Students can access the CBSE Sample Papers for Class 11 Hindi with Solutions and marking scheme Set 2 will help students in understanding the difficulty level of the exam.
CBSE Sample Papers for Class 11 Hindi Set 2 with Solutions
समय : 3 घण्टे
पूरांक : 80
सामान्य निर्देश :
- इस प्रश्न पत्र में दो खंड हैं- खंड ‘अ’ और ‘ब’। कुल प्रश्न 15 हैं।
- खंड ‘अ’ में 40 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं, सभी प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
- खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। प्रश्नों के उचित आंतरिक विकल्प दिए गए हैं।
- प्रश्नों के उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए दीजिए।
- दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।
रवण्ड ‘अ’ :
वस्तुपरक प्रश्न
अपठित बोध- अंक (15)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए – 10 × 1 = 10
संसार के सभी देशों में शिक्षित व्यक्ति की सबसे पहली पहचान यह होती है कि वह अपनी मातृभाषा में दक्षता से काम कर सकता है। केवल भारत ही एक ऐसा देश है जिसमें शिक्षित व्यक्ति वह समझा जाता है जो अपनी मातृभाषा में दक्ष हो या न हो किन्तु अंग्रेज़ी में जिसकी दक्षता असंदिग्ध हो। संसार के अन्य देशों में सुसंस्कृत व्यक्ति वह समझा जाता है जिसके घर में अपनी भाषा की पुस्तकों का संग्रह हो और जिसे बराबर यह पता रहे कि उसकी भाषा के अच्छे लेखक और कवि कौन-से हैं तथा समय-समय पर उनकी कौन-सी कृतियाँ प्रकाशित हो रही हैं। भारत में स्थिति दूसरी है। यहाँ प्राय: घर में साज-सज्जा के आधुनिक उपकरण तो होते हैं किन्तु अपनी भाषा की कोई पुस्तक या पत्रिका दिखाई नहीं पड़ती।
यह दुरावस्था भले ही किसी ऐतिहासिक प्रक्रिया का परिणाम है, किन्तु वह सुदशा नहीं, दुरावस्था ही है और जब तक यह दुरावस्था कायम है, हमें अपने-आप को, सही अर्थों में शिक्षित और सुसंस्कृत मानने का ठीक-ठाक न्यायसंगत अधिकार नहीं है। इस दुरावस्था का एक भयानक दुष्परिणाम यह है कि भारतीय भाषाओं के समकालीन साहित्य पर उन लोगों की दृष्टि नहीं पड़ती जो विश्वविद्यालयों के प्राय: सर्वोतम छात्र थे और अब शासन-तंत्र में ऊँचे ओहदों पर काम कर रहे हैं। इस दृष्टि से भारतीय भाषाओं के लेखक केवल यूरोपीय और अमेरिकी लेखकों से ही हीन नहीं हैं, बल्कि उनकी किस्मत मिस्र, बर्मा, इंडोनेशिया, चीन और जापान के लेखकों की किस्मत से भी खराब है क्योंकि इन सभी देशों के लेखकों की कृतियाँ वहाँ के अत्यन्त सुशिक्षित लोग भी पढ़ते हैं। केवल हम ही हैं जिनकी पुस्तकों पर यहाँ के तथाकथित शिक्षित समुदाय की दृष्टि प्राय: नहीं पड़ती। हमारा तथाकथित उच्च शिक्षित समुदाय जो कुछ पढ़ना चाहता है, उसे अंग्रेज़ी में ही पढ़ लेता है, यहाँ तक कि उसकी कविता और उपन्यास पढ़ने की तृष्णा भी अंग्रेज़ी की कविता और उपन्यास पढ़कर ही तृप्त हो जाती है और उसे यह जानने की इच्छा ही नहीं होती कि शरीर से वह जिस समाज का सदस्य है उसके मनोभाव उपन्यास और काव्य में किस अदा से व्यक्त हो रहे हैं।
1. मातृभाषा में काम करने की दक्षता किस में आ जाती है?
(क) लोगों में
(ख) शिक्षित व्यक्ति में
(ग) अध्यापकों में
(घ) अशिक्षित में
उत्तर :
(ख) शिक्षित व्यक्ति में
2. विदेशों में जिस के घर में पुस्तकों का संग्रह हो उसे क्या समझा जाता है?
(क) सुसंस्कृत व्यक्ति
(ख) सभ्य व्यक्ति
(ग) अनपढ़
(घ) साक्षर
उत्तर :
(क) सुसंस्कृत व्यक्ति
3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
कथन (i): भारतीय साहित्य में रूचि न रखने वाले भारतीय शिक्षित समाज के लिए तथा कथित विशेषण का प्रयोग किया है।
कथन (ii): भारतीय साहित्य में रूचि न रखने वाले भारतीय शिक्षित समाज के लिए बुद्धिजीवी विशेषण का प्रयोग किया है।
कथन (iii): भारतीय साहित्य में रूचि न रखने वाले भारतीय शिक्षित समाज के लिए महानुभाव विशेषण का प्रयोग किया है।
कथन (iv): भारतीय साहित्य में रूचि न रखने वाले भारतीय शिक्षित समाज के लिए सुसंस्कृत विशेषण का प्रयोग किया है।
गद्यांश के अनुसार कौन – सा/से कथन सही हैं?
(क) केवल कथन (i) सही है।
(ख) केवल कथन (ii) सही है।
(ग) केवल कथन (iii) सही है।
(घ) केवल कथन (iv) सही है।
उत्तर :
(क) केवल कथन (i) सही है।
व्याख्या-प्रस्तुत पंक्ति में ‘तथाकथित’ विशेषण का प्रयोग भारतीय समाज के उन शिक्षित वर्ग के लोगों को किया गया है जो अपनी भाषाओं, अपनी पढ़ने की लालसा को अंग्रेज़ी पढ़ कर ही शांत कर लेता है, अपनी भाषा में लिखी कृतियों से उसका दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है।
4. भारतीय भाषाओं के साहित्य पर किस की दृष्टि नहीं पड़ती?
(क) मनीषियों की
(ख) स्कूल के प्रबंधकों की
(ग) विश्वविद्यालयों के सर्वोत्तम छात्रों की
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर :
(ग) विश्वविद्यालयों के सर्वोत्तम छात्रों की
व्याख्या-भारतीय भाषाओं के सर्वोत्तम छात्र जो आज ऊँचे-ऊँचे औहदों पर कार्यरत हैं, उन लोगों की दृष्टि भारतीय भाषाओं के साहित्य की ओर नहीं जाती, यह विचारणीय विषय है।
5. भारतीय शिक्षित समुदाय प्रायः किस भाषा का साहित्य पढ़ना पसंद करता है?
(क) अंग्रेज़ी
(ख) हिन्दी
(ग) उर्दू
(घ) फ्रेंच
उत्तर :
(क) अंग्रेज़ी
6. ‘दुरावस्था’ तथा ‘दुष्परिणाम’ किस समास के उदाहरण हैं?
(क) कर्मधारय समास
(ख) तत्पुरुष समास
(ग) द्विगु समास
(घ) द्वंद्व समास
उत्तर :
(क) कर्मधारय समास
7. भारत में किस भाषा में दक्ष व्यक्ति को सुशिक्षित समझा जाता है?
(क) हिंदी
(ख) संस्कृत
(ग) अंग्रेज़ी
(घ) स्पेनिश
उत्तर :
(ग) अंग्रेज़ी
8. निम्न में से किस देश के लेखकों की किस्मत सबसे अधिक खराब है?
(क) चीन
(ख) भारत
(ग) जापान
(घ) इंडोनेशिया
उत्तर :
(ख) भारत
व्याख्या-भारतीय लेखकों की किस्मत को खराब इसलिए बताया गया है क्योंकि भारतीय शिक्षित समाज अपनी भाषा को छोड़ अंग्रेज़ी भाषा की कृतियों को पढ़ने में रूचि रखते हैं।
9. इस गद्यांश को उचित शीर्षक दीजिए।
(क) विश्वविद्यालय
(ख) स्कूल के प्रबंधक
(ग) भारतीय शिक्षित वर्ग
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ग) भारतीय शिक्षित वर्ग
10. ‘मनोभाव’ का संधि-विच्छेद कीजिए।
(क) मनो + भाव
(ख) मन: + भाव
(ग) म + नोभाव
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) मन: + भाव
प्रश्न 2.
दिए गए पद्यांश पर आधारित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- 5 × 1 = 5
क्या रोकेंगे प्रलय मेघ ये, क्या विद्युत-घन के नर्तन, मुझे न साथी रोक सकेंगे, सागर के गर्जन-तर्जन। मैं अविराम पथिक अलबेला रुके न मेरे कभी चरण, शूलों के बदले फूलों का किया न मैंने मित्र चयन। मैं विपदाओं में मुस्काता नव आशा के दीप लिए फिर मुझकों क्या रोक सकेंगे जीवन के उत्थान-पतन मैं अटका कब, कब विचलित मैं, सतत डगर मेरी संबल रोक सकी पगले कब मुझको यह युग की प्राचीर निबल आँधी हो, ओले-वर्षा हों, राह सुपरिचित है मेरी, फिर मुझको क्या डरा सकेंगे ये जग के खंडन-मंडन। मुझे डरा पाए कब अंधड़ ज्वालामुखियों के कम्पन, मुझे पथिक कब रोक सके हैं अग्निशिखाओं के नर्तन, मैं बढ़ता अविराम निरन्तर तन-मन में उन्माद लिए, फिर मुझको क्या डरा सकेंगे, ये बादल-विद्युत नर्तन।
1. कवि विपदाओं में भी क्या करता रहा ?
(क) पछताता
(ख) डरता
(ग) शर्माता
(घ) मुस्काता
उत्तर :
(घ) मुस्काता
2. कवि जीवन में निरंतर क्या लिए बढ़ता रहा ?
(क) उन्माद
(ख) विराम
(ग) विश्राम
(घ) शान
उत्तर :
(क) उन्माद
3. पद्यांश में आए प्रलयकारी मेद्यं, विद्युत, सागर के गर्जन किसके प्रतीक हैं?
(क) जीवन को सरल बनाना
(ख) जीवन में आने वाली बाधाएँ
(ग) जीवन में आने वाली तुशी
(घ) जीवन को प्रेरणा देना
उत्तर :
(ख) जीवन में आने वाली बाधाएँ
व्याख्या-पद्यांश में आए प्रलयकारी मेघ, विद्युत, सागर के गर्जन आदि प्राकृतिक आपदाओं को जीवन में आने वाली बाधाओं का प्रतीक माना गया है।
4. प्रस्तुत पद्यांश में कवि क्या प्रेरणा दे रहा है?
कथन (i): साहसी व्यक्ति बाधाओं का सामना करते हैं।
कथन (ii): साहसी व्यक्ति बाधाओं से डरते हैं।
कथन (iii): साहसी व्यक्ति बाधाओं को अच्छा मानते हैं।
कथन (iv): साहसी व्यक्ति बाधाओं को बुरा मानते हैं।
निम्नलिखित विकल्पों पर विचार कीजिए तथा सही बिकल्प चुनकर लिखिए।
विकल्प:-
(क) केवल कथन (i) सही है।
(ख) केवल कथन (ii) सही है।
(ग) केवल कथन (iii) सही है।
(घ) केवल कथन (iv) सही है।
उत्तर :
(क) केवल कथन (i) सही है।
व्याख्या-प्रस्तुत काव्य में कवि प्रेरणा दे रहा है कि साहसी और दृढ निश्चयी व्यक्ति जीवन में आने वाली बाधाओं से कभी भी निराश नही होते।
5. कॉलम 1 को कॉलम 2 से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कॉलम 1 | कॉलम 2 |
1. मैं बढ़ता अविराम निरन्तर | (i) तन-मन में उन्माद लिए |
2. मुझे न साथी रोक संकेंगे | (ii) सागर के गर्जन-तर्जन |
3. मैं अविराम | (iii) पथिक अलबेला |
(क) 1 – (iii), 2 – (i), 3 – (ii)
(ख) 1 – (i), 2 – (ii), 3 – (iii)
(ग) 1 – (iii), 2 – (ii), 3 – (i)
(घ) 1 – (i), 2 – (iii), 3 – (ii)
उत्तर :
(ख) 1 – (i), 2 – (ii), 3 – (iii)
अभिव्यक्ति और माध्यम- अंक 5.
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- 5 × 1 = 5
1. समाचार माध्यमों के लिए पत्रकारों द्वारा किया गया लेखन कहलाता है-
(क) साहित्य लेखन
(ख) पत्रकारीय लेखन
(ग) विज्ञापन लेखन
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) पत्रकारीय लेखन
2. पीत पत्रकारिता का दूसरा नाम है-
(क) अंशकालिक लेखन
(ख) पेज थ्री
(ग) खोजी
(घ) एडवोकेसी
उत्तर :
(ख) पेज थ्री
3. मुद्रित माध्यम की भाषा की विशेषता है-
(क) बोलचाल की भाषा का प्रयोग
(ख) लोकोक्तियों और मुहावरों का प्रयोग
(ग) लिखित भाषा का विस्तार
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर :
(घ) उपर्युक्त सभी
व्याख्या-मुद्रित माध्यम को प्रिंट माध्यम भी कहते हैं। इसके अन्तर्गत समाचार -पत्र, पत्रिकाएँ तथा पुस्तकें आदि आती हैं।
4. इंटरनेट की बढ़ती लोकप्रियता की क्या वजह है ?
(क) पत्रकारिता का तीव्रगामी माध्यम
(ख) तत्काल अपडेशन की सुविधा
(ग) तकनीक के साथ सामंजस्य
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर :
(घ) उपर्युक्त सभी
व्याख्या-इंटरनेट पर समाचार पढ़ने, सुनने और देखने की सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं। इंटरनेट पत्रकारिता को ऑनलाइन पत्रकारिका, साइबर पत्रकारिता तथा वेब पत्रकारिता आदि नामों से भी जाना जाता है।
5. छिपे कैमरे द्वारा रिकॉर्ड कर भ्रष्टाचार को उजागर करना क्या कहलाता है ?
(क) ब्रेकिंग न्यूज
(ख) वॉयस ओवर
(ग) स्टिंग ऑपरेशन
(घ) ये सभी
उत्तर :
(घ) ये सभी
पाठ्यपुस्तक आरोह भाग 1 अंक 10.
प्रश्न 4.
निम्नलिखित काव्यांश के प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- 5 × 1 = 5
हे सजीले हरे सावन,
हे कि मेरे पुण्य पावन,
तुम बरस लो वे न बरसें,
पाँचवें को वे न तरसें
मैं मज़े में हूँ सही है,
घर नहीं हूँ बस यही है,
किन्तु यह बस बड़ा बस है,
इसी बस से सब विरस है,
1. कवि को कब जेल में बंद किया?
(क) 1946
(ख) 1942
(ग) 1947
(घ) 1943
उत्तर :
(ख) 1942
2. निम्नलिखित कथनों पर विचार करते हुए पद्यांश के अनुसार सही कथन को चयनित कर लिखिए।
(क) कवि जल बरसाने के लिए सावन से प्रार्थना करता है।
(ख) कवि जल बरसाने के लिए माँ से प्रार्थना करता है।
(ग) कवि जल बरसाने के लिए पिता से प्रार्थना करता है।
(घ) कवि जल बरसाने के लिए चाचा से प्रार्थना करता है।
उत्तर :
(क) कवि जल बरसाने के लिए सावन से प्रार्थना करता है।
व्याख्या-कवि हरे-भरे सावन से प्रार्थना करता है कि तुम जल बरसा कर सभी का उपकार करते हो।
3. सावन को दूत बनाकर संदेश देना कैसी परम्परा है?
(क) प्राचीन
(ख) नवीन
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(क) प्राचीन
4. निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A): ‘हे कि मेरे पुण्य पावन, तुम बरस लो वे न बरसें।’
कारण (R): ‘पुण्य पावन’ में अनुप्रास अलंकार है।
(क) कथन (A) सही नहीं है, कारण (R) सही है।
(ख) कथन (A) सही है, कारण (R) गलत है।
(ग) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं।
(घ) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
उत्तर :
(ग) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं।
5. पुण्य का अर्थ है-
(क) पवित्र`
(ख) शुद्ध
(ग) शुभ
(घ) सभी
उत्तर :
(घ) सभी
प्रश्न 5.
निम्नलिखित गधांश के प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- 5 × 1 = 5
फिर घूरकर देखा और बोला -‘मियाँ कहीं अख़बारनवीस तो नहीं हो’ यह तो खोजियों की खुराफात है। हम तो अख़बार बनाने वाले और अख़बार पढ़ने वाले-दोनों को ही निठल्ला समझते हैं। हाँ कामकाज़ी आदमी को इससे क्या काम है। खैर, आपने यहाँ तक आने की तकलीफ़ उठाई ही है तो पूछिये-क्या पूछना चाहते हैं।’
‘पूछना यह था कि किस्म-किस्म की रोटी पकाने का इल्म आपने कहाँ से हासिल किया’ ?
1. इस गद्यांश की लेखिका का क्या नाम है?
(क) महादेवी वर्मा
(ख) कृष्णा सोबती
(ग) सविता सिंह
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) कृष्णा सोबती
2. मियाँ नसीरुद्दीन अख़बार पढ़ने वालों को कैसा समझते थे?
(क) विद्वान
(ख) बेकार
(ग) निठल्ला
(घ) सभी
उत्तर :
(ग) निठल्ला
व्याख्या-नसीरुद्दीन अखबार छापने वालों को ही नहीं, अखबार पढ़ने वालों को भी निठल्ला मानते थे।
3. निम्नलिखित कथनों पर विचार करते हुए गद्यांश के अनुसार सही कथन को चयनित कर लिखिए
(क) अख़बार से समाज में परिवर्तन होता है।
(ख) अख़बार से समाज में उथल-पुथल की स्थिति उत्पन्न होती है।
(ग) अख़बार से समाज में जागरुकता आती है।
(घ) अख़बार से समाज में कोई भी परिवर्तन नहीं आता है।
उत्तर :
(ख) अख़बार से समाज में उथल-पुथल की स्थिति उत्पन्न होती है।
4. कॉलम 1 को कॉलम 2 से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कॉलम 1 | कॉलम 2 |
1. तकलीफ़ उठाई ही है | (i) यहाँ तक आने में |
2. रोटी पकाने का इल्म | (ii) किस्म-किस्म की |
3. अखबारनवीस नर्हीं हो | (iii) जो ड़ $T$ – मिया कही |
(क) 1 – (i), 2 – (iii), 3 – (ii)
(ख) 1 – (i), 2 – (ii), 3 – (iii)
(ग) 1 – (iii), 2 – (ii), 3 – (i)
(घ) 1 – (ii), 2 – (iii), 3 – (i)
उत्तर :
(ख) 1 – (i), 2 – (ii), 3 – (iii)
5. तकलीफ का समानार्थी शब्द है-
(क) दुःख
(ख) कष्ट
(ग) विपत्ति
(घ) सभी
उत्तर :
(घ) सभी
पूरक पाठ्यपुस्तक वितान भाग 1 अंक 10.
प्रश्न 6.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के लिए उचित उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए 10 × 1 = 10
1. भारतीय गायिकाओं में बेजोड़ लता मंगेशकर नामक पाठ के लेखक हैं-
(क) अनुपम मिश्र
(ख) प्रेमचंद
(ग) कुमार गंधर्व
(घ) हजारी प्रसाद
उत्तर :
(ग) कुमार गंधर्व
2. लता मंगेशकर के पिता का नाम था-
(क) दीनानाथ
(ख) भोलानाथ
(ग) रमानाथ
(घ) गंगानाथ
उत्तर :
(क) दीनानाथ
3. लता से पूर्व किस प्रसिद्ध गायिका का ज़माना था ?
