Students often refer to Ganita Prakash Class 6 Solutions and Class 6 Maths Chapter 1 Solutions in Hindi Medium गणित में पैटर्न to verify their answers.
Ganita Prakash Class 6 Maths Chapter 1 Solutions in Hindi Medium
आइए, पता लगाएँ (पृष्ठ – 2)
प्रश्न 1.
क्या आप अन्य उदाहरणों के विषय में सोच सकते हैं, जहाँ गणित दैनिक जीवन में हमारी सहायता करता है?
हल:
गणित दैनिक जीवन में हमारी सहायता करता है।
ऐसे कुछ उदाहरण निम्न हैं-
(क) समय अवधि की गणना करना।
(ख) विभिन्न मापों का अनुमान लगाना।
(ग) आय व घरेलू खर्च में संतुलन बनाने के लिए बजट बनाना।
प्रश्न 2.
गणित ने किस प्रकार मानव को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करने में सहायता की है? (आप उन उदाहरणों के विषय में विचार कर सकते हैं जिनमें वैज्ञानिक प्रयोग करना; अपनी अर्थव्यवस्था और लोकतंत्र को चलाना पुलों, घरों या अन्य जटिल भवनों को निर्मित करना; टी.वी., मोबाइल फोन, कम्प्यूटरों, साइकिलों, रेलगाड़ियों, कारों, वायुयानों, कैलेंडरों, घड़ियों इत्यादि को बनाना सम्मिलित हैं।)
हल:
गणित हर जगह है। गणित ने आर्थिक विकास, बीमारियों के उन्मूलन और जीवन स्तर में वृद्धि करके मानवता को आगे बढ़ाया है।
आइए, पता लगाएँ (पृष्ठ – 3)
प्रश्न 1.
क्या आप सारणी 1 में दिए प्रत्येक अनुक्रम में पैटर्न की पहचान कर सकते हैं?
हल:
सारणी 1 में दिए प्रत्येक अनुक्रम को उसकी अगली तीन संख्याओं सहित अपनी नोटबुक पर पुनः लिखिए। प्रत्येक अनुक्रम के बाद, उस अनुक्रम में संख्याओं को बनाने वाले नियम को अपने शब्दों में लिखिए।
हल:
(a) | 1, 1, 1, 1, 1, 1, 1, 1, 1, 1…… (1 को 3 बार दोहराएँ) |
(b) | 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10. (अगली 3 गणन संख्याएँ ) |
(c) | 1, 3, 5, 7, 9, 11, 13, 15, 17, 19, (अगली 3 विषम संख्याएँ) |
(d) | 2, 4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18 20… (अगली 3 सम संख्याएँ) |
(e) | 1, 3, 6, 10, 15, 21, 28, 36, 45, 55. (अगली 3 त्रिभुजाकार संख्याएँ) 28 + 8 = 36, 36 + 9 = 45, 45 + 10 = 55 |
(f) | 1, 4, 9, 16, 25, 36, 49, 64, 81, 100, … ( अगली 3 वर्ग संख्याएँ) 8 × 8 = 64,9 × 9 = 81, 10 × 10 = 100 |
(g) | 1, 8, 27, 64, 125, 216, 343, 512, 729, …. (अगली 3 घन संख्याएँ) 7 × 7 × 7 = 343, 8 × 8 × 8 = 512, 9 × 9 × 9 = 729 |
(h) | 1, 2, 3, 5, 8, 13, 21, 34, 55, 89, …. (अगली 3 विरहांक संख्याएँ) 13 + 21 = 34, 21 + 34 = 55, 34 + 55 = 89 |
(i) | 1, 2, 4, 8, 16, 32, 64, 128 256 512. (पिछली संख्या को 2 से गुणा करें) 64 × 2 = 128, 128 × 2 = 256, 256 × 2 = 512 |
(j) | 1, 3, 9, 27, 81, 243, 729, 2187, 6561, 19683, … (पिछली संख्या को 3 से गुणा करें) 729 × 3 = 2187; 2187 × 36561, 6561 × 3 = 19683 |
आइए, पता लगाएँ (पृष्ठ – 6)
प्रश्न 1.
सारणी 2 में दिए संख्या अनुक्रमों को चित्रात्मक रूप से दर्शाने के लिए अपनी नोटबुक में प्रतिलिपि बनाकर प्रत्येक अनुक्रम के लिए अगला चित्र बनाइए।
हल:
प्रश्न 2.
