Students can find the 11th Class Hindi Book Antra Questions and Answers Chapter 7 नए की जन्म कुंडली : एक to practice the questions mentioned in the exercise section of the book.
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antra Chapter 7 नए की जन्म कुंडली : एक
Class 11 Hindi Chapter 7 Question Answer Antra नए की जन्म कुंडली : एक
प्रश्न 1.
लेखक ने कविता को हमारी भारतीय परंपरा का विचित्र परिणाम क्यों कहा है?
उत्तर :
लेखक ने कविता को भारतीय परंपरा का विचित्र परिणाम कहा है, क्योंकि कवि अपने विचारों को अधिक गंभीरतापूर्वक लेता था। उसके लिए धूप और हवा जैसे प्राकृतिक तत्व स्वाभाविक थे। उसके लिए न वे विचार थे, न अनुभूति। लेखक को भान होता है कि वह स्वयं को प्रकट करते समय अपनी सभी इंद्रियों से काम लेते हुए एक आंतरिक यात्रा करता है।
प्रश्न 2.
‘सौंदर्य में रहस्य न हो, तो वह एक खूबसूरत चौखटा है।’-व्यक्ति के व्यक्तित्व के माध्यम से स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
लेखक ने व्यक्ति के व्यक्तित्व के विषय में बताया है कि उस व्यक्ति के बाल सफ़ेद हो गए हैं। उसके माथे पर लकीरें पड़ गई हैं। उसे वे लकीरें अच्छी लगती हैं। लेखक कहता है कि खूबसूरत कागज़ कोरा हो, तो अधिक सुंदर नहीं लगता। उस पर नरम वचन लिखे हों, तो वह अधिक आकर्षक होता है। इसी तरह सौंदर्य में रहस्य न हो, तो वह खूबसूरत चौखटा ही रह जाता है।
प्रश्न 3.
सामान्य-असामान्य तथा साधारण-असाधारण के अंतर को व्यक्ति और लेखक के माध्यम से स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
लेखक सामान्य तथा साधारण व्यक्ति है। वह स्वयं को सामान्य समझता है, क्योंक उसके अंदर असामान्य के उक्त आदेश का पालन करने का मनोबल नहीं है। इस कारण वह स्वयं को हीन भी समझता है, जबकि वह व्यक्ति असाधारण तथा असामान्य है। एक असाधारणता और क्रूरता भी उसमें थी। वह अपनी धुन, विचार या एक कार्य पर सबसे पहले खुद को और उसके साथ लोगों को कुर्बान कर सकता था।
प्रश्न 4.
‘उसकी पूरी ज़िद्रगी भूल का एक नक्शा है।’-इस कथन द्वारा लेखक व्यक्ति के बारे में क्या कहना चाहता है?
उत्तर :
लेखक व्यक्ति के बारे में बताता है कि उसकी पूरी ज़िदगी भूल का एक नक्शा है। वह जीवन में छोटी-छोटी सफलताएँ चाहता था। उसके पास सिर्फ़ एक भव्य असफलता है। लेखक जीवन में सफल हुआ, क्योंक उसके अंदर व्यावहारिक बुद्धि थी। इसके विपरीत दूसरा व्यक्ति व्यावहारिक बुद्धि के अभाव में नामहीन तथा आकारहीन हो गया।
प्रश्न 5.
पिछले बीस वर्षों की सबसे महान घटना संयुक्त परिवार का ह्रास है-क्यों और कैसे?
