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NCERT Class 7th Hindi Chapter 6 गिरिधर कविराय की कुंडलिया Question Answer
गिरिधर कविराय की कुंडलिया Class 7 Question Answer
कक्षा 7 हिंदी पाठ 6 प्रश्न उत्तर – Class 7 Hindi गिरिधर कविराय की कुंडलिया Question Answer
पाठ से प्रश्न – अभ्यास
(पृष्ठ 74-79)
मेरी समझ से
(क) पाठ के आधार पर नीचे दिए गए प्रश्नों का सही उत्तर कौन-सा है ? उसके सामने तारा (*) बनाइए । कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।
(1) ” बिना विचारे” काम करने के क्या परिणाम होते हैं?
- दूसरों से प्रशंसा मिलती है।
- मन में शांति बनी रहती है।
- अपना काम बिगड़ जाता है।
- खान-पान सम्मान मिलता है।
उत्तर :
अपना काम बिगड़ जाता है।
(2) “चित्त में चैन” न पा सकने का मुख्य कारण क्या है?
- प्रयास करने पर भी टाला न जा सकने वाला दुख
- बिना सोचे-समझे किए गए कार्य की असफलता
- खान-पान, सम्मान और राग-रंग का अभाव
- दुनिया द्वारा की जाने वाली निंदा और उपहास
उत्तर :
दुनिया द्वारा की जाने वाली निंदा और उपहास
(3) “बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ ” पंक्ति द्वारा कौन – सी सलाह दी गई है ?
- भविष्य की सफलता के लिए अतीत की गलतियों से सीखने की
- अतीत की असफलताओं को भूलकर भविष्य पर ध्यान देने की
- अतीत और भविष्य दोनों घटनाओं को समान रूप से याद रखने की
- अतीत और भविष्य दोनों को भूलकर केवल वर्तमान में जीने की
उत्तर :
अतीत की असफलताओं को भूलकर भविष्य पर ध्यान देने की।
(4) “जो बनि आवै सहज में ताही में चित देइ’ पंक्ति का क्या अर्थ है ?
- हमें कठिनाइयों और चुनौतियों से बचना चाहिए।
- हमें आराम की तलाश करने में मन लगाना चाहिए।
- हमें असंभव और कठिन कार्यों पर ध्यान देना चाहिए।
- हमें सहज जीवन पर ध्यान देना चाहिए ।
उत्तर :
हमें सहज जीवन पर ध्यान देना चाहिए।
(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग-अलग उत्तर चुनें हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर :
(1) बिना बिचारे काम करने से काम का अच्छा परिणाम नहीं मिलता और बाद में पछताना पड़ता है।
(2) यदि हम बिना सोच-विचार के कार्य करते हैं तो काम बिगड़ जाता है और लोगों को हमारी निंदा व हँसी उड़ाने का अवसर भी मिल जाता है। इससे मन दुखी होता है।
(3) अतीत की असफलता और गलतियों को लेकर बैठे नहीं रहना चाहिए। असफलताओं को भुलाकर भविष्य को सुधारने का प्रयास करना चाहिए।
(4) बीती बातों को भुलाकर, आगे की सोचकर कार्य करना चाहिए। सहज भाव से व मन लगाकर काम करने से सफलता जरूर मिलती है।
पंक्तियों पर चर्चा
पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए।
(क) “ बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय।
काम बिगारे आपनो जग में होत हँसाय ।।
उत्तर :
पक्तियों को ध्यान से पढ़कर यह समझ आता है कि जो इंसान किसी कार्य को करने से पूर्व सोच-विचार नहीं करता और जल्दीबाजी में कार्य को निपटा देना चाहता है, उसे बाद में पछताना पड़ता है । काम खराब हो जाता है और लोगों की आलोचना और मजाक को भी सहना पड़ता है।
(ख) “बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि ले ।
जो बनि आवै सहज में ताही में चित देइ ||
उत्तर :
अतीत में हुई गलतियों को भूलकर जीवन में आगे आने वाली स्थितियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। कार्य को समझकर करने का प्रयास करें, तो वह सहजता और सरलता से पूर्ण होता है। ऐसा करने पर कोई हँसेगा नहीं और अपने कार्य को एकाग्रता के साथ संपन्न कर सकते हैं
