Understanding the question and answering patterns through Class 11 Geography Question Answer in Hindi Chapter 2 पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास will prepare you exam-ready.
Class 11 Geography Chapter 2 in Hindi Question Answer पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
बहुचयनात्मक प्रश्न-
1. निहारिका परिकल्पना के प्रतिपादक हैं-
(अ) काण्ट
(ब) जेम्स जीन्स
(स) लाप्लेस
(द) हैरोल्ड जैफरी।
उत्तर:
(स) लाप्लेस
2. बिग बैंग सिद्धान्त के प्रतिपादक हैं-
(अ) ऑटो रिमड
(ब) एडविन हब्बल
(स) कार्ल वाईजास्कर
(द) जेम्स जीन्स।
उत्तर:
(ब) एडविन हब्बल
3. निम्न में से कौनसा भीतरी ग्रह है?
(अ) बृहस्पति
(ब) शनि
(स) यूरेनस
(द) बुध।
उत्तर:
(द) बुध।
4. निम्न में से कौनसा बाह्य ग्रह है?
(अ) नेप्च्यून
(ब.) पृथ्वी
(स) शुक्र
(द) मंगल।
उत्तर:
(अ) नेप्च्यून
5. नीहारिका परिकल्पना का प्रतिपादन किसने किया?
(अ) लाप्लेस
(ब) जेम्स जीन्स
(स) एडविन हब्बल
(द) काण्ट
उत्तर:
(अ) लाप्लेस
6. ‘स्थिर अवस्था संकल्पना’ किसने दी?
(अ) लाप्लेस
(ब) एडविन हबल
(स) हॉयल
(द) कार्ल वाइजास्कर
उत्तर:
(स) हॉयल
7. प्रकाश वर्ष का सम्बन्ध किससे है?
(अ) समय से
(ब) दूरी से
(स) प्रकाश से
(द) गहराई से
उत्तर:
(ब) दूरी से
8. सूर्य के सबसे पास स्थित ग्रह कौनसा है?
(अ) शुक्र
(ब) बुध
(स) पृथ्वी
(द) मंगल
उत्तर:
(ब) बुध
9. निम्न में से किस ग्रह का कोई उपग्रह नहीं है?
(अ) शुक्र
(ब) पृथ्वी
(स) मंगल
(द) शनि
उत्तर:
(अ) शुक्र
10. निम्न में जोवियन ग्रह है-
(अ) शनि
(ब) ब्रहस्पति
(स) यूरेनस
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी
11. निम्न में से पार्थिव ग्रह है-
(अ) बुध
(ब) शुक्र
(स) पृथ्वी
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
12. पृथ्वी का प्रारम्भिक वायुमण्डल निम्न में से जिन दो गैसों से बना, वह है-
(अ) हाइड्रोजन व हीलियम
(ब) हाइड्रोजन व ऑक्सीजन
(स) हीलियम व नाइट्रोजन
(द) हीलियम व कार्बनडाइऑक्साइड
उत्तर:
(अ) हाइड्रोजन व हीलियम
13. निम्न में से किस ग्रह के सबसे अधिक उपग्रह हैं
(अ) बृहस्पति
(ब) शनि
(स) यूरेनस
(द) नेप्च्यून
उत्तर:
(ब) शनि
14. सौरमंडल में ग्रहों की संख्या हैं-
(अ) 8
(ब) 9
(स) 10
(द) 11
उत्तर:
(अ) 8
रिक्त स्थान वाले प्रश्न
नीचे दिए गए प्रश्नों में रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-
1. नीहारिका परिकल्पना का प्रतिपादन गणितज्ञ _____ ने किया। (लॉप्लेस / इमैनुअल कान्ट)
2. आधुनिक समय में ब्रह्मांड की उत्पत्ति संबंधी सर्वमान्य सिद्धान्त _____ सिद्धान्त है। (नीहारिका / बिग बैंग)
3. बिग बैंग सिद्धान्त का प्रतिपादन _____ ने दिया। ( एडविन हबल / कार्ल वाइजास्कर)
4. एक आकाशगंगा के निर्माण की शुरुआत हाइड्रोजन गैस से बने विशाल बादल के संचयन से होती है, जिसे _____ कहा गया। (तारा/नीहारिका)
5. प्रकाश वर्श समय नहीं वरन् _____ का माप है। (दूरी/गहराई)
6. मंगल ग्रह के _____ उपग्रह है। (2/3)
उत्तर:
1. नीहारिका परिकल्पना का प्रतिपादन गणितज्ञ लाप्लेस ने किया।
2. आधुनिक समय में ब्रह्मांड की उत्पत्ति संबंधी सर्वमान्य सिद्धान्त बिग बैंग सिद्धान्त है।
3. बिग बैंग सिद्धान्त का प्रतिपादन एडविन हब्बल ने दिया।
4. एक आकाशगंगा के निर्माण की शुरुआत हाइड्रोजन गैस से बने विशाल बादल के संचयन से होती है, जिसे नीहारिका कहा गया।
5. प्रकाश वर्श समय नहीं वरन् दूरी का माप है।
6. मंगल ग्रह के 2 उपग्रह है।
सत्य / असत्य वाले प्रश्न-
नीचे दिए गए कथनों में से सत्य / असत्य कथन छाँटिए-
1. सूर्य एक तारा है।
2. ग्रहाणु व दूसरे खगोलीय पिण्ड ज्यादातर एक जैसे ही घने और हल्के पदार्थों के मिश्रण से बने हैं।
3. क्रिटेशियस कल्प में डायनोसोर विलुप्त हो गए।
4. बुध एवं शुक्र दोनों के ही 2 उपग्रह है।
5. एडविन हब्बल ने ‘स्थिर अवस्था संकल्पना’ प्रस्तुत की।
उत्तर:
1. सूर्य एक तारा है। (सत्य)
2. ग्रहाणु व दूसरे खगोलीय पिण्ड ज्यादातर एक जैसे ही घने और हल्के पदार्थों के मिश्रण से बने हैं। (सत्य)
3. क्रिटेशियस कल्प में डायनोसोर विलुप्त हो गए। (सत्य)
4. बुध एवं शुक्र दोनों के ही 2 उपग्रह है। (असत्य)
5. एडविन हब्बल ने ‘स्थिर अवस्था संकल्पना’ प्रस्तुत की। (असत्य)
मिलान करने वाले प्रश्न-
निम्न को सुमेलित कीजिए-
कल्प | मुख्य घटना |
(1) कैम्ब्रियन | (अ) पहली मछली |
(2) ओर्डोविसयन | (ब) डायनासोर का युग |
(3) परमियन | (स) जल में बिना रीढ़ की हड्डी वाले जीव |
(4) जुरेसिक | (द) डायनासोर का विलुप्त होना। |
(5) क्रीटेशियस | (य) रेंगने वाले जीवों की अधिकता |
उत्तर:
कल्प | मुख्य घटना |
(1) कैम्ब्रियन | (स) जल में बिना रीढ़ की हड्डी वाले जीव |
(2) ओर्डोविसयन | (अ) पहली मछली |
(3) परमियन | (य) रेंगने वाले जीवों की अधिकता |
(4) जुरेसिक | (ब) डायनासोर का युग |
(5) क्रीटेशियस | (द) डायनासोर का विलुप्त होना। |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
‘बिग बैंग सिद्धान्त’ को दूसरे कौनसे नाम से जाना जाता है?
उत्तर:
विस्तरित ब्रह्मांड परिकल्पना।
प्रश्न 2.
पृथ्वी की उत्पत्ति के सम्बन्ध में ‘एक तारक सिद्धांत’ प्रस्तुत करने वाले किन्हीं दो विद्वानों के नाम
उत्तर:
- इमैनुअल कान्ट
- लाप्लेस।
प्रश्न 3.
नीहारिका परिकल्पना में संशोधन करने वाले विद्वानों के नाम लिखिए।
उत्तर:
ऑटो श्मिड और कार्ल वाइजास्कर।
प्रश्न 4.
प्रकाश की गति कितनी होती है?
उत्तर;
3 लाख किमी. प्रति सेकण्ड।
प्रश्न 5.
पृथ्वी की उत्पत्ति से संबंधित प्रारम्भिक मत देने वाले विद्वान कौन थे?