उत्तर :
उस व्यक्ति ने बताया कि पिछले बीस वर्षों की सबसे महान घटना है-संयुक्त परिवार का ह्नास। वह व्यक्ति बताता है कि समाज की बुनियादी इकाई परिवार है। समाज की अच्छाई-बुराई परिवार के माध्यम से व्यक्त होती है। मानव के चरित्र का विकास भी परिवार से ही होता है। परिवार में बच्चों का पालन-पोषण किया जाता है तथा उन्हें सांस्कृतिक शिक्षा मिलती है। साहित्य और राजनीति के पास परिवार पर लागू करने लायक कोई दृष्टि नहीं है। समय बदलने के साथ-साथ संयुक्त सामंती परिवारों का ह्रास हुआ। इसके साथ ही उन विचारों तथा संस्कारों का भी हास हुआ, जो सामंती परिवार में पाए जाते थे।
प्रश्न 6.
इन वर्षों में सबसे बड़ी भूल है, ‘राजनीति के पास समाज-सुधार का कोई कार्यक्रम न होना’-इस संदर्भ में आप अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
उस व्यक्ति के अनुसार पिछले बीस वर्षों में राजनीति के पास समाज-सुधार का कोई कार्यक्रम नहीं था। हर व्यक्ति यह सोचता था कि सिर्फ़ सामान्य बातों या राजनीतिक आंदोलनों के ज़रिए वस्तुस्थिति में परिवर्तन किया जाएगा। इसका परिणाम यह हुआ कि सामाजिक सुधार का कार्य केवल अप्रत्यक्ष प्रभावों को सौप दिया गया। फलत: आज राजनीति के पास ऐसी कोई दृष्टि नहीं है, जो परिवार पर लागू हो।
प्रश्न 7.
‘अन्यायपूर्ण व्यवस्था को चुनौती घर में नहीं, घर के बाहर दी गई।’-इससे लेखक का क्या अभिप्राय है?
उत्तर :
लेखक कहना चाहता है कि समाज-सुधार के लिए विद्रोह की प्रवृत्ति का उदय हुआ। यह विद्रोह पूँजी, धन या सत्ता के प्रति था, जो केवल बाहर ही हुआ। अन्यायपूर्ण व्यवस्था का विरोध घर में नहीं हुआ। यह शिष्टता और शील के बाहर की बात थी। घर में भावनाओं की टकराहट अपने ही व्यक्तियों से होती थी। इस तरह संघर्ष को टाल दिया गया तथा एक अज़ीब ढंग का समझौता किया गया।
प्रश्न 8.
‘जो पुराना है, अब वह लौटकर आ नहीं सकता। लेकिन नए ने पुराने का स्थान नहीं लिया।’ इस नए और पुराने के अंतद्वर्वंद्व को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
लेखक का कहना है कि पुरानी वस्तु इतिहास बन चुकी है। उसे वापस नहीं लाया जा सकता। पुराने संस्कार समाप्त हो गए, परंतु नए नियमों ने पुराने का स्थान नहीं लिया। धर्म-भावना के स्थान पर वैज्ञानिक बुद्धि नहीं आई। वैज्ञानिक मानवीय दर्शन ने धर्म का स्थान नहीं लिया। इसलिए हम अपनी अंतःः्रवृत्तियों के यंत्र से चालित हो उठे। नए के चक्कर में मनुष्य परिभाषाहीन तथा निराकार हो गया। लोग ‘नया-नया’ करके चिल्ला तो उठे, पर ‘यह नया क्या है’-नहीं जान पाए।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांशों की व्याख्या कीजिए :
(क) इस भीषण संघर्ष की हुदयभेदक इसलिए वह असामान्य था।
(ख) लड़के बाहर राजनीति या साहित्य के मैदान में घर के बाहर दी गई।
(ग) इसलिए पुराने सामंती अवशेष बड़े मज़े – शिक्षित परिवारों की बात कर रहा हूँ।
(घ) मान-मूल्य, नया इनसान – वे धर्म और दर्शन का स्थान न ले सके।
उत्तर :
(क) प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक अंतरा, भाग-1 में संकलित निबंध नए की जन्म कुंडली : एक से उद्धृत है। इसके लेखक गजानन माधव मुक्तिबोध हैं।
इस गद्यांश में लेखक उस व्यक्ति (अपने मित्र) के स्वभाव के बारे में बता रहा है।
व्याख्या – लेखक अपने मित्र के विषय में बताता है कि वह असामान्य प्रकृति का व्यक्ति था। उसका जीवन-संघर्ष कठोर था। यह संघर्ष हुदय को भेदने वाला था। इस कठोर जीवन-संघर्ष ने उस व्यक्ति के अहं को टेढ़ा-मेढ़ा कर दिया था। उसका स्वभाव विचित्र हो गया था। अपने स्वभाव में हुए परिवर्तन के कारण ही वह असामान्य प्रवृत्ति का था।
विशेष :
- इस गद्यांश में लेखक के मित्र के संघर्षशील स्वभाव का वर्णन है।
- भाषा भावाभिव्यक्ति में सक्षम है।
- भाषा साहित्यिक खड़ी बोली है।
(ख) ‘सप्रसंग व्याख्या’ का गद्यांश-6 देखिए।
(ग) प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाट्यपुस्तक अंतरा, भाग-1 में संकलित निबंध नए की जन्म कुंडली : एक से उद्धृत है। इसके लेखक गजानन माधव मुक्तिबोध हैं। इस निबंध में लेखक ने व्यक्ति और समाज के बाहरी तथा आंतरिक परिवर्तन के फलस्वरूप प्राप्त चेतना को ‘नए’ के रूप में देखने की कोशिश की है। व्याख्या-लेखक का मित्र विचित्र है। वह बताता है कि हमारे परिवार अभी भी सामंती परंपरा से चिपटे हुए हैं। हम पुराने का मोह छोड़ नहीं पाए हैं। पुराने और नए के प्रति समाज का दृष्टिकोण अवसरवादी है। मध्यवर्गीय परिवारों में वैज्ञानिक पद्धति का सहारा लिया जाता है। फलतः उन्हें न उत्तर पाने की जल्दी है और न ही वे इच्छा रखते हैं। हमारी यह दशा है कि नए ने पुराने का स्थान नहीं लिया है।
(घ) ‘सप्रसंग व्याख्या’ का गद्यांश-7 देखिए।
विशेष :
- इस गद्यांश में समाज की प्रकृति का विश्लेषण हुआ है।
- मध्यवर्गीय परिवारों में आए बदलाव का वर्णन है।
- खड़ी बोली में सशक्त अभिव्यक्ति है।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए :
(क) सांसारिक समझौते से ज्यादा विनाशक कोई चीज़ नहीं।
(ख) बुलबुल भी यह चाहती है कि वह उल्लू क्यों न हुई!
(ग) मैं परिवर्तन के परिणामों को देखने का आदी था, परिवर्तन की प्रक्रिया को नहीं।
(घ) जो पुराना है, वह अब लौटकर आ नहीं सकता।
उत्तर :
(क) लेखक कहता है कि सांसारिक समझौते से अधिक विनाशक कोई चीज़ नहीं होती। इससे मनुष्य का मूल रूप समाप्त हो जाता है। उसकी संघर्ष-क्षमता नष्ट हो जाती है।
(ख) इस कथन का आशय यह है कि मानव का स्वभाव है कि वह दूसरों की तरफ़ भागता है। लेखक बुलबुल का उदाहरण देता है। वह सुंदर है, परंतु उल्लू दूर से अच्छा लगता है। अतः वह भी उस जैसा बनना चाहती है। यही प्रवृत्ति मानव की भी है।
(ग) लेखक परिवर्तन की प्रक्रिया में शामिल नहीं होना चाहता। वह केवल परिवर्तन चाहता है। वह केवल उसके परिणामों को देखने का अभ्यस्त है।
(घ) लेखक कहना चाहता है कि पुराना समय कभी लौटकर नहीं आ सकता। जो बीत गया, वह वापस नहीं आ सकता। पुरानी चीज़ों को वापस नहीं लाया जा सकता।