Students can access the CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi with Solutions and marking scheme Set 4 will help students in understanding the difficulty level of the exam.
CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi Set 4 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश :
(i) निम्नलिखित निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए।
(ii) इस प्रश्न पत्र में खंड “अ’ में वस्तुपरक तथा खंड “ब में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं।
(iii) खंड “अ’” में 40 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं, सभी 40 प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
(iv) खंड “ब” में वर्णनात्मक ग्रएन पूछे गए हैं। प्रश्नों के उचित आंतरिक विकल्प दिए गए हैं।
(v) दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(vi) यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्त क्रमशः लिखिए।
खंड ‘अ’- वस्तुपरक प्रश्न (अंक 40)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (10 × 1 = 10)
भारत में जन-आन्दोलनों का लम्बा इतिहास रहा है। पिछले दो-तीन दशकों में शहरी एवं शिक्षित मध्यमवर्गीय लोगों के बीच इस मसले पर सचेत समझदारी विकसित हुई है। विकास के आधुनिक संस्करण ने पारिस्थितिकीय सन्तुलन एवं विकास प्राथमिकताओं के मध्य इंद्व की स्थिति खड़ी कर दी है। इसने कई जन आन्दोलनों को जन्म दिया है। 70 का दशक सामाजिक आन्दोलनों के लिहाज से बहुत महत्त्वपूर्ण है। सामाजिक आन्दोलनों के सन्दर्भ में इसे पैराडाइम शिफ्ट की तरह देखा जाता है। इसी दशक में महाआख्यानों के बरक्स छोटे मुद्दों ने वैश्विक स्तर पर अपनी छाप छोड़ी। चाहे वह महिला आन्दोलन हो या फिर मानवाधिकार आन्दोलन या फिर मध्य वर्ग का आन्दोलन हो या शांति आन्दोलन। पर्यावरणीय आन्दोलन इसी क्रम में एक महत्त्वपूर्ण कड़ी समझी जाती है।
यह आन्दोलन सन् 1973 में एक सुबह शुरू हुआ जब चमोली जिले के सुदूर पहाड़ी कस्बे गोपेश्वर में इलाहाबाद की खेल का सामान बनाने वाली फैक्ट्री के लोग देवदार के दस वृक्ष काटने के उद्देश्य से पहुँचे। आरम्भ में ग्रामीणों ने अनुरोध किया कि वे वृक्ष ना कारें परन्तु जब ठेकेदार नहीं माने तब ग्रामीणों ने चिहित वृक्षों का घेराव किया और उससे चिपक गए। पराजित ठेकेदार को विवश होकर वापस जाना पड़ा। कुछ सप्ताह बाद ठेकेदार पुनः वापस आए और उन्होंने फिर पेड़ काटने की कोशिश की । 50 वर्षीय गौरा देवी के नेतृत्व में स्त्रियों ने इसका प्रतिरोध करते हुए जंगल जाने वाले मार्ग को अवरुद्ध कर दिया। उनका कहना था कि यह जंगल हमारा मायका है और हम पूरी ताकृत से इसे बचाएँगी। इस आन्दोलन की अग्रिम पंक्ति में सैनिक महिलाएँ थीं जिनका कार्यक्षेत्र घर के अन्दर चौके और चूल्हे तक सीमित माना जाता है।
भारत में जंगल को लेकर दो तरह के दृष्टिकोण विद्यमान हैं। पहला है जीवनोत्पादक तथा दूसरा है जीवन विनाशक जिसे दूसरे शब्दों में ‘ औद्योगिक भौतिकवादी दृष्टिकोण’ भी कहा जाता है। जीवनोत्पादक दृष्टिकोण जंगल के संसाधनों की निरन्तरता तथा उनमें नवीन सम्भावनाओं को स्वीकार करता है ताकि भोजन तथा जल संसाधनों का कभी ना खत्म होने वाला भण्डार बना रहे। जीवन विनाशक दृष्टिकोण कारखानों तथा बाज़ार से बँधा हुआ है जो जंगल के संसाधनों का अधिकाधिक दोहन अपने व्यावसायिक लाभ के लिए करना चाहता है। आन्दोलन के आरम्भिक दिनों में बाहरी ठेकेदारों को भगाने में स्थानीय ठेकेदारों ने भी इनका भरपूर सहयोग किया क्योंकि इनके व्यावसायिक हित भी बाधित हो रहे थे, परन्तु उनके जाने के बाद एक सरकारी निकाय (द फॉरैस्ट डेवलपमेंट कारपोरेशन) ने फिर वहाँ के स्थानीय ठेकेदारों की सहायता से लकड़ी कटाई का कार्य शुरू किया।
स्त्रियों ने यह देखते हुए अपने आन्दोलन को आगे बढ़ाते हुए जंगल के दोहन के विरुद्ध अपना संघर्ष जारी रखा। वन विभाग के कई अधिकारियों ने स्त्रियों को यह समझाने का भी प्रयास किया कि जंगल लकड़ी का मुनाफा देते हैं। इसलिए वे उन्हें काट रहे हैं और लकड़ियाँ काटी जा रही हैं उनका जंगल के लिए कोई उपयोग नहीं है। वे जर्जर और दूँठ हैं। महिलाओं ने उन्हें समझाया कि दरअसल यह जंगल के नवीनीकरण की प्रक्रिया है जिसमें पुराने तथा जर्जर हुए पेड़ नए पेड़ों के लिए जैविक खाद का कार्य करते हैं। जंगल के सम्बन्ध में महिलाओं की समझ ने चिपको आन्दोलन को एक नई दिशा दी।
1. जन आन्दोलन के प्रति शहरी मध्यमवर्ग के नजरिए के बारे में लेखक का क्या अभिमत है?
(क) यह वर्ग जन आन्दोलन के प्रति उदासीन होता है
(ख) यह वर्ग जन आन्दोलन का विरोध करता है
(ग) इस वर्ग में जन आन्दोलन को लेकर जागरूकता बढ़ी है
(घ) जन आन्दोलन शहरी मध्यम वर्ग से असम्बन्धित होते हैं
उत्तर:
(ग) इस वर्ग में जन आन्दोलन को लेकर जागरूकता बढ़ी है
व्याख्या-पिछले दो-तीन दशकों में शहरी एवं शिक्षित मध्यवर्ती लोगों के बीच इस मसले पर सचेत समझदारी विकसित हुई है। विकास के आधुनिक संस्करण ने पारिस्थितिकीय सन्तुलन एवं विकास प्राथमिकताओं के मध्य द्वन्द्द की स्थिति खड़ी कर दी है, जिसने कई जन आन्दोलनों को जन्म दिया।
2. सत्तर के दशक के सामाजिक आन्दोलनों की क्या विशेषता है?