1, 3, 6, 10, 15, … त्रिभुजाकार संख्याएँ क्यों कहलाती हैं? 1, 4, 9, 16, 25, …. वर्ग संख्याएँ या वर्ग क्यों कहलाती हैं? 1, 8, 27, 64, 125, … घन संख्याएँ या घन क्यों कहलाती हैं?
हल:
प्रश्न 3.
आपने ध्यान दिया होगा कि 36 एक त्रिभुजाकार संख्या और वर्गाकार संख्या दोनों हैं। अर्थात् 36 बिंदुओं को त्रिभुज और वर्ग दोनों में पूरी तरह व्यवस्थित किया जा सकता है। इसे स्पष्ट करते हुए अपनी नोटबुक में चित्र बनाइए ।
इससे ज्ञात होता हैं कि एक ही संख्या को अलग-अलग तरीकों से दर्शाया जा सकता है और संदर्भ के आधार पर अलग-अलग भूमिकाएँ निभाई जा सकती हैं। कुछ अन्य संख्याओं को अलग-अलग तरीकों से चित्रात्मक रूप से दर्शाने का प्रयास कीजिए।
हल:
ऐसी तीन अन्य संख्याएँ 1, 1225 और 41616 है।
1225, 49वीं त्रिभुजाकार संख्या है।
तथा 1225 को एक वर्ग द्वारा दर्शाया जा सकता है जिसके किनारे पर 36 बिंदु है।
प्रश्न 4.
आप संख्याओं के निम्नलिखित अनुक्रम को क्या कहेंगे?
इन्हें षड्भुजाकार (hexagonal ) संख्याएँ कहते हैं।
इन्हें अपनी नोटबुक में बनाइए । अनुक्रम में अगली संख्या क्या होगी?
हल:
1st संख्या = 1
2nd संख्या = 1 + 6 = 7
(2nd संख्या = 1st संख्या + 6 × 1 )
3rd संख्या = 7 + 12 = 19
(3rd संख्या = 2nd संख्या + 6 × 2)
4th संख्या = 19 + 18 = 37
(4th संख्या = 3rd संख्या + 6 × 3)
5th संख्या = 37 + 24 = 61 (5th संख्या = 4th संख्या + 6 × 4)
अतः अनुक्रम में अगली संख्या 6 है।
प्रश्न 5.
क्या आप ‘2 की घात’ के अनुक्रम का चित्रीय निरूपण कर सकते हैं? ‘3 की घात’ का?
यहाँ ‘2 की घात’ के चित्रात्मक प्रस्तुतीकरण का एक संभावित तरीका दिया है-
हल:
विद्यार्थी स्वयं करें।
(पृष्ठ 6)
प्रश्न 1.
ऐसा क्यों होता है? क्या आपको यह लगता है कि सदैव ऐसा ही होता रहेगा?
हल:
ऐसा होता है क्योंकि प्रत्येक विषम संख्या को (2n – 1 )
के रूप में प्रदर्शित किया जा सकता है जहाँ n एक धनात्मक पूर्णांक है। जब हम n विषम संख्याओं को जोड़ते हैं तब हमें
1 + 3 + 5 + …… + (2n – 1 ) = n2
प्राप्त होता है। यह पैटर्न सदैव के लिए जारी रहेगा क्योंकि यह संख्याओं का एक मौलिक गुण है। विषम संख्याओं का अनुक्रम और उनके योग को पूर्ण वर्ग बनाना संख्या पद्धति की एक अंतर्निहित विशेषता है।
प्रश्न 2.
एक वर्गाकार बिंदु ग्रिड में विषम संख्याओं 1, 3, 5, 7 के बिंदुओं को कैसे बाँटा जा सकता है?
आगे पढ़ने से पहले इसके बारे में एक क्षण के लिए सोचिए !
हल:
हम एक वर्गाकार बिंदु ग्रिड में विषम संख्याओं 1, 3, 5, 7 के बिंदुओं में निम्न प्रकार बाँट सकते हैं।
(पृष्ठ 7)
प्रश्न 1.
इसी प्रकार एक अन्य चित्र बनाकर, क्या आप यह बता सकते हैं कि प्रथम 10 विषम संख्याओं का योग क्या है?
हल:
प्रथम 10 विषम संख्याओं का योग
= 1 + 3 + 5 + 7 + 9 + 11 + 13 + 15 + 17 + 19
= n = (10)2 = 10 × 10 = 100
प्रश्न 2.
अब एक ऐसे ही चित्र की कल्पना कीजिए या आवश्यकतानुसार आंशिक चित्र बनाकर क्या आप बता सकते हैं कि प्रथम 100 विषम संख्याओं का योग क्या है ? ऐसे चित्र की कल्पना कीजिए और आवश्यकतानुसार छोटे आकार में बनाकर इसे समझाइए |
हल:
प्रथम 100 विषम संख्याओं का योग .
