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Class 6th Science Chapter 12 Question Answer in Hindi Medium
Science Class 6 Chapter 12 Question Answer in Hindi
Class 6 Science Ch 12 Question Answer in Hindi पृथ्वी से परे
(पृष्ठ 243 – 245)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित का मिलान कीजिए-
उत्तर:
स्तंभ I | स्तंभ II |
(i) पृथ्वी का उपग्रह | (घ) चंद्रमा |
(ii) लाल ग्रह | (ग) मंगल |
(iii) तारा-मंडल | (क) ओरायन |
(iv) एक ग्रह जिसे सामान्यतःसांध्य तारा कहा जाता है। | (ख) शुक्र |
प्रश्न 2.
(क) निम्नलिखित पहेलियों को हल कीजिए-
मेरे नाम का पहला अक्षर मंत्रणा में है यंत्रणा में नहीं, मेरे नाम का दूसरा अक्षर गगन और सागर दोनों में है, मेरे नाम का तीसरा अक्षर जल में है, जग में नहीं, मैं सूर्य की परिक्रमा करने वाला एक ग्रह हूँ।
उत्तर:
चंद्रमा (च = प्रकाश, न = जल, द्र = बर्फ)
(ख) इस प्रकार की दो पहेलियाँ आप स्वयं
बनाइए ।
पहेली – I
मेरे नाम का पहला अक्षर वायु में है जल में नहीं,
दूसरा अक्षर पहाड़ में है मैदान में नहीं,
मैं एक ग्रह हूँ ।
उत्तर:
शनि (श = वायु, न = पहाड़)
पहेली – II
मेरे नाम का पहला अक्षर शुरू में है पर तरू में नहीं,
मेरे नाम का दूसरा अक्षर धनुष में है पर मनुष्य में नहीं,
मैं सूरज के दिल के करीब एक ग्रह हूँ।
उत्तर:
शुक्र
प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से कौन सौर परिवार का सदस्य नहीं है?
(क) लुब्धक
(ख) क्षुद्रग्रह
(ग) धूमकेतु
(घ) प्लूटो
उत्तर:
(क) लुब्धक
प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से कौन सूर्य का ग्रह नहीं है?
(क) बृहस्पति
(ख) वरुण
(ग) प्लूटो
(घ) शनि
उत्तर:
(ग) प्लूटो सूर्य का ग्रह नहीं है।
प्रश्न 5.
ध्रुव तारा और लुब्धक में से कौन अधिक चमकदार तारा है?
उत्तर:
लुब्धक ध्रुव तारा से अधिक चमकदार है। लुब्धक को रात के आकाश में सबसे चमकीला तारा माना जाता है।
प्रश्न 6.
सौर परिवार का किसी चित्रकार द्वारा बनाया गया चित्र 12.3 में दर्शाया गया है। क्या इसमें ग्रहों का क्रम ठीक है? यदि ठीक नहीं है तो चित्र के नीचे दिए गए बॉक्स में उनका सही क्रम लिखिए।
उत्तर:
ग्रहों का सही क्रम है-
बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस, वरुण।
प्रश्न 7.
रात्रि – आकाश का एक भाग चित्र 12.4 में दर्शाया गया है। बिग डिपर एवं लिटिल डिपर के तारों को सरल रेखाओं द्वारा जोड़िए । ध्रुव तारे को पहचानिए और चित्र में इसका नाम लिखिए।
उत्तर:
बिग डिपर और लिटिल डिपर तारा-मंडलों को सरल रेखाओं द्वारा जोड़ने ध्रुव तारे की पहचान निम्न प्रकार से कर सकते हैं-
- बिग डिपर (सप्तऋषि मंडल) – इस तारा – मंडल में सात मुख्य तारे होते हैं। जिनमें से चार एक बड़े चम्मच के कटोरे जैसे आकृति बनाते हैं और बाकी तीन तारे चम्मच के हत्थे जैसी आकृति बनाते हैं।
- लिटिल डिपर (ध्रुवीय मंडल) – लिटिल डिपर तारा – मंडल भी सात तारों से मिलकर बना होता है। इसका आकार भी चम्मच की तरह होता है। लेकिन यह छोटा और कम चमकीला होता है। इसका अंतिम तारा (यानी हत्थे का अंतिम तारा ) ध्रुवतारा है।
- ध्रुव तारा – लिटिल डिपर के अंतिम तारे को ध्रुव तारा कहते हैं यह तारा हमेशा उत्तर दिशा में स्थिर रहता है और रात के आकाश में सबसे महत्त्वपूर्ण तारा माना जाता है। इन तारों को जोड़ने के लिए हमें बिग डिपर और लिटिल डिपर की आकृति को ध्यान में रखते हुए तारों को एक-दूसरे से जोड़ना होगा। ध्रुव तारे को पहचानने के लिए लिटिल डिपर के हत्थे के अंतिम तारे को देखें और उसे ध्रुव तारा नाम दें।
प्रश्न 8.
रात्रि – आकाश का एक भाग चित्र 12.5 में दर्शाया गया है। इसमें ओरायन तारा – मंडल के तारों को सरल रेखाओं द्वारा जोड़िए । तारे लुब्धक का नाम अंकित कीजिए। इसके लिए आप चित्र 12.3 (पाठ्यपुस्तक पृ. 228) की सहायता ले सकते हैं।
उत्तर:
चित्र में ओरियन तारा – मंडल और लुब्धक (सिरियस) तारा – मंडल दिखाया गया है। तारों को रेखाओं से जोड़ा गया है और लिखा गया है – ओरियन तारा – मंडल (बेल्ट के लिए नीला और सियान)।
- बेतेलगेस
- बेलाट्रिक्स
- मिटका
- सेफ
- रिगेल
- अलनिटक (ओरियन की बेल्ट का हिस्सा)
- सिरियस (लाल)
- इससे ओरियन तारा – मंडल के पैटर्न को पहचानने और समझने और सिरियस का पता लगाने में मदद मिलती है।
प्रश्न 9.
आप उषाकाल में तारों को लुप्त होते तथा संध्याकाल में प्रकट होते देख सकते हैं। दिन के समय आप तारों को नहीं देख पाते हैं। ऐसा क्यों होता है? व्याख्या कीजिए ।
उत्तर:
दिन के समय सूर्य का प्रकाश इतना तेज होता है कि वह तारों के प्रकाश को अदृश्य कर देता है । हमारी पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है। जब हमारे हिस्से में दिन होता है तो सूर्य की रोशनी के कारण तारे दिखाई नहीं देते जैसे-जैसे सूर्य अस्त होता है और रात होती है तारों की हल्की रोशनी फिर से दिखाई देने लगती है।
प्रश्न 10.
रात में जब आकाश साफ हो तो बिग डिपर (सप्तर्षि) के अवलोकन का प्रयास 2 – 3 घंटे के समय अंतराल पर 3 – 4 बार कीजिए । प्रत्येक बार ध्रुवतारे की स्थिति देखने का प्रयास भी कीजिए । क्या सप्तर्षि गति करते हुए प्रतीत होता है? प्रत्येक प्रेक्षण का समय बताते हुए एक कच्चा रेखाचित्र बनाइए।
उत्तर:
बिग डिपर (सप्तर्षि) तारा – मंडल का अवलोकन करने पर यह प्रतीत होता है कि यह तारा – मंडल रात के आकाश में धीरे-धीरे अपनी स्थिति बदलता है। यह पृथ्वी के घूर्णन के कारण होता है। यदि हम 2-3 घंटे के अंतराल पर इसका अवलोकन करते हैं तो देखेंगे कि सप्तर्षि पश्चिम से पूर्व की ओर धीरे-धीरे गति करता प्रतीत होता है लेकिन ध्रुव तारा अपनी स्थिति में स्थिर रहता है।
- पहला प्रेक्षण: 8:00 PM सप्तर्षि उत्तर दिशा में होता है ध्रुव तारा लगभग उसी स्थान पर।
- दूसरा प्रेक्षण: 10:00 PM सप्तर्षि थोड़ा आगे बढ़ा हुआ प्रतीत होता है लेकिन ध्रुव तारा वहाँ है।
- तीसरा प्रेक्षण: 12:00 AM सप्तर्षि की ओर आगे बढ़ गया है, ध्रुव तारा अभी भी उसी स्थान पर।