(क) अन्तर्राष्ट्रीय सामाजिक चेतना के लिए आन्दोलन
(ख) दुनिया का इन आन्दोलनों की ओर ध्यानाकर्षण
(ग) सामाजिक आन्दोलनों में व्याप्त आर्थिक भ्रष्टता
(घ) सामाजिक आन्दोलनों का हिंसक रूप
उत्तर:
(ख) दुनिया का इन आन्दोलनों की ओर ध्यानाकर्षण
व्याख्या-सत्तर के दशक के सामाजिक आन्दोलन की यह विशेषता है कि उन्होंने दुनिया का इन आन्दोलनों की ओर ध्यानाकर्षण किया क्योंकि सामाजिक आन्दोलनों के सन्दर्भ में इसे पैराडाइम शिफ़्ट की तरह देखा जाता है। इसी दशक में छोटे मुददों ने वैश्विक स्तर पर अपनी छाप छोड़ी है।
3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
कथन (I) महिलाओं ने ढूँठ लकड़ियों का लाभ भूमि कटाव को बताया है।
कथन (II) महिलाओं ने जर्जर लकड़ियों का लाभ जैविक परिस्थितिकी सन्तुलन को बताया है।
कथन (III) जर्जर और दढूंठ लकड़ियों से पौधों की अगली पीढ़ी के लिए भूमि की उर्वरता बढ़ती है।
कथन (IV) महिलाओं ने जर्जर लकड़ियों का लाभ भौतिक पारिस्थितिकी सन्तुलन को बताया है।
गद्यांश के अनुसार कौन-सा/से कथन सही है/हैं ?
(क) केवल कथन (III) सही है
(ख) केवल कथन (I) सही है
(ग) केवल कथन (IV) सही है
(घ). केवल कथन (II) सही है
उत्तर:
(क) केवल कथन (III) सही है
4. “जंगल हमारा मायका है”-से गौरा देवी का क्या आशय था?
(क) गौरा देवी का पैतृक गाँव जंगल में होने से उन्हें जंगल से अटूट प्यार था
(ख) जंगल से मिलने वाले संसाधनों पर गौरा देवी का गाँव निर्भर था
(ग) जंगल में देवी अरण्यानी का वास था तथा गौरा देवी उनकी भक्त थीं
(घ) जंगल हमें माँ की तरह जीवनावश्यक स्रोत जैसे ऑक्सीजन देते हैं
उत्तर:
(ख) जंगल से मिलने वाले संसाधनों पर गौरा देवी का गाँव निर्भर था
5. चिपको आन्दोलन किस तरह का जन आन्दोलन था?
(क) महिलाओं द्वारा रास्ता रोककर शहरों द्वारा गाँव की लकड़ी न ले जाने के लिए आन्दोलन
(ख) पर्यावरण संरक्षण के लिए स्थानीय आन्दोलन
(ग) महिलाओं द्वारा रोज़गार के लिए आन्दोलन
(घ) महिला अधिकारों के संरक्षण का आन्दोलन
उत्तर:
(ख) पर्यावरण संरक्षण के लिए स्थानीय आन्दोलन
6. जंगल के वृक्षों को संसाधन समझकर उनकी अंधाधुंध कटाई किस तरह के दृष्टिकोण का प्रमाण है?
(क) जीवनोत्पादक दृष्टिकोण
(ख) औद्योगिक भौतिकवादी दृष्टिकोण
(ग) औद्योगिक विकास का भौतिकशास्त्रीय दृष्टिकोण
(घ) पर्यावरण संसाधन संरक्षण जीवनोत्पादक दृष्टिकोण
उत्तर:
(ख) औद्योगिक भौतिकवादी दृष्टिकोण
7. पर्यावरण सम्बन्धी जन आन्दोलन के जन्म के क्या कारण हैं?
(क) पारिस्थितिक सन्तुलन और विकास की प्राथमिकता में इंद्र
(ख) शिक्षित व कार्यकुशल युवाओं को रोजगार के पर्याप्त अवसरों की कमी
(ग) मृदा का अपरदन तथा कृषि के लिए भूमि का कम होना
(घ) पर्वतीय क्षेत्रों में वनों की कटाई से भूस्खलन के कारण बढ़ती जान-माल की हानि
उत्तर:
(क) पारिस्थितिक सन्तुलन और विकास की प्राथमिकता में इंद्र
8. ‘चिपको आन्दोलन के दौरान स्थानीय ठेकेदारों का क्या उद्देश्य था?
(क) बाहरी ठेकेदारों को बाहर खदेड़ना था
(ख) वनों के संरक्षण को बढ़ावा देना था
(ग) ग्रामीण महिलाओं को काम-काज के दूसरे अवसर प्रदान करना
(घ) आन्दोलन को अव्यवस्थित करना था
उत्तर:
(क) बाहरी ठेकेदारों को बाहर खदेड़ना था
व्याख्या-चिपको आन्दोलन के दौरान स्थानीय ठेकेदारों का उद्देश्य था बाहरी ठेकेदारों को बाहर खदेड़ना, क्योंकि इनके व्यावसायिक हित बाधित हो रहे थे, परन्तु उनके जाने के बाद एक सरकारी निकाय ने फिर वहाँ के स्थानीय ठेकेदारों की सहायता से लकड़ी की कटाई शुरू कर दी थी।
9. गम्भीर मुद्दों पर महिलाओं की भूमिका को यह गद्यांश किस प्रकार रेखांकित करता है?
(क) घर और बाहर दोनों में महिलाओं की स्थिति एक- समान है
(ख) ग्रामीण महिलाएँ यदि निश्चय कर लें तो जीत उनकी ही होती है
(ग) घर तथा खेती कार्य के कारण महिलाएँ विकास कार्यों में भाग नहीं ले पाती हैं
(घ) समझ शिक्षा से परे परिवेश और संस्कृति में भी निहित होती है
उत्तर:
(घ) समझ शिक्षा से परे परिवेश और संस्कृति में भी निहित होती है
10.“जीवनोत्पादक दृष्टिकोण ” से क्या आशय है?
(क) प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धि और माँग में सामंजस्य
(ख) महिला संरक्षण
(ग) भौतिकवादी दृष्टिकोण
(घ) आन्दोलन
उत्तर:
(ख) महिला संरक्षण
प्रश्न 2.
दिए गए पद्यांश पर आधारित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
1. सामाजिक जीवन में अशांति का क्या कारण है?
(क) आनन्द का अभाव
(ख) समता का अभाव
(ग) वास्तविकता का अभाव
(घ) प्रीति का अभाव
उत्तर:
(ख) समता का अभाव
व्याख्या-सामाजिक जीवन में आर्थिक विषमता के कारण सभी को सुख-भोग का समान अवसर न मिलना और न्याय का समान व्यवहार न होना, अशान्ति का मूल कारण है।
2. कवि किस प्रकार की शांति को महत्वपूर्ण मानता है?
(क) न्याय और आर्थिक समानता पर आधारित
(ख) कृत्रिम शांति और आर्थिक समानता पर आधारित
(ग) कृत्रिम शांति से वैश्विक संघर्षों के समाधान पर आधारित
(घ) श्रद्धा, भक्ति, प्रणय व त्याग पर आधारित
उत्तर:
(क) न्याय और आर्थिक समानता पर आधारित
व्याख्या-कवि समाज में शान्ति व्यवस्था पसन्द करता है। इसलिए वह समाज में न्याय और आर्थिक समानता लाकर स्थापित की जाने वाली शान्ति को महत्वपूर्ण मानता है।
3. काव्यांश का संदेश क्या हो सकता है?
(क) समता व न्याय का समाज में पोषण करना चाहिए
(ख) कृत्रिम शांति और समान अवसर प्रदान करना चाहिए
(ग) योग्यता के आधार पर ही जीवन संसाधनों का बंटवारा होना चाहिए
(घ) कृत्रिम विज्ञान की सहायता से प्राकृतिक शांति स्थापित करनी चाहिए
उत्तर:
(क) समता व न्याय का समाज में पोषण करना चाहिए
व्याख्या- प्रस्तुत काव्यांश में यह संदेश निहित है कि हमें समाज एवं राष्ट्र में शान्ति स्थापना के लिए समता एवं न्याय का पोषण करना चाहिए।
4. प्रस्तुत काव्यांश में लेखक ने कृत्रिम शान्ति पर अपने विचार व्यक्त किए हैं-निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
कथन (I) कृत्रिम शांति से न्याय मिलता है शांति नहीं।
कथन (II) कृत्रिम शांति से विद्वेष विस्तार पाता है।
कथन (III) कृत्रिम शांति से वास्तविक सम्बन्धों के स्थान पर कृत्रिम भावों का प्रसार होता है।
कथन (IV) कृत्रिम शांति को आन्तरिक शान्ति कहते हैं।
निम्नलिखित विकल्पों पर विचार कीजिए तथा सही विकल्प चुनकर लिखिए-
(क) केवल कथन (I) और (II) सही है
(ख) केवल कथन (II) सही है
(ग) केवल कथन (III) सही है
(घ). केवल कथन (IV) सही है
उत्तर:
(ख) केवल कथन (II) सही है
व्याख्या-कृत्रिम शान्ति स्थापना से शान्ति स्थाई नहीं रहती है, क्योंकि उसमें आशंका, भय एवं विद्वेष बना रहता है। ऐसी शान्ति से समाज का वातावरण खुशहाल नहीं रहता है।
5. कॉलम (1) को कॉलम (2) से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए-
कॉलम-1 | कॉलम-2 | ||
1 | न्याय शांति | i | कृत्रिम शांति |
2 | शशंक आप | ii | प्रथम न्याय |
3 | शांति व्यवस्था में | iii | सुख-भोग सुलभ |
विकल्प
(क) (1)-(i), (2)-(ii), (3)-(iii)
(ख) (1)-(i), (2)-(ii), (3)-(iii)
(ग) (1)-(i), (2)-(ii), (3)-(iii)
(घ) (1)-(i), (2)-(ii), (3)-(iii)
उत्तर:
(घ) (1)-(i), (2)-(ii), (3)-(iii)
अभिव्यक्ति और माध्यम अंक (5)
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (5 × 1 = 5)
1. मुद्रित माध्यमों की सीमा या कमजोरी के विषय में इनमें से कौन-सा कथन असत्य है?
(क) इसे आप धीरे-धीरे आराम से पढ़ सकते हैं
(ख) निरक्षरों के लिए मुद्रित माध्यम किसी काम के नहीं हैं
(ग) इसमें समाचारों को प्रकाशन के लिए स्वीकार करने की समय-सीमा होती है
(घ) इसमें अन्य संचार माध्यमों की तरह तुरंत घटी घटनाओं को नहीं प्रकाशित कर सकते
उत्तर:
(घ) इसमें अन्य संचार माध्यमों की तरह तुरंत घटी घटनाओं को नहीं प्रकाशित कर सकते
2. “वेबसाइट पर विशुद्ध पत्रकारिता शुरू करने का श्रेय जाता है-
(क) रीडिफ डॉट कॉम
(ख) इंडिया इंफोलाइन
(ग) सीफी डॉट कॉम
(घ) तहलका डॉट कॉम
उत्तर:
(घ) तहलका डॉट कॉम
व्याख्या-वेबसाइट पर विशुद्ध पत्रकारिता शुरू करने का श्रेय तहलका डॉट कॉम को है।
3. स्तम्भ लेखन के अन्तर्गत किसको अपने विषय का चयन करने की स्वतन्त्रता होती है? –
(क) लेखक को
(ख) जनता को
(ग) अखबार के मालिक को
(घ) सभी को
उत्तर:
(क) लेखक को
4. समाचार पत्रों के लिए कितने घंटे की अवधि की डेड लाइन होती है। ह॥
(क) 5 घंटे
(ख) 3 घंटे
(ग) 8 घंटे
(घ) 24 घंटे
उत्तर:
(घ) 24 घंटे
5. रेडियो माध्यम है-
(क) जनसंचार का श्रव्य माध्यम है।
(ख) जनसंचार का दृश्य माध्यम है।
(ग) जनसंचार का दृश्य-श्रव्य माध्यम है।
(घ) जनसंचार का ध्वनि व शब्द माध्यम नहीं है।
उत्तर:
(क) जनसंचार का श्रव्य माध्यम है।
पाठयपुस्तक आरोह भाग-2 अंक (10)
प्रश्न 4.
निम्नलिखित काव्यांश के प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (5 × 1 = 5)
छोटा मेरा खेत चौकोना
कागज़ का एक पन्ना,
कोई अंधड़ कहीं से आया
क्षण का बीज वहाँ बोया गया।
कल्पना के रसायनों को पी
बीज गल गया निःशेष;
शब्द के अंकुर फूटे,
‘पल्लव-पुष्पों से नमित हुआ विशेष।
1. काव्यांश में प्रयुक्त ‘खेत’ का अर्थ है-
(क) जमीन
(ख) कागज
(ग) भाव
(घ) शब्द
उत्तर:
(ख) कागज
व्याख्या-कविता में कवि को कागज का पन्ना एक चौकोर खेत के समान प्रतीत होता है।
2. “कोई अंधड़ कहीं से आया ‘-पंक्त में प्रयुक्त अंधड़ का अर्थ है-
(क) तूफ़ान
(ख) धूल भरी आँधी
(ग) भावों की आँधी
(घ) कठिनाइयाँ
उत्तर:
(ग) भावों की आँधी
3. बीज का अस्तित्व किसके संसर्ग से गल गया?
(क) कल्पना
(ख) धरती
(ग) भाव
(घ) कविता
उत्तर:
(क) कल्पना
4. निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) : भावना रूपी बीजों के गलने से परिणाम मिले हैं।
कारण (R) : परिणाम के रूप में शब्दों के अंकुर फूट पड़े।
विकल्प
(क) कथन (A) सही है, कारण (R) गलत है
(ख) कथन (A) गलत है, कारण (R) सही है
(ग) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं
(घ) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं
उत्तर:
(घ) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं
5. “कल्पना को रसायन क्यों कहा गया है?
(क) सृजन को सुन्दर बनाने में सहायक
(ख) सृजन को सरल बनाने में महत्त्वपूर्ण
(ग) सृजन के विकास में सहायक तत्त्व
(घ) सृजन का मूलभूत तत्त्व
उत्तर:
(ग) सृजन के विकास में सहायक तत्त्व
प्रश्न 5.
निम्नलिखित गद्यांश के प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (5 × 1 = 5)
सेवक धर्म में हनुमानजी से स्पर्धा करने वाली भक्तिन अंजना की पुत्री न होकर एक अनामधन्य गोपालिका की कन्या है-नाम है लछमिन अर्थात् लक्ष्मी। पर जैसे मेरे नाम की विशालता मेरे लिए दुर्वह है, वैसे ही लक्ष्मी की समृद्धि भक्तिन के कपाल की कुंचित रेखाओं में नहीं बैँध सकी थी। वैसे तो जीवन में प्रायः सभी को अपने-अपने नाम का विरोधाभास लेकर जीना पड़ता है, पर भक्तिन बहुत समझदार है, क्योंकि वह अपना समृद्धि सूचक नाम किसी को बताती नहीं थी।
1. भक्तिन के सेवाधर्म की तुलना किससे की गई है ?
(क) हनुमान
(ख) तुलसीदास
(ग) मीराबाई
(घ) लक्ष्मण
उत्तर:
(क) हनुमान
व्याख्या-जिस प्रकार हनुमान जी ने श्री राम की भक्ति व सेवा की, उसी प्रकार भक्तिन भी महादेवी की सेवा करती थी।
2. भक्तिन का वास्तविक नाम कया था ?
(क) महादेवी
(ख) कमला
(ग) लक्ष्मी
(घ) राधा।
उत्तर:
(ग) लक्ष्मी
व्याख्या-भक्तिन का वास्तविक नाम लछमिन अर्थात् लक्ष्मी था।
3. निम्नलिखित कथनों पर विचार करते हुए गद्यांश के अनुसार सही कथन को चयनित कर लिखिए।
(क) भक्तिन अपना असली नाम छिपाकर इसलिए रखती थी क्योंकि उसे अपना नाम पसन्द नहीं था
(ख) उसका नाम जीवन के अनुरूप नहीं था
(ग) उसका नाम उसे पिता की याद दिलाता था
(घ) उसका नाम उसे पुत्र की याद दिलाता था दि
उत्तर:
(ख) उसका नाम जीवन के अनुरूप नहीं था
व्याख्या-भक्तिन का मूल नाम लक्ष्मी था। परन्तु भक्तिन बहुत गरीब थी। अत: भक्तिन को ऐसा महसूस होता था मानो यह नाम उसकी गरीबी का मज़ाक उड़ा रहा है।
4. कॉलम (1) को कॉलम (2) से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए-
कॉलम-1 | कॉलम-2 | ||
1 | गोपालिका की कन्या | i | लछमिन |
2 | विरोधाभास लेकर जीना पड़ता है। | ii | अपने-अपने नाम का |
3 | वह किसी को बताती नहीं है। | iii | समृद्धि सूचक नाम |
विकल्प
(क) (1)-(i), (2)-(iii), (3)-(ii)
(ख) (1)-(ii), (2)-(iii), (3)-(i)
(ग) (1)-(i), (2)-(ii), (3)-(iii)
(घ) (1)-(iii), (2)-(ii), (3)-(i)
उत्तर:
(ग) (1)-(i), (2)-(ii), (3)-(iii)
5. “पर जैसे मेरे नाम की विशालता मेरे लिए दुर्वह है’ में ‘मेरे’ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है ?
(क) भक्तिन के लिए
(ख) लक्ष्मी के लिए
(ग) भक्तिन की विमाता के लिए
(घ) लेखिका के लिए
उत्तर:
(घ) लेखिका के लिए
व्याख्या-उपर्युक्त पंक्ति में “मेरे’ शब्द लेखिका के लिए प्रयुक्त हुआ है।
पूरक पाठ्यपुस्तक वितान भाग-2 अंक (10)
प्रश्न 6.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (10 × 1 = 10)
1. यशोधर बाबू अपने जीवन में किससे प्रभावित थे?
(क) कृष्णानंद पांडेय
(ख) कृष्णानंद वर्मा
(गे) कृष्णानंद शर्मा
(घ) कृष्णानंद गुप्ता
उत्तर:
(क) कृष्णानंद पांडेय
व्याख्या-यशोधर बाबू अपने जीवन में कृष्णानंद पांडेय से प्रभावित थे। यह दिल्ली में सरकारी नौकरी करते थे।
2. “जूझ’ कहानी के नायक का मन किससे लिए तरसता था?
(क) भोजन के लिए
(ख) पढ़ने के लिए
(ग) कपड़े के लिए
(घ) खेलने के लिए
उत्तर:
(ख) पढ़ने के लिए
3. सिंधु घाटी सभ्यता की संस्कृति को आप किस श्रेणी में रखेंगे?
(क) खेतिहर संस्कृति
(ख) मैदानी संस्कृति
(ग) नभ संस्कृति
(घ) शहरी संस्कृति
उत्तर:
(ख) मैदानी संस्कृति
व्याख्या-सिन्धु घाटी सभ्यता की संस्कृति को मैदानी संस्कृति श्रेणी में रखेंगे।
4. निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सही विकल्प चुनकर लिखिए। ह।
‘कथन (A) : मुअनजो-दड़ो सबसे बड़ा शहर है।
कारण (R) : यह ताम्रकाल के शहरों में से एक है।
विकल्प
(क) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं
(ग) कथन (A) सही है, कारण (R) गलत है
(घ) कथन (A) गलत है, कारण (R) सही है
उत्तर:
(क) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं
5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
कथन (I) यशोधर बाबू साधारण व्यक्ति थे।
कथन (II) यशोधर बाबू आदर्शवादी व्यक्ति थे।
कथन (III) यशोधर बाबू पुरातनपंथी व्यक्ति थे।
कथन (IV) यशोधर बाबू विरोधी व्यक्ति थे।
सही कथन/कथनों वाले विकल्प को चयनित कर लिखिए-
(क) केवल कथन (I) सही है
(ख) केवल कथन (II) सही है
(ग) केवल कथन (III) सही है।
(घ) केवल कथन (IV) सही है
उत्तर:
(ख) केवल कथन (II) सही है
6. बसंत पाटिल को लेखक द्वारा अपना दोस्त बनाने के कारणों में से कौन-सा कारण सही नहीं है?
(क) होशियार छात्र होना
(ख) शांत स्वभाव का होना
(ग) कक्षा का मॉनिटर
(घ) बड़े घर का होना
उत्तर:
(घ) बड़े घर का होना
7. निम्नलिखित में से किस बात से यह पता चलता है कि मुअनजो-दड़ो के लोग बारीक.कशीदाकारी करते थे ?
(क) सुई मिलने से
(ख) दुशाला मिलने से
(ग) सूती कपड़ा मिलने से
(घ) (क) और (ख) दोनों
उत्तर:
(ग) सूती कपड़ा मिलने से
8. मुअनजो-दड़ो और हड़प्पा के रहस्य आज भी रहस्य क्यों बने हुए हैं? ह।
(क) भव्यता के आडंबर से
(ख) अध्ययन नहीं हो पाने से
(ग) अनबूझ लिपि के कारण
(घ) सुघड़ता के अभाव के कारण
उत्तर:
(क) भव्यता के आडंबर से
9. “जूझ’ पाठ के लेखक को अकेला रहना क्यों अच्छा लगने लगा? ह।
(क) कविता लिखने में रुचि जगने से
(ख) कविताओं के साथ खेलने से
(ग) कविता के अर्थ को समझने से
(घ) कविता पर विचार करने से
उत्तर:
(ख) कविताओं के साथ खेलने से
10. मास्टर की चाल पर दूसरी कविताएँ भी पढ़ी जा सकती हैं-कथन में प्रयुक्त ‘चाल’ शब्द का अर्थ हो सकता है-
(क) रुकने एवं आगे बढ़ने का नियम
(ख) भाव-भंगिमा और गाने का ढंग
(ग) अभिनय करने का ढंग
(घ) कविता लेखन करने का ढंग
उत्तर:
(क) रुकने एवं आगे बढ़ने का नियम
डिश व वर्णनात्मक प्रश्न 40 अंक
जनसंचार और सृजनात्मक लेखन अंक (6)
प्रश्न 7.
निम्नलिखित दिए गए तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 20 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए- (6 × 1 = 6)
(क) काश! मैं उड़ पाता
उत्तर:
हर किसी इंसान की तरह मेरी भी एक सोच है कि काश ! मैं उड़ पाता। मैं उड़ना चाहता हूँ। सच में हमेशा मेरा मन करता है कि “उड़कर कहीं दूर निकल जाऊकँ, आकाश की ऊँचाइयों को छू लूँ, बादलों के बीच जाकर देखूँ कि क्या है इनमें जो ये उड़ते फिरते हैं। यह हवा कहाँ से आती है? और जिस भगवान की सब बात करते हैं उसका घर भी तो कहते हैं न ऊपर ही कहीं है, मैं उस भगवान से भी मिलकर आता। हाँ, जानता हूँ कि इस बारे में विज्ञान अपने सिद्धांत देगा मगर मुझे सिद्धांत नहीं चाहिए। मुझे तो खुद इन्हें महसूस करना है, उड़ना है बहुत दूर तक। काश ! कोई मुझे पंख दे दे ताकि मैं इन सब अहसासों को महसूस कर सकूँ। महसूस कर सकूँ जिंदगी का सबसे खूबसूरत पल। अगर मैं उड़ पाता तो मैं फुर्र-फुर्र उड़कर कभी एक पेड़ की डाली पर बैठता और कभी दूसरी पर चिड़ियों की तरह और जब कभी मेरा मन उदास होता तो एक लंबी उड़ान पर निकल जाता। हवा के साथ बहता और आकाश में दूर दिखते चाँद के पास तक जाता। कोई भी मुझे रोक नहीं पाता। पंछी ही मेरे सबसे अच्छे मित्र होते जिनके साथ मैं दिनभर रहता, अपने सुख-दुःख कहता और उनके सुनता। काश! कि मैं उड़ पाता।
होती सीमाहीन क्षितिज से, इन पंखों की होड़ा-होड़ी
या तो क्षितिज मिलन बन जाता, या तनती साँसों की डोरी।
(ख) जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ पहुँचे कवि
उत्तर:
कहते हैं कि सूर्य की किरणें जहाँ नहीं पहुँच पार्ती वहाँ कवि की कल्पना पहुँच जाती है। वह अपनी कल्पना-शक्ति का प्रयोग करके ऐसे स्थानों पर पहुँच जाता है जहाँ मनुष्य का पहुँचना असंभव है। कल्पना व्यक्ति की सोचने की शक्ति का विकास करती है इसलिए व्यक्ति को सदैव कल्पनाशील रहना चाहिए।
हम अपने शरीर के द्वारा जहाँ नहीं पहुँच पाते हैं, वहाँ पलभर में ही कल्पना के पंख लगाकर पहुँच जाते हैं। परन्तु कल्पना वही कर सकता है जिसमें जिजीविषा हो, जो दृढ़ निश्वयी हो और जो सदैव क्रियाशील रहता हो। हमारी रचनात्मकता हमें कल्पना करने के लिए प्रेरित करती है। एक कवि की कलम में इतनी शक्ति होती है कि वह समाज में परिवर्तन एवं क्रांति दोनों ला सकता है। प्राचीन समय में महाकवि कालिदास ने मेघों को दूत बनाकर अपनी प्रिया के पास भेजा था, यह कवि कौ कल्पना-शक्ति का ही परिचायक है। आधुनिक कवियों में कवि निराला का प्रिय विषय ‘ बादल ‘ ही रहा है। कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ने तो मेघों को अतिथि मानकर ‘ मेघ आए’ कविता की रचना कर डाली। आकाश में विद्यमान सूर्य की किरणें समस्त संसार को प्रकाशित एवं आलोकित करती हैं पर कवि की कल्पना सूर्य की किरणों को पार करके आकाश की उस अंतिम सीमा को स्पर्श करती हैं जहाँ सूर्य का पहुँचना असंभव है अत: हमें सदैव कल्पनाशील रहना चाहिए। प्रत्येक इंसान में एक कवि छिपा होता है बस उस कवि हृदय को जाग्रत करने की आवश्यकता है।
(ग) चाँदनी रात और मैं
उत्तर:
प्रकृति विभिन्न रूपों में अपना सौंदर्य प्रकट करती है। समय परिवर्तन के साथ इसका सौंदर्य भी अनेक रंगों में प्रकट होता है। रात्रि में चंद्रमा के प्रकाश में प्रकृति का सौंदर्य अत्यंत मनोहारी प्रतीत होता है। पूर्णमासी की रात जब चाँद अपने पूर्ण आकार में होता है तो इसकी चमक भी बहुत ज़्यादा होती है। शहरों में इमारतों के जंगल इसकी सुंदर छटा को दबा देते हैं। पिछले वर्ष मैं मौसी के गाँव गया था। वहाँ मुझे पूर्णमासी के सौंदर्य को देखने का मौका मिला। खुले और शांत वातावरण में चाँदनी रात का दृश्य बड़ा मनोहारी था। ऐसा लग रहा था मानो हर चीज सोने में घुली हो। है
चाँदनी रात का और अधिक आनंद लेने के लिए मैं कुछ दोस्तों के साथ घूमने निकल पड़ा। वातावरण बहुत शांत था। पेड़, मकान और झोपड़ियाँ एक सफ़ेद चाँदी की चादर के साथ कवर किए प्रतीत हो रहे थे। नदी दूर नहीं थी। चाँदनी रात में नदी देखने की लालसा लिए हम वहाँ पहुँचे। शांत वातावरण में पानी चुपचाप बह रहा था। सभी दृश्य बहुत सुंद’ और मोहक लग रहे थे। हम पानी में पैर डालकर नदी के किनारे बैठ गए। अचानक एक बड़े काले बादल ने चाँद को छुपा लिया लेकिन कुछ ही पलों में चाँद बादलों के मध्य से रास्ता बनाकर बाहर आ गया और उज्ज्वल चाँदनी से आकाश और नदी के जल में अपना प्रतिबिंब देखना बहुत अच्छा लग रहा था। कुछ देर बादलों कौ लुका-छिपी देख हम लौट आए चाँदनी रात में बिताए उन पलों की याद आज भी मेरे मन में ताजा है।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर लगभग 40 शब्दों में निर्देशानुसार उत्तर दीजिए- (2 × 2 = 4)
(i) कहानी को नाटक में किस प्रकार रूपान्तरित कर सकते हैं।
उत्तर:
(i) कहानी को नाटक में रूपान्तरित करते समय अनेक महत्त्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना चाहिए, जो इस प्रकार हैं-
- कहानी की कथावस्तु को समय और स्थान के आधार पर विभाजित करके।
- कहानी में घटित घटनाओं के आधार पर दृश्यों का निर्माण करके।
- कथावस्तु से सम्बन्धित वातावरण की व्यवस्था करके।
- ध्वनि और प्रकाश की व्यवस्था करके।
- क़थावस्तु के अनुरूप मंच सज्जा और संगीत का निर्माण करके।
- पात्रों एवं संवादों को अभिनय के अनुरूप स्वरूप प्रदान करके।
अथवा
स्थान और समय को ध्यान में रखते हुए “दोपहर का भोजन” कहानी को विभिन दृश्यों में विभाजित करें। किसी एक दृश्य का संवाद भी लिखें।
उत्तर:
“दोपहर का भोजन ‘ कहानी में पहला दृश्य सिद्धेश्वरी के घर की दयनीय दशा और टूटी खाट पर लेटा उसका सबसे छोटा बेटा से है। दूसरे दृश्य में सिद्धेश्ववी का बार-बार दरवाज़े से गली में आते-जाते लोगों को देखने से है। तीसरे दृश्य में थके-हारे रामचन्द्र का आकर हताश-सा बैठना और खाना खाना और मोहन के सम्बन्ध में बात करने से है। अगले दृश्य में रामचन्द्र का भोजन करके चले जाना और मोहन का खाना खाने के लिए आना। माँ-बेटी की बातचीत। मोहन भोजन करके जाता है। अगले दृश्य में चन्द्रिका प्रसाद का परेशान मुद्रा में अपना भोजन करना। पति-पत्नी में वार्तालाप। अगले दृश्य में सिद्धेश्वरी का खाना खाने बैठना और सोते हुए पुत्र को देखते हुए आधी रोटी उसके लिए रखना। अन्तिम दृश्य में आँसू बहाते हुए सिद्धेश्ववी का भोजन करना, घर में मक्खियों का भिन-भिनाना और चन्द्रिका प्रसाद का निश्चितता पूर्वक सोना। दृश्य तीन का संवाद-
(रामचन्द्र थका-हारा-सा घर में आता है। सिद्धेश्वरी उसके हाथ-पैर धुलवाती है। वह पटरा लेकर बैठ जाता है। सिद्धेश्वरी
उसके सामने थाली में खाना लगा देती है।)
सिद्धेश्वरी-दफ़्तर में कोई बात हो गई है क्या ?
रामचन्द्र-नहीं तो रोज जैसा ही था।
सिद्धेश्वरी-इतने चुप क्यों हो ?
रामचन्द्र-लाला काम इतना लेता है, पर पैसे देते हुए मरता है।
सिद्धेश्वरी-कोई बात नहीं, जब तक कहीं और काम नहीं मिलता सहन करना ही पड़ेगा।
(सिद्धेश्वरी उसे और रोटी लेने के लिए कहती है पर वह सिर हिलाकर इन्कार कर देता है। रामचन्द्र हाथ धोकर बाहर निकल जाता है।)
(ii) कहानी और नाटक में पाई जाने वाली समानताओं और असमानताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
कहानी और नाटक दोनों में ही कथा होती है जिसके माध्यम से कहानी आगे बढ़ती है। कहानी और नाटक दोनों का केन्द्र बिन्दु कथानक होता है। कहानी और नाटक दोनों में पात्र होते हैं। कहानी और नाटक के पात्रों के मध्य इंद्व होता है। कहानी और नाटक दोनों में एक उद्देश्य निहित होता है। कहानी का मंचन नहीं किया जाता जबकि नाटक का मंचन किया जाता है। कहानी की शुरुआत मध्य और अन्त के आधार पर होती है। जबकि नाटक दृश्य में विभाजित होता हे।
अथवा
“रेडियो नाटक का लेखन सिनेमा और रंगमंच के लेखन से थोड़ा भिन्न भी है और थोड़ा मुश्किल भी ‘-कैसे ? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर:
सिनेमा और रंगमंच की तरह रेडियो नाटक में विजुअल्स अर्थात् दृश्य नहीं होते। यही सबसे बड़ा अन्तर है। रेडियो पूरी तरह से श्रव्य माध्यम है इसीलिए रेडियो नाटक का लेखन सिनेमा व रंगमंच के लेखन से थोड़ा भिन्न भी है और थोड़ा मुश्किल भी। सब कुछ संवादों और ध्वनि प्रभावों के माध्यम से सम्प्रेषित करना होता है। सहायता के लिए न मंच सज्जा और वस्त्र सज्जा है और न ही अभिनेता के चेहरे की भाव-भंगिमाएँ।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के लगभग 60 शब्दों में उत्तर दीजिए- (3 × 2 = 6)
(i) जनसंचार के आधुनिक माध्यमों में से सबसे पुराना माध्यम कौन-सा है? उसकी विशेषताओं का उल्लेख कौजिए।
उत्तर:
जनसंचार के आधुनिक माध्यमों से सबसे पुराना माध्यम समाचार-पत्र है। लोग पहले सूचनाएँ समाचार-पत्र से ही प्राप्त करते लेकिन आधुनिक युग में जल्दी सूचनाएँ प्राप्त करने के लिए टी.वी., मोबाइल इत्यादि का सहारा लेते हैं। समाचार-पत्र पढ़ने से हमारा वाचल कौशल सहज बनता है। समाचार-पत्र की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(1) सम्पूर्ण विश्व की जानकारी प्राप्त होती है जिससे हमारे ज्ञान का स्तर बढ़ता है।
(2) समाचार-पत्र के द्वारा अनेक नौकरियों की जानकारी भी हमें प्राप्त होती है।
(3) समाचार-पत्र में ख़बरों की नवीनता होती है।
(ii) पत्रकारीय लेखन किसे कहते हैं? पत्रकारों के विभिन्न प्रकारों का विस्तार से उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
समाचार लेखन को ही पत्रकारीय लेखन कहते हैं। समाचार माध्यमों में काम करने वाले पत्रकार जिस विशेष लेखन का प्रयोग अपने पाठकों के लिए करते हैं, उन्हें पत्रकारीय लेखन कहते है। पत्रकारीय लेखन के अन्तर्गत सम्पादकीय, आलेख, रिपोर्ट, फ़ीचर इत्यादि आते हैं। पत्रकारीय लेखन का मुख्य उद्देश्य जनता तक सूचना पहुँचाना होता है।
पत्रकार के प्रकार-
(1) पूर्णकालिक पत्रकार
(2) अंशकालिक पत्रकार
(3) फ्रीलांसर पत्रकार
“पूर्णकालिक पत्रकार किसी समाचार संगठन में काम करने वाला नियमित वेतनभोगी कर्मचारी होता है। अंशकालिक निश्चित मानदेय पर काम करने वाला पत्रकार होता है। फ्रीलांसर भुगतान के आधार पर कार्य करने वाला पत्रकार होता है।
(iii) समाचार लेखन की शैली का विस्तार से वर्णन करते हुए लिखिए कि यह शैली समाचार-लेखन की मानक शैली कैसे बनी ?
उत्तर:
समाचार एक विशेष शैली में लिखे जाते हैं। इन समाचारों में किसी भी घटना विशेष की जानकारी या सूचना निहित होती है। उल्टा पिरामिड शैली का प्रयोग इसमें मुख्य तौर पर किया जाता है। इसमें किसी घटना, विचार या समस्या की सबसे महत्त्वपूर्ण तथ्य या सूचना पिरामिड के निचले हिस्से में नहीं होती है और इस शैली में पिरामिड को उल्टा कर दिया जाता है। महत्त्वपूर्ण सूचना सबसे ऊपरी हिस्से में होती है और घटते हुए क्रम में सबसे कम महत्त्वपूर्ण सूचनाएँ होती हैं। इसलिए यह मानक शैली बनी।
पाठ्यपुस्तक आरोह भाग-2 अंक (20)
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के लगभग 60 शब्दों में उत्तर दीजिए- (3 × 2 = 6)
(i) “आत्मपरिचय’ कविता के आधार पर लिखिए कि व्यक्ति का समाज के साथ क्या संबंध है और कवि का संसार के साथ कैसा संबंध है?
उत्तर:
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह समाज में रहकर अपना जीवनयापन करता है। बिना समाज के मनुष्य की कल्पना नहीं की जा सकती है। कवि ने बताया है कि दुनिया को जानना तो आसान है लेकिन स्वयं को जानना उतना ही कठिन है। समाज में रहकर मनुष्य को खट्टे-मीठे अनुभव होते हैं। व्यक्ति की पहचान भी समाज से ही होती है। समाज में सुख-दुःख का समन्वय बना रहता है। कवि ऐसे जीवन की कामना करता है जो प्रेम और आनंद से भरपूर हो।
(ii) कविता की उड़ान को चिड़िया के समान बताते हुए भी कवि ने यह क्यों कहा है कि कविता की उड़ान चिड़िया की समझ से परे है? “कविता के बहाने’ के संदर्भ में लिखिए।
उत्तर:
कविता की उड़ान चिड़िया की समझ से परे है क्योंकि चिड़िया के उड़ने की एक सीमा है जबकि कविता की उड़ान देशकाल से बाहर भी सम्भव है। कविता की उड़ान कल्पना और विचारों की उड़ान होती है जिसमें विचारों एवं भावों की परिपक्वता होती है। चिड़िया इस कविता के विचारों एवं भावों की कल्पना से बिल्कुल अलग है। वह कविता की उड़ान को नहीं समझ सकती।
(iii) तुलसीदास के ‘कवितावली ‘ के छंदों में अपने समय के लोगों की जीविका-विहीनता का चित्रण किस प्रकार किया है?
उत्तर:
तुलसीदास ने अपनी ‘कवितावली ‘ के छंदों में अपने समय के लोगों की जीविका-विहीनता का चित्रण इस प्रकार किया है कि लोग बेरोजगारी की समस्या से परेशान हैं। मजदूर किसान, नौकर, भिखारी किसी के पास भी खाने तक के लिए भोजन नहीं है। वे गरीबी के कारण अपनी सन्तानों तक को बेच रहे हैं। सभी ओर समाज में भुखमरी और विवशता है।
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के लगभग 40 शब्दों में उत्तर दीजिए- (2 × 2 = 4)
(i) “बुगलों के पंख’ कविता से उद्धृत पंक्ति ‘हौले-हौले जाती मुझे बाँध निज माया से” – में कवि किस माया की बात कर रहा है?
उत्तर:
आकाश में बगुले अपने पंख फैलाए हुए कतार में उड़ रहे हैं। उसे देखकर कवि को ऐसा लगता है कि सांझ की श्वेत कांतिमय काया विहार कर रही है। यह एक जादू के समान है। यह दृश्य कवि को अपनी ओर आकर्षित करता है। कवि इस आकर्षण से अपने को बचाने की गुहार लगाता है।
(ii) “बादल राग’ कविता में कवि ने धनिकों के भवनों को ‘आतंक-भवन’ क्यों कहा है?
उत्तर:
‘बादल-राग’ कविता में कवि पूँजीपतियों के ऊँचे-ऊँचे विशाल भवनों को आतंक-भवन इसलिए कहता है क्योंकि इन्हीं भवनों में रहने वाले व्यक्तियों ने गरीबों का शोषण किया है। ये गरीबों को आतंकित करने वाले अडूडे हैं।
(iii) “उषा” कविता के आधार पर लिखिए कि काली सिल पर लाल केसर मलने से किस प्रकार का दृश्य उपस्थित होता है ? यह तुलना कवि ने किस आधार पर की है?
उत्तर:
कवि के अनुसार काली सिल पर लाल केसर को रगड़ देने से उसमें लाली युक्त लालिमा दिखाई देने लगती है। उसी प्रकार भोर के समय आसमान में अंधकार के कारण काला और उषा की लालिमा से युक्त होने पर वह काली सिल पर लाल केसर रगड़ने के समान दिखाई देता है।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के लगभग 60 शब्दों में उत्तर दीजिए- (3 × 2 = 6)
(i) ‘काले मेघा दल के दल उमड़ते हैं, पानी झमाझम बरसता है, पर गगरी फूटी की फूट रह जाती है, बैल पियासे के पियासे रह जाते हैं।’ “काले मेघा पानी दे’ से ली गई प्रस्तुत पंक्ति का आशय स्पष्ट कौजिए।
उत्तर:
इस पंक्ति में बताया गया है कि बहुत समय से वर्षा नहीं हो रही है जिसके कारण थोड़ा ही पानी बचा हुआ है। यह पानी सिर्फ़ गगरी तक ही सीमित है। वह भी घड़े के टूटने से गिर गया है। अब गगरी में कुछ नहीं बचा, इसलिए बैल प्यासे रह गए। बैल भी तभी खेत-जोत सकेंगे जब उनकी प्यास बुझेगी अर्थात् गगरी और बैल के माध्यम से लेखक का कहना है कि आज हमारे देश में संसाधनों की कमी नहीं है परन्तु भ्रष्टाचार के कारण वे साधन लोगों के पास तक नहीं पहुँच पाते।
(ii) ‘पितृसत्तात्मक-मान्यताओं और छल-छदृम भरे समाज में अपने और अपनी बेटियों के हक की लड़ाई ने भक्तिन के जीवन की दिशा पूरी तरह बदल दी।” भक्तिन पाठ के आधार पर उदाहरण सहित सिद्ध कौजिए।
उत्तर:
भक्तिन स्वाभिमानी और संघर्षशील स्त्री है जो पितृसत्तात्मक मान्यताओं और छल-छद॒म भरे समाज से अपने और अपनी बेटियों के हक की लड़ाई लड़ती है। घर गृहस्थी संभालने के लिए बड़ी बेटी और दामाद को बुला लिया लेकिन अचानक उसके दामाद की भी मृत्यु हो जाती है। भक्तिन पैसा कमाने के किए गाँव छोड़कर शहर आ जाती है और महादेवी जी की सेविका बनकर रहती है।
(iii) बाजार का जादू किन लोगों पर अधिक असर करता है? इसके चढ़ने-उतरने पर क्या स्थिति होती है?
उत्तर:
बाज़ार का जादू उन लोगों पर जल्दी असर करता है जिनकी जेब में पैसा होता है। बाज़ार का जादू चढ़ने पर मन-अधिक से अधिक चीज़ों को खरीदना चाहता है तब व्यक्ति सोचता है कि बाजार में बहुत सारी चीजे हैं और उसके पास कम। बाज़ार का जादू उतरने पर मनुष्य को पता चलता है कि यह चीजें बहुत आराम नहीं देती केवल दिखावे के लिए ही ठीक हैं। बाजार का जादू उतरने पर उसे अपने द्वारा खरीदी हुई चीजें व्यर्थ मालूम होती हैं।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के लगभग 40 शब्दों में उत्तर दीजिए। (2 × 2 = 4)
(i) “पहलवान की ढोलक ‘ पाठ के आधार पर लुट्टन पहलवान की अंतिम इच्छा लिखिए।
उत्तर:
लुट्ठत की अंतिम इच्छा थी कि उसे चिता पर पेट के बल लिटाया जाए न कि चित्त लिटाया जाए क्योंकि वह कभी भी चित्त नहीं हुआ था। आग देते समय ढोल जरूर बजाया जाए।
(ii) ‘शिरीष के फूल’ निबंध में लेखक ने जीवन के किस शाश्वत सत्य का उल्लेख किया है?
उत्तर:
‘शिरीष के फूल’ निबंध में लेखक के जीवन का सत्य है-वृद्धावस्था व मृत्यु। ये दोनों जगत के अतिपरिचित व अतिप्रामाणिक सत्य हैं। इनसे कोई बच नहीं सकता।
(iii) महादेवी.वर्मा अपने और भक्तिन के संबंधों को मालिक और नौकरानी का संबंध क्यों नहीं मानती ? ‘ भक्तिन’ पाठ के संदर्भ में लिखिए।
उत्तर:
भक्तिन के सम्बन्धों को मालिक और नौकरानी का सम्बन्ध महादेवी जी ने इसलिए नहीं माना था क्योंकि महादेवी जी से उसका आत्मीय सम्बन्ध जुड़ गया था। वह महादेवी जी को कभी भी अकेला छोड़कर नहीं जाती थी। भक्तिन तन-मन से उनकी सेवा करती थी।
पूरक पाठ्यपुस्तक वितान भाग-2 अंक 4
प्रश्न 14.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए किन्हीं दो प्रश्नों के लगभग 40 शब्दों में उत्तर दीजिए। (2 × 2 = 4)
(i) “जूझ’ कहानी का उद्देश्य अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
इस कहानी में बताया गया है कि व्यक्ति को समस्याओं से कभी घबराना नहीं चाहिए। व्यक्ति सदैव संघर्षों से जूझता रहता है। इसलिए उसे इन समस्याओं का मुकाबला करना चाहिए। समस्याओं से मुकाबला करने के लिए उसके भीतर आत्मविश्वास का होना परम आवश्यक है। जो व्यक्ति निरन्तर संघर्ष करता है तो उसे एक-न-एक दिन सफ़लता अवश्य प्राप्त होती है। “जूझ’ कहानी के लेखक का जीवन बहुत संघर्षशील रहा है लेकिन वह अपनी पढ़ाई को जारी रखता है और उसे सफ़लता भी प्राप्त होती है।
(ii) यशोधर बाबू अपनी पत्ती के विद्रोह का क्या कहकर मजाक बनाते थे ?
उत्तर:
यशोधर बाबू परम्परावादी विचारधारा वाले व्यक्ति थे। वे सरल और साधारण वेशभूषा पहनने में विश्वास रखते थे। जबकि उनकी पत्नी पुरानी परम्पराओं को ढकोसला मानती थी। अपनी पत्नी के श्रृंगार को देखकर वे मजाक में शानयल बुढ़िया, चटाई का लहँगा, बूढ़ी मुँह मुँहासे, लोग करें तमासे इत्यादि बातें कहते थे।
(iii) नगर नियोजन की मुअनजो-दड़ो अनूठी मिसाल कैसे है?
उत्तर:
नगर नियोजन की मुअनजो-दड़ो अनूठी मिसाल है। इमारतें भले खंडहरों में बदल चुकी हों मगर ‘शहर’ की सड़कों और गलियों के विस्तार को स्पष्ट करने के लिए ये खंडहर काफ़ी हैं। यहाँ की कमोबेश सरी सड़कें सीधी हैं या आड़ी। आज वास्तुकार इसे “ग्रिड प्लान’ कहते हैं। आज की सेक्टर-मार्का कॉलोनियों में हमें आड़ा-सीधा “नियोजन बहुत मिलता है।