Students can access the CBSE Sample Papers for Class 11 Hindi with Solutions and marking scheme Set 1 will help students in understanding the difficulty level of the exam.
CBSE Sample Papers for Class 11 Hindi Set 1 with Solutions
समय : 3 घण्टे
पूरांक : 80
सामान्य निर्देश :
- इस प्रश्न पत्र में दो खंड हैं- खंड ‘अ’ और ‘ब’। कुल प्रश्न 15 हैं।
- खंड ‘अ’ में 40 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं, सभी प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
- खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। प्रश्नों के उचित आंतरिक विकल्प दिए गए हैं।
- प्रश्नों के उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए दीजिए।
- दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।
रवण्ड ‘अ’ :
वस्तुपरक प्रश्न
अपठित बोध- अंक (15)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- 10 × 1 = 10
जहाँ भी दो नदियाँ आकर मिल जाती हैं, उस स्थान को अपने देश में तीर्थ कहने का रिवाज़ है और यह केवल रिवाज़ की बात नहीं है, हम सचमुच मानते हैं कि अलग-अलग नदियों में स्नान करने से जितना पुण्य होता है, उससे कहीं अधिक पुण्य संगम स्नान में है। किन्तु भारत आज जिस दौर से गुज़र रहा है, उसमें संगम वे स्थान, वे सभाएँ तथा वे मंच हैं, जिन पर एक से अधिक भाषाएँ एकत्र होती हैं। नदियों की विशेषता यह है कि वे अपनी धाराओं में अनेक जनपदों का सौरभ, अनेक जनपदों के आँसू और उल्लास लिए चलती हैं और उनका पारस्परिक मिलन वास्तव में नाना जनपदों के मिलन का ही प्रतीक है। यही हाल भाषाओं का भी है।
उनके भीतर भी नाना जनपदों में बसने वाली जनता के आँसू और उमंगें, भाव और विचार, आशाएँ और आशंकाएँ समाहित होती हैं, अतः जहाँ भाषाओं का मिलन होता है, वहाँ वास्तव में, विभिन्न जनपदों के ब्ददय ही मिलते हैं, उनके भावों और विचारों का ही मिलन होता है तथा भिन्नताओं में छिपी हुई एकता वहाँ कुछ अधिक प्रत्यक्ष हो उठती है। इस दृष्टि से भाषाओं के संगम आज सबसे बड़े तीर्थ हैं और इन तीर्थों में जो भी भारतवासी श्रद्धा से स्नान करता है, वह भारतीय एकता का सबसे बड़ा सिपाही और संत है। हमारी भाषाएँ जितनी ही तेज़ी से जागेंगी, हमारे विभिन्न प्रदेशों का पारस्परिक ज्ञान उतना ही बढ़ता जाएगा। भारतीय लेखकों की बहुत दिनों से यह आकांक्षा रही थी कि वे केवल अपनी ही भाषा में प्रसिद्ध होकर न रह जाएँ बल्कि भारत की अन्य भाषाओं में भी उनके नाम पहुँचें और उनकी कृतियों की चर्चा हो।
भाषाओं के जागरण के आरंभ होते ही एक प्रकार का अखिल भारतीय मंच आप-से-आप प्रकट होने लगा है। आज प्रत्येक भाषा के भीतर यह जानने की इच्छ उत्पन्न हो गई हैं कि भारत की अन्य भाषाओं में क्या हो रहा है? उनमें कौन-कौन ऐसे लेखक हैं जिनकी कृतियाँ उल्लेखनीय हैं तथा कौन-सी विचारधारा वहाँ प्रभुसत्ता प्राप्त कर रही है।
1. दो नदियों के संगम स्थान को क्या कहा जाता है?
(क) तीर्थ
(ख) मंच
(ग) धारा
(घ) सागर
उत्तर :
(क) तीर्थ
व्याख्या-दो नदियों के संगम को तीर्थ मानकर उस स्थान को पूजनीय और सम्माननीय मानना भारतीय संस्कृति माना जाता है।
2. आज संगम स्थान पर क्या एकत्रित होता है?