= 1 + 3 + 5 + ……
= n2 = (100)2 = 100 × 100 = 10,000
आइए, पता लगाएँ (पृष्ठ 8 – 9)
प्रश्न 1.
गणन संख्याओं को ऊपर और नीचे जोड़ने पर अर्थात् 1, 1 + 2 + 1, 1 + 2 + 3 + 2 + 1, से वर्ग संख्याएँ क्यों प्राप्त होती हैं, क्या आप इसके लिए एक चित्रीय स्पष्टीकरण दे सकते हैं?
हल:
1 = 1 = (1)2
1 + 2 + 1 = 4 = (2)2
1 + 2 + 3 + 2 + 1 = 9 = (3)2
1 + 2 + 3 + 4 + 3 + 2 + 1 = 16 = (4)2
1+ 2 + 3+ 4+ 5+ 4 + 3 + 2 + 1 = 25= (5)2
1 + 2 + 3 + 4 + 5 + 6 + 5 + 4 + 3 + 2 + 1= 36 = (6)2
और इसी तरह ।
प्रश्न 2.
इस तस्वीर के बड़े संस्करण की कल्पना करके या आवश्यकतानुसार उसका आंशिक चित्र बनाकर, क्या आप ज्ञात कर सकते हैं कि 1 + 2 + 3 + … + 99 + 100 + 99 + + 3 + 2 + 1 का मान क्या होगा?
हल:
1 + 2 + 3 + … + 100 + …..+ 3 + 2 + 1 = 100 × 100 = 10000
अतः 1002 = 100 × 100 = 10,000
प्रश्न 3.
जब आप सभी ‘1’ वाले अनुक्रम को ऊपर की ओर जोड़ना प्रारंभ करते हैं, तब आपको कौन-सा अनुक्रम प्राप्त होता है? जब आप सभी ‘1’ वाले अनुक्रम को ऊपर और नीचे जोड़ते हैं, तब कौन-सा अनुक्रम प्राप्त होता है?
हल:
ऊपर की ओर जोड़ने पर 1 + 1 + 1 + 1 = 4
नीचे की ओर जोड़ने पर 1 + 1 + 1 + 1 = 4
दोनों प्रकार से योग समान रहता है।
प्रश्न 4.
जब आप गणन संख्याओं को ऊपर की ओर जोड़ना प्रारंभ करते हैं, तब आपको कौन-सा अनुक्रम प्राप्त होता है? क्या आप एक छोटे से चित्र के माध्यम से स्पष्टीकरण दे सकते हैं?
हल:
गणन संख्याओं को ऊपर की ओर जोड़ने पर
1, 1 + 2, 1 + 2 + 3, 1 + 2 + 3 + 4, ……..
या 1, 3, 6, 10
प्रश्न 5.
जब आप क्रमागत त्रिभुजाकार संख्याओं के युग्मों को जोड़ते हैं तब क्या होता है? उदाहरण के लिए 1 + 3, 3 + 6, 6 + 10, 10 + 15, को लीजिए। आपको कौन-सा अनुक्रम मिलता है? क्यों? क्या आप इसे एक चित्र द्वारा स्पष्ट कर सकते हैं?
हल:
1 + 3 = 4 = 2 × 2:
3 + 6 = 9 = 3 × 3 ;
6 + 10 = 16 = 4 × 4
उपरोक्त युग्मों से वर्ग संख्याएँ प्राप्त होती है।
प्रश्न 6.
जब आप 1 से प्रारंभ करते हुए 2 की घातों को जोड़ना प्रारंभ करते हैं तब क्या होता है? उदाहरण के लिए, 1, 1 + 2, 1 + 2 + 4, 1 + 2 + 4 + 8, लीजिए? अब, इनमें से प्रत्येक संख्या में 1 जोड़ दीजिए आप कौन-सी संख्याएँ प्राप्त करते हैं? ऐसा क्यों होता है?
हल:
आइए 1 से प्रारंभ करते हुए 2 की घातों को जोड़ें
यहाँ
1 = 1
1 + 2 = 3
1 + 2 + 4 = 7
1 + 2 + 4 + 8 = 15
1 + 2 + 4 + 8 + 16 = 31
अत: श्रृंखला 1, 3, 7, 15, 31, …… प्राप्त होती हैं।
आइए अब हम ऊपर की प्रत्येक संख्या में 1 जोड़ते हैं।
1 + 1 = 2 = 21
1 + 2 + 14 = 2 × 2 = 22
1 + 2 + 4 + 1 = 8 = 2 × 2 × 2 = 23
1 + 2 + 4 + 8 + 1 = 16 = 2 × 2 × 2 × 2 = 24
यह होता है क्योंकि हम (1 + 1 = 2) जोड़ रहे हैं, इसलिये 2 की घात बढ़ती है।
प्रश्न 7.
