीमीटर से 200 सेण्टीमीटर तक वर्षा वाले भागों में मानसूनी वनों के अन्तर्गत चौड़ी पत्ती वाले वृक्ष यथा साल, सागवान, शीशम, आम, बाँस आदि पाए जाते हैं। 50 से 100 सेण्टीमीटर तक वर्षा वाले भागों में शुष्क वनों के अन्तर्गत कीकर, बबूल आदि तथा काँटेदार झाड़ियाँ पाई जाती हैं।
प्रश्न 3.
ग्रीन हाउस गैसों से आप क्या समझते हैं? ग्रीन हाउस गैसों की एक सूची तैयार करें।
उत्तर:
ग्रीन हाउस गैसें:
ग्रीन हाउस गैसों की उपस्थिति के कारण वायुमण्डल एक ग्रीन हाउस की भाँति व्यवहार करता है। वायुमण्डल प्रवेशी सौर विकिरण का पोषण भी करता है लेकिन पृथ्वी की सतह से ऊपर की तरफ उत्सर्जित होने वाली अधिकतम दीर्घ तरंगों को अवशोषित कर लेता है। अतः वे गैसें जो कि विकिरण की दीर्घ तरंगों का अवशोषण करती हैं, ग्रीन हाउस गैसें कहलाती हैं। वायुमण्डल का तापन करने वाली प्रक्रियाओं को सामूहिक रूप से ‘ग्रीन हाउस प्रभाव’ कहा जाता है। किसी भी ग्रीन हाउस गैस का प्रभाव इसके सांद्रण में वृद्धि के परिणाम, वायुमंडल में इसके जीवन काल तथा इसके द्वारा अवशोषित विकिरण की तरंग लम्बाई पर निर्भर करता है। ग्रीन हाउस गैसों के अणु जितने लंबे समय तक बने रहते हैं इनके द्वारा लाए गए परिवर्तनों से पृथ्वी के वायुमंडलीय तंत्र को उबरने में उतना अधिक समय लगता है। वायुमंडल में उपस्थित ग्रीन हाउस गैसों में सबसे अधिक सांद्रण CO2 का है। वायुमडल में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इनमें सबसे महत्त्वपूर्ण ‘क्योटो प्रोटोकॉल’ है।
- ग्रीन हाउस गैसों की सूची इस प्रकार है-
- कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)
- क्लोरोफ्लोरो कार्बन्स (CFCs)
- मीथेन (CH4)
- नाइट्रस ऑक्साइड (N2O)
- ओजोन (O3)
- ग्रीन हाउस गैसों के सांद्रण में वृद्धि करने वाली गैसें-
- नाइट्रिक ऑक्साइड (NO)
- कार्बन मोनो ऑक्साइड (CO)