(क) आशा भोंसले
(ख) उषा
(ग) नूरजहाँ
(घ) अनुराधा
उत्तर :
(ग) नूरजहाँ
व्याख्या-लता से पूर्व नूरजहाँ प्रसिद्ध गायिका का ज़माना था।
4. निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) : लता के गाने की बहुत-सी विशेषताएँ हैं।
कारण (R): लता के गाने की मुख्य विशेषता नादमय उच्चारण है।
(क) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ग) कथन (A) सही नहीं है, कारण (R) सही है।
(घ) कथन (A) सही है, कारण (R) गलत है।
उत्तर :
(क) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं।
5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
कथन (i): सामान्यतः लता ने सामान्य पट्टी के गीत गाए हैं।
कथन (ii): सामान्यतः लता ने निम्न पट्टी के गीत गाए हैं।
कथन (iii): सामान्यतः लता ने ऊँची पट्टी के गीत गाए हैं।
कथन (iv): सामान्यत लता ने मध्यम पट्टी के गीत गाए हैं।
सही कथन/कथनों वाले विकल्प को चयनित कर लिखिए।
(क) कथन (i) सही है।
(ख) कथन (ii) सही है।
(ग) कथन (iii) सही है।
(घ) कथन (iv) सही है।
उत्तर :
(ग) कथन (iii) सही है।
6. बेबी हालदार को काम दिलवाने में किस युवक ने मदद दी थी?
(क) सुनील
(ख) भोलादा
(ग) उसके भाई
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(क) सुनील
व्याख्या-बेबी हालदार को सुनील ने काम दिलवाने में मदद की थी।
7. बेबी हालदार से पहले तातुश के घर में काम करने वाली की उम्र कितनी थी?
(क) 30 से 40
(ख) 35 से 40
(ग) 40 से 45
(घ) 45 से 50
उत्तर :
(ख) 35 से 40
8. बेबी हालदार कितनी पढ़ी लिखी थी?
(क) चौथी
(ख) पाँचवी
(ग) छठी
(घ) सातर्वी
उत्तर :
(घ) सातर्वी
व्याख्या-बेबी हालदार सातर्वीं क्लास तक पढ़ी लिखी थीं।
9. तातुश के बच्चे तातुश को क्या कहकर बुलाते थे?
(क) पिता
(ख) बाबा
(ग) तातुश
(घ) पापा
उत्तर :
(ग) तातुश
10. बेबी हालदार के किराए के घर में कुल कितने सदस्य रहते थे ?
(क) तीन
(ख) दो
(ग) चार
(घ) एक
उत्तर :
(क) तीन
खण्ड ‘ब’ :
वर्णनात्मक प्रश्न
सृजनात्मक लेखन और व्यावहारिक लेखन अंक (17)
प्रश्न 7.
निम्नलिखित दिए गए तीन अप्रत्याशित विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेखन 5 × 1 = 5
(i) नदी किनारे एक शाम आप अपने दोस्तों के साथ व्यतीत करते हैं, वहाँ के दृश्य का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
गर्मियों की छुट्टियों के दिन थे। स्कूल जाने की चिन्ता नहीं थी और न ही होमवर्क की। मेरे एक दोस्तों ने तय किया कि आज शाम नदी किनारे सैर करने चलेंगे। शायद गर्मी से कुछ राहत मिलेगी, कुछ प्रकृति के सौन्दर्य दर्शन करके मन खुश होगा। हम सब शाम को 6 बजे के करीब नदी की तरफ़ पैदल ही चल दिए।
ढलते सूर्य की लाल-लाल किरणें पश्चिम क्षितिज पर ऐसी लग रही थीं कि मानो प्रकृति रूपी युवती लाल-लाल वस्त्र पहने मचल रही हो। पक्षी अपने-अपने घौंसलों की तरफ़ लौटने लगे थे। हरियाली चारों तरफ़ छायी हुई थी। ज्यों ही हम नदी किनारे पहुँचे सूर्य की सुनहरी किरणें नदी के पानी पर पड़ती हुई बहुत ही खूबसूरत लग रही थीं। ऐसे लगता था कि मानों नदी के जल में हज़ारों लाल कमल एक साथ खिल उठे हों। नदी किनारे लगे पेड़ों की पंक्ति देखकर ‘तरनि तनुजा तट तमाल, तरुवर बहु छाए’ कविता पंक्ति याद आ गई।
नदी तट के पास वाले जंगल से ग्वाले पशु चराकर अपने-अपने घरों की ओर लौट रहे थे। हम सभी मित्र बात कम, प्रकृति के रूप रस का गान अधिक कर रहे थे। थोड़े ही देर में सूर्यास्ताचल की ओर जाता प्रतीत हुआ तभी नदी का जो जल लाल लगता था वह अब नीला दिखने लगा। बगुलों की सफ़ेद-सफ़ेद पंक्तियाँ उड़ते हुए उस धूमिल वातावरण में और भी अधिक सफ़ेद लग रही थीं। प्रकृति की सुन्दरता निहारते-निहारते ऐसे खोए कि वक्त का ख़्याल ही न रहा। नदी किनारे सैर करते हुए बिताई यह शाम हमें ताउम्र याद रहेगी।
(ii) मोबाइल फ़ोन और विद्यार्थी के अन्तःसम्बन्ध का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
‘मोबाइल फ़ोन और विद्यार्थी’-वर्तमान का युग संचार-क्रान्ति का युग है। इस युग में मोबाइल हम सबकी ज़िन्दगी का मुख्य हिस्सा बन गया है। आज मोबाइल ने हर क्षेत्र में क्रान्ति ला दी है। समाज में हर व्यक्ति अपनी-अपनी ज़रूरत के मुताबिक इसका फ़ायदा ले रहा है। आज स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, किसी भी स्तर का ही क्यों न हो। आज मोबाइल का प्रयोग सिर्फ़ बातचीत के लिए ही नहीं किया जाता बल्कि विद्यार्थी इसका प्रयोग इन्टरनेट, ई-मेल, चैंटिंग, रिसर्च आदि के लिए भी करते हैं। इससे घर बैठे इन्टरनेट के ज़रिए दुनिया के किसी भी कोने की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
विद्यार्थी अपनी मनचाही सामग्री को डाउनलोड कर सकते हैं; प्रिन्ट निकाल सकते हैं। आज मोबाइल जीवन के लिए जितना उपयोगी है, उतना हानिकारक भी। जो विद्यार्थी मोबाइल का दुरुपयोग कर समय नष्ट करते हैं, वह कभी सफल नहीं होते हैं और उनको हानिकारक परिणाम भुगतना पड़ता है। सभी विद्यार्थियों को मोबाइल की अहमियत समझनी चाहिए और हमेशा मोबाइल का सदुपयोग करते रहना चाहिए, दुरूपयोग नहीं।
(iii) अपनी किसी ऐसी रेल-यात्रा का वर्णन कीजिए, जिसे आप आज भी याद करते हैं।
उत्तर :
‘मेरी रेल-यात्रा’-हमारे देश में रेलवे ही एक विभाग है जो यात्रियों को टिकट देकर भी सीट की गारंटी नहीं देता। गाड़ी में घुस पाने की समस्या भी सामने आती है। कभी-कभी तो ऐसा भी होता है कि टिकट पास होकर भी आप गाड़ी में सवार नहीं हो पाते हैं। फैमिली साथ हो तो यह समस्या और भी कष्टदायक होती है।
मैं एक बार दिल्ली जाने के लिए स्टेशन पर रेलगाड़ी का इन्तज़ार कर रहा था। गाड़ी 2 घण्टे लेट थी। यात्री बैचेन थे। गाड़ी आई तो गाड़ी में सवार होने हेतु बहुत मशक्कत करनी पड़ी। किस्मत अच्छी थी में आखिरकार सवार हो गया। गाड़ी कुछ ही दूर चली थी कि कुछ यात्रियों के मुँह से सुना कि यह डिब्वा (जिसमें मैं बैठा था) आगरा में कट जाएगा। यह सुनकर मैं परेशानी में पड़ गया। गाड़ी रात 2 बजे आगरा स्टेशन पहुँची (जहाँ हमारा डिब्बा कटना था) और हमें दूसरे डिब्बे में सवार होना था तभी अचानक बारिश शुरू हो गई। स्टेशन पर अपना-अपना सामान उठाए लोग बारिश में भीगते हुए दूसरे डिब्बे की तरफ़ भागने लगे। मैं भी अपनी अंटैची लेकर उतरने लगा कि एकदम से वह डिब्बा चलने लगा। मैं गिरते-गिरते बचा और अंटैची लेकर जल्दी-जल्दी दूसरे डिब्बे की तरफ़ बढ़ने लगा। गर्मी का मौसम था और उस डिब्बे के पंखे बन्द थे। गाड़ी चली, तब हवा लगी और कुछ राहत मिली। आखिरकार मैं दिल्ली पहुँच ही गया।
प्रश्न 8.
दैनिक जागरण समाचार-पत्र के संपादक को एक पत्र लिखिए जिसमें “अपराधी तत्त्वों के राजनीति में जाने से लोकतंत्र के लिए संभावित खतरों के प्रति चिंता प्रकट की गई हो।”
अथवा
अपने क्षेत्र की बिजली की समस्या की ओर बिजली विभाग के अधिकारियों का ध्यान आकर्षित कराते हुए किसी दैनिक समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखिए।
उत्तर :
20 ए, रोहिणी सेक्टर-4
हाइवे सिटी,
नई दिल्ली।
16 अप्रैल, $20 . . . . . . .$.
सेवा में,
संपादक महोदय,
दैनिक जागरण,
बहादुरशाह ज़फ़र मार्ग
नई दिल्ली-110001
विषयः अपराधी तत्त्वों के राजनीति में जाने से लोकतंत्र के लिए सम्भावित खतरों के संबंध में।
मान्यवर,
देश का एक ज़िम्मेदार और जागरूक नागरिक होने के नाते, मैं आपके प्रतिष्ठित तथा लोकप्रिय दैनिक अख़बार के माध्यम से, अपराधी तत्त्वों के राजनीति में प्रवेश से लोकतंत्र के लिए संभावित खतरों के प्रति अपनी चिता व्यक्त करना चाहता हूँ। आज, देश में सभी ओर कालाबाज़ारी, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, जातिवाद व सांप्रदायिकता का जहर फैल रहा है। एक सामान्य कर्मचारी से लेकर शीर्षस्थ नेताओं पर भ्रष्टाचार, संबंधी आरोप समय-समय पर लगते रहे हैं। इस प्रकार भ्रष्टाचार के कारण देश की राजनीति में आपराधिक तत्त्व बढ़ते जा रहे हैं। हमारी भारतीय राजनीति में धन व शक्ति का ही बोलबाला है। कई नेता अत्यधिक धनाढ्य हैं तो कईयों के नामचीन अपराधियों से संबंध हैं। हमारे चुनाव भी गुणवत्ता के आधार पर नहीं होते। इसलिए योग्य व्यक्ति आगे नहीं आ पाते और स्वार्थी तथा अपराधी तत्त्व अपने धन व शक्ति के बल पर राजनीति में आ जाते हैं जिनमें देश के प्रति प्रेम की भावना न के बराबर होती है। इस प्रकार के लोग जब शीर्षस्थ अधिकारी हों तो प्रशासन प्रणाली को स्वच्छ रखना दुष्कर हो जाता है।
हमें अपनी राजनीति को स्वच्छ करने के लिए इन अपराधी तत्वों को हटाना ही होगा। उसके लिए आवश्यक होगा कि हम अपनी कानून-व्यवस्था और चुनाव-प्रक्रिया में सकारात्मक परिवर्तन लाएँ। यह भी अत्यन्त आवश्यक है कि सभी धर्म, जाति, संप्रदाय, क्षेत्र व भाषा के लोग अपने मतभेदों को भूलकर एकजुट होकर इस पर अंकुश लगाएँ और देशहित को सर्वोपरि रखकर, मतदान द्वारा स्वच्छ छवि के लोगों को राजनीति में लाएँ।
मान्यवर, आप भी मेरी तरह इस विषय में चितित अवश्य होंगे। अतः आपसे अनुरोध है कि मेरे इस पत्र को अपने समाचार-पत्र में प्रकाशित कर मुझे अनुग्रहीत करें।
धन्यवाद
भवदीय
मानव गुप्ता
अथवा
सेवा में,
संपादक महोदय,
नवभारत टाइम्स,
7, बहादुरशाह ज़फ़र मार्ग,
नई दिल्ली।
विषय : बिजली की समस्या के सम्बन्ध में।
महोदय,
मैं आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से अधिकारी वर्ग का ध्यान अपने क्षेत्र की बिजली की समस्या की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ। पिछले कुछ दिनों से हमारे क्षेत्र में बिजली आँख-मिचौली करती रहती है। आजकल हमारी परीक्षाएँ चल रही हैं। अतः परीक्षा की तैयारी करने में अत्यधिक परेशानी हो रही है। गर्मी के कारण हमारा शरीर पसीने से तर-बतर हो जाता है, जिसके कारण पढ़ने को मन नहीं करता। हमारे क्षेत्र में कुछ धनी लोग रहते हैं, जिनके पास जनरेटर तथा इनवर्टर की सुविधा है, परन्तु हम जैसे निम्न-मध्यम वर्ग के लोगों की दशा बिजली चली जाने पर अत्यन्त दयनीय हो जाती है। आजकल रात्रि के समय भी पढ़ना आवश्यक होता है, परन्तु पढ़ते समय जब बिजली चली जाती है तो बिना बिजली के घर भी भूत का डेरा लगने लगता है। एक तो परीक्षा का भूत साँस नहीं लेने देता, इसके साथ अंधेरे का भूत रही-सही कसर पूरी कर देता है। अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि इन दिनों आप बिजली की आपूर्ति निरन्तर बनाएं रखें। आपकी अति कृपा होगी।
भवदीय
छात्रगण
23 ए, खानपुर रोड
दिल्ली-110011
दिनांक …….