मिलकर करें मिलान
नीचे स्तंभ 1 में कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं, उनसे संबंधित अर्थ वाली स्तंभ 2 की पंक्तियों से उनका मिलान कीजिए-
स्तंभ 1 | स्तंभ 2 |
1. जग में होत हँसाय चित्त में चैन न पावै । खान पान सन्मान राग रंग मनहिं न भावै।। | 1. जो कार्य बिना विचार किए किया जाता है, वह लंबे समय तक मन में खटकता रहता है और उसकी पीड़ा से छुटकारा पाना मुश्किल होता है। |
2. कह गिरिधर कविराय दुख कछु टरत न टारे । टकत है जिय माहिं कियो जो बिना बिचारे ॥ | 2. बिना विचार के किए गए कार्य के कारण मन अशांत रहता है। अच्छा खान-पान, सम्मान या जीवन की खुशियाँ भी उस व्यक्ति को सुख नहीं दे पातीं। |
3. ताही में चित देइ बात जोई बनि आवै । दुर्जन हँसै न कोइ चित्त में खता न पावै।। | 3. अपने मन को इस बात पर विश्वास करना सिखाओ कि भविष्य की खुशी को समझते हुए अतीत के दुखों को भुलाकर आगे बढ़ना चाहिए। |
4. कह गिरिधर कविराय यहै करु मन परतीती। आगे को सुख होइ समुझि बीती सो बीती॥ | 4. ऐसे कार्य कीजिए कि किसी बुरे व्यक्ति को हँसने का मौका न मिले और मन में किसी प्रकार का दोष या अपराधबोध न हो। |
उत्तर :
स्तंभ 1 | स्तंभ 2 |
1. जग में होत हँसाय चित्त में चैन न पावै । खान पान सन्मान राग रंग मनहिं न भावै।। | 2. बिना विचार के किए गए कार्य के कारण मन अशांत रहता है। अच्छा खान-पान, सम्मान या जीवन की खुशियाँ भी उस व्यक्ति को सुख नहीं दे पातीं। |
2. कह गिरिधर कविराय दुख कछु टरत न टारे । टकत है जिय माहिं कियो जो बिना बिचारे ॥ | 1. जो कार्य बिना विचार किए किया जाता है, वह लंबे समय तक मन में खटकता रहता है और उसकी पीड़ा से छुटकारा पाना मुश्किल होता है। |
3. ताही में चित देइ बात जोई बनि आवै । दुर्जन हँसै न कोइ चित्त में खता न पावै।। | 4. ऐसे कार्य कीजिए कि किसी बुरे व्यक्ति को हँसने का मौका न मिले और मन में किसी प्रकार का दोष या अपराधबोध न हो। |
4. कह गिरिधर कविराय यहै करु मन परतीती। आगे को सुख होइ समुझि बीती सो बीती॥ | 3. अपने मन को इस बात पर विश्वास करना सिखाओ कि भविष्य की खुशी को समझते हुए अतीत के दुखों को भुलाकर आगे बढ़ना चाहिए। |
सोच-विचार के लिए
पाठ को एक बार पुनः पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए-
(क) “ बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय । ” कविता में बिना विचार किए कार्य करने के क्या नुकसान बताए गए हैं?
उत्तर :
कार्य को बिना विचारे करने से पछतावा होता है। इस से जीवन में नुकसान उठाने पड़ते हैं, जैसे कि समय नष्ट होना, लोगों के साथ मेल-जोल घटता है और संबंधों पर दुष्प्रभाव पड़ता है, मन में ग्लानि की भावना उत्पन्न होती है और आगे आने वाले कार्यों में भी बाधा उत्पन्न हो सकती है।
(ख) “बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय । ” कुंडलिया में जो बातें सैंकड़ों साल पहले कही गई थीं, क्या वे आपके लिए भी उपयोगी हैं? कैसे? उदाहरण देकर समझाइए ।
उत्तर :
कुंडलियाँ में कही बातें आज भी उपयोगी हैं। “ बिना बिचारे जो करे, सो पाछे पछिताय” यह पंक्ति जिंदगी में किए जाने वाले कामों की वास्तविकता को सामने लाती हैं। इसका संदेश आज भी सार्थक है। कई बार हम बिना ध्यान और समझ से काम को जल्द से जल्द पूरा कर लेना चाहते हैं, परंतु उसके बुरे परिणामों को अनदेखा कर देते हैं। काम बिगड़ जाता है और निंदा सहनी पड़ती है, तब हमें अपनी गलती का अहसास होता है। एक कहावत भी है-
‘अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।” इसलिए सोच-समझकर और सतर्क रहकर काम करने चाहिए ।
