Well-organized Geography Class 12 Notes in Hindi and Class 12 Geography Chapter 10 Notes in Hindi परिवहन तथा संचार can aid in exam preparation and quick revision.
Geography Class 12 Chapter 10 Notes in Hindi परिवहन तथा संचार
→ परिवहन : प्रतिदिन उपयोग में आने वाले पदार्थ, जैसे फल, शाक-सब्जियां, दूध, कपड़े, साबुन, खाद्य सामग्री आदि परिवहन के माध्यम से ही अपने उत्पादन स्थल खेत एवं कारखानों से तैयार होकर बाजार तक पहुँचते हैं, जहाँ से यह उपभोक्ताओं को आसानी से उपलब्ध होते हैं ।
→ संचार :
संचार के माध्यम से ही मानव अपने विचारों, दर्शन और संदेशों का विनिमय एक स्थान से दूसरे स्थान तक अथवा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक करता है।
परिवहन एवं संचार का उपयोग वस्तुतः मानव की आवश्यकता पर निर्भर करता है । सामान्यत: परिवहन के प्रमुख . साधन निम्न प्रकार से हैं-
→ स्थल परिवहन : इसके अन्तर्गत सड़क परिवहन, रेल परिवहन और पाइप लाइन परिवहन को सम्मिलित किया जाता है।
(A) सड़क परिवहन :
छोटी दूरियों के लिए सड़क परिवहन अपेक्षाकृत अनुकूल होता है। 2017-18 में देश में सड़कों की कुल लम्बाई 56 लाख किलोमीटर थी। देश में आधुनिक प्रकार के सड़क परिवहन का पहला गंभीर प्रयास 1943 में ‘नागपुर योजना’ बनाकर किया गया, जो असफल रही। इसके बाद 1961 में सड़कों की दशा सुधारने के लिए एक बीस वर्षीय सड़क योजना आरम्भ की गई। निर्माण एवं रख-रखाव के उद्देश्य से सड़कों को राष्ट्रीय महामार्गों (NH), राज्य महामार्गों (SH), प्रमुख जिला सड़कों तथा ग्रामीण सड़कों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
- राष्ट्रीय महामार्ग : यह केन्द्र सरकार द्वारा निर्मित एवं अनुरक्षित सड़कें हैं, जो मुख्यतः राज्यों की राजधानियों, प्रमुख नगरों, महत्वपूर्ण पत्तनों तथा रेलवे जंक्शनों को जोड़ती हैं। 2016 में इनकी लम्बाई 1,01,011 किलोमीटर थी। यह देश की कुल सड़कों की लंबाई का मात्र 2 प्रतिशत है। राष्ट्रीय महामार्गों के विकास, रख-रखाव और प्रचालन हेतु ‘भूतल परिवहन मंत्रालय’ के अधीन एक स्वायत्तशासी निकाय ‘भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण’ (एन.एच.ए.आई.) की स्थापना 1995 में की गई।
- राज्य महामार्ग : राज्य की राजधानी से जिला मुख्यालयों तथा अन्य महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ने वाली इन सड़कों का निर्माण एवं अनुरक्षण राज्य सरकार द्वारा किया जाता है। इनके अन्तर्गत देश की कुल सड़कों की लम्बाई का 4 प्रतिशत भाग आता है।
- जिला सड़कें : इनके अन्तर्गत देश की कुल सड़कों की लम्बाई का 14 प्रतिशत भाग आता है।
- ग्रामीण सड़कें : देश की कुल सड़कों की लम्बाई का लगभग 80 प्रतिशत भाग इनके अन्तर्गत आता है।
- अन्य सड़कें : इसके अन्तर्गत सीमान्त सड़कों एवं अन्तर्राष्ट्रीय महामार्गों को शामिल करते हैं
(B) रेल परिवहन :
भारतीय रेल की स्थापना 1853 में मुम्बई से थाणे के बीच 34 किलोमीटर लंबी रेल लाइन निर्माण के साथ हुई थी। भारतीय रेल जाल की कुल लम्बाई 31 मार्च, 2015 को 66,030 कि.मी. थी। वर्तमान में भारतीय रेल द्वारा मीटर एवं नैरो गेज रेलमार्गों को ब्रॉडगेज में बदलने के लिए व्यापक स्तर पर कार्यक्रम शुरू किए गए। हैं।
(C) पाइप लाइन परिवहन :
पाइप लाइनें गैसों एवं तरल पदार्थों के लंबी दूरी तक परिवहन हेतु अत्यधिक सुविधाजनक एवं सक्षम परिवहन प्रणाली हैं। देश में 1959 में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीन स्थापित ‘आयल इंडिया लिमिटेड’ (ओ.आई.एल.) के द्वारा कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस के अन्वेषण, उत्पादन और परिवहन का कार्य किया जाता है। ओ. आई. एल. ने एशिया की पहली 1157 किलोमीटर लम्बी देशपारीय पाइप लाइन का निर्माण असम के नहरकटिया तेल क्षेत्र से बरौनी के तेल शोधन कारखाने तक किया था।
→ जल परिवहन-यह भारी एवं स्थूल सामग्री के परिवहन के लिए सर्वाधिक उपयुक्त एवं परिवहन का सबसे सस्ता साधन है। यह ईंधन दक्ष तथा पारिस्थितिकी अनुकूल परिवहन प्रणाली है। जल परिवहन दो प्रकार का होता
- अन्तःस्थलीय जलमार्ग :
रेलमार्गों के निर्माण से पूर्व यह परिवहन के प्रमुख साधन थे। वर्तमान में देश में 14,500 किलोमीटर लम्बा जलमार्ग नौकायन के लिए उपलब्ध है। इसके अन्तर्गत नदियाँ, नहरें, पश्च जल, संकरी खाड़ियाँ आदि शामिल हैं। इसका योगदान देश के परिवहन में लगभग 1 प्रतिशत का है। देश में राष्ट्रीय जलमार्गों के विकास, अनुरक्षण और नियमन हेतु 1986 में अंतः स्थलीय जलमार्ग प्राधिकरण का निर्माण किया गया था। वर्तमान में देश में 5 राष्ट्रीय जलमार्ग हैं। - महासागरीय मार्ग :
यह मार्ग देश की मुख्य भूमि तथा द्वीपों के बीच परिवहन एवं अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार हेतु उपयोगी होते हैं। देश में 12 प्रमुख तथा 185 गौण पत्तन इन मार्गों को संरचनात्मक आधार प्रदान करते हैं।
→ वायु परिवहन :
यह एक स्थान से दूसरे स्थान तक आवागमन का सबसे तीव्रतम साधन है। भारत में वायु परिवहन सेवा की शुरूआत 1911 में इलाहाबाद से नैनी के मध्य की 10 किलोमीटर की दूरी हेतु वायु डाक सेवा प्रचालन के माध्यम से हुई थी। भारतीय वायुक्षेत्र में सुरक्षित, सक्षम वायु यातायात एवं वैमानिकी संचार सेवाएँ ‘ भारतीय वायु प्राधिकरण’ प्रदान करता है। देश में वायु परिवहन का प्रबंध मुख्यतः एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस द्वारा किया जाता है। अब अनेक निजी कम्पनियों ने भी यात्री सेवाएँ देनी प्रारंभ कर दी हैं।
→ एयर इंडिया : यह यात्रियों तथा नौभार यातायात, दोनों के लिए अन्तर्राष्ट्रीय वायु सेवाएँ उपलब्ध कराती है।
→ पवन हंस : यह एक हेलीकॉप्टर सेवा है, जो मुख्यतः पेट्रोलियम सेक्टर एवं पर्वतीय क्षेत्रों में सेवारत है।
→ संचार जाल : मापदंड एवं गुणवत्ता के आधार पर संचार साधनों को निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया जाता है।
- वैयक्तिक संचार तंत्र : इसके अन्तर्गत पत्र, टेलीफोन, तार, फैक्स, ई-मेल, इंटरनेट आदि को सम्मिलित किया जाता है।
- जनसंचार तंत्र : इसमें निम्न को सम्मिलित करते हैं-
→ रेडियो :
देश में रेडियो का प्रसारण वर्ष 1923 में ‘रेडियो क्लब ऑफ बाम्बे’ द्वारा प्रारम्भ किया गया था, जिसे 1936 में ‘आल इंडिया रेडियो’ और 1957 में ‘आकाशवाणी’ में बदल दिया गया।
→ टेलीविजन (टी.वी.) :
यह संचार का एक प्रभावी श्रव्य दृश्य साधन है। टी.वी. सेवा सर्वप्रथम 1959 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रारम्भ की गई थी। वर्ष 1976 में टी.वी. को ‘ऑल इंडिया रेडियो’ से पृथक् कर दूरदर्शन (डी.डी.) के रूप में विकसित किया गया। वर्तमान में इनसैट 1ए अर्थात् राष्ट्रीय टेलीविजन डी. डी. 1 के प्रारम्भ होने के बाद समूचे नेटवर्क के लिए साझा राष्ट्रीय कार्यक्रमों (सी.एन.पी.) की शुरूआत की गई है।
→ उपग्रह संचार :
यह संचार की एक नवीन विधि है। भारतीय उपग्रह प्रणाली समाकृति तथा उद्देश्यों के आधार पर दो भागों में वर्गीकृत की जाती है- थी।
- इंडियन नेशनल सेटेलाइट सिस्टम (INSAT),
- इंडियन रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट सिस्टम (IRS)।
इनसैट उपग्रह प्रणाली की स्थापना 1983 में, जबकि आई. आर. एस. उपग्रह प्रणाली की स्थापना 1988 में हुई थी।
→ भौगोलिक शब्दावली
- परिवहन : एक स्थान से दूसरे स्थान को माल तथा यात्रियों का आना-जाना।
- संचार : विचार, दर्शन तथा संदेशों का एक स्थान से दूसरे स्थान को अथवा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को विनिमय।
- विनिमय : वस्तु, विचार, संदेश आदि कारकों का आदान-प्रदान।
- अंतर्राज्यीय परिवहन : एक राज्य से दूसरे राज्यों में परिवहन।