प्रश्न 9.
निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर (लगभग 40 शब्दों में) दीजिए- 2 × 2 = 4
(i) “परीक्षा में आप अनुत्तीर्ण हो गए हैं।” इस अवसर पर डायरी लेखन कीजिए।
उत्तर :
27 मार्च, 20xx….. आज मेरा परीक्षा परिणाम आया है, अनुत्तीर्ण होने का परिणाम सुनकर मेरे पैरों तले ज़मीन खिसक गई। मेरे मित्रों ने मुझे ढाढ़स दिलाया, बाद में मुझे अपनी गलती का अहसास हुआ। मैं खेलों में ज़्यादा ध्यान देता रहा अतः अनुत्तीर्ण हो गया। अपनी गलती को सुधारने के प्रति सचेष्ट रहूँगा। मुझे अध्यापक जी का कथन याद आया कि “गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में” और मैंने निश्चय किया कि अब मैं ठीक से पढ़ाई करूँगा और अगले वर्ष अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होकर दिखाऊँगा।
(ii) आज आपको क्रिसमस पार्टी में आमन्त्रित किया गया था। पार्टी के बारे में लगभग 40 शब्दों में डायरी प्रविष्टि लिखें। बाए 2
उत्तर :
मंगलवार
25 दिसम्बर, 20xx
शाम के बाद
प्रिय डायरी
मेरे दोस्त द्वारा आज क्रिसमस पार्टी का आयोजन किया गया था। इसके लिए मैं बहुत उत्साहित था कि उसने मुझे क्रिसमस कानिर्वल में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। पार्टी का समय शाम 6.30-9.30 बजे था। मैं शाम 6.30 बजे पार्टी में सम्मिलित हुआ। उसने अपने घर को गुब्बारे और रिबन से बहुत ही भव्य रूप में सजाया हुआ था। एक क्रिसमस ट्री था जिसे रोशनी और छोटे-छोटे खिलौनों से सजाया गया था। 7.30 बजे हमने केक काटा और केक का आनन्द लिया। क्रिसमस शब्द शीतकालीन ठंड, सितारों, माल्यार्पण, सांता क्लॉज एवं प्लम का पर्याय है। क्रिसमस समारोह को चिन्हित करने के लिए हममें से कई लोगों ने लाल रंग के कपड़े पहने थे। कार्निवल में लाइव बैंड द्वारा कई प्रस्तुतियाँ वातावरण को मनोरंजक बनाने वाले हल्के मधुर संगीत ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्निवल में एक फ़ोटो स्टूडियो, मज़ेदार और यादगार क्लिकों, जादूगरों एवं अनेक प्रकार के खोलों के साथ-साथ खाने-पीने के स्टॉलों की भी बहुत शानदार पेशकश रही। इस प्रकार के उत्सव समारोह परिवार और दोस्तों के साथ खोई हुई ऊर्जा जोड़ते हैं और मस्ती का आनन्द लेते हैं। ये उत्सव लोगों की सांसारिक जीवन-शैली को तोड़ने का मौका देते हैं। बहुत से-उपहारों के साथ यह अवसर जीते जा सकते हैं। बहुत जोश और उत्साह से भरा हुआ यह कार्निवल एक यादगार बन गया है जिसे भूलकर भी नहीं भुलाया जा सकता।
शुभ रात्रि डायरी
दीप्ति
(iii) पटकथा का निर्माण कैसे किया जाता है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
फ़िल्म या टीवी की पटकथा का चरित्र नाटक विधा के साथ बहुत मिलता है। नाटक की भाँति पटकथा में पात्र चरित्र-चित्रण, नायक-प्रतिनायक, घटनास्थल दृश्य, कहानी का क्रमिक-विकास आदि सब कुछ होता है। द्वन्द्व, टकराहट और फिर समाधान यह सब पटकथा के आवश्यक तत्त्व या अंग होते हैं। पटकथा लेखक इन्हीं तत्त्वों को आधार बनाकर पटकथा की रचना करते हैं। आज अनेक फ़िल्मों व टीवी सीरियलों की पटकथाओं का निर्माण बहुत ज़्यादा मात्रा में हो रहा है। आज के वैज्ञानिक युग में कम्प्यूटर पर ऐसे सॉफ़्टवेयर आ गए हैं, जिनमें कथा-पटकथा का प्रारूप बना बनाया होता है। छोटी-सी गलती भी तुरन्त पकड़ ली जा सकती है तथा उसको सुधारने के सुझाव भी दिए जाते हैं।
प्रतिदर्श प्रश्न-पत्र –
प्रश्न 10.
निम्नलिखित दो प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर (लगभग 40 शब्दों में) दीजिए- 3 × 1 = 3
(i) शब्द द्वारा अक्षर परिचय से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर :
सामान्यतः अक्षर सीखने में बालक की रूचि नहीं होती, वह उसे निरर्थक चिन्ह जान पड़ते हैं, अतः कुछ शिक्षाशास्त्रियों का मत है कि शब्द द्वारा बालक को अक्षर ज्ञान कराया जाना चाहिए। शब्दों को वस्तु के साथ या चित्र के साथ प्रस्तुत करना उपयुक्त बताया गया है; जैसे-बालक चित्रों के साथ लिखे हुए शब्दों तथा विशेष अक्षरों को देखता है; जैसे-
त = तरबूज क = कलम
त = तराजू क = कमल
त = तलवार क = कटोरी
त = तकली क = कबूतर
(ii) कल्पना कीजिए कि आपने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना अध्ययन पूरा कर लिया है और किसी प्रसिद्ध अख़बार में पत्रकार पद के लिए आवेदन भेजना है। इसके लिए एक आवेदन-पत्र लिखिए।
उत्तर :
सेवा में,
सम्पादक,
अमर उजाला,
हरिद्वार।
विषय-“पत्रकार पद के लिए आवेदन हेतु”
महोदय,
शैक्षणिक योग्यताएँ
आज दिनाङ्क 10 जुलाई, 20xx को समाचार-पत्र अमर उजाला से प्रकाशित विज्ञापन के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि आपके कार्यालय को पत्रकार की आवश्यकता है। मैं इस पद के लिए अपना आवेदन पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ। मेरा स्ववृत्त इस आवेदन-पत्र के साथ संलग्न है। इसका अवलोकन करने पर आप मुझे इस पद के लिए उचित उम्मीदवार समझेंगे। मैं आपके विज्ञापन में वर्णित सभी योग्यताओं को पूरा करता हूँ। मेरा संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित प्रकार से है-
नाम – शेखर
पिता का नाम – चेतराम
जन्मतिथि-9/10/1996
वर्तमान पता-40 , विकास नगर, हरिद्वार
स्थायी पता-40 , विकास नगर, हरिद्वार
दूरभाष-0642-5451
चलध्वनि – 94788954xx
इस योग्यता के साथ-साथ मैं कई वर्षों से स्वतन्त्र लेखन से भी जुड़ा हुआ हूँ। मुझे पत्रकारिता में बेहद रूचि है। मैं आपको पूर्ण विश्वास दिलाता हूँ, यदि आपने मुझे कार्य करने का अवसर प्रदान किया तो मैं अपना कार्य पूरी निष्ठा से करूँगा।
आपसे अनुरोध है कि उपर्युक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए मेरे आवेदन-पत्र पर सकारात्मक विचार करते हुए मुझे पत्रकार पद पर अवश्य नियुक्त करेंगे।
सधन्यवाद
भवदीय
मुहम्मद अनीस
पाठ्य-पुस्तक आरोह भाग-1 एवं वितान भाग-1 अंक (23)
प्रश्न 11.
काव्य खण्ड पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर (लगभग 60 शब्दों में) दीजिए- 3 × 2 = 6
(i) आदिवासियों की किस विशेषता ने कवयित्री को आकर्षित किया ?
उत्तर :
कवयित्री आदिवासी समाज के रीति-रिवाज़ों, मौलिक प्रवृतियों व नैसर्गिक जीवन से आकर्षित हुई, क्योंकि इन्हीं विशेषताओं के कारण ही उनका समाज अपनी पहचान बनाए हुए है। उनका प्रकृति के निकट रहते हुए शहरी भागदौड़ से दूर, शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मस्ती में जीने के ढंग से कवयित्री प्रभावित है और ऐसे जीवन के प्रति एक खिंचाव महसूस करती है।
(ii) कवि दुष्यंत के अनुसार स्वतंत्रता मिलने के बाद समाज की स्थिति कैसी है? कवि ने किस पर व्यंग्य किया है? और क्यों ?
उत्तर :
कवि के अनुसार स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी समाज की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। आशा तो यही थी कि शहरों में सभी सुख-सुविधाएँ उपलब्ध होंगी, लेकिन हुआ इसके विपरीत ही। कहीं भी सुख-समृद्धि की झलक नहीं मिलती। कवि ने शासन-व्यवस्था पर व्यंग्य किया है। कवि कहते हैं कि राजनेता, सरकारी तंत्र, शासन व्यवस्था आदि भ्रष्ट कार्य-प्रणाली के साथ कार्य करते हैं। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद नेताओं ने जनता को आश्वासन दिए थे कि हर घर में सुख-सुविधाएँ प्राप्त होंगी, लेकिन पूरे शहर में कहीं भी ये जन सुविधाएँ प्राप्त नहीं हैं। लोगों का निर्वाह मुश्किल होता है तो वे निराश हो जाते हैं। कटु सत्य तो यह है कि नेताओं के झूठे आश्वासन व जनकल्याणकारी संस्थाओं द्वारा आम आदमी के शोषण के उदाहरण देखने को मिलते रहते हैं। चारों तरफ़ भ्रष्टाचार का बोलबाला है। लोगों का कल्याण नहीं हो पा रहा। जो संस्थाएँ लोगों के कल्याण व सुख-समृद्धि के लिए बनाई गई थीं, वही संस्थाएँ उनके जीवन के लिए दु:खदायी बन गई हैं।
(iii) ‘मुट्ठियाँ भींचकर बस वक्त निकाल लेना’ से कवि का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर :
मुट्वियाँ भींचना का अर्थ है क्रोध दिखाना। जब लोग अपने आस-पास कुछ अन्याय या गलत होता देखते हैं तो उन्हें क्रोध आता है। लेकिन वे केवल मुट्टियाँ भींचकर रह जाते हैं। उस अन्याय का, बुराई का खुलकर विरोध नहीं करते केवल विरोध का दिखावा करते हैं।
प्रश्न 12.
काव्य खण्ड पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर (लगभग 40 शब्दों में) दीजिए- 2 × 2 = 4
(i) मीरा जगत को देखकर रोती क्यों है ?
उत्तर :
मीरा जगत को देखकर इसलिए रोती है क्योंकि वह सोचती है कि इस जगत के लोगों में विवेक नहीं है, वे नहीं जानते कि संसार मिथ्या है, नश्वर है, यहाँ की प्रत्येक वस्तु क्षणिक है, सारहीन है। जगत के लोग भ्रमित होकर सांसारिक विषय वासनाओं में भटक रहे हैं। उन्हें समझ नहीं है कि भगवद् प्रेम ही शाश्वत है, उसे ही प्राप्त करने के लिए प्रयत्न करना चाहिए न कि सांसारिक विषय वासनाओं को।
(ii) ‘साये में धूप’ गज़ल के कवि किस बदलाव के पक्ष में हैं ?
उत्तर :
‘साये में धूप’ गजल में कवि शोषित लोगों के मन में क्रान्ति की ज्वाला सुलगाना चाहता है। कवि को पक्का विश्वास है कि उसे अधिकारों के लिए, सच्ची स्वतन्त्रता के लिए संघर्ष करना होगा। इसीलिए वह इस बदलाव के पक्ष में है।
(iii) आप अपने शहर या बस्ती की किन चीज़ों को बचाना चाहेंगे ?
उत्तर :
हम अपने शहर और बस्ती को पर्यावरण प्रदूषण तथा प्राकृतिक संपदा के विनाश से बचाना चाहेंगे। उसके नष्ट होते नैसर्गिक सौन्दर्य को बचाना चाहेगें। हम अपने शहर को पाश्चात्य की अंधानुकरण की प्रवृति व अमर्यादित सभ्यता से बचाना चाहेंगे। हम लोगों को जीवन की जड़ता व ठहराव से बचाना चाहेंगे उन्हें निराशावादी व अविश्वास की प्रवृति से बचाना चाहेंगे।
प्रश्न 13.
गद्य खण्ड पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- 3 × 2 = 6
(i) आठ करोड़ प्रजा के गिड़गिड़ाकर विच्छेद न करने की प्रार्थना पर आपने ज़रा भी ध्यान नहीं दिया-यहाँ किस ऐतिहासिक घटना की ओर संकेत किया गया है ?
उत्तर :
भारत में बंग-भंग अर्थात् बंगाल-विभाजन की घटना ऐतिहासिक महत्त्व की है। लॉर्ड कर्ज़न ने भारत में नित्य-प्रति होने वाली क्रांतिकारी घटनाओं का समाधान करने के लिए एक कूटनीतिक योजना बनाई। इसके अंतर्गत उसने बंगाल का विभाजन करने की योजना बनाई। भारत की जनता कर्ज़न के कलुषित इरादों को समझ गई। अतः बंगाल की आठ करोड़ जनता ने बंग-भंग का पुरज़ोर विरोध किया ही, पूरा भ. रत इसके विरुद्ध खड़ा हो गया। इस घटना ने स्वतंत्रता-आन्दोलन की चिंगारी को और अधिक भड़का दिया।
(ii) आज़ादी से पहले भारत-निर्माण को लेकर नेहरू जी के क्या सपने थे ? क्या आज़ादी के बाद वे साकार हुए ? चर्चा कीजिए।
उत्तर :
आज़ादी के पहले भारत-निर्माण के संबंध में नेहरू जी के सपने एक ऐसे देश का निर्माण करने के थे जहाँ किसान की समस्याएँ दूर हो जाएँगी। उन्हें जमींदार व महाजनों से मुक्ति मिलेगी। सबको वर्ग-भेद सहित उन्नति के समान अवसर प्राप्त होंगे। देश में औद्योगिक क्रांति आएगी। पुलिस के अत्याचार से मुक्ति होगी तथा विज्ञान व तकनीकी शिक्षा का विकास होगा। आज़ादी के बाद नेहरू के सपने अभी आंशिक रूप में ही साकार हो पाए हैं। किसानों के जमींदारों व महाजनों के चंगुल से तो काफ़ी हद तक मुक्ति मिली है। देश में विज्ञान व तकनीकी शिक्षा का विकास हुआ है लेकिन पुलिस के अत्याचारों से मुक्ति अभी दूर की कौड़ी है।
(iii) ‘जामुन का पेड़’ कहानी का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
कहानी ‘जामुन का पेड़’ एक व्यंग्य प्रधान कहानी है। इस कहानी में लेखक कृश्न चन्दर ने सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली पर व्यंग्य किया है। सरकारी विभाग में हर काम एक लम्बी प्रक्रिया से गुजरता है। कोई विभाग या व्यक्ति स्वयं ज़िम्मेदारी न लेकर दूसरे पर डालता रहता है। आम आदमी दफ्तरों के चक्कर लगाता रहता है और सरकार संवेदनहीन बनी कागज़ी कार्यवाही में लगी रहती है।
प्रश्न 14.
गद्य खण्ड पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40 शब्दों में दीजिए- 2 × 2 = 4
(i) बादशाह के नाम का प्रसंग आते ही लेखिका की बातों में मियाँ नसीरुद्दीन की दिलचस्पी क्यों खत्म होने लगी?
उत्तर :
बादशाह के नाम का प्रसंग आते ही मियाँ नसीरुद्दीन की रुचि लेखिका की बातों में इसलिए कम होने लगी क्योंकि मियाँ की ये सब बातें पुरखों से सुनी-सुनाई थीं। ठीक से सब बातों और तथ्यों का महत्त्व न जाना था, न उन्हें इनकी ज़रूरत पड़ी थी। इसलिए लेखिका के प्रश्न को सुनकर वह मुश्किल में पड़ गए और यह न बता सके कि किस बादशाह के यहाँ उनके पुरखे नानबाई का काम करते थे।
(ii) फ़िल्म की शूटिंग के समय फ़िल्मकार को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ा ?
उत्तर :
शूटिंग के दौरान निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ा-
- पैसों की समस्या
- पात्रों के चयन की समस्या
- प्राकृतिक समस्या (बारिश, धूप, ओलावृष्टि आदि)
- पात्रों की मृत्यु या अनुपस्थिति।
व्याख्यात्मक हल – फ़िल्म की शूटिंग के दौरान फिल्मकार को कलाकारों के चयन में समस्या का सामना करना पडता है। साथ ही उन्हें दृश्यों की अखंडित सामग्री का विध्न भी होता है। फ़िल्म के दौरान संगीत तैयार करना भी विध्न उत्पन्न करता है।
(iii) विचारिए तो, क्या शान आपकी इस देश में थी और अब क्या हो गई ? कितने ऊँचे होकर आप कितने नीचे गिरे। आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
लार्ड कर्ज़न को भारत में जैसा मान-सम्मान और जैसी शान-शौकत भोगने को मिली, वैसी किसी भी अन्य वायसराय को नहीं मिली होगी। दिल्ली दरबार में उसकी कुर्सी सोने की थी। उसके एक इशारे पर देश के धनी-माने जाने वाले लोग और महाराजा हाथ बाँधे खड़े रहते थे। उसने अपने संकेत भर से बड़े-बड़े राजाओं को मिट्टी में मिला दिया और नाचीज़ों को आसमान तक ऊँचा उठा दिया। कहाँ तो उसकी ऐसी ऊँची आन-बान थी और कहाँ ऐसी हालत हो गई कि एक अदना-सा फ़ौजी अफ़सर भी उसकी सिफारिश पर नहीं रखा गया, उल्टे उसी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया। किस्मत ने क्या खेल दिखाया है।
प्रश्न 15.
वितान के पाठों पर आधारित निम्नलिखित दो प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर (लगभग 60 शब्दों में) दीजिए- 3 × 1 = 3
(i) अपने परिवार से तातुश के घर तक के सफ़र में बेबी के सामने रिश्तों की कौन-सी सच्चाई उजागर होती है?
उत्तर :
परिवार से तातुश के घर के सफ़र में बेबी को रिश्तों के कई कड़वे और मीठे अनुभव हुए। उसे रिश्तों की सच्चाई का अनुभव हुआ। अपने पति का घर छोड़ने के बाद वह अकेली और असहाय थी और उसके परिवार वालों ने उसकी कोई सहायता भी नहीं की, यहाँ तक कि उसे माँ की मृत्यु का समाचार भी छः महीने बाद दिया गया। बेबी को बाहरी लोगों जैसे सुनील ने काम दिलवाने में, उसे प्रोत्साहित कर लेखिका बनाने में सहायता की। तातुश के सभी आत्मीयजनों ने बेबी का प्रत्येक समय ख़्याल रखा।
(ii) चित्रकला के विषय में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर :
चित्रकारी प्राचीन काल से ही हमारे जीवन का अभिन्न अंग रहा है। जब हमारे पास भाषा नहीं थी तब भी चित्रकारी थी और यही अभिव्यक्ति का माध्यम थी। प्रागैतिहासिक समय में अपने वातावरण, रहन-सहन, भावों और विचारों को मनुष्य ने चित्रों के माध्यम से ही व्यक्त किया।
सबसे प्राचीन चित्रों के नमूने शैल चित्रों को ही माना जाता है। ये चट्टानों पर प्राकृतिक रंगों से बने हुए चित्र हैं। ये गुफ़ाओं में मिलते हैं। मध्य प्रदेश में भीम बेटका की गुफ़ाएँ शैल चित्रों के लिए जानी जाती हैं। इन चित्रों में जीवन की रोजमर्रा की गतिविधियाँ शिकार, नृत्य, संगीत, जानवर, युद्ध, साज-सज्जा सभी कुछ दिखाई पड़ता है। गुफ़ाओं में कला सृजन की अति प्राचीन परंपरा रही है। एलोरा और अजंता की गुफ़ाएँ कला कृतियों के लिए विख्यात हैं।