उदाहरण-आज हम देख रहे हैं कि मनुष्य के संबंधों और रिश्तों में दरार और विद्वेष की भावनाएँ बढ़ती जा रही हैं। समय की कमी और सोशल मीडिया की चमक-दमक हमारी सोचने-समझने की शक्ति पर बुरा असर डाल रही है। लोगों के बीच दूरियाँ और तनाव की घटनाएँ बढ़ रही हैं।
(ग) “खान पान सन्मान राग रंग मनहिं न भावै ॥ ”
इस पंक्ति में रेखांकित शब्दों के अर्थ शब्दकोश से देखकर लिखिए। प्रत्येक के लिए एक-एक उदाहरण भी दीजिए।
उत्तर :
सन्मान → सम्मान
सम्मान एक सकारात्मक गुण है। इससे लोगों के बीच प्रेम और सौहार्द की भावना भी बढ़ती है। हमें अपने कार्यों, व्यवहार और बोली से एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए ।
हमें अपने अध्यापकों और बड़े-बुजुर्गों के प्रति सम्मान की भावना रखनी चाहिए।
मनहिं → मन
भावै → रुचि, आकर्षण, अच्छा लगना ।
जब हम दुखी होते हैं, तब कोई भी वस्तु या स्थिति मन को भाती नहीं है। अक्सर मित्रों के ताने सुनकर हमारा मन खिन्न हो जाता है।
अनुमान और कल्पना से
अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-
(क) आपने पढ़ा है कि “ बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछताय ….. । ” कल्पना कीजिए कि आपके एक मित्र ने बिना सोचे-समझे एक बड़ा निर्णय लिया है | वह निर्णय क्या था और उसका क्या प्रभाव पड़ा ? इसके बारे में एक रोचक कहानी अपने साथियों के साथ मिलकर बनाइए और कक्षा में प्रस्तुत कीजिए ।
उत्तर :
हमारे विद्यालय की परीक्षाएँ शुरू होने वाली थीं। जिस दिन अध्यापिका जी डेटशीट देने वाली थीं, उस दिन मैं एक कला प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के कारण कक्षा में उपस्थित नहीं हो सकी थी। मैंने अपनी दोस्त को परीक्षा डेटशीट अच्छी तरह नोट कर लेने की प्रार्थना की ताकि बाद में हम दोनों मित्र उसके अनुसार अलग-अलग विषयों की पढ़ाई कर सकें । मेरी मित्र ने मुझे आश्वासन दिया कि वह डेटशीट नोट करेगी और बाद में मुझसे साझा करेगी। उसने कहा कि यह कोई कठिन काम नहीं है और हमारे अच्छे अंक तो आ ही जाएँगे।
घर पहुँचने पर, शाम को मेरी मित्र ने अपने हाथों से लिखी परीक्षा तिथियाँ मुझे व्हाट्सएप द्वारा भेजी। मैंने भी अपनी एक और मित्र को डेटशीट फॉरवर्ड कर दी। पहला पेपर विज्ञान का था, इसलिए हम दोस्तों ने मिलकर पढ़ाई की और अपनी सफलता को लेकर निश्चित थे। परीक्षा के दिन प्रश्नपत्र जब हाथ में आया, तो हमारे होश उड़ गए। मन बैठ गया क्योंकि पेपर ‘विज्ञान’ की जगह ‘सामाजिक विज्ञान’ का था । हमारे मित्र ने जल्दबाजी में डेटशीट नोट की थी और गलत विषय लिख लिए थे। मित्र को अपनी गलती का अहसास हुआ कि लापरवाही के कितने बुरे परिणाम हो सकते हैं। अध्यापिका जी ने हमें ढाढ़स दिया कि अगली परीक्षा में हम ध्यान से पढ़ें और अच्छे अंक ला सकेंगे। मुझे भी पछतावा हुआ कि अपने काम को स्वयं भी जाँच लेना चाहिए। यदि अध्यापिका जी से भी डेटशीट की जानकारी ली होती, तो इस तरह अन्य मित्रों, माता-पिता और शिक्षकों के सामने शर्मिंदगी महसूस न होती । मित्र को भी सबक मिला कि जल्दी में बिना सोचे-समझे महत्त्वपूर्ण कार्य नहीं करना चाहिए। उस दिन मैंने भी सीखा कि समय कम होने पर चीज़ों को व विद्यालय के संदेशों को अच्छी तरह जाँचना चाहिए।
(ख) कल्पना कीजिए कि “बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि ले ….. ।” कविता निम्नलिखित के लिए लिखी गई है-
- आप
- आपका कोई सहपाठी
- आपका कोई परिजन
- आपके कोई शिक्षक
- कोई पक्षी
- कोई पशु
इनकी कौन-कौन सी समस्याएँ होंगी? यह कविता उन्हें कैसे प्रेरित करेगी?
उत्तर :
“बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेई ….’ में जीवनोपयोगी शिक्षा निहित है।
1. एक विद्यार्थी के रूप में यदि परीक्षा में कम अंक प्राप्त होते हैं तो निराश होकर बैठना नहीं है अपितु अगली परीक्षा में अधिक अंक मिलने की आशा करूँगी और अपनी पढ़ाई पर विशेष ध्यान दूँगी । इस प्रकार नतीजा मनवांछित न आने पर दुखी न होने की प्रेरणा मिलती है। मेहनत से आगे बढ़ने का प्रयास करते रहना चाहिए।
2. सहपाठी: कक्षा में सहपाठी कभी – कभी किसी गलतफ़हमी या अहंकार के चलते झगड़ा कर लेते हैं। इस कविता से प्रेरणा मिलेगी कि मित्रता में अहंकार की भावना को नहीं लाना चाहिए। मित्रों की गलती सुधारने का प्रयास करें, एक-दूसरे से माफी माँगकर कर सच्ची दोस्ती निभाएँ।
3. परिजनों में अक्सर किसी छोटी बात को लेकर मनमुटाव और तनाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में बातों को पकड़कर न बैठें, एक-दूसरे की समस्याओं को समझें और बातचीत से उनका हल ढूँढ़कर, परिवार में सौहार्द बढ़ाएँ ।
4. हमारे अध्यापकगण हमें जीवन में सफलता प्राप्त करने हेतु मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। किसी छात्र ने नासमझी में यदि अध्यापक को परेशान किया है, तो वे छात्र को प्रेम से समझाएँ । अध्यापक द्वारा सही और गलत की सीख एक छात्र के लिए महत्वपूर्ण होती है और बेहतर भविष्य बनाने के लिए प्रेरित करती है।
5. पशु-पक्षियों से जीवन को सरलता और सहज रूप से जीने की प्रेरणा मिलती है। जो लोग उनसे प्रेम करते हैं, वे उनके प्रति कृतज्ञता का भाव प्रकट करते हैं। मनुष्य ने पर्यावरण को नुकसान पहुँचाया है, फिर भी पशु-पक्षी धैर्य और आत्मनिर्भरता का परिचय देते हैं। पर्यावरण के प्रति प्रेम और सुरक्षा की प्रेरणा पशु-पक्षियों से मिलती है।
(ग) कल्पना कीजिए कि आप एक ऐसे व्यक्ति से मिले हैं, जो हमेशा बीती बातों में खोया रहता है। आप उसे समझाने के लिए क्या-क्या कहेंगे?
उत्तर :
अगर मुझे ऐसे किसी व्यक्ति से मिलना हो, जो हमेशा बीती बातों में गुम रहता है, तो मैं सहनशक्ति, समझदारी और प्रेम से उससे बातचीत करने का प्रयास करूँगी। उसे निम्नलिखित बातों द्वारा हौंसला प्रदान किया जा सकता है-
1. अतीत में होने वाली बातों ( कामों) से हमें आने वाले कल को नुकसान नही पहुँचाना चाहिए। बीती बातों से सबक लेकर जिंदगी को आगे बढ़ाएँ ।
2. आशा और उत्साह – अपने काम को नई आशा और जोश के साथ शुरू करें। उसे प्रेरणादायी कहानियों और उदाहरणों द्वारा सकारात्मक सोच अपनाने की सलाह दूँगी।
3. निराश व्यक्ति के कष्ट और दुख को समझकर उचित सहायता प्रदान करूँगी।
शब्द से जुड़े शब्द
नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में ‘चित्त’ या ‘मन’ से जुड़े शब्द कुंडलियों में से चुनकर लिखिए-
उत्तर :
कविता की रचना
” बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय ।
काम बिगारे आपनो जग में होत हँसाय । ।
‘ “बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ ।
जो बनि आवै सहज में ताही में चित देइ ||
इन पंक्तियों को लय के साथ बोलकर देखिए। इन्हें बोलने में बराबर समय लगा या अलग? आपने ध्यान दिया होगा कि इन पंक्तियों को बोलने में बराबर समय लगता है। इस कारण इन कुंडलियों की सुंदरता बढ़ गई है।
आप ध्यान देंगे तो इन कुंडलियों में आपको ऐसी अनेक विशेषताएँ दिखाई देंगी। जैसे प्रत्येक कुंडलियों का पहला या दूसरा शब्द उसका अंतिम शब्द भी है। दो-दो पंक्तियों में बातें कही गई हैं। कुंडलिया पढ़ते हुए ऐसा लगता है मानो कोई हमसे संवाद या बातचीत कर रहा है आदि। कुछ विशेषताएँ आपको दोनों कुंडलियों में दिखाई देंगी, कुछ विशेषताएँ दोनों में से किसी एक में दिखाई देंगी।
(क) अब आप पाठ में दी गई दोनों कुंडलियों को ध्यान से देखिए और अपने-अपने समूह में मिलकर इनकी विशेषताओं की सूची बनाइए। अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए ।
उत्तर :
जो विशेषताएँ दोनों कुंडलियों में हैं | जो विशेषताएँ किसी एक कुंडलिया में हैं |
|
|
(ख) नीचे एक स्तंभ में कविता की पंक्तियों की कुछ विशेषताएँ दी गई हैं और उनसे संबंधित पंक्तियाँ दूसरे स्तंभ में दी गई हैं । कविता की विशेषताओं का सही पंक्तियों से मिलान कीजिए-
कविता की विशेषताएँ | कविता की पंक्तियाँ |
1. पंक्ति के अंतिम शब्द की ध्वनि आपस में मिलती-जुलती है। | 1. कह गिरिधर कविराय यह करु मन परतीती।। |
2. कवि के नाम का उल्लेख किया गया है। | 2. ताही में चित देइ बात जोई बनि आवै। दुर्जन हँसे न कोइ चित्त में खता न पावै ।। |
3. एक-दूसरे के विपरीत विचार एक साथ आए हैं। | 3. बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय । |
4. एक ही वर्ण से शुरू होने वाले एक से अधिक शब्द एक ही पंक्ति मे आए हैं। | 4. बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ । |
(संकेत – आप कविता की पंक्तियों में कुछ और विशेषताएँ भी खोज सकते हैं ।)
उत्तर :
कविता की विशेषताएँ | कविता की पंक्तियाँ |
1. पंक्ति के अंतिम शब्द की ध्वनि आपस में मिलती-जुलती है। | 2. ताही में चित देइ बात जोई बनि आवै। दुर्जन हँसे न कोइ चित्त में खता न पावै ।। |
2. कवि के नाम का उल्लेख किया गया है। | 1. कह गिरिधर कविराय यह करु मन परतीती।। |
3. एक-दूसरे के विपरीत विचार एक साथ आए हैं। | 4. बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ । |
4. एक ही वर्ण से शुरू होने वाले एक से अधिक शब्द एक ही पंक्ति मे आए हैं। | 3. बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय । |
काल से जुड़े शब्द
“ बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ ”
इस वाक्य में ‘बीती’ शब्द अतीत यानी ‘भूतकाल’ के कार्यों को व्यक्त कर रहा है और ‘आगे’ शब्द ‘भविष्य’ के कार्यों को व्यक्त कर रहा है। इसी प्रकार ‘वर्तमान’ समय में होने वाले कार्यों को ‘आज’ जैसे शब्दों से व्यक्त किया जा सकता है। रोचक बात यह है कि अनेक शब्दों का प्रयोग बीते हुए समय, आने वाले समय और वर्तमान समय को बताने वाले, तीनों प्रकार के वाक्यों में किया जा सकता है। (क) नीचे कुछ शब्द दिए गए हैं। इनका प्रयोग करते हुए तीनों प्रकार के ‘काल’ व्यक्त करने वाले तीन-तीन वाक्य बनाइए-
उत्तर :
भूतकाल | वर्तमान काल | भविष्य काल |
कल | आज | कल |
परसों | अभी-अभी | परसों |
पहले | अब | अगले दिन / साल/महीने |
पिछला | हमेशा | आगामी (आने वाले समय में) |
बीते हुए | आजकल | जल्दी ही |
(ख) आपने जो वाक्य बनाए हैं, उन्हें ध्यान से देखिए । पहचानिए कि इन वाक्यों में किन शब्दों से पता चल रहा है कि वाक्य में कार्य भूतकाल में हुआ, वर्तमान काल में हुआ है या भविष्य काल में होगा ? वाक्यों में उन शब्दों को रेखांकित कीजिए।
उत्तर :
काल व्यक्त करने वाले वाक्य-
- पिताजी कल दिल्ली चले गए। (भूतकाल )
- आज हम घूमने जा रहे हैं। (वर्तमानकाल)
- कल नानी जी घर आ रही हैं। (भविष्यकाल)
- बीते हुए समय को सोचकर दुखी नहीं होना चाहिए। (भूतकाल )
- आजकल बच्चे मोबाइल देखते-देखते पढ़ते हैं। (वर्तमानकाल)
- जल्दी ही विद्यालय में खेल प्रतियोगिता आयोजित होगी। (भविष्यकाल)
पाठ से आगे प्रश्न- अभ्यास
(पृष्ठ 79-82)
आपकी बात
(क) “खटकत है जिय माहिं कियो जो बिना बिचारे ॥” का अर्थ है ‘बिना सोचे किए गए कार्य मन में चुभते रहते हैं।’ क्या आपने कभी ऐसा अनुभव किया है ? उस घटना को साझा कीजिए ।
उत्तर :
मनुष्य को जीवन में हर कार्य को सोच समझकर करना चाहिए। लापरवाही या हड़बड़ी में किए गए कार्य से हानि उठानी पड़ सकती है। इससे हृदय अशांत हो जाता है और लोगों की आलोचना भी सहनी पडती है।
ऐसा एक अनुभव मेरे बड़े भाई के मित्र के साथ हुआ। दसवीं कक्षा में बड़े भाई के मित्र के अंक अच्छे आए थे और वे कला, साहित्य और इतिहास की ओर रुझान रखते थे किंतु कक्षा के विद्यार्थियों ने उन्हें विज्ञान पढ़ने की सलाह दी और भेड़-चाल के चलते उन्होंने विज्ञान विषय चुन लिया। दूसरों को देखकर, उन्होंने विज्ञान पढ़ना शुरू कर दिया किंतु दूसरे की देखादेखी काम करने की आदत के दुष्परिणाम सामने आने लगे। विज्ञान के अलग-अलग विषय पढ़ने में बोझ सा महसूस होने लगा और वे हर दिन तनाव में रहने लगे। उन्हें अहसास हुआ कि जल्दबाजी में उन्होंने ऐसे विषय चुन लिए जो उनकी रुचि के विपरीत थे। सिर्फ रटंत प्रणाली द्वारा अच्छे अंक ले आने से सफल विद्यार्थी नहीं बन जाते। कुछ समय बाद उन्होंने अपने अध्यापकों और माता – पिता को अपनी मनोदशा से अवगत कराया और अपनी रुचि और उचित विचार-विमर्श के बाद मनपसंद विषयों का चयन किया और फिर से पढ़ाई-लिखाई में आनंद लेने लगे।
(ख) “बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ | ” का अर्थ है ‘अतीत को भूलना और भविष्य पर ध्यान देना चाहिए।’ क्या आप इस बात से सहमत हैं? क्यों ? उदाहरण देकर समझाइए |
उत्तर :
जी हाँ, मैं इस बात से सहमत हूँ। जो बात बीत चुकी हो, उसके बारे में सोचते रहने से लाभ नहीं होता । इससे हमारे कार्य करने की गति और प्रयास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अतीत की गलतियों से सबक / शिक्षा लेकर, भविष्य के बारे में सोचें और अपने काम को पूरा करें। हम जो भी काम करें, उसमें मन को लगाएँ। इससे आत्मविश्वास बढ़ेगा और मन भी शांत रहेगा। उदाहरण यदि हम अतीत में हुई किसी बात या असफलता को लेकर दुखी रहेंगे और नए काम की ओर ध्यान केंद्रित नहीं करेंगे तो हमारे मन और शरीर दोनों पर प्रतिकूल असर होगा । खुशी, शांति और स्वास्थ्य का संतुलन बिगड़ जाएगा।
(ग) पाठ में दी गई दोनों कुंडलियों के आधार पर आप अपने जीवन में कौन-कौन से बदलाव लाना चाहेंगे?
उत्तर :
गिरिधर कविराय की कुंडलियाँ पढ़कर अपने व्यवहार को बेहतर बनाने की प्रेरणा मिलती है। विचारपूर्वक कर्म करने की महत्त्वपूर्ण शिक्षा मिलती है। सही समय पर सोच-विचारकर निर्णय लेना चाहिए अन्यथा बाद में पछतावे में जीना पड़ता है। बीती बातों से सबक लें और खूब मन लगाकर वर्तमान में काम करेंगे, तो भविष्य का मार्ग उज्ज्वल होगा। हमें आगे की सोचकर, अपने कार्य को संपन्न करने का प्रयास करना चाहिए। जिस कार्य में रुचि होती है, उसे हम सहजता और एकाग्रता से कर पाते हैं और इसके कारण मन भटकता नहीं है। आत्मसंतुष्टि और आनंद का संतुलन बना रहता है।
(घ) “खान पान सन्मान राग रंग मनहिं न भावै ॥ ”
इस पंक्ति में खान-पान, सम्मान और राग-रंग अच्छा न लगने की बात की गई है। आप इसमें से किसे सबसे आवश्यक मानते हैं? अपने उत्तर के कारण भी बताइए ।
उत्तर :
खान-पान, सम्मान और राग-रंग तीनों ही जीवन में महत्त्व रखते हैं। हमारे अनुसार मान-सम्मान सबसे अधिक आवश्यक है। यह आत्मविश्वास और जीवन में आगे बढ़ने का आधार है। यदि मान-सम्मान ही ना रहे, तो तरह-तरह के व्यंजन भी फीके लगेंगे और मनोरंजन बेअसर लगेगा । शारीरिक स्वास्थ्य और आनंद में बढ़ोत्तरी तभी होगी, जब हम परिवार और समाज में एक-दूसरे के प्रति मान-सम्मान की भावना को बनाकर रखेंगे।
हँसी
“जग में होत हँसाय’
(क) कभी-कभी लोग दूसरों की गलतियों पर हीं नहीं, उनके किसी भी कार्य पर हँस देते हैं। अपने समूह के साथ मिलकर ऐसी कुछ स्थितियों की सूची बनाइए, जब किसी को आप पर या आपको किसी पर हँसी आई हो ।
उत्तर :
हँसने और हँसाने की स्थितियों की सूची:
1. बोलते समय किसी शब्द को गलत तरीके से कह देने या भूल जाने पर हँसी आ जाती है।
2. कक्षा में चुटकुला या मजेदार प्रसंग सुनने पर बच्चों को हँसी आ जाती है।
3. कभी-कभी विद्यार्थीगण एक-दूसरे को देखकर कुछ ऐसे हाव-भाव दर्शाते हैं कि हँसी नही रुकती।
4. कभी – कभी अध्यापक बच्चों से ऐसे बात करते हैं, जो थोड़ा सा अजीब होता है, तो बच्चों को हँसी आ सकती है।
5. बच्चों का ध्यान आकर्षित करने के लिए और बोरियत कम करने के लिए, कुछ अध्यापक बच्चों को मनोरंजक गतिविधि करवाते हैं। ऐसे में बच्चों को खुशी महसूस होती है और हँसी आती है।
6. छुट्टी की बात सुनकर अच्छा लगता है और सकारात्मक हँसी आती है।
(ख) ऐसी दोनों स्थितियों में आपको कैसा लगता है और दूसरों को कैसा लगता होगा ?
उत्तर :
हँसी विभिन्न स्थितियों में आ सकती है। किसी मनोरंजक गतिविधि से जब हमें खुशी मिलती है, तब हँसी भी आती है। हँसी स्वस्थ रहने, तनाव कम करने में मदद करती है परंतु किसी को परेशान करने हेतु हँसना या जब कोई गंभीर स्थिति हो तो हँसी असंवेदनशील और कष्टकारी हो सकती है।
(ग) सोचिए कि कोई व्यक्ति आपकी किसी भूल पर हँस रहा है। ऐसे में आप क्या कहेंगे या क्या करेंगे ताकि उसे एहसास हो जाए कि इस बात पर हँसना ठीक नहीं है?
उत्तर :
जब कोई व्यक्ति हमारी भूल पर जानबूझकर हँसता है, तो उस व्यक्ति को एहसास कराना चाहिए कि इस प्रकार हँसना उचित नहीं है। कुछ गलत होने पर, अन्याय होने की स्थिति में, बीमारी या संकट में हँसी दिखाना सर्वथा अनुचित है।
सोच-समझकर
” बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय।”
(क) आज के समय में कुछ लोग जल्दी में कार्य कर देते हैं या जल्दी में निर्णय ले लेते हैं। कुछ ऐसी स्थितियाँ बताइए जहाँ जल्दबाजी में निर्णय लेना या कार्य करना हानिकारक हो सकता है।
उत्तर :
1. परीक्षा में प्रश्न ध्यान से पढ़े बिना उत्तर लिख देना। आधे-अधूरे या गलत उत्तर लिखने पर अंक कट जाते हैं।
2. कक्षा में अध्यापक की बातों को ध्यान से सुनकर, सही जवाब देना चाहिए अन्यथा डाँट सुनने या हँसी का पात्र बनने में देर नहीं लगती ।
3. विद्यालय से संबंधित सभी सूचनाओं और संदेशों को सदैव ध्यान से पढ़ें और सुनें। संदेश और सूचनाओं को जल्दबाजी में गलत समझने से खुद के साथ-साथ माता-पिता को भी परेशानी हो सकती है।
4. आजकल कुछ लोग फिटनेस के नाम पर, शरीर की माँसपेशियों को मजबूत करने या जल्द वजन कम करने के चक्कर में हानिकारक पदार्थों का सेवन भी कर लेते हैं। ऐसी स्थिति से बचना चाहिए ।
5. किसी अनजान नंबर से कॉल आने पर हड़बड़ाहट में काम न करें। संदेह होने पर तत्काल संबंधित अधिकारियों को सूचित करें।
(ख) मान लीजिए कि आपको या आपके किसी परिजन को नीचे दिए गए संदेश मिलते हैं। ऐसे में आप क्या करेंगे?
संदेश | आप करें |
1. आपका बैंक खाता बंद होने वाला है। | 1. ओ.टी.पी. किसी को न दें। तुरंत कॉल काट दें। अपने बैंक से संपर्क करें । |
2. बधाई हो! आपने 10 लाख रुपये की लॉटरी जीती है। सत्यापन के लिए ₹ 5000 इस नंबर पर अभी भेज दें। | 2. संदिग्ध वेबसाइट पर कोई भुगतान ( पेमेंट) न करें। ऐसी वेबसाइट को साइबर क्राइम सेल में रिपोर्ट करें। |
3. गलती से आपके नंबर पर ₹1000 का रिफंड भेजा है। कृपया रिफंड वापस भेज दें। | 3. किसी अनजान को पैसा न भेजें। अपने बैंक ऐप में | सभी लेन-देन की जाँच करें। यदि पैसा कट गया है तो तुरंत बैंक को सूचित करें । |
4. आपका सिम कार्ड बंद होने वाला है। के.वाई.सी. अपडेट करने के लिए हमें आधार और पैन की फोटो भेजें। | 4. इस प्रकार के कॉल को तुरंत काट दें। बैंक से सीधे संपर्क करें। फोन पर आधार या पैन या कोई व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। |
5. आपके मनपसंद मोबाइल पर 70 प्रतिशत तक की छूट, ऑफर खत्म होने से पहले यहाँ पेमेंट करें। | 5. संदिग्ध छूट वाले या मुफ्त वाले झाँसे में न फँसे । लिंक पर क्लिक न करें । |
6. मैं तुम्हारा चाला बोल रहा हूँ। ट्रेन में फँसा हूँ। तुरंत ₹5000 इस नंबर पर भेज दो। | 6. व्यक्ति की पहचान की पुष्टि करें, तुरंत पैसे ट्रांसफर न करें। परिवार के अन्य सदस्यों से बात करें। |
7. इस ऐप को डाउनलोड करें और ₹ 1000 का कैशबैक पाएँ । | 7. किसी अनजानी वेबसाइट से कोई ऐप डाउनलोड न करें। ऐप की समीक्षा और रेटिंग की जाँच करें। | संदिग्ध ऐप को फोन आदि से हटा दें। |
8. यहाँ मुफ्त गिफ्ट पाने का मौका है। इस लिंक पर क्लिक करें और जानकारी दर्ज करें। | 8. किसी संदिग्ध ऐड (विज्ञापन) पर क्लिक न करें । अपने ब्राउजर में पॉप-अप ब्लॉकर चालू करें। |
9. आपको बिना गारंटी के तुरंत ₹50,000 का ऋण मिल सकता है। अभी प्रोसेसिंग फीस भरें। | 9. केवल अधिकृत बैंकों से संपर्क करें। ऋण मंजूरी फीस के नाम पर किसी को पैसा न भेजें। साइबर क्राइम सेल में 1930 नंबर पर सूचित करें । |
10. इस लिंक पर क्लिक करें और ₹ 100 का फ्री मोबाइल रिचार्ज पाएँ। | 10. ऐसी किसी भी लॉटरी पर भरोसा न करें। इसके विषय में साइबर सेल को सूचित करें । |
11. आपके ए.टी.एम. कार्ड की वैधता समाप्त हो रही है। इसे तुरंत अपडेट करने के लिए पिन बताएँ । | 11. ए. टी. एम. कार्ड की जानकारी किसी के साथ साझा न करें। बैंक के असली उपभोक्ता सहायता फोन नंबर पर संपर्क करें। ए. टी. एम. पिन तुरंत बदलें । |
12. आपका पेमेंट फँसा हुआ है। इसे रिफंड करने के लिए ये क्यू. आर. कोड स्कैन करें। | 12. किसी अज्ञात व्यक्ति के भेजे क्यू. आर. कोड को स्कैन न करें। किसी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत बैंक और पुलिस को रिपोर्ट करें। |
उत्तर :
राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल – https://cybercrime.gov.in
(ग) नीचे कुछ स्थितियाँ दी गई हैं। इन स्थितियों में बिना सोचे-समझे कार्य करने या निर्णय लेने के क्या परिणाम हो सकते हैं-
- सोशल मीडिया पर झूठा संदेश या असत्य समाचार पर भरोसा करके उसे सबको भेज दिया।
- जल्दबाजी में बिना हेलमेट के बाइक चलाने पर पुलिस ने चालान काट दिया।
- बिना माता-पिता से पूछे ऑनलाइन गेम पर पैसे खर्च कर दिए।
उत्तर :
- गलत जानकारी फैलती है। तनाव और गलतफहमी बढ़ती है।
- गलत संदेश प्रसारित करने से आपसी मनमुटाव बढ़ सकता है।
- जुर्माना भरना पड़ता है।
- आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।
- कुछ मामलों में लाइसेंस निलंबित भी हो सकता है। गंभीर मामलों में 3 महीने तक की सजा भी हो सकती है।
- माता – पिता को वित्तीय नुकसान होता है।
- ऑनलाइन गेम में पैसा लगाने से साइबर अपराधों को बढ़ावा मिल सकता है।
आज की पहेली
“खान-पान सन्मान” इस पंक्ति के तीनों शब्दों में केवल एक मात्रा का बार-बार उपयोग किया गया है। (आ की मात्रा)
ऐसे ही दो वाक्य नीचे दिए गए हैं जिसमें केवल एक मात्रा का उपयोग किया गया है-
नीली नदी धीमी थी।
चींटी चीनी जीम गई।
अब आप इसी प्रकार के वाक्य अलग-अलग मात्राओं के लिए बनाइए। ध्यान रहे, आपके वाक्यों का कोई-न-कोई अर्थ होना चाहिए। आप एक वाक्य में केवल एक मात्रा को बार-बार या बिना मात्रा वाले शब्दों का ही उपयोग कर सकते हैं।
उत्तर :
मात्रा | वाक्य |
आ | माता का आदर कर। पापा का कहना मान। |
इ | दिन निकल आया। मिठाई व किशमिश खिला । |
ई | नानी पानी लायी । पानी पी। |
उ | मुझे बहुत खुशी हुई। सुबह उठ । |
खोजबीन के लिए
आपने इस पाठ में गिरिधर कविराय की कुंडलिया “बिना विचारे जो करै….। ” को पढ़ा। अब आप नीचे दी गई इटरनेट कड़ी का प्रयोग करके एक अन्य कहानी ” बिना विचारे करो न काम” सुन सकते हैं-
बिना विचारे