(क) लोग
(ख) भाषाएँ
(ग) पंडित
(घ) साधु
उत्तर :
(ख) भाषाएँ
व्याख्या-नदियों की धाराओं के संगम की भाँति ही विभिन्न धर्मों के लोगों के हृदय में उनके भावों और विचारों का मिलन होता है। भाषाओं के इस संगम को सबसे बड़ा तीर्थ माना गया है।
3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
कथन (i): जनपदों के आँसू और उल्लास लिए सागर चलता है।
कथन (ii): जनपदों के आँसू और उल्लास लिए लोग चलते हैं।
कथन (iii): जनपदों के आँसू और उल्लास लिए नदियाँ चलती हैं।
कथन (iv): जनपदों के आँसू और उल्लास लिए भीड़ चलती है।
गद्यांश के अनुसार कौन-सा/से कथन सही हैं ?
(क) केवल कथन (i) सही है।
(ख) केवल कथन (ii) सही है।
(ग) केवल कथन (iii) सही है।
(घ) केवल कथन (iv) सही है।
उत्तर :
(ग) केवल कथन (iii) सही है।
4. भाषाओं के मिलन पर किस के हृदय मिलते हैं?
(क) हिंदुओं के
(ख) विभिन्न धर्मों के
(ग) समाज के
(घ) जनपदों के
उत्तर :
(घ) जनपदों के
5. भाषाओं के तीर्थों पर स्नान करने वालों को क्या कहा गया है?
(क) संत
(ख) जनपद
(ग) तीर्थयात्री
(घ) भारतीय एकता के सिपाही
उत्तर :
(घ) भारतीय एकता के सिपाही
6. हमारे प्रदेशों का ज्ञान किस के जागने से बढ़ता है?
(क) भाषाओं के
(ख) लोगों के
(ग) बच्चों के
(घ) ये सभी
उत्तर :
(क) भाषाओं के
7. किस की आकांक्षा है कि उनके नाम अन्य भाषाओं तक पहुँचें ?
(क) विदेशियों की
(ख) कंपनियों की
(ग) भारतीय लेखकों की
(घ) लोगों की
उत्तर :
(ग) भारतीय लेखकों की
व्याख्या-भारतीय लेखकों की यह आकांक्षा रही है कि अपनी भाषा के साथ ही अन्य भाषाओं में भी उनका नाम हो तथा उनकी कृतियों की चर्चा हो, जिससे उन्हें अन्य भाषाओं में होने वाली गतिविधियों की जानकारी रहे।
8. भाषाओं के जागरण से क्या प्रकट होने लगा है?
(क) अखिल भारतीय मंच
(ख) जोश
(ग) प्रेम
(घ) अपराध
उत्तर :
(क) अखिल भारतीय मंच
9. उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
(क) दो नदियाँ
(ख) जनपदों का हृदय
(ग) भारतीय भाषाओं का समन्वय
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर :
(ग) भारतीय भाषाओं का समन्वय
10. ‘पारस्परिक’ में प्रत्यय लगाइए-
(क) पा
(ख) पार
(ग) स्परिक
(घ) इक
उत्तर :
(घ) इक
प्रश्न 2.
दिए गए पद्यांश पर आधारित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- 5 × 1 = 5
एक तेरी ही नहीं सुनसान राहें और भी हैं,
कल सुबह के इंतज़ार में निगाहें और भी हैं।
और भी हैं ओठ जिन पर वेदना मुस्कान बनती,
नींद तेरी ही न केवल स्वप्न की पहचान बनती।
पूजना पत्थर अकेले एक तुझको ही नहीं
‘वाह बनने के लिए मज़बूर आहें और भी हैं।
तू अकेला ही नहीं है जो अकेला चल रहा है।
और तलुवों के तले भी यह धरातल जल रहा है।
और हैं साथी जिन्हें पूने न देखा न जाना
सामने है एक ही, लेकिन दिशाएँ और भी हैं।
1. ‘पत्थर पूजना’ से कवि का क्या आशय है?
(क) पूजा करना
(ख) चापलूसी करना
(ग) फूल चढ़ाना
(घ) बहलाना
उत्तर :
(ख) चापलूसी करना
2. धरातल कहाँ जल रहा है?
(क) आकाश में
(ख) पाताल में
(ग) तलुवों के नीचे
(घ) गिरि पर
उत्तर :
(ग) तलुवों के नीचे
व्याख्या-धरातल तलुवों के नीचे जल रहा है।
3. पद्यांश का उचित शीर्षक है –
(क) प्रसिद्धि की चाह
(ख) आकाश की चाह
(ग) फूल की चाह
(घ) पाताल की चाह
उत्तर :
(क) प्रसिद्धि की चाह
4. कवि किसे अपनी बात कह रहा है? निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
कथन (i) कवि प्रसिद्धि चाहने वालों से अपनी बात कह रहा है।
कथन (ii) कवि किसी से अपनी बात नहीं कह रहा है।
कथन (iii) कवि स्वार्थी हो गया है।
कथन (iv) कवि स्वप्न से अपनी बात कह रहा है।
निम्नलिखित विकल्पों पर विचार कीजिए तथा सही विकल्प चुनकर लिखिए।
विकल्प :-
(क) केवल कथन (iv) सही है।
(ख) केवल कथन (i) सही है।
(ग) केवल कथन (ii) सही है।
(घ) केवल कथन (iii) सही है
उत्तर :
(ख) केवल कथन (i) सही है।
व्याख्या-कवि प्रसिद्धि चाहने वालों से अपनी बात कह रहा है।
5. कॉलम 1 को कॉलम 2 से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कॉलम 1 | कॉलम 2 |
1. तू अकेला ही नहीं है | (i) जो अकेला चल रहा है। |
2. सामने है एक ही | (ii) लेकिन दिशाएँ और भी हैं। |
3. कल सुबह के इंतज़ार में | (iii) निगाहें और भी हैं। |
(क) 1 – (iii), 2 – (ii), 3 – (i)
(ख) 1 – (i), 2 – (iii), 3 – (ii)
(ग) 1 – (i), 2 – (ii), 3 – (iii)
(घ) 1 – (ii), 2 – (iii), 3 – (i)
उत्तर :
(ग) 1 – (i), 2 – (ii), 3 – (iii)
अभिव्यक्ति और माध्यम- अंक 5.
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प का चुनकर लिखए- 5 × 1 = 5
1. संचार के बिना क्या संभव नहीं है?
(क) प्रकृति
(ख) रोशनी
(ग) जीवन
(घ) मनुष्य।
उत्तर :
(ग) जीवन
व्याख्या-संचार के बिना जीवन असंभव है। संचार हमें जोड़ने का कार्य करता है।
2. संचार के प्रकार हैं-
(क) अतः वैयक्कि संचार
(ख) अंतरेवैयवितक संचार
(ग) समूह संचार
(घ) ये सभी।
उत्तर :
(घ) ये सभी।
3. जनसंचार माध्यमों का लोगों पर कैसा प्रभाव पड़ता है?
(क) सकारात्मक
(ख) नकारात्मक
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर :
(ग) विकल्प (क) और (ख)
4. जनसंचार के तत्त्व कौन-कौन से हैं?
(क) एनकोडिंग
(ख) प्राप्तकर्ता
(ग) फीडबैक
(घ) ये सभी।
उत्तर :
(घ) ये सभी।
व्याख्या-जनसंचार के अनेक तत्त्व हैं जैसे-एनकोडिगं प्राप्तकर्ता, फीडबैक इत्यादि।
5. संचार का कार्य है-
(क) नियंत्रण
(ख) सूचना
(ग) अभिव्यक्ति
(घ) ये सभी।
उत्तर :
(घ) ये सभी।
पाठ्यपुस्तक आरोह भाग 1 अंक 10.
प्रश्न 4.
निम्नलिखित काव्यांश के प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- 5 × 1 = 5
चंपा कहती है :
तुम कागद को गोदा करते हो दिन भर
क्या यह काम बहुत अच्छा है
यह सुनकर मैं हँस देता हूँ
फिर चंपा चुप हो आई,
उस दिन चंपा आई, मैंने कहा कि
चंपा, तुम भी पढ़ लो
हारे गाढ़े काम सरेगा
गाँधी बाबा की इच्छा है-
सब जन पढ़ना-लिखना सीखें
चंपा ने यह कहा कि
मैं तो नहीं पढूँगी
तुम तो कहते थे गाँधी बाबा अच्छे हैं
वे पढ़ने-लिखने की कैसे बात कहेंगे
मैं तो नहीं पढूँगी
1. इस पद्यांश के कवि का क्या नाम है?
(क) जयशंकर प्रसाद
(ख) त्रिलोचन
(ग) दुष्यंत कुमार
(घ) अवतार सिंह
उत्तर :
(ख) त्रिलोचन
2. निम्नलिखित कथनों पर विचार करते हुए पद्यांश के अनुसार सही कथन को चयनित कर लिखिए।
(क) एक दिन कवि के पास मुकेश आया।
(ख) एक दिन कवि के पास सीता आई।
(ग) एक दिन कवि के पास चंपा आई।
(घ) एक दिन कवि के पास रंभा आई।
उत्तर :
(ग) एक दिन कवि के पास चंपा आई।
3. ग्रामीण परिवेश के लिए गए शब्द कौन-से हैं?
(क) कागद्
(ख) गोदना
(ग) गाढ़े
(घ) सभी
उत्तर :
(घ) सभी
व्याख्या-कवि की भाषा ग्रामीण वातावरण को साकार करने वाली है। कागद् गोदना, गाढ़े काम करना जैसे प्रयोग ग्रामीण परिवेश के सूचक हैं।
4. निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) : चंपा ने कहा कि में तो नही पढूँगी।
कारण (R): कवि ने चंपा को गाँधी जी का हवाला दिया।
(क) कथन (A) सही है, कारण (R) गलत है।
(ख) कथन (A) सहीं नहीं है, कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं।
(घ) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
उत्तर :
(ग) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं।
व्याख्या-चंपा ने कहा कि मैं तो नहीं पढूँगी, तब कवि ने चंपा को गाँधी जी का हवाला दिया।
5. जन का अर्थ है-
(क) लोक
(ख) लोग
(ग) प्रजा
(घ) सभी
उत्तर :
(घ) सभी
प्रश्न 5.
निम्नलिखित गधांश के प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- 5 × 1 = 5
बिछुड़न-समय बड़ा करुणोत्पादक होता है। आपको बिछड़ते देखकर आज हृदय में बड़ा दुःख है। माइ लॉर्ड! आपके दूसरी बार इस देश में आने से भारतवासी किसी प्रकार प्रसन्न न थे। वे यही चाहते थे कि आप फिर न आवें। पर आप आये और उससे यहाँ के लोग बहुत ही दु:खित हुए। वे दिन-रात यही मनाते थे कि जल्द श्रीमान् यहाँ से पधारें। पर अहो! आज आपके जाने पर हर्ष की जगह विषाद होता है। इसी से जाना कि बिछुड़न-समय बड़ा करुणोत्पादक होता है, बड़ा पवित्र, बड़ा निर्मल और बड़ा कोमल होता है। वैर-भाव छूटकर शांत रस का आविर्भाव उस समय होता है।
1. बिछुड़न का अर्थ है-
(क) दूर होना
(ख) जुदा होना
(ग) अलग होना
(घ) सभी
उत्तर :
(घ) सभी
2. बैर-भाव छूटकर किस रस का आविर्भाव बिछुड़ने के समय होता है?
(क) शांत
(ख) हास्य
(ग) करूण
(घ) श्रृंगार
उत्तर :
(क) शांत
व्याख्या-बैर-भाव छूटकर शांत रस का आविर्भाव बिछुड़ने के समय होता है, क्योंकि बिछुड़ना बहुत करुण जनक है।
3. निम्नलिखित कथनों पर विचार करते हुए गद्यांश के अनुसार सही कथन को चयनित कर लिखिए।
(क) कर्ज़न को दूसरी बार भारत के वाइसराय के रूप में नहीं आने देना चाहते थे।
(ख) कैनिंग को दूसरी बार भारत के वाइसराय के रूप में नहीं आने देना चाहते थे।
(ग) लारेंस को दूसरी बार भारत के वाइसराय के रूप में नहीं आने देना चाहते थे।
(घ) लल्गिन को दूसरी बार भारत के वाइसराय के रूप में नहीं आने देना चाहते थे।
उत्तर :
(क) कर्ज़न को दूसरी बार भारत के वाइसराय के रूप में नहीं आने देना चाहते थे।
4. कॉलम 1 को कॉलम 2 से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए
कॉलम 1 | कॉलम 2 |
1. बिछुड़न-समय | (i) बड़ा करुणोत्पादक |
2. आज ह्दय में | (ii) बड़ा दु:ख है। |
3. हर्ष की जगह | (iii) विषाद |
(क) 1 – (i), 2 – (ii), 3 – (iii)
(ख) 1 – (iii), 2 – (ii), 3 – (i)
(ग) 1 – (ii), 2 – (iii), 3 – (i)
(घ) 1 – (i), 2 – (iii), 3 – (ii)
उत्तर :
(क) 1 – (i), 2 – (ii), 3 – (iii)
5. पवित्र का समानार्थी है-
(क) निर्मल
(ख) स्वच्छ
(ग) निश्छल
(घ) सभी
उत्तर :
(घ) सभी
व्याख्या-समान अर्थ प्रकट करने वाले शब्दों को समानार्थी शब्द कहते हैं।
पूरक पाठ्यपुस्तक वितान भाग 1 अंक 10.
प्रश्न 6.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- 10 × 1 = 10
1. अनुपम मिश्र की रचना है-
(क) कफ़न
(ख) राजस्थान की रजत बूँदें
(ग) कामयानी
(घ) रेत समाधि
उत्तर :
(ख) राजस्थान की रजत बूँदें
2. इस पाठ में रेतीली भूमि का वर्णन किस राज्य के लिए किया है?
(क) उत्तर प्रदेश
(ख) महाराष्ट्र
(ग) राजस्थान
(घ) गुजरात
उत्तर :
(ग) राजस्थान
व्याख्या-इस पाठ में राजस्थान की रेतीली भूमि का वर्णन किया गया है।
3. राजस्थान में पानी कितने रूपों में मिलता है?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच
उत्तर :
(ख) तीन
4. निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सही विकल्य चुनकर लिखिए।
कथन (A): राजस्थान की मरूभूमि में रजकणों के नीचे खड़िया पत्थर की परत पाई जाती है।
कारण (R): यह परत काफ़ी कठोर होती है।
(क) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही नही हैं।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों सर्हीं हैं।
(ग) कथन (A) सही है, कारण (R) गलत है।
(घ) कथन (A) सहीं नहीं है, कारण (R) गलत है।
उत्तर :
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों सर्हीं हैं।
5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
कथन (i): राजस्थान में कुंइयों पर अधिकतर ग्राम पंचायत का नियन्त्रण होता है।
कथन (ii): रजस्थान में कुंइयों पर अधिकतर ज़िला पंचायत का नियन्त्रण होता है।
कथन (iii): राजस्थान में कुंइयों पर अधिकतर नगर निगम का नियन्त्रण होता है।
कथन (iv): राजस्थान में कुंइयों पर अधिकतर जनता का नियन्त्रण होता है।
सही कथन/कथनों वाले विकल्प को चयनित कर लिखिए।
(क) कथन (i) सही है।
(ख) कथन (ii) सही है।
(ग) कथन (iii) सही है।
(घ) कथन (iv) सही है।
उत्तर :
(क) कथन (i) सही है।
व्याख्या-राजस्थान में कुंइयों पर ग्राम पंचायत का नियन्त्रण होता है।
6. रेजाणी पानी का अर्थ है-
(क) पालर पानी
(ख) पाताल पानी
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ग) विकल्प (क) और (ख)
7. वर्षा को मापने के लिए किस शब्द का प्रयोग होता है?
(क) इंच
(ख) सेंटीमीटर
(ग) रेजा
(घ) ये सभी
उत्तर :
(ग) रेजा
8. कुंई की कितनी गहरी खुदाई हो चुकी थी?
(क) बीस-बीस
(ख) तीस-पैंतीस
(ग) पच्चीस-तीस
(घ) पन्द्रह-बीस
उत्तर :
(ख) तीस-पैंतीस
9. कुंई की खुदाई किससे की जाती है?
(क) फावड़े
(ख) हत्थी
(ग) दरांती
(घ) बसौली
उत्तर :
(घ) बसौली
व्याख्या-कुंई की खुदाई बसौली से की जाती है।
10. बड़े कुँओं के पानी का स्वाद कैसा होता है?
(क) नमकीन
(ख) मीठा
(ग) खारा
(घ) कडुवा
उत्तर :
(ग) खारा
व्याख्या-बडे कुंओं के पानी का स्वाद अक्सर खारा होता है।
रवण्ड ‘ब’ :
वर्णनात्मक प्रश्न
सृजनात्मक लेखन और व्यावहारिक लेखन अंक (17)
प्रश्न 7.
निम्नलिखित दिए गए तीन अप्रत्याशित विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेखन 5 × 1 = 5
(i) बाल मज़दूरी एक ऐसी सामाजिक समस्या है जो लम्बे समय से चलती आ रही है। देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए इस समस्या को जड़ से समाप्त करना किस प्रकार आवश्यक है ?
उत्तर :
किसी छोटे बच्चे को मज़दूरी करते हुए देखकर हम संवेदनशील हो उठते हैं तुरंत ही हमारा मस्तिष्क कहता है, इस छोटी-सी उम्र में इस नन्हें से बालक को यह कार्य नहीं करना चाहिए। यह उम्र इस बच्चे की पढ़ने और खेलने-कूदने की है। परिवार का या स्वयं का भरण-पोषण करने की नहीं, किंतु बाल-मजदूरी एक ऐसा कड़वा सच है जिससे भारत ही नहीं पूरी दुनिया त्रस्त है।
आज भी हमारे देश में लाखों बच्चे बाल-श्रम की चपेट में हैं। उन्हें बचपन में किताबें व खिलौने से खेलने के स्थान पर मज़दूरी करनी पड़ रही है। ऐसे बाल-श्रमिक घरों, कारखानों, होटलों, ढाबों, दुकानों पर मज़दूरी करते देखे जा सकते हैं। इन बाल-श्रमिकों को सुबह से लेकर रात तक कठोर परिश्रम करना पड़ता है। कई प्रकार की डाँट-फटकार सहनी पड़ती है। विषम परिस्थितियों में काम करने से इनके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, लेकिन इन्हें विवश होकर ये सब सहना पड़ता है। भारतीय संविधान के अनुंसार 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से कारखानों, दुकानों, रेस्तरां, होटल, कोयला खदान, पटाखे के कारखानों आदि जगहों पर कार्य करवाना बाल श्रम कहलाता है।
बालश्रम में बच्चों का शोषण भी शामिल होता है। बाल शोषण से आशय है कि बच्चों से ऐसे कार्य करवाना जिसके लिए वह मानसिक एवं शारीरिक रूप से तैयार ना हों। भारतीय संविधान बच्चों को वे सभी अधिकार देता है जो कि एक आम नागरिक के होते हैं तो फिर क्यों वे बच्चे पढ़ना-लिखना, खेलना-कूदना छोड़कर मज़दूरी करने को विवश हैं। जिन हाथों में कलम पकड़नी थी, वे क्यों ब्रश और पॉलिश पकड़े हुए हैं। जिन हाथों से वह अपना भविष्य सुदृढ़ बना सकता है, उन हाथों से उसे जूता पॉलिश क्यों करना पड़ रहा है ? उनकी नन्हीं आँखों में तैरते सपनों को तोड़ने का ज़िम्मेदार कौन है ? हमें यह समझना होगा, क्योंकि बच्चे देश का भविष्य हैं और देश के भविष्य को सँवारने, सँभालने की ज़िम्मेदारी भी संपूर्ण देश की है, जिसमें सरकार ही नहीं आम नागरिक भी शामिल हैं।
(ii) पुस्तकें ज्ञान का भण्डार होती हैं तथा हमारी सच्ची मित्र एवम् गुरु भी होती हैं। हाल ही में पढ़ी गई अपनी किसी पुस्तक के विषय में बताते हुए लिखिए कि वