Students prefer Class 7 Hindi Extra Question Answer Malhar Chapter 2 तीन बुद्धिमान Extra Questions and Answers that are written in simple and clear language.
Class 7 Hindi तीन बुद्धिमान Extra Question Answer
Class 7 Hindi Chapter 2 Extra Question Answer तीन बुद्धिमान
NCERT Class 7 Hindi Chapter 2 Extra Questions अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
निर्धन व्यक्ति के कितने बेटे थे?
उत्तर :
निर्धन व्यक्ति के तीन बेटे थे।
प्रश्न 2.
निर्धन व्यक्ति ने तीनों बेटों से क्या कहा ?
उत्तर :
निर्धन व्यक्ति ने अपने तीनों बेटों से कहा कि- मेरे पास न रुपया है, न पैसा है, न सोना है, न चाँदी है । इसलिए तुम्हें एक दूसरे प्रकार का धन इकट्ठा करना है।
प्रश्न 3.
पिता की मृत्यु के बाद तीनों भाई कहाँ चल दिए ?
उत्तर :
पिता की मृत्यु के बाद तीनों भाई यात्रा पर चल दिए ।
प्रश्न 4.
बड़े भाई ने घुड़सवार से क्या पूछा?
उत्तर :
बड़े भाई ने घुड़सवार से पूछा – ” क्या तुम्हारा बहुत बड़ा ऊँट खो गया है?”
प्रश्न 5.
घुड़सवार से छोटे भाई ने क्या पूछा?
उत्तर :
घुड़सवार से छोटे भाई ने पूछा – ” क्या उस ऊँट पर किसी छोटे बच्चे के साथ महिला भी सवार थी ?”
प्रश्न 6.
शंका की दृष्टि से घुड़सवार ने किसको देखा?
उत्तर :
शंका की दृष्टि से घुड़सवार ने तीनों भाइयों को देखा।
प्रश्न 7.
घुड़सवार क्या सुनने को तैयार नहीं था?
उत्तर :
घुड़सवार यह सुनने को तैयार नहीं था कि- “हमने तो तुम्हारे ऊँट को देखा तक नहीं।”
प्रश्न 8.
राजा के धमकाने पर भाइयों ने क्या जवाब दिया?
उत्तर :
राजा के धमकाने पर भाइयों ने जवाब दिया कि- ” हम चोर नहीं हैं, हमने इसका ऊँट कभी नहीं देखा । ”
प्रश्न 9.
क्या बिना देखे ही किसी के बारे में कुछ भी जानना संभव है?
उत्तर :
किसी के बारे में पैनी दृष्टि से देखना और बुद्धि से सोचने की क्षमता है, तो कुछ भी जानना संभव है।
प्रश्न 10.
राजा को किस बात पर हँसी आई ?
उत्तर :
राजा को विश्वास न होने पर हँसी आई |
तीन बुद्धिमान Class 7 Hindi Extra Questions Answer लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
तीनों भाइयों को यात्रा के दौरान क्या-क्या परेशानियाँ उठानी पड़ीं?
उत्तर :
तीनों भाई सुनसान घाटियों और ऊँचे-ऊँचे पहाड़ों को पार करते हुए लगातार चालीस दिन तक चलते रहे। खाने-पीने का जो भी सामान था वह समाप्त हो गया और वे थककर चूर भी हो गए। उनके पैरों में छाले भी पड़ गए और सड़क समाप्त होने का नाम भी नहीं ले रही थी। अंत में उन्हें सामने कुछ वृक्ष और मकान दिखाई पड़े और वे नगर के पास पहुँच गए। तब तीनों भाई खुशी-खुशी आगे बढ़ने लगे।
प्रश्न 2.
रास्ते में घुड़सवार के मिलने पर तीनों भाइयों ने क्या-क्या पूछा?
उत्तर :
पहले भाई ने घुड़सवार से पूछा – ” किसी खोई हुई वस्तु को ढूँढ़ रहे हो क्या?” उसने कहा—“हाँ”। फिर पूछा कि क्या ऊँट खो गया है? उसने जवाब दिया—‘“हाँ”।
- दूसरे भाई ने पूछा – ” क्या वह एक आँख से नहीं देख पाता?” उसने कहा-“हाँ।”
- तीसरे छोटे भाई ने कहा – ” क्या उस पर एक छोटे बच्चे के साथ महिला सवार थी?” उसने कहा – “हाँ । ” सही जानकारी होने पर घुड़सवार को शक हुआ और उसने सोचा कि मेरा ऊँट इन्हीं के पास है।
प्रश्न 3.
शंका होने पर तीनों भाइयों ने घुड़सवार से क्या कहा ?
उत्तर :
हम तीनों भाई अपनी आँखों और बुद्धि से काम लेना जानते हैं। जिधर मैं कहता हूँ उधर घोड़ा दौड़ाओ तो, तुम्हारा ऊँट अवश्य मिल जाएगा। मगर घुड़सवार कुछ सुनने को तैयार नहीं था। उसने अपनी तलवार निकाल ली और लहराते हुए तीनों भाइयों को आगे-आगे चलने का आदेश दिया और उस क्षेत्र के राजा के राजभवन में ले गया। उन्हें सुरक्षाकर्मियों को सौंपकर स्वयं राजा के पास चला गया।
प्रश्न 4.
धमकाने के बाद सच्चाई जानने के लिए राजा ने क्या किया?
उत्तर :
राजा ने उसी समय अपने मंत्री को बुलाया और कान में फुसफुसाकर कुछ कहा। मंत्री तुरंत बाहर जाकर दो सेवकों के साथ एक बहुत बड़ी पेटी लेकर आया और दरवाजे के पास ऐसा रखा कि राजा उसे देख सकें।
- राजा ने कहा – ” चोरों ! इस पेटी में क्या है? फिर भी उसने कहा कि – ” हम चोर नहीं हैं। मगर पेटी में कोई गोल वस्तु है। “
- मझला बोला – ” इसमें अनार है । “
- सबसे छोटा भाई बोला – ” वह अनार अभी कच्चा है । ‘ पेटी खोलते ही सारी बातें सच निकली और राजा चकित हो गया।
प्रश्न 5.
तीनों भाइयों के निर्दोष होने पर राजा ने ऊँट के बारे में सच्चाई क्यों जांननी चाही?
उत्तर :
- बड़े भाई ने कहा – धूल पर ऊँट के पैरों के निशान से पता चला कि इस रास्ते से ऊँट गया है।
- मझले ने कहा- सड़क के दायीं ओर की घास चरने और सड़क की बायीं ओर की घास ज्यों की त्यों होने से अनुमान लगाया था कि ऊँट की एक आँख खराब है।
- सबसे छोटे भाई ने कहा – ऊँट के घुटने टेककर बैठने के स्थान पर निशान तथा महिला के जूते व छोटे पैरों के भी निशान थे, इससे पता चल गया कि महिला के साथ कोई बच्चा भी था।
- चूँकि समस्या घुड़सवार के ऊँट के चोरी की थी इसलिए राजा ने ऊँट की ही सच्चाई जाननी चाही ।
तीन बुद्धिमान Extra Questions दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
‘तीन बुद्धिमान’ लोककथा की कथावस्तु को अपने शब्दों में लिखिए।
अथवा
‘तीन बुद्धिमान’ लोककथा को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
इस लोककथा की कथावस्तु एक निर्धन व्यक्ति के तीन बेटों की है जो निर्धनता के अभाव में गरीबी से जूझते रहते हैं। निर्धन व्यक्ति अपने बेटों से कहता है, मेरे पास रुपया-पैसा, सोना-चाँदी नहीं है किंतु, यदि तुम्हारे पास किसी वस्तु-स्थिति के बारे में पूर्णतः जानने-समझने की पैनी दृष्टि और तीव्र बुद्धि होगी तो ऐसा धन संचय कर लेने पर किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रहेगी और अन्य की तुलना में श्रेष्ठ भी रहोगे ।
निर्धन व्यक्ति के मृत्यु के बाद भयावह स्थिति आई, मगर वे तीनों विचलित नहीं हुए। घर छोड़कर निकले, रास्ते में घुड़सवार के द्वारा ऊँट चोरी के दोषारोपण भी सहे । अंत में राजा के सामने भी पेश किया गया। राजा की पेटी में किसी गोल वस्तु के अनदेखे रहस्य का अपने विवेक से पर्दाफाश करने पर राजा को आश्चर्यचकित कर देना एक महत्वपूर्ण मिसाल थी ।
अंत में राजा द्वारा ये कहना कि तुम धनवान नहीं हो लेकिन तुम्हारे पास बुद्धि का बड़ा कोष है। इस तरह प्रशंसा करते हुए उन तीनों को अपने राजदरबार में रख लिया ।
प्रश्न 2.
‘तीन बुद्धिमान’ लोककथा का उद्देश्य सविस्तार लिखिए |
उत्तर :
‘तीन बुद्धिमान’ लोककथा का उद्देश्य उन निर्धन व्यक्तियों के लिए है जो अभाव की जिंदगी जी रहे होते हैं। यदि वे अपनी पैनी दृष्टि और तीव्र बुद्धि से किसी वस्तु स्थिति को पूरी तरह से जानने और समझने का प्रयास करते हैं तो वे दूसरों की तुलना में कहीं बेहतर जीवन जी सकते हैं।
घुड़सवार के ऊँट का खोना और तीनों भाइयों के पैनी दृष्टि से सूक्ष्म निरीक्षण कर सत्यता जाहिर करना यह तीव्र बुद्धि की ही मिसाल है। इसी प्रकार पेटी में कच्चे अनार का होना भी बिना देखे अभिव्यक्त करना ये लोगों की समझ से परे हो सकता है। इन तीनों भाइयों की पैनी दृष्टि और तीक्ष्ण बुद्धि से राजा का चकित होना विलक्षण चमत्कार से कम नहीं है। किसी निर्धन व्यक्ति के लिए राजा का प्रशंसनीय होना और अपने दरबार में शामिल करना ही गौरव का पात्र होता है।
प्रश्न 3.
‘तीन बुद्धिमान’ लोककथा के शीर्षक की सार्थकता के आधार पर उदाहरण सहित प्रकाश डालिए ।
उत्तर :
1. पैनी दृष्टि और तीव्र बुद्धि का होना – यद्यपि निर्धन परिवार में जन्मे तीनों भाइयों की उनके पिता द्वारा इस संदर्भ में सही मार्गदर्शन करना और बचपन से दृष्टि को चूकने न देना, अच्छी आदत की सार्थकता सिद्ध करता है।
2. निर्णय पर अटूट विश्वास – विपरीत परिस्थितियों में भी घुड़सवार के ऊँट की स्थिति को दर्शाना और घटना को क्रमानुसार वर्णन कर कहना तथा पेटी में रखे कच्चे अनार का सविस्तार बताना किसी जादुई चमत्कार से कम नहीं है, बल्कि यह दृष्टि के न चूकने और वस्तु स्थिति को पूरी तरह समझने का प्रयास है।
3. सत्यता की पुष्टि – तीनों भाइयों पर दोषारोपण के बावजूद भी उन्होंने सच्चाई का ही साथ दिया। राजा के धमकाने पर भी मौन न रहकर भाइयों ने जवाब दिया, क्योंकि सत्य सदैव स्थिर होता है, परिस्थितियों का उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता । आखिर सत्य तो सत्य ही रहता है।
प्रश्न 4.
‘तीन बुद्धिमान’ लोककथा के आधार पर तीनों भाइयों की चारित्रिक विशेषताएँ बताइए ।
उत्तर :
इस लोककथा के मूलभूत पात्र तीन भाई हैं, जिनकी चारित्रिक विशेषताएँ निम्न हैं-
- सत्यवादिता – निर्धनता के कारण मजबूरियाँ, संस्कार अथवा सत्यवादिता को विचलित नहीं करती अपितु वह मौन हो जाती है।
- अटल होना – तीनों भाई एक निर्धन व्यक्ति के बेटे थे जो आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे, मगर सत्य और संस्कार से पोषित थे। फलतः विपरीत परिस्थितियाँ घुड़सवार और राजा के धमकाने पर भी अपने होने, सत्य पर अटल रहे।
- अभिमान मुक्त होना – प्रायः देखा गया है प्रशंसा पाकर व्यक्ति में अहंकार हो जाता है किंतु यहाँ तीनों भाई पैनी दृष्टि और तीव्र बुद्धि होने के बावजूद भी राजा से सम्मान और प्रशंसा पाकर भी शांत थे।
Class 7 Hindi Chapter 2 Extra Questions and Answers आपकी सोच
प्रश्न 1.
तीनों भाई निर्धन होने के बावजूद भी सत्यवादी थे, क्या इस कथन से आप सहमत हैं ?
उत्तर :
अपने पिता की मृत्यु के पश्चात् जब कुछ भी करने को नहीं था तो भी उनकी सोच थी कि हम चरवाहों या खेत-खलिहान में श्रम कर लेंगे लेकिन भूखे नहीं मरेंगे। यही सोचकर ये तीनों भाई नगर की ओर प्रस्थान किए थे।
इससे सिद्ध होता है चालीस दिन तक लगातार चलने के बाद उन भाइयों के पैरों में छाले पड़ गए, लेकिन हिम्मत नहीं हारे ।
प्रश्न 2.
घुड़सवार द्वारा चोरी का आरोप लगने पर भी तीनों भाई शांत रहे मगर आवेश में नहीं आए।
उत्तर :
सत्य धैर्य रखकर वक्त का इंतजार करता है। इसलिए घुड़सवार द्वारा ऊँट चोरी का आरोप लगाने व राजा के धमकाने पर भी शांत भाव से जवाब दिए मगर आवेश में नहीं आए।
NCERT Class 7 Hindi Chapter 2 Extra Questions अर्थग्रहण संबंधी एवं प्रश्न
1. समय बीता और कुछ समय पश्चात् पिता चल बसे। बेटे मिलकर बैठे, उन्होंने सारी स्थिति पर विचार किया और फिर बोले-“हमारे लिए यहाँ कुछ भी तो करने को नहीं । आओ, घूम फिरकर जगत देखें । आवश्यकता होने पर हम चरवाहों या खेत में श्रमिकों का काम कर लेंगे। हम कहीं भी क्यों न हों, भूखे नहीं मरेंगे। “
अंततः वे तैयार होकर यात्रा पर चल दिए ।
उन्होंने सुनसान – वीरान घाटियाँ लाँघीं और ऊँचे-ऊँचे पहाड़ों को पार किया। इस तरह वे लगातार चालीस दिनों तक चलते रहे। (पृष्ठ 14)
(क) कुछ समय पश्चात् पिताजी कहाँ चल दिए ?
उत्तर :
कुछ समय पश्चात् पिताजी स्वर्ग सिधार गए।
(ख) तीनों भाइयों ने क्या विचार किया?
उत्तर :
तीनों भाइयों ने विचार किया कि यहाँ तो कुछ करने को भी नहीं है।
(ग) आवश्यकता पड़ने पर हम क्या करेंगे?
उत्तर :
आवश्यकता पड़ने पर हम चरवाहे या खेतों में श्रमिक का काम कर लेंगे।
2. जब वे नगर के बिल्कुल निकट पहुँच गए तो सबसे बड़ा भाई अचानक रुका, उसने धरती पर दृष्टि डाली और बोला-थोड़ी ही देर पहले यहाँ से एक बहुत बड़ा ऊँट गया है। वे थोड़ा और आगे गए तो मझला भाई रुका और सड़क के दोनों ओर देखकर बोला-
“संभवत: वह ऊँट एक आँख से नहीं देख पाता हो। ” वे कुछ और आगे गए तो सबसे छोटे भाई ने कहा- “ऊँट पर एक महिला और एक बच्चा सवार थे। ” (पृष्ठ 15)
(क) नगर के निकट पहुँचने पर सबसे बड़े भाई ने क्या किया?
उत्तर :
नगर के निकट पहुँचकर सबसे बड़ा भाई अचानक रुका और धरती पर दृष्टि डाली।
(ख) मझला भाई कहाँ देखकर बोला ?
उत्तर :
मझला भाई सड़क के दोनों ओर देखकर बोला।
(ग) सबसे छोटे भाई ने क्या कहा?
उत्तर :
सबसे छोटे भाई ने कहा कि ऊँट पर एक बच्चे के साथ महिला सवार थी।
3. “मैं अपने रेवड़ों को पहाड़ों पर लिए जा रहा था”, उसने कहा, “ और मेरी पत्नी मेरे छोटे-से बेटे के साथ एक बड़े-से ऊँट पर मेरे पीछे-पीछे आ रही थी। किसी कारण उनका ऊँट पीछे रह गया और वे रास्ते से भटक गए। मैं उन्हें ढूँढने गया तो मुझे रास्ते में तीन व्यक्ति मिले जो पैदल चले जा रहे थे। मुझे पूरा विश्वास है कि उन्होंने मेरा ऊँट चुराया है और मेरी पत्नी तथा बेटे को मार डाला है।”
“ तुम ऐसा क्यों समझते हो?” जब वह व्यक्ति अपनी बात कह चुका तो राजा ने पूछा।
“ इसलिए कि मैंने उन लोगों से इस संबंध में एक भी शब्द नहीं कहा था फिर भी उन्होंने मुझे यह बताया कि ऊँट बहुत बड़ा था और एक आँख से नहीं देख पाता था तथा उस पर एक महिला बच्चे के साथ सवार थी । ” (पृष्ठ 16)
(क) घुड़सवार अपने रेवड़ों को कहाँ लिए जा रहा था?
उत्तर :
घुड़सवार अपने रेवड़ों को पहाड़ों पर लिए जा रहा था।
(ख) रास्ते से घुड़सवार का कौन भटक गया था?
उत्तर :
रास्ते में घुड़सवार की पत्नी और छोटे बेटे ऊँट पर बैठे हुए खो गए थे।
(ग) रास्ते में घुड़सवार को कौन मिले थे ?
उत्तर :
रास्ते में घुड़सवार को पैदल जाते हुए तीन व्यक्ति मिले थे।
4. राजा ने उसी समय अपने मंत्री को बुलाया और उसके कान में कुछ फुसफुसाया। मंत्री तुरंत महल के बाहर चला गया। लेकिन शीघ्र ही वह दो सेवकों के साथ लौटा जो एक बहुत बड़ी-सी पेटी लाए थे। दोनों ने पेटी को बहुत सावधानी से द्वार के पास ऐसे रख दिया कि वह राजा को दिखाई दे सके और स्वयं एक ओर हट गए। तीनों भाई दूर से खड़े उन्हें देखते रहे। उन्होंने इस बात को ध्यान से देखा कि पेटी कहाँ से और कैसे लाई गई थी और किस ढंग से रखी गई थी।
“हाँ, तो चोरों, हमें बताओ कि उस पेटी में क्या है?” राजा ने कहा ।
“महाराज, हम तो पहले ही यह विनती कर चुके हैं कि हम चोर नहीं हैं”, सबसे बड़े भाई ने कहा । ” पर यदि आप चाहते हैं तो मैं आपको यह बता सकता हूँ कि उस पेटी में क्या है। उसमें कोई छोटी-सी गोल वस्तु है।” (पृष्ठ 17)
(क) राजा ने उसी समय किसको बुलाया ?
उत्तर :
राजा ने उसी समय मंत्री को बुलाया ।
(ख) दोनों सेवकों ने पेटी को कहाँ रख दिया ?
उत्तर :
दोनों सेवकों ने पेटी को द्वार पर ऐसे रखा कि राजा उसे देख सके।
(ग) राजा ने चोरों से क्या कहा ?
उत्तर :
राजा ने चोरों से कहा – “बताओ उस पेटी में क्या है?”
5. “तुम लोग बिलकुल निर्दोष हो और जहाँ भी जाना चाहो जा सकते हो। किंतु जाने से पहले तुम मुझे सारी बात विस्तार के साथ बताओ। तुम्हें यह कैसे पता चला कि उस व्यक्ति का ऊँट खो गया है और तुमने यह कैसे जाना कि ऊँट कैसा था?”
सबसे बड़े भाई ने कहा-धूल पर उसके पैरों के चिह्नों से मुझे पता चला कि कोई बहुत बड़ा ऊँट वहाँ से गया है। जब मैंने अपने पास से जानेवाले घुड़सवार को अपने चारों ओर नजर दौड़ाते देखा तो उसी समय मेरी समझ में यह बात आ गई कि वह क्या खोज रहा है। “
” बहुत अच्छा! ” राजा ने कहा । “अच्छा, अब यह बताओ कि तुम में से किसने इस घुड़सवार को यह बताया था कि उसका ऊँट एक ही आँख से देख पाता है? उसका तो सड़क पर चिह्न नहीं रहा होगा । ” (पृष्ठ 18)
(क) राजा ने तीनों भाइयों से क्या कहा?
उत्तर :
राजा ने तीनों भाइयों से कहा – ” तुम लोग बिलकुल निर्दोष हो और जहाँ भी जाना चाहते हो जा सकते हो। ”
(ख) तुम्हें यह कैसे पता चला कि, उस व्यक्ति का ऊँट खो गया है?
उत्तर :
घुड़सवार जब अपनी नज़रें चारों ओर दौड़ाकर देख रहा था तभी समझ लिया था कि यह कुछ खोज रहा है।
(ग) ऊँट एक ही आँख से देख पाता है यह किसने कहा था?
उत्तर :
ऊँट एक ही आँख से देख पाता है यह मझले भाई ने बताया था।
6. ‘मैंने ऐसा अनुमान लगाया कि चूँकि पेटी उद्यान की ओर से लाई गई है और उसमें कोई छोटी-सी गोल वस्तु है तो वह अवश्य अनार ही होगा। कारण कि आपके महल के आसपास अनार के बहुत-से पेड़ लगे हुए हैं । ” ” बहुत अच्छा !” राजा ने कहा और उसने सबसे छोटे भाई से पूछा-लेकिन तुम्हें यह कैसे पता चला कि अनार कच्चा है?” ” इस समय तक उद्यान में सभी अनार कच्चे हैं। यह तो आप स्वयं ही देख सकते हैं”, उसने उत्तर दिया और खुली हुई खिड़की की ओर संकेत किया।
राजा ने बाहर देखा तो पाया कि उद्यान में लगे अनार के सभी वृक्षों पर कच्चे अनार लटक रहे थे । (पृष्ठ 19)
(क) अनुमान के अनुसार पेटी कहाँ से लाई गई थी?
उत्तर :
अनुमान के अनुसार पेटी उद्यान से लाई गई थी।
(ख ) अनार के बारे में किस भाई ने बताया था?
उत्तर :
अनार के बारे में मझले भाई ने बताया था।
(ग) पेटी में कच्चा अनार होने का क्या कारण था?
उत्तर :
उद्यान में लगे अनार सभी वृक्षों पर कच्चे ही थे, इसलिए पेटी में कच्चा अनार ही रखा गया था।