उत्तर:
इमैनुअल कान्ट।
प्रश्न 6.
पृथ्वी व सूर्य के मध्य की औसत दूरी लिखिए।
उत्तर:
14 करोड़ 95 लाख 98 हजार किमी.।
प्रश्न 7.
सौरमण्डल का जनक किसे माना जाता है?
उत्तर:
नीहारिका को।
प्रश्न 8.
पार्थिव ग्रहों के नाम लिखिए।
उत्तर;
बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल।
प्रश्न 9.
ब्रह्मांड की उत्पत्ति से सम्बन्धित ‘स्थिर अवस्था संकल्पना’ किसने प्रस्तुत
उत्तर:
हॉयल ने।
प्रश्न 10.
वर्तमान वायुमंडल में कौनसी गैसों की अधिकता है?
उत्तर:
नाइट्रोजन एवं ऑक्सीजन।
प्रश्न 11.
प्रारम्भिक वायुमंडल में किन-किन गैसों की अधिकता थी?
उत्तर:
हाइड्रोजन एवं हीलियम।
प्रश्न 12.
लाप्लेस ने पृथ्वी की उत्पत्ति के सम्बन्ध में कब व किस परिकल्पना का प्रतिपादन किया ?
अथवा
नीहारिका परिकल्पना का प्रतिपादन किसने व कब किया?
उत्तर:
लाप्लेस ने सन् 1796 में पृथ्वी की उत्पत्ति के सम्बन्ध में नीहारिका परिकल्पना का प्रतिपादन किया।
प्रश्न 13.
नीहारिका परिकल्पना के अनुसार ग्रहों की उत्पत्ति किस प्रकार हुई?
उत्तर:
नीहारिका परिकल्पना के अनुसार ग्रहों का निर्माण धीमी गति से घूमते हुए पदार्थों के बादल से हुआ जो कि सूर्य की युवाअवस्था से सम्बद्ध थे।
प्रश्न 14.
द्वैतारक सिद्धान्त से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
वह सिद्धान्त जिसके अनुसार ग्रहों का निर्माण सूर्य एवं इसके नजदीक भ्रमणशील एक दूसरे तारे के द्वारा हुई है, द्वैतारक सिद्धान्त कहलाता है।
प्रश्न 15.
पारदर्शी ब्रह्माण्ड का निर्माण किस प्रकार हुआ?
उत्तर:
बिग बैंग की घटना से 3 लाख वर्षों के दौरान तापमान के 4500° केल्विन तक कम होने और परमाणवीय पदार्थ का निर्माण होने के फलस्वरूप ब्रह्माण्ड बना।
प्रश्न 16.
इमैनुअल काण्ट कौन थे?
उत्तर :
इमैनुअल काण्ट जर्मनी के एक प्रसिद्ध दार्शनिक थे।
प्रश्न 17.
नीहारिका (नेबुला) किसे कहते हैं?
उत्तर;
अंतरिक्ष में उपस्थित हाइड्रोजन जैसी हल्की गैसों और धूल के विशालकाय बादल, नीहारिका कहलाते हैं
प्रश्न 18.
आकाशगंगाओं की दूरी प्रकाश वर्षों में क्यों मापी जाती है?
उत्तर:
आकाशगंगाओं का विस्तार अधिक होने के कारण उनकी दूरी प्रकाश वर्षों में मापी जाती है।
प्रश्न 19.
एक आकाशगंगा का व्यास कितना हो सकता है? बताइए।
उत्तर:
एक आकाशगंगा का व्यास 80 हजार से 1 लाख 50 हजार प्रकाश वर्ष के मध्य हो सकता है।
प्रश्न 20.
तारों का निर्माण किस प्रकार हुआ?
उत्तर:
नीहारिका में वृद्धि होने के साथ-साथ गैस के झुण्ड विकसित हुए। ये झुण्ड बढ़ते-बढ़ते घने गैसीय पिण्ड बन गए जिनसे तारों का निर्माण हुआ।
प्रश्न 21.
प्रकाश वर्ष से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
एक वर्ष में प्रकाश द्वारा तय की गई दूरी को प्रकाश वर्ष के नाम से जाना जाता है
प्रश्न 22.
