Understanding the question and answering patterns through Class 11 Geography Question Answer in Hindi Chapter 4 महासागरों और महाद्वीपों का वितरण will prepare you exam-ready.
Class 11 Geography Chapter 4 in Hindi Question Answer महासागरों और महाद्वीपों का वितरण
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
बहुचयनात्मक प्रश्न
1. निम्न में से किसने सर्वप्रथम अमेरिका, यूरोप व अफ्रीका महाद्वीपों को इकट्ठा कर एक मानचित्र बनाया
(अ) वेगनर
(ब) होम्स
(स) एन्टोनियो पैलेग्रीनी
(द) एडमंड हैस
उत्तर:
(स) एन्टोनियो पैलेग्रीनी
2. निम्न में से किस विद्वान ने महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धान्त प्रतिपादित किया
(अ) अल्फ्रेड वेगनर
(ब) चार्ल्स डार्विन
(स) आर्थर होम्स
(द) मरकैली
उत्तर:
(अ) अल्फ्रेड वेगनर
3. रेडियोमिट्रिक काल निर्धारण विधि के अनुसार दक्षिणी अमेरिका व अफ्रीका की तटरेखा के साथ पाए जाने वाले आरम्भिक समुद्री निक्षेप किस काल से सम्बन्धित हैं-
(अ) ट्रियासिक काल
(ब) डेवोनियन काल
(स) जुरेसिक काल
(द) कैम्ब्रियन काल
उत्तर:
(स) जुरेसिक काल
4. पृथ्वी के कितने प्रतिशत भू-भाग पर महासागर अवस्थित हैं?
(अ) 29 प्रतिशत
(ब) 71 प्रतिशत
(स) 59 प्रतिशत
(द) 81 प्रतिशत
उत्तर:
(ब) 71 प्रतिशत
5. 1964 में किसने कम्प्यूटर प्रोग्राम की सहायता से अटलांटिक तटों को जोड़ते हुए मानचित्र बनाया था?
(अ) बुलर्ड
(ब) आर्थर होम्स
(स) अलफ्रेड वेगनर
(द) हेस
उत्तर:
(अ) बुलर्ड
6. ‘रिंग ऑफ फायर’ का सम्बन्ध है-
(अ) भूकम्प प्रभावित क्षेत्र
(ब) सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्र
(स) वन अग्नि प्रभावित क्षेत्र
(द) प्लेट विवर्तन क्षेत्र
उत्तर:
(ब) सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्र
7. सोनायुक्त शिराएँ निम्न में से जहाँ पाई जाती हैं,
(अ) कनाडा
(ब) ब्राजील
(स) नेपाल
(द) अफगानिस्तान
उत्तर:
(ब) ब्राजील
8. लैमूर नामक जीव निम्न में कौनसे स्थानों में पाए जाते हैं?
(अ) भारत, मैडागास्कर व अफ्रीका
(ब) मैडागास्कर, ब्रिटेन व अफ्रीका
(स) भारत, चीन एवं अफ्रीका
(द) अफ्रीका, श्रीलंका एवं न्यूजीलैण्ड
उत्तर:
(अ) भारत, मैडागास्कर व अफ्रीका
9. महाद्वीपीय किनारों एवं गहरे समुद्री बेसिन के बीच का भाग है-
(अ) वितलीय मैदान
(ब) मध्य महासागरीय कटक
(स) महाद्वीपीय सीमा
(द) जलमग्न पर्वतीय कटकें
उत्तर:
(स) महाद्वीपीय सीमा
10. महासागरीय जल में डूबी हुई पृथ्वी के धरातल पर पाई जाने वाली संभवतः सबसे लम्बी पर्वत श्रृंखला है-
(अ) गहरे समुद्री बेसिन
(ब) मध्य महासागरीय कटक
(स) वितलीय मैदान
(द) महाद्वीपीय सीमा
(ब) मध्य महासागरीय कटक
रिक्त स्थान वाले प्रश्न
नीचे दिए गए प्रश्नों में रिक्त स्थानों की पूर्ति करें
1. जर्मन मौसमविद अल्फ्रेड वेगनर ने _____ सिद्धान्त सन् 1912 में प्रस्तावित किया। (महाद्वीपीय विस्थापन/प्लेट विवर्तनिकी)
2. वेगनर के तर्क के अनुसार लगभग _____ वर्ष पहले बड़े महाद्वीप पैंजिया का विभाजन आरम्भ हुआ। (15 करोड़/20 करोड़)
3. _____महाद्वीपीय किनारों और गहरे समुद्री बेसिन के बीच का भाग है। ( महाद्वीपीय सीमा/मध्य महासागरीय कटक)
4. टिलाइट वे _____ चट्टाने हैं जो हिमानी निक्षेपण से निर्मित होती है। (अवसादी/आग्नेय)
5. _____ “महासागर के किनारों को सक्रिय ज्वालामुखी के क्षेत्र होने के कारण ‘रिंग ऑफ फायर’ भी कहा जाता है। (प्रशान्त/हिन्द)
6. _____ प्लेट मध्यवर्ती अमेरिका और प्रशान्त महासागरीय प्लेट के बीच स्थित है। (नजका/कोकोस)
उत्तर:
1. जर्मन मौसमविद अल्फ्रेड वेगनर ने महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धान्त सन् 1912 में प्रस्तावित किया। (महाद्वीपीय विस्थापन/प्लेट विवर्तनिकी)
2. वेगनर के तर्क के अनुसार लगभग 20 करोड़ वर्ष पहले बड़े महाद्वीप पैंजिया का विभाजन आरम्भ हुआ। (15 करोड़/20 करोड़)
3. महाद्वीपीय सीमा महाद्वीपीय किनारों और गहरे समुद्री बेसिन के बीच का भाग है। ( महाद्वीपीय सीमा/मध्य महासागरीय कटक)
4. टिलाइट वे अवसादी चट्टाने हैं जो हिमानी निक्षेपण से निर्मित होती है। (अवसादी/आग्नेय)
5. प्रशान्त “महासागर के किनारों को सक्रिय ज्वालामुखी के क्षेत्र होने के कारण ‘रिंग ऑफ फायर’ भी कहा जाता है। (प्रशान्त/हिन्द)
6. कोकोस प्लेट मध्यवर्ती अमेरिका और प्रशान्त महासागरीय प्लेट के बीच स्थित है। (नजका/कोकोस)
सत्य/असत्य वाले प्रश्न
नीचे दिए गए कथनों में से सत्य / असत्य कथन छाँटिए-
1. फिलिपीन प्लेट एशिया महाद्वीप ओर प्रशान्त महासागरीय प्लेट के बीच स्थित है।
2. भारतीय प्लेट में प्रायद्वीप भारत और आस्ट्रेलिया महाद्वीपीय भाग सम्मिलित है।
3. रूपान्तर भ्रंश दो प्लेट को अलग करने वाले तल हैं जो सामान्यतः मध्य महासागरीय कटकों से लम्बवत स्थिति में पाए जाते हैं।
4. प्लेट विवर्तनिकी के सिद्धान्त के अनुसार पृथ्वी का स्थलमंडल दस प्रमुख प्लेटों में विभक्त है।
5. 1930 के दशक में आर्थर होम्स ने मैटल भाग में संवहन धाराओं के प्रभाव की संभावना व्यक्त की थी।
6. महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धान्त के प्रवर्तक आर्थर होम्स थें।
उत्तर:
1. फिलिपीन प्लेट एशिया महाद्वीप ओर प्रशान्त महासागरीय प्लेट के बीच स्थित है। (सत्य)
2. भारतीय प्लेट में प्रायद्वीप भारत और आस्ट्रेलिया महाद्वीपीय भाग सम्मिलित है। (सत्य)
3. रूपान्तर भ्रंश दो प्लेट को अलग करने वाले तल हैं जो सामान्यतः मध्य महासागरीय कटकों से लम्बवत स्थिति में पाए जाते हैं। (सत्य)
4. प्लेट विवर्तनिकी के सिद्धान्त के अनुसार पृथ्वी का स्थलमंडल दस प्रमुख प्लेटों में विभक्त है। (असत्य)
5. 1930 के दशक में आर्थर होम्स ने मैटल भाग में संवहन धाराओं के प्रभाव की संभावना व्यक्त की थी। (सत्य)
6. महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धान्त के प्रवर्तक आर्थर होम्स थें। (असत्य)
मिलान करने वाले प्रश्न
निम्न को सुमेलित कीजिए-
1. कोकोस प्लेट | (अ) अरब प्रायद्वीप के भू-भाग में |
2. नजका प्लेट | (ब) आस्ट्रेलिया के उत्तर पूर्व में |
3. अरेबियन प्लेट | (स) मध्यवर्ती अमेरिका एवं प्रशान्त महासागरीय प्लेट के बीच |
4. फिलिपीन प्लेट | (द) दक्षिण अमेरिका एवं प्रशान्त महासागरीय प्लेट के बीच |
5. फ्यूजी प्लेट | (य) एशिया महाद्वीप प्रशान्त महासागरीय प्लेट के बीच |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
‘संवहन धारा सिद्धांत’ के प्रतिपादक कौन हैं?
उत्तर:
आर्थर होम्स।
प्रश्न 2.
वैगनर ने ‘सुपर महाद्वीप’ किसे कहा है?
उत्तर:
पैंजिया को।
प्रश्न 3.
पैंजिया का क्या अर्थ है?
उत्तर:
पैंजिया का अर्थ है – सम्पूर्ण पृथ्वी। महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धान्त के अनुसार यह अकेला भूखण्ड था जिसमें सभी महाद्वीप जुड़े हुए थे।
प्रश्न 4.
महाद्वीपों के प्रवाह के लिए वेगनर द्वारा उल्लेखित बलों के नाम बताइए।
अथवा
महाद्वीपों के विस्थापन के लिए उत्तरदायी बल कौनसे हैं?
उत्तर:
- पोलर या ध्रुवीय फ्लीइंग बल
- ज्वारीय बल।
प्रश्न 5.
‘महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धान्त’ के प्रतिपादक का नाम बताइये।
उत्तर:
जर्मन मौसमविद अल्फ्रेड वेगनर।
प्रश्न 6.
हिमानी निक्षेपण से निर्मित चट्टानें क्या कहलाती हैं?
उत्तर:
टिलाइट।
प्रश्न 7.
वेगनर ने पैंजिया के चारों तरफ विद्यमान महासागर को क्या कहा था?
उत्तर:
पैंथालासा।
प्रश्न 8.
पृथ्वी के आंतरिक भाग में ताप उत्पत्ति के दो माध्यम कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
रेडियोधर्मी तत्त्वों का क्षय और अवशिष्ट ताप।
प्रश्न 9.
भारतीय उपमहाद्वीप की अवस्थिति को कौनसे क्षेत्र में पायी जाने वाली चट्टानों के विश्लेषण के आधार पर आंका गया है?
उत्तर:
नागपुर क्षेत्र।
प्रश्न 10.
आज से लगभग 14 करोड़ वर्ष पूर्व भारतीय उपमहाद्वीप सुदूर दक्षिण में कहाँ पर स्थित था?
उत्तर:
50° दक्षिणी अक्षांश पर।
प्रश्न 11.
‘प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत’ कब एवं किसने प्रतिपादित किया?
उत्तर:
यह सिद्धांत 1967 में मैक्केन्जी, पारकर व मोरगन ने दिया।
प्रश्न 12.
पृथ्वी पर महाद्वीप एवं महासागरों का वितरण बताइये।
उत्तर:
पृथ्वी के 29 प्रतिशत भाग पर महाद्वीप एवं 71 प्रतिशत भाग पर महासागर फैले हुए हैं
प्रश्न 13.
महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धान्त की आधारभूत संकल्पना क्या थी?
उत्तर:
वेगनर के महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धान्त की आधारभूत संकल्पना यह थी कि सभी महाद्वीप एक अकेले भूखण्ड से जुड़े हुए थे।
प्रश्न 14.
वेगनर के मतानुसार पैंजिया महाद्वीप का विभाजन कितने वर्ष पूर्व हुआ?
उत्तर:
वेगनर के अनुसार पैंजिया महाद्वीप का विभाजन लगभग 20 करोड़ वर्ष पूर्व हुआ।
प्रश्न 15.
लारेंशिया एवं गोंडवाना लैण्ड में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वेगनर के मतानुसार पैंजिया का उत्तरी भाग लारेंशिया तथा दक्षिणी भाग गोंडवाना लैण्ड के रूप में विभक्त हुआ।
प्रश्न 16.
उन दो महाद्वीपों के नाम बताइये जिनकी आमने-सामने की तटरेखाएँ अद्भुत व त्रुटिरहित साम्य दिखलाती हैं।
उत्तर:
दक्षिणी अमेरिका व अफ्रीका महाद्वीपों के आमने-सामने की तटरेखाएँ अद्भुत व त्रुटिरहित साम्य दिखलाती हैं।
प्रश्न 17.
महासागरों के पार महाद्वीपों की चट्टानों के निर्माण के समय का निर्धारण किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर:
आधुनिक समय में विकसित की गई रेडियोमीट्रिक काल निर्धारण विधि के द्वारा।
प्रश्न 18.
लेमूरिया से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
लैमूर नामक जीव भारत, मैडागास्कर व अफ्रीका में मिलते हैं। कुछ वैज्ञानिकों ने माना कि ये तीनों स्थलखंड जुड़े हुए थे, जिसे ‘लेमूरिया’ कहा गया।
प्रश्न 19.
ज्वारीय बल क्या है? इसका प्रभाव बताइये।
उत्तर:
सूर्य एवं चन्द्रमा की आकर्षण शक्ति के फलस्वरूप उत्पन्न होने वाला बल ज्वारीय बल होता है। इससे महासागरों में ज्वार की स्थिति उत्पन्न होती है।
प्रश्न 20.
गहराई व उच्चावच के प्रकार के आधार पर महासागरीय तल के भाग बताइये।
उत्तर:
गहराई व उच्चावच के प्रकार के आधार पर महासागरीय तल को महाद्वीपीय सीमा, गहरे समुद्री बेसिन तथा मध्य महासागरीय कटक के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
प्रश्न 21.
महाद्वीपीय सीमा के प्रमुख भाग बताइये।
उत्तर:
इसके अन्तर्गत महाद्वीपीय मग्न तट, महाद्वीपीय ढाल, महाद्वीपीय उभार और महासागरीय खाइयां आदि को शामिल करते हैं।
प्रश्न 22.
वितलीय मैदान कहां पाए जाते हैं?
उत्तर:
ये विस्तृत मैदान महाद्वीपीय तटों व मध्य महासागरीय कटकों के बीच पाए जाते हैं।
प्रश्न 23.
अग्नि वलय किसे कहते हैं?
अथवा
प्रशान्त महासागर के किनारों को ‘रिंग ऑफ फायर’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
प्रशान्त महासागर के किनारों को सक्रिय ज्वालामुखी के क्षेत्र होने के कारण ‘रिंग ऑफ फायर’ (अग्नि वलय) के नाम से सम्बोधित किया जाता है।
प्रश्न 24.
उत्तरी अमेरिकी प्लेट में कौन-कौनसे भाग शामिल हैं?
उत्तर:
उत्तरी अमेरिकी प्लेट में पश्चिमी अंध महासागरीय तल शामिल है तथा दक्षिणी अमेरिकन प्लेट व कैरेबियन द्वीप इसकी सीमा निश्चित करते हैं।
प्रश्न 25.
अपसारी प्लेट किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब दो प्लेट एक-दूसरे से विपरीत दिशा में अलग हटती हैं और नवीन पर्पटी का निर्माण होता है, उन्हें अपसारी प्लेट कहते हैं।
प्रश्न 26.
अपसारी सीमा किसे कहते हैं?
अथवा
प्रसारी स्थान किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह स्थान जहाँ से एक प्लेट दूसरी प्लेट से दूर हटती है, अपसारी सीमा कहलाती है। इसे प्रसारी स्थान भी कहते हैं।
प्रश्न 27.
अपसारी सीमा का उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
मध्य अटलाण्टिक कटक, यहाँ से अमेरिकी प्लेटें यथा उत्तर अमेरिकी एवं दक्षिण अमेरिकी तथा यूरेशियन एवं अफ्रीकी प्लेटें अलग हो रही हैं।
प्रश्न 28.
प्रविष्ठन क्षेत्र (Subduction Zone) किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह स्थान जहाँ प्लेटें धंसती हैं, उसे प्रविष्ठन क्षेत्र कहते हैं।
प्रश्न 29.
रूपान्तर सीमा किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह स्थान जहाँ न तो नवीन पर्पटी का निर्माण होता है और न ही पर्पटी का विनाश होता है, उसे रूपान्तर सीमा कहते हैं।
प्रश्न 30.
हिमालय पर्वत का उत्थान किस प्रकार हुआ?
उत्तर:
लगभग 4 से 5 करोड़ वर्ष पहले भारत एशिया से टकराया। परिणामस्वरूप हिमालय पर्वत का उत्थान हुआ।
लघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
पैंजिया के विभाजन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धान्त के अनुसार पहले सभी महाद्वीप एक विशाल भूखण्ड के रूप में जुड़े हुए थे जिसे पैंजिया नाम दिया गया। लगभग 20 करोड़ वर्ष पहले पैंजिया का विभाजन दो बड़े महाद्वीपीय पिंडों लारेशिया एवं गोंडवाना- लैंड में हुआ। लारेशिया उत्तरी भूखंड जबकि गोंडवानालैंड दक्षिणी भूखण्ड बना। बाद में ये दोनों भी अनेक छोटे हिस्सों में बंट गये, जो आज के महाद्वीप के रूप हैं।
प्रश्न 2.
संवहन प्रवाह क्या है?
उत्तर:
संवहन प्रवाह: वेगनर के समय महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धान्त के समय अधिकांश वैज्ञानिकों का विश्वास था कि पृथ्वी एक ठोस गतिरहित पिण्ड है। परन्तु सागरीय अधःस्तल विस्तार और प्लेट विवर्तनिक सिद्धान्तों ने पृथ्वी का धरातल व भूगर्भ दोनों को ही गतिमान बताया। प्लेट विचरण करती है। ऐसा माना जाता है कि दृढ़ प्लेट के नीचे चलायमान चट्टानें वृत्ताकार रूप में चल रही हैं। उष्ण पदार्थ धरातल पर पहुँचता है, फैलता है और धीरे-धीरे ठण्डा हो जाता है फिर गहराई में जाकर नष्ट हो जाता है। यही चक्र बारम्बार दोहराया जाता है। इसे ही संवहन प्रवाह कहते हैं।
प्रश्न 3.
स्थलमंडल की प्रमुख सात प्लेटों के नाम लिखिए।
अथवा
प्रमुख भूमण्डलीय प्लेटों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्लेट विवर्तनिकी सिद्धान्त के अनुसार स्थलमंडल निम्न सात प्रमुख प्लेटों में विभक्त है-
- अंटार्कटिक प्लेट
- उत्तरी अमेरिकी प्लेट
- दक्षिणी अमेरिकी प्लेट
- प्रशांत महासागरीय प्लेट
- अफ्रीकी प्लेट
- यूरेशियाई प्लेट
- इण्डो-आस्ट्रेलियन – न्यूजीलैण्ड प्लेट।
प्रश्न 4.
संसार की महत्त्वपूर्ण छोटी प्लेटों के नाम लिखिये।
उत्तर:
प्लेट विवर्तनिकी के सिद्धान्त के अनुसार पृथ्वी का स्थलमंडल सात मुख्य प्लेटों एवं कुछ छोटी प्लेटों में विभक्त है। संसार की महत्त्वपूर्ण छोटी प्लेटें निम्नलिखित हैं-
- कोकोस प्लेट
- नजका प्लेट
- अरेवियन प्लेट
- फिलिपीन प्लेट
- कैरोलिन प्लेट
- फ्यूजी प्लेट।
प्रश्न 5.
टिलाइट क्या हैं? समझाइये।
उत्तर:
टिलाइट : ये वे अवसादी चट्टानें हैं, जो हिमानी निक्षेपण से निर्मित होती हैं। गोंडवाना श्रेणी के आधार तल में यह चट्टानें मिलती हैं। इससे स्पष्ट होता है कि ये क्षेत्र लंबे समय तक हिमाच्छादित थे। इसी प्रकार की चट्टानें भारत के साथ अफ्रीका, फॉकलैंड द्वीप, मैडागास्कर, अंटार्कटिका और आस्ट्रेलिया में मिलती हैं। यह समानता स्पष्ट करती है कि ये भाग पूर्व में जुड़े हुए थे। ये चट्टानें पुरातन जलवायु और महाद्वीपों के विस्थापन के स्पष्ट प्रमाण प्रस्तुत करती हैं।
प्रश्न 6.
‘संवहन धारा सिद्धांत’ को समझाइये।
उत्तर:
संवहन धारा सिद्धांत:
इसका प्रतिपादन 1930 के दशक में आर्थर होम्स ने किया था। इन्होंने मैंटल (Mantle)भाग में संवहन धाराओं के प्रभाव की संभावना व्यक्त की। इन्होंने बताया कि मैंटल में रेडियोऐक्टिव तत्त्वों से उत्पन्न ताप भिन्नता से इन धाराओं की उत्पत्ति होती है। ये धाराएँ पूरे मैंटल भाग में चक्रीय रूप से प्रवाहित होती हैं। होम्स ने इस सिद्धांत के द्वारा महाद्वीप व महासागरों के वितरण को समझाने का प्रयास किया था।
प्रश्न 7.
वेगनर के महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धान्त का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धान्त:
जर्मन मौसमविद् अल्फ्रेड वेगनर ने सन् 1912 में ‘महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धान्त’ प्रतिपादित किया। इनके अनुसार प्राचीन काल में सभी महाद्वीप एक अकेले भूखण्ड ‘पैंजिया’ के रूप में जुड़े हुए थे, जिसके चारों तरफ एक विशाल महासागर ‘पैंथालासा’ था। लगभग 20 करोड़ वर्ष पूर्व पैंजिया का विभाजन हुआ और लारेंशिया उत्तरी व गोंडवानालैंड दक्षिणी भाग बना। इसके उपरान्त लारेंशिया व गोंडवानालैण्ड धीरे-धीरे अनेक छोटे-छोटे भागों में विभाजित हो गए जो कि वर्तमान समय के महाद्वीप के रूप में विद्यमान हैं।
प्रश्न 8.
‘रिंग ऑफ फायर’ क्या है? यह कहाँ स्थित है?
उत्तर:
‘रिंग ऑफ फायर’ सक्रिय ज्वालामुखी का क्षेत्र है। इस क्षेत्र में कई सक्रिय ज्वालामुखी पायी जाती हैं। यह प्रशान्त महासागर के किनारों पर गोलाई के साथ स्थित है। सक्रिय ज्वालामुखी के क्षेत्र होने के कारण प्रशान्त महासागर के किनारों को ही ‘रिंग ऑफ फायर’ कहा जाता है।
प्रश्न 9.
रेडियोमीट्रिक काल निर्धारण विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
रेडियोमीट्रिक काल निर्धारण विधि:
इस विधि से महासागरों के पार महाद्वीपों की चट्टानों के निर्माण के समय को आसानीपूर्वक जाना जा सकता है। 200 करोड़ वर्ष प्राचीन शैल समूहों की एक पट्टी ब्राजील तट और पश्चिमी अफ्रीका के तट पर मिलती है जो कि आपस में मेल खाती है। दक्षिणी अमेरिका व अफ्रीका की तटरेखा के साथ पाए जाने वाले आरंभिक समुद्री निक्षेप जुरेसिक काल के हैं। इससे यह ज्ञात होता है कि इस समय से पूर्व महासागर वहां उपस्थित नहीं था।
प्रश्न 10.
अभिसरण सीमा किसे कहते हैं ? अभिसरण कितने प्रकार से हो सकता है?
उत्तर:
अभिसरण सीमा:
जिस सीमा के सहारे एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे धंसती है और भूपर्पटी नष्ट होती है, उसे अभिसरण सीमा कहते हैं। वह स्थान जहां प्लेट धँसती हैं, इसे प्रतिष्ठन क्षेत्र भी कहते हैं।
अभिसरण (Convergent) तीन प्रकार से हो सकता है-
- महासागरीय व महाद्वीपीय प्लेट के बीच।
- महासागरीय व महासागरीय प्लेट के बीच।
- महाद्वीपीय व महाद्वीपीय प्लेट के बीच।
प्रश्न 11.
मध्य महासागरीय कटक की विशेषता लिखिए।
उत्तर:
मध्य महासागरीय कटक:
यह कटक आपस में जुड़े हुए पर्वतों की एक श्रृंखला बनाता है। महासागरीय जल में डूबी हुई, यह पृथ्वी के धरातल पर पायी जाने वाली संभवत: सबसे लंबी पर्वत श्रृंखला है। इन कटकों के मध्यवर्ती शिखर पर एक रिफ्ट, एक प्रभाजक पठार और इसकी लंबाई के साथ-साथ पार्श्व मंडल इसकी विशेषता है। मध्यवर्ती भाग में उपस्थित द्रोणी वास्तव में सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्र है।
प्रश्न 12.
रूपांतर भ्रंश (Transform Faults) के विषय में लिखिए।
उत्तर:
रूपांतर भ्रंश:
यह दो प्लेट को अलग करने वाले तल हैं जो सामान्यतः मध्य महासागरीय कटकों से लंबवत स्थिति में पाए जाते हैं। क्योंकि कटकों के शीर्ष पर एक ही समय में सभी स्थानों पर ज्वालामुखी उद्गार नहीं होता, ऐसे में पृथ्वी के अक्ष से दूर प्लेट के हिस्से भिन्न प्रकार से गति करते हैं। इसके अतिरिक्त पृथ्वी के घूर्णन का भी प्लेट के अलग खंडों पर भिन्न प्रभाव पड़ता है।
प्रश्न 13.
प्लेट प्रवाह दर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
प्लेट प्रवाह दरें – मध्य:
महासागरीय कटक के समानांतर स्थित सामान्य व उत्क्रमण चुंबकीय क्षेत्र की पट्टियाँ, प्लेटों के प्रवाह की दरों को समझने में सहायक सिद्ध हुई हैं। एक प्लेट की प्रवाह दर दूसरी प्लेट की प्रवाह दर से बिल्कुल भिन्न है । अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार आर्कटिक कटक की प्रवाह दर सबसे कम है। यह 2.5 सेमी. प्रति वर्ष से भी कम है। इसके विपरीत ईस्टर द्वीप के निकट पूर्वी प्रशांत महासागरीय उभार जो चिली से 3,400 किमी. पश्चिम की ओर दक्षिणी प्रशांत महासागर में है, की प्रवाह दर सर्वाधिक है। यह 5 सेमी. प्रति वर्ष से भी अधिक है।
निबन्धात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
महासागरीय अधः स्तल की बनावट का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
महासागरीय अधः स्तल की बनावट:
महासागरों का अधः स्तल एक विस्तृत मैदान नहीं है अपितु महाद्वीपों की तरह इसमें भी उच्चावच के विभिन्न स्वरूप पाए जाते हैं। अधःस्तल में जलमग्न पर्वत श्रृंखलाएँ, गहरी खाइयाँ एवं मैदान स्थित हैं। महासागरों में ये स्थलाकृतियाँ विवर्तनिकी, ज्वालामुखीय व निक्षेपण की क्रियाओं से बनती हैं। गहराई व उच्चावच के प्रकार के आधार पर महासागरीय तल को निम्न तीन प्रमुख भागों में विभाजित किया जा सकता है
(1) महाद्वीपीय सीमा:
महाद्वीपीय किनारों और गहरे समुद्री बेसिन के बीच का भाग महाद्वीपीय सीमा कहलाता है। इसमें महाद्वीपीय मग्न तट, महाद्वीपीय ढाल, महाद्वीपीय उभार और गहरी महासागरीय खाइयाँ आदि शामिल हैं। महासागरों व महाद्वीपों के वितरण को समझने के लिए गहरी – महासागरीय खाइयों का अध्ययन विशेष महत्त्वपूर्ण है।
(2) वितलीय मैदान:
यह विस्तृत मैदान महाद्वीपीय तटों व मध्य महासागरीय कटकों के बीच पाए जाते हैं। अत: वह क्षेत्र जहाँ महाद्वीपों से बहाकर लाए गए अवसाद इनके तटों से दूर निक्षेपित होते हैं, वितलीय मैदान कहलाते हैं।
(3) मध्य महासागरीय कटक:
मध्य महासागरीय कटक आपस में जुड़े हुए पर्वतों की एक श्रृंखला का निर्माण करती है। महासागरीय जल में डूबी हुई यह पृथ्वी के धरातल पर मिलने वाली संभवतः सबसे लम्बी पर्वत शृंखला है। इन कटकों के मध्यवर्ती शिखर पर एक रिफ्ट, एक प्रभाजक पठार और इसकी लम्बाई के साथ-साथ पार्श्वमण्डल इसकी विशेषता है। इसके मध्यवर्ती भाग में उपस्थित द्रोणी सक्रिय ज्वालामुखी का क्षेत्र है।
प्रश्न 2.
प्लेट संचरण के फलस्वरूप निर्मित होने वाली सीमाओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
प्लेट सीमाओं के प्रकार : प्लेट संचरण के फलस्वरूप निम्नलिखित तीन प्रकार की प्लेट सीमाओं का निर्माण होता है-
(1) अपसारी सीमा:
जब दो प्लेट एक-दूसरे से विपरीत दिशा में अलग हटती हैं और नवीन पर्पटी का निर्माण होता है, तो उन्हें अपसारी प्लेट कहा जाता है। वह स्थान जहां से प्लेट एक-दूसरे से दूर हटती हैं उसे अपसारी सीमा अथवा ‘प्रसारी स्थान’ कहते हैं। अपसारी सीमा का सर्वोत्तम उदाहरण मध्य- अटलाण्टिक कटक है। यहाँ से उत्तर अमेरिकी एवं दक्षिण अमेरिकी प्लेटें तथा यूरेशियन व अफ्रीकी प्लेटें अलग हो रही हैं।
(2) अभिसरण सीमा:
जब एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे धंसती है और जहां भूपर्पटी नष्ट होती है वह अभिसरण सीमा होती है। वह स्थान जहां प्लेट धंसती है उसे ‘प्रविष्टन क्षेत्र’ कहा जाता है। यह अभिसरण महासागरीय एवं महासागरीय प्लेटों के बीच, महासागरीय एवं महाद्वीपीय प्लेटों के बीच तथा महाद्वीपीय एवं महाद्वीपीय प्लेटों के बीच हो सकता है।
(3) रूपान्तर सीमा:
जहां न तो नवीन पर्पटी का निर्माण होता है और न ही पर्पटी का विनाश होता है वह रूपान्तर सीमा होती है। इसका कारण यह है कि इस सीमा पर प्लेटें एक-दूसरे के साथ-साथ क्षैतिज दिशा में खिसक जाती हैं। रूपान्तर भ्रंश दो प्लेटों को अलग करने वाले तल हैं जो कि सामान्य रूप से मध्य महासागरीय कटकों से लम्बवत् स्थिति में पाए जाते हैं क्योंकि कटकों के शीर्ष पर एक ही समय में सभी स्थानों पर ज्वालामुखी उद्गार नहीं हो। इस स्थिति में पृथ्वी के अक्ष से दूर प्लेट के हिस्से भिन्न प्रकार से गति करते हैं।
प्रश्न 3.
प्लेट विवर्तनिकी सिद्धान्त के अनुसार विश्व की प्रमुख व छोटी प्लेटों का सचित्र वर्णन कीजिए। विश्व की प्रमुख प्लेटें
उत्तर:
बड़ी प्लेटें : प्लेट विवर्तनिकी सिद्धान्त के अनुसार पृथ्वी का स्थल मण्डल निम्नलिखित सात प्रमुख प्लेटों के अन्तर्गत विभाजित किया गया है—
- अण्टार्कटिक प्लेट : यह प्लेट अण्टार्कटिका और इसको घेरे हुए महासागर विस्तृत है।
- उत्तरी अमेरिकी प्लेट : इस प्लेट के अन्तर्गत पश्चिमी अंध महासागरीय तल आता है तथा दक्षिणी अमेरिकन प्लेट व कैरेबियन द्वीप इसकी सीमा को निर्धारित करते हैं। यह प्लेट पूर्व से पश्चिम की तरफ बढ़ती है।
- दक्षिणी अमेरिकी प्लेट : इसमें पश्चिमी अटलाण्टिक तल सम्मिलित है और उत्तरी अमेरिकी प्लेट व कैरेबियन द्वीप इसे अलग करते हैं।
- प्रशान्त महासागरीय प्लेट : पूर्ण रूप से सागरीय मण्डल वाली यह प्लेट प्रशान्त महासागरीय घाटी को घेरे हुए है। इसकी गति उत्तर-पश्चिम दिशा की तरफ है।
- इण्डो-आस्ट्रेलियन : न्यूजीलैण्ड प्लेट इसमें संपूर्ण आस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड तथा अधिकांश भारतीय उपमहाद्वीप स्थल सम्मिलित हैं। इसके दक्षिणी भाग में दक्षिणी ध्रुवीय प्लेट पूर्व से पश्चिम तक फैली हुई है। इस प्लेट की गति की दिशा दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की तरफ है।
- अफ्रीकी प्लेट : इस प्लेट में संपूर्ण अफ्रीकी महाद्वीप तथा पूर्वी अटलाण्टिक तल सम्मिलित है। इस प्लेट की गति की दिशा दक्षिण-पश्चिम से पूर्व की तरफ है।
- यूरेशियाई प्लेट : यूरेशियाई प्लेट को अधिकतर महाद्वीपीय स्थलमण्डल के रूप में जाना जाता है। यह प्लेट पूर्व और उत्तर की तरफ सागरीय स्थलमण्डल से घिरी हुई है। इसकी गति की दिशा पश्चिम से पूर्व की तरफ है।
छोटी प्लेटें : उपर्युक्त प्लेटों के अलावा कुछ छोटी प्लेटें अग्रलिखित हैं
- कोकोस प्लेट : यह प्लेट मध्यवर्ती अमेरिका और प्रशान्त महाागरीय प्लेट के मध्य स्थित है।
- नजका प्लेट : यह प्लेट दक्षिणी अमेरिका व प्रशान्त महासागरीय प्लेट के बीच स्थित है।
- अरेबियन प्लेट : इस प्लेट के अन्तर्गत अधिकांश अरब प्रायद्वीप का भूभाग शामिल है।
- फिलीपीन प्लेट : यह प्लेट एशिया महाद्वीप और प्रशान्त महासागरीय प्लेट के बीच स्थित है।
- कैरोलिन प्लेट : यह प्लेट न्यूगिनी के उत्तर में फिलीपियन व इण्डियन प्लेट के मध्य में स्थित है
- फ्यूजी प्लेट : यह प्लेट आस्ट्रेलिया के उत्तर पूर्व में स्थित है।
प्रश्न 4.
भारतीय प्लेट की अवस्थिति, विस्तार तथा संचलन का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारतीय प्लेट की अवस्थति एवं विस्तार:
भारतीय प्लेट के अन्तर्गत प्रायद्वीप भारत और आस्ट्रेलिय़ा महाद्वीपीय भाग शामिल है। हिमालय पर्वत श्रेणियों के साथ-साथ पाये जाने वाला प्रविष्ठन क्षेत्र इसकी उत्तरी सीमा को निर्धारित करता है जो महाद्वीपीय महाद्वीपीय अभिसरण के रूप में है अर्थात् दो महाद्वीपीय प्लेटों की सीमा है। यह प्लेट पूर्व में म्यांमार के राकिन्योमा पर्वत से होते हुए एक चाप के रूप में जावा खाई तक विस्तृत है। इसकी पूर्वी सीमा एक विस्तारित तल है जो कि आस्ट्रेलिया के पूर्व में दक्षिणी-पश्चिमी प्रशान्त महासागर में महासागरीय कटक के रूप में विस्तृत है।
इसकी पश्चिमी सीमा पाकिस्तान की किरथर श्रेणियों का अनुसरण करती हुई मकरान तट के साथ-साथ दक्षिणी-पूर्वी चागोस द्वीप समूह के साथ – साथ लाल सागर द्रोणी में जाकर मिल जाती है। भारतीय तथा आर्कटिक प्लेट की सीमा भी महासागरीय कटक से निर्धारित होती है। यह एक अपसारी सीमा है। यह लगभग पूर्व-पश्चिम दिशा में होती हुई न्यूजीलैण्ड के दक्षिण में विस्तारित तल में मिल जाती है।
भारतीय प्लेट का संचलन:
भारत एक वृहद् द्वीप था जो कि आस्ट्रेलियाई तट से दूर एक विशाल महासागर में स्थित था। लगभग 22.5 करोड़ वर्ष पूर्व टेथिस सागर इसे एशिया महाद्वीप से अलग करता था। लगभग 20 करोड़ वर्ष पहले जब पैंजिया विभाजित हुआ तब भारत ने उत्तर दिशा की ओर खिसकना शुरू किया। लगभग 4 से 5 करोड़ वर्ष पूर्व
भारत एशिया महाद्वीप से टकराया जिसके परिणामस्वरूप हिमालय पर्वत का उत्थान हुआ। आज से लगभग 14 करोड़ वर्ष पूर्व भारतीय उप महाद्वीप सुदूर दक्षिण में 50° दक्षिणी अक्षांश पर स्थित था। भारतीय प्लेट एवं एशियाई प्लेट को टेथीस सागर अलग करता था और तिब्बतीय खण्ड एशियाई खण्ड के करीब था। भारतीय प्लेट के एशियाई प्लेट की तरफ प्रवाह के दौरान लावा के प्रवाह से दक्कन ट्रेप का निर्माण हुआ। ऐसा लगभग 6 करोड़ वर्ष पूर्व शुरू हुआ और लम्बे समय तक जारी रहा। भारतीय उपमहाद्वीप तत्कालीन समय में भी भूमध्य रेखा के निकट थी। लगभग 4 करोड़ वर्ष पूर्व और इसके उपरान्त हिमालय की उत्पत्ति शुरू हुई। वैज्ञानिकों के अनुसार यह प्रक्रिया अभी भी जारी है और हिमालय की ऊँचाई अब भी बढ़ रही है।
प्रश्न 5.
भूकंप व ज्वालामुखियों के वितरण की सचित्र व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
भूकंप एवं ज्वालामुखी दोनों ही प्राकृतिक एवं आकस्मिक घटनाएँ हैं। विश्व मानचित्र पर भूकंप एवं ज्वालामुखी के वितरण एक निश्चित क्रम में पाए जाते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि दोनों के क्षेत्र लगभग समान हैं तथा दोनों क्रियाएँ अन्तर्सम्बन्धित हैं। विश्व में भूकंप व ज्वालामुखी का वितरण नीचे दिए गए मानचित्र के अनुसार पाया जाता है।
विश्व में भूकंप के निम्न क्षेत्र पाए जाते हैं:
(i) मानचित्र में अटलांटिक महासागर के मध्यवर्ती भाग में, तट रेखा के लगभग समानांतर, एक बिंदु रेखा खींची गयी है। यह रेखा आगे हिंद महासागर तक जाती है। भारतीय उपमहाद्वीप के थोड़ा दक्षिण में यह दो भागों में बँट जाती है, जिसकी एक शाखा पूर्वी अफ्रीका की ओर चली जाती है और दूसरी म्यांमार से होती हुई न्यू गिनी पर एक ऐसी ही रेखा से मिल जाती है। यह बिंदु रेखा मध्य महासागरीय कटकों के समरूप है।
(ii) भूकंपीय संकेन्द्रण का दूसरा क्षेत्र मानचित्र में छायांकित मेखला के माध्यम से दिखाया गया है, जो अल्पाइन हिमालय श्रेणियों के और प्रशांत महासागरीय किनारों के समरूप है। सामान्यतः मध्य महासागरीय कटकों के क्षेत्र में भूकंप के उद्गम केन्द्र कम गहराई पर है जबकि अल्पाइन हिमालय पट्टी व प्रशांत महासागरीय किनारों पर ये केन्द्र अधिक गहराई पर हैं। ज्वालामुखी मानचित्र भी इसी का अनुसरण करते हैं। प्रशांत महासागर के किनारों को सक्रिय ज्वालामुखी के क्षेत्र होने के कारण ‘रिंग ऑफ फायर’ भी कहा जाता हैं।