जब आप त्रिभुजाकार संख्याओं को 6 से गुणा करते हैं और 1 जोड़ते हैं तो क्या होता है? आपको कौन-सा अनुक्रम मिलता है? क्या आप इसे चित्र के माध्यम से समझा सकते हैं?
हल:
त्रिभुजाकार संख्याएँ हैं- 1, 3, 6, 10, 15, 21,
1 × 6 + 1 = 7
3 × 6 + 1 = 19 (12 की वृद्धि अत: 6 × 2)
6 × 6 + 1 = 37 (18 की वृद्धि अत: 6 × 3)
10 × 6 + 1 = 61 (24 की वृद्धि अत: 6 × 4)
15 × 6 + 1 = 91 (30 की वृद्धि अत: 6 × 5)
हमें अनुक्रम 7, 19, 37, 61, 91, ….. . मिलता है।
प्रश्न 8.
जब आप षड्भुजाकार संख्याओं को जोड़ना प्रारंभ करते हैं तब क्या होता है? उदाहरण के लिए, 1, 1 + 7, 1 + 7 + 19, 1 + 7 + 19 + 37, …. लीजिए? आप कौन-सा अनुक्रम प्राप्त करते हैं? क्या आप इसे एक घन के चित्र का उपयोग करते हुए स्पष्ट कर सकते हैं?
हलः
षड्भुजाकार संख्याएँ हैं- 1, 7, 19, 37…..
आइए इनको जोड़ें
1 = 13 (1 की तीसरी घात)
1 + 7 = 8 = 2 × 2 × 2 = 23 (2 की तीसरी घात)
1 + 7 + 19 = 27 = 3 × 3 × 3 = 33 (3 की तीसरी घात)
1 + 7 + 19 + 37 = 64 = 4 × 4 × 4 = 43 (4 की तीसरी घात)
1 + 7 + 19 + 37 + 61 = 125 = 5 × 5 × 5 = 53 (5 की तीसरी घात)
प्रश्न 9.
सारणी 1 में दिए गए अनुक्रमों में और दो भिन्न अनुक्रमों के उनके बीच स्वयं अपनी ओर से अन्य पैटर्न या संबंध खोजिए। क्या एक चित्र या किसी अन्य माध्यम से आप यह स्पष्ट कर सकते हैं कि ऐसा क्यों होता है?
हल:
3, 6, 9, 12, 15, 18, …
(3 के क्रमागत गुणज)
10, 15, 20, 25, ….. (प्रथम संख्या 10 है तथा प्रत्येक पद में 5 की वृद्धि)
आइए, पता लगाएँ (पृष्ठ 11)
प्रश्न 1.
क्या आप सारणी 3 के प्रत्येक अनुक्रम में पैटर्न की पहचान कर सकते हैं?
हल:
(a) सम बहुभुज – त्रिभुज, चतुर्भुज, पंचभुज, षड्भुज, (भुजाओं की संख्या एक बार में 1 बढ़ती है) अत: यह 3 से शुरू होने वाला एक क्रमागत संख्या अनुक्रम है।
(b)
यहाँ रेखाओं की संख्या निम्न प्रकार है:
K2 = 1
K3 = 3
K4 = 6
K5 = 10
K6 = 15
निर्मित श्रृंखला 1, 3, 6, 10, 15, … है।
अतः यह एक त्रिभुजाकार संख्या अनुक्रम है।
(c) ढेरित वर्ग
प्रत्येक में छोटे वर्गों की संख्या
निर्मित शृंखला 1, 4, 9, 16, 25, … है ।
अतः यह एक वर्ग संख्या अनुक्रम है।
(d) ढेरित त्रिभुज
प्रत्येक में छोटे त्रिभुजों की संख्या
अतः यह त्रिभुजों द्वारा दर्शाया गया वर्ग संख्या अनुक्रम है।
(e) कोच हिमकण
प्रत्येक में भुजाओं की संख्या 4 गुना हो जाती है।
प्रश्न 2.
सारणी 3 के प्रत्येक अनुक्रम को अपनी नोटबुक में पुन: बनाने का प्रयास कीजिए। क्या आप प्रत्येक अनुक्रम में अगले आकार को खींच सकते हैं? क्यों और क्यों नहीं? प्रत्येक अनुक्रम के बाद, अपने शब्दों में उस नियम या पैटर्न की व्याख्या कीजिए, जिसके अनुसार उस अनुक्रम में आकार बन रहे हैं।
हल:
(a) सम बहुभुजः 11 भुजाओं वाला बहुभुज ( हेंडेकागॉन)
(b) K7
(c) ढेरित वर्ग
कुल वर्गों की संख्या = 6 × 6 = 36
(d) ढेरित त्रिभुज
कुल त्रिभुजों की संख्या
= 1 + 3 + 5 + 7 + 9 + 11 = 36
(e) कोच हिमकण
आइए, पता लगाएँ (पृष्ठ 11 – 12)
प्रश्न 1.
समबहुभुजों के प्रत्येक आकार अनुक्रम में भुजाओं की संख्या ज्ञात कीजिए। आपको कौन-सा संख्या अनुक्रम प्राप्त होता है? सम बहुभुजों के प्रत्येक आकार अनुक्रम में आकृतियों के कोनों के विषय में आप क्या कहेंगे? क्या आपको वही संख्या अनुक्रम प्राप्त होता है? क्या आप स्पष्ट कर सकते हैं कि ऐसा क्यों होता है?
हल:
दोनों अनुक्रम समान है क्योंकि सम बहुभुज में भुजाओं की संख्या शीर्षों की संख्या के बराबर है।
प्रश्न 2.
संपूर्ण आलेखों के प्रत्येक आकार अनुक्रम में रेखाओं की संख्याओं की गणना कीजिए। इससे आपको कौन-सा संख्या अनुक्रम प्राप्त होता है? क्या आप स्पष्ट कर सकते हैं कि ऐसा क्यों होता है?
हल:
अतः हमें अनुक्रम 1, 3, 6, 10, 15, … प्राप्त होता है। यह एक त्रिभुजाकार संख्या अनुक्रम है।
प्रश्न 3.
ढेरित (stacked) वर्गों के अनुक्रम के प्रत्येक आकार में कितने छोटे वर्ग हैं? इससे कौन-सा संख्या अनुक्रम प्राप्त होता है? क्या आप स्पष्ट कर सकते हैं कि ऐसा क्यों होता है?
हलः
हमें अनुक्रम 1, 4, 9, 16, 25, 36, ……….. प्राप्त होता है।
अतः हमें वर्ग संख्याओं का अनुक्रम प्राप्त होता है।
प्रश्न 4.
ढेरित त्रिभुजों के अनुक्रम के प्रत्येक आकार में कितने छोटे त्रिभुज हैं? इससे कौन-सा संख्या अनुक्रम प्राप्त होता है? क्या आप स्पष्ट कर सकते हैं कि ऐसा क्यों होता है? (संकेत- अनुक्रम के प्रत्येक आकार में, प्रत्येक पंक्ति में कितने त्रिभुज हैं?)
हल:
हमें अनुक्रम 1, 4, 9, 16, 25, 36, 49, ……….. प्राप्त होता है। यह वर्ग संख्याओं का अनुक्रम है । अतः तली में एक ढेरित त्रिभुज
जोड़ने पर वर्ग अनुक्रम की अगली संख्या आयेगी।
प्रश्न 5.
कोच हिमकण (Koch snowflake) वाले अनुक्रम में, एक आकार से अगला आकार प्राप्त करने के लिए प्रत्येक रेखाखंड ‘………’ को एक ‘गति उभार (speed bump)’ से प्रतिस्थापित करना पड़ता है। जैसे-जैसे इसे अधिक-से-अधिक बार किया जाता है, वैसे-वैसे परिवर्तन अत्यधिक छोटे-छोटे रेखाखंडों के साथ छोटे तथा और अधिक छोटे होते जाते हैं। कोच हिमकण के प्रत्येक आकार में कुल कितने रेखाखंड हैं? इनके संगत संख्या अनुक्रम क्या है ? ( 3, 12, 48, अर्थात् 4 की घात का तीन गुना इसका उत्तर हैं, यह अनुक्रम सारणी में नहीं है।)
हल:
हमें अनुक्रम 3, 12, 48, 192, 768, प्राप्त होता है। प्रथम पद 3 है। इसके बाद प्रत्येक अगला पद पिछले पद को 4 से गुणा करने पर प्राप्त होगा।
कृपया नोट करें कि अगले कोच हिमकण में पिछले आकार की प्रत्येक रेखा में 4 रेखाएँ जुड़ जाती है।