सौरमंडल किसे कहते हैं?
उत्तर:
सूर्य और उसके साथी आकाशीय पिण्डों का समूह, सौरमंडल कहलाता है
प्रश्न 23.
ग्रह से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
ग्रह, वे आकाशीय पिण्ड हैं, जो निश्चित कक्षाओं में सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
प्रश्न 24.
आकाशगंगा क्या है?
उत्तर:
आकाशगंगा असंख्य तारों का समूह होता है।
प्रश्न 25.
प्रारम्भ में पृथ्वी कैसी थी?
उत्तर:
प्रारम्भ में पृथ्वी चट्टानी, गर्म और वीरान ग्रह थी।
प्रश्न 26.
ग्रहाणु से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
ब्रह्मांड में बिखरे हुए धूल कण ग्रहाणु कहलाते हैं।
प्रश्न 27.
क्षुद्र ग्रह से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
मंगल एवं बृहस्पति ग्रहों के बीच में पाये जाने वाले छोटे-छोटे आकाशीय पिण्ड क्षुद्र ग्रह कहलाते हैं।
प्रश्न 28.
जोवियन ग्रहों के नाम लिखिए। इन पर किस प्रकार का वायुमंडल पाया जाता है?
उत्तर:
बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेप्च्यून, जोवियन ग्रह कहलाते हैं। यहाँ हाइड्रोजन व हीलियम से बना सघन वायुमंडल है।
प्रश्न 29.
‘द बिग स्प्लैट’ (The Big Splat ) की घटना किससे सम्बन्धित है?
उत्तर:
यह चंद्रमा की उत्पत्ति से सम्बन्धित है।
प्रश्न 30.
पार्थिव ग्रहों पर इनसे निकली हुई गैसें क्यों नहीं रुक पाती है?
उत्तर:
पार्थिव ग्रहों के छोटे होने के कारण इनकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति भी कम रही जिसके परिणामस्वरूप इनसे निकली हुई गैसें इन पर रुक नहीं पाती है।
प्रश्न 31.
ग्रहाणु व अन्य खगोलीय पिण्ड किस प्रकार बने हैं?
उत्तर:
ग्रहाणु व अन्य खगोलीय पिण्ड अधिकतर एक जैसे ही घंने और हल्के पदार्थों के मिश्रण से बने हुए हैं
प्रश्न 32.
पृथ्वी के धरातल से क्रोड तक कौन-कौनसी परतें पाई जाती हैं?
उत्तर:
पृथ्वी के धरातल से क्रोड तक पर्पटी, प्रावार अर्थात् मैण्टल, बाह्य क्रोड और आन्तरिक क्रोड आदि परतें पाई जाती हैं।
प्रश्न 33.
वायुमण्डल का उद्भव किस प्रकार हुआ?
उत्तर:
पृथ्वी के ठण्डा होने और विभेदन के दौरान पृथ्वी के आन्तरिक भाग से अनेक गैसें व जलवाष्प बाहर निकले। इसी से वर्तमान समय के वायुमण्डल का उद्भव हुआ।
प्रश्न 34.
गैस उत्सर्जन किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह प्रक्रिया जिससे पृथ्वी के आन्तरिक भाग से गैसें धरातल पर आईं, गैस उत्सर्जन कहलाती है।
प्रश्न 35.
महासागरों में ऑक्सीजन गैस की बढ़ोतरी किस प्रकार हुई ?
उत्तर:
महासागरों में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के द्वारा ऑक्सीजन गैस में बढ़ोतरी हुई।
प्रश्न 36.
हमारे ग्रह पर जीवन के चिह्न किस रूप में पाए जाते हैं?
उत्तर:
हमारे ग्रह पर जीवन के चिह्न अलग-अलग समय की चट्टानों में पाए जाने वाले जीवाश्म के रूप में पाए जाते हैं।
प्रश्न 37.
जीवन के विकास का सार किस प्रकार प्राप्त किया जा सकता है?
उत्तर:
एककोशीय जीवाणु से आज के मनुष्य तक जीवन के विकास का सार भू-वैज्ञानिक काल मापक्रम से प्राप्त किया जा सकता है।
प्रश्न 38.
किस कल्प में डायनोसोर विलुप्त हो गये थे?
उत्तर:
क्रीटेशियस कल्प में डायनोसोर विलुप्त हो गए थे।
प्रश्न 39.
ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति का सर्वमान्य सिद्धान्त बताइये।
उत्तर:
बिग बैंग सिद्धान्त।
प्रश्न 40.
सौर मण्डल के भीतरी व बाहरी ग्रहों के नाम बताइये।
उत्तर:
भीतरी ग्रहत्र – (i) बुध (ii) शुक्र (iii) पृथ्वी (iv) मंगल।
बाहरी ग्रह- (i) बृहस्पति (ii) शनि (iii) यूरेनस (iv)नेप्च्यून ।
लघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
तारों का निर्माण किस प्रकार हुआ ?
अथवा
स्पष्ट कीजिए। तारों के निर्माण की व्याख्या कीजिये।
उत्तर:
तारों के निर्माण की प्रक्रिया-प्रारम्भिक ब्रह्माण्ड में ऊर्जा व पदार्थों के असमान घनत्व के कारण गुरुत्वाकर्षण बलों में अन्तर आया। इससे पदार्थ का एकत्रण हुआ और आकाशगंगाएँ विकसित हुईं। एक आकाशगंगा असंख्य तारों का समूह होती है। एक आकाशगंगा के निर्माण की शुरुआत हाइड्रोजन गैस से बने विशाल बादल के संचयन से होती है जिसे नीहारिका कहा गया । क्रमशः बढ़ती इस नीहारिका में गैस के झुण्ड विकसित हुए, जो बढ़ते- बढ़ते घने गैसीय पिंड बन गये, जिनसे तारों का निर्माण आरंभ हुआ।
प्रश्न 2.
‘पार्थिव’ एवं ‘ जोवियन’ ग्रहों में कोई दो अन्तर बताइये ।
उत्तर:
- पार्थिव ग्रह जनक तारे के बहुत समीप बने जबकि जोबियन ग्रहों की रचना अपेक्षाकृत अधिक दूरी पर हुई।
- सूर्य के नजदीक सौर पवन अधिक शक्तिशाली थी अतः पार्थिव ग्रहों से ज्यादा मात्रा में गैस व धूलकण उड़ा ले गई। सूर्य से दूर इनकी शक्ति अधिक नहीं थी अतः जोवियन ग्रहों से गैसों को नहीं हटा पाईं।
प्रश्न 3.
प्रकाश वर्ष (Light Year) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
प्रकाश वर्ष दूरी का मात्रक है। एक साल में प्रकाश द्वारा तय की गयी दूरी, प्रकाश वर्ष कहलाती है। प्रकाश की गति 3 लाख किमी. प्रति सेकंड होती है। एक प्रकाश वर्ष 9.461×1012 किमी. के बराबर होता है। सूर्य व पृथ्वी के मध्य की औसत दूरी 14 करोड़ 95 लाख 98 हजार किमी. है, जो प्रकाश वर्ष के संदर्भ प्रकाश वर्ष का केवल 8.311 है।
प्रश्न 4.
चन्द्रमा की उत्पत्ति किस प्रकार हुई?
उत्तर:
चन्द्रमा की उत्पत्ति:
चन्द्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है। वैज्ञानिकों के अनुसार चन्द्रमा की उत्पत्ति एक बड़े टकराव ‘द बिग स्प्लैट’ के परिणामस्वरूप हुई। ऐसा माना जाता है कि पृथ्वी के बनने के कुछ समय उपरान्त ही एक बड़े आकार का पिण्ड पृथ्वी से टकराया जिससे पृथ्वी का एक हिस्सा टूट कर अंतरिक्ष में बिखर गया। अलग हुआ यह पदार्थ पुनः पृथ्वी के कक्ष में घूमने लगा और क्रमशः वर्तमान समय का चन्द्रमा बन गया। इस घटना के अनुसार चन्द्रमा की उत्पत्ति लगभग 4.44 अरब वर्षों पूर्व हुई।
प्रश्न 5.
महासागरों का निर्माण किस प्रकार हुआ?
उत्तर”:
महासागरों का निर्माण आरम्भ में वायुमण्डल में जलवाष्प, नाइट्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन व अमोनिया गैस अधिक मात्रा में एवं स्वतन्त्र ऑक्सीजन कम मात्रा में थी। लगातार ज्वालामुखी विस्फोट से वायुमण्डल में जलवाष्प व गैस बढ़ने लगी। पृथ्वी के ठण्डा होने के साथ-साथ जलवाष्प का संघनन शुरू हो गया। वायुमण्डल में उपस्थित कार्बन डाइऑक्साइड के वर्षा के पानी में घुलने से तापमान में और कमी आई। परिणामस्वरूप अधिक वर्षा हुई और वर्षा का जल धरातल पर गर्तों में इकट्ठा होने लगा, जिससे महासागरों का निर्माण हुआ।
प्रश्न 6.
पृथ्वी की उत्पत्ति से सम्बन्धित द्वैतारक सिद्धान्त क्या है?
उत्तर:
पृथ्वी की उत्पत्ति से सम्बन्धित द्वैतारक सिद्धान्त के अनुसार दो तारों के सम्मिलित रूप से प्रक्रियायें करने के परिणामस्वरूप पृथ्वी की उत्पत्ति हुई है। द्वैतारक सिद्धान्त के अनुसार पृथ्वी की उत्पत्ति से सम्बन्धित परिकल्पनाओं का प्रतिपादन बीसवीं शताब्दी के प्रारम्भिक चरणों में हुआ। इस वर्ग में चेम्बरलेन और मोल्टन, जेम्स, जीन्स सर हैरोल्ड जैफरी, रसेल आदि की परिकल्पनाएँ प्रमुख हैं।
प्रश्न 7.
पृथ्वी की भू-पर्पटी का विकास क्रम बताइए।
उत्तर:
पृथ्वी की भू-पर्पटी का विकास:
ग्रहाणु व दूसरे खगोलीय पिण्डों का निर्माण अधिकांशत: एक समान घने और हल्के पदार्थों से हुआ है। ग्रहाणुओं के इकट्ठा होने से ग्रह बने हैं। गुरुत्व बल के कारण जब पदार्थ संहत हो रहा था, तब पिंडों ने पदार्थ को प्रभावित किया। इससे अत्यधिक ऊष्मा उत्पन्न हुई परिणामस्वरूप पृथ्वी आंशिक रूप से द्रव अवस्था में रह गई और तापमान की अधिकता के कारण ही हल्के एवं भारी घनत्व के पदार्थों का स्तरीकरण होने लगा। भारी पदार्थ पृथ्वी के केन्द्र में और हल्के पदार्थ धरातल की ओर चले गये। कालांतर में यह ठोस रूप में परिवर्तित होकर छोटे आकार के हो गए और अंततः पृथ्वी की भूपर्पटी के रूप में विकसित हो गए।
प्रश्न 8.
वर्तमान वायुमंडल का विकास कितनी अवस्थाओं में हुआ है ? नाम लिखिए।
उत्तर:
वर्तमान वायुमंडल का विकास निम्नलिखित तीन अवस्थाओं में हुआ है-
- प्रथम अवस्था: आदिकालिक वायुमंडलीय गैसों का ह्रास।
- द्वितीय अवस्था: पृथ्वी के आंतरिक भाग से भाप एवं जलवाष्प का उत्सर्जन।
- तृतीय अवस्था: जैवमंडल का प्रकाश-संश्लेषण प्रक्रिया द्वारा संशोधन।
प्रश्न 9.
ऑटो श्मिड व कार्ल वाइज़ास्कर ने ‘नीहारिका परिकल्पना’ में क्या संशोधन किया?
उत्तर:
रूस के ऑटो श्मिड व जर्मनी के कार्ल वाइजास्कर ने ‘नीहारिका परिकल्पना’ में संशोधन कर बताया कि सूर्य एक सौर नीहारिका से घिरा हुआ था, जो मुख्यतः हाइड्रोजन, हीलियम और धूलिकणों की बनी थी। इन कणों के घर्षण व टकराने से एक चपटी तश्तरी की आकृति के बादल का निर्माण हुआ और अभिवृद्धि प्रक्रम द्वारा ही ग्रहों का निर्माण हुआ।
प्रश्न 10.
पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति : यह माना जाता है कि धरातल पर जीवन का विकास लगभग 380 करोड़ वर्षों पूर्व आरम्भ हुआ। आधुनिक वैज्ञानिक जीवन की उत्पत्ति को रासायनिक प्रतिक्रिया मानते हैं, जिसमें पहले जटिल जैव अणु बने और उनका समूहन व पुनर्समूहन हुआ, जिससे निर्जीव पदार्थ जीवित तत्वों में परिवर्तित हो गये। इससे पहले एककोशीय जीवाणु बने और फिर वर्तमान के विकसित मानव का जन्म हुआ।
प्रश्न 11.
सौरमण्डल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
सौरमण्डल-सौरमण्डल का जन्म नीहारिका से माना जाता है। हमारे सौरमण्डल में सूर्य (तारा), 8 ग्रह, 63 उपग्रह, लाखों छोटे पिंड जैसे – क्षुद्र ग्रह ( ग्रहों के टुकड़े), धूमकेतु एवं वृहत् मात्रा में धूलिकण एवं गैस हैं। सौरमण्डल के 8 ग्रहों में बुध, शुक्र, पृथ्वी एवं मंगल भीतरी ग्रह कहलाते हैं जबकि बृहस्पति, शनि, यूरेनस एवं नेप्च्यून बाहरी ग्रह कहलाते हैं।
प्रश्न 12.
मध्यजीवी महाकल्प के कल्प, आयु एवं मुख्य घटनाओं को सारणीबद्ध कीजिए।
उत्तर:
महाकल्प (Era) | कल्प (Period) | आयु (Age) | मुख्य घटनाएँ (Major Events) |
मध्यजीवी (Mesozoic) | (i) क्रीटेशियस | 6.5 से 14.4 करोड़ | डायनोसोर का विलुप्त |
6.5 करोड़ से | (ii) जुरेसिक | 14.4 से 20.8 करोड़ | होना |
24.5 करोड़ | (iii) ट्रियासिक | 20.8 से 24.5 करोड़ वर्ष पूर्व | डायनासोर युग। |
वर्ष पहले | कल्प (Period) | 20.8 से 24.5 करोड़ वर्ष पूर्व | मेंढक व समुद्री कछुए |
निबन्धात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
सौरमण्डल के प्रमुख अवयवों को बताते हुए ग्रहों के निर्माण की अवस्थाओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
सौरमण्डल के प्रमुख अवयव – सौरमण्डल का जनक निहारिका को माना जाता है। हमारे सौरमण्डल में आठ ग्रह हैं। निहारिका के ध्वस्त होने व क्रोड के बनने की शुरुआत लगभग 5 से 5.6 अरब वर्षों पहले हुई व 4.6 से 4.56 अरब वर्ष पूर्व ग्रहों का निर्माण हुआ। हमारे सौरमण्डल में सूर्य अर्थात् तारा, 8 ग्रह, 63 उपग्रह, लाखों छोटे पिण्ड यथा छुद्र ग्रह, धूमकेतु एवं वृहद् मात्रा में धूलिकण व गैसें मिलती हैं।
ग्रहों का निर्माण:
सौरमण्डल के आठ ग्रहों में बुध, शुक्र, पृथ्वी व मंगल भीतरी अर्थात् आन्तरिक ग्रह कहलाते हैं क्योंकि ये सूर्य व क्षुद्रग्रहों की पट्टी के बीच में स्थित हैं। अन्य चार ग्रह बृहस्पति, शनि, यूरेनस व नेप्च्यून बाहरी ग्रह कहलाते हैं। पहले चार ग्रह पार्थिव ग्रह भी कहलाते हैं क्योंकि ये ग्रह पृथ्वी के समान ही शैलों और धातुओं से बने हैं और अपेक्षाकृत अधिक घनत्व वाले ग्रह हैं। अन्य चार ग्रह गैस से बने विशाल ग्रह या जोवियन ग्रह कहलाते हैं। इनमें से अधिकतर पार्थिव ग्रहों से विशाल हैं जिन पर हाइड्रोजन व हीलियम से बना सघन वायुमण्डल है। सभी ग्रहों का निर्माण लगभग 4.6 अरब वर्ष पूर्व एक ही समय में हुआ। ग्रहों के निर्माण की निम्नलिखित अवस्थाएँ मानी जाती हैं।
- (i) तश्तरी विकसित होना :
निहारिका के अन्दर गैस के गुंथित झुण्ड के रूप में तारे पाये जाते है। इन गुंथित झुण्डों में गुरुत्वाकर्षण बल से गैसीय बादल में क्रोड का निर्माण हुआ और इस गैसीय क्रोड के चारों तरफ गैस व धूल कणों की घूमती हुई तश्तरी विकसित हुई। - (ii) ग्रहाणुओं का विकास होना :
ग्रहों के निर्माण की अगली अवस्था में गैसीय बादल का संघनन शुरू हुआ और क्रोड को ढकने वाला पदार्थ छोटे गोलों के रूप में विकसित हुआ। ये छोटे गोले संसंजन अर्थात् अणुओं में पारस्परिक आकर्षण की प्रक्रिया के द्वारा ग्रहाणुओं में विकसित हुए। टकराव ( Collision) की क्रिया के द्वारा बड़े पिण्ड बनने शुरू हुए और गुरुत्वाकर्षण बल के परिणामस्वरूप आपस में जुड़ गए। - (iii) बड़े पिण्डों से ग्रहों का निर्माण :
ग्रहों के निर्माण की इस अन्तिम अवस्था में अनेक छोटे ग्रहाणुओं के सहवर्धित होने पर कुछ बड़े पिण्ड ग्रहों के रूप में निर्मित हुए। इस प्रकार ग्रहों का निर्माण हुआ।
प्रश्न 2.
सौरमंडल किसे कहते हैं? सौरमंडल के आंतरिक एवं बाह्य ग्रहों में अंतर बताइए।
उत्तर:
सौरमंडल – सूर्य, ग्रहों ( 8 ), उपग्रहों (63), लाखों छोटे पिंडों जैसे – क्षुद्र ग्रह, धूमकेतु एवं वृहद् मात्रा में धूलिकणों व गैसों के परिमण्डल को सौरमंडल कहते हैं। इस प्रकार सौरमंडल सूर्य एवं उसके साथ आकाशीय पिण्डों का समूह है।
सौरमण्डल के आंतरिक व बाह्य ग्रहों में अंतर निम्न प्रकार से हैं-
आंतरिक ग्रह | बाह्य ग्रह |
(i) इन्हें पार्थिव ग्रह भी कहते हैं। | (i) ये जोवियन ग्रह कहलाते हैं। |
(ii) इसके अन्तर्गत बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल को सम्मिलित करते हैं। | (ii) इसमें बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेप्च्यून को सम्मिलित करते हैं। |
(iii) यह आकार में छोटे हैं। | (iii) इनका आकार अपेक्षाकृत बड़ा है। |
(iv) सूर्य के समीप स्थित हैं। | (iv) ये सूर्य से अपेक्षाकृत अधिक दूरी पर स्थित हैं। |
(v) इनकी संरचना चट्टानी है। | (v) इन ग्रहों की संरचना गैसीय है। |
(vi) इनके उपग्रहों की संख्या कम है। | (vi) इन ग्रहों के उपग्रहों की संख्या अपेक्षाकृत बहुत अधिक है |
(vii) शैलों तथा धातुओं से बने होने के कारण आंतरिक ग्रहों का घनत्व अधिक है। | (vii) वायुमंडल में हाइड्रोजन व हीलियम गैसों की अधिकता के कारण इन ग्रहों का घनत्व अपेक्षाकृत कम है। |
(viii) आकार छोटा होने के कारण इनकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति भी कम थी, इस कारण सौर वायु इन ग्रहों से अधिक मात्रा में गैस व धूल कण उड़ा ले गई। | (viii) बाह्य ग्रहों के बड़ा होने के कारण इनकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति भी अधिक थी, जिसके परिणामस्वरूप कमजोर सौर पवन इन पर से गैसों को नहीं हटा पाई। |
प्रश्न 3.
भूवैज्ञानिक काल मापक्रम को सारणीबद्ध कीजिए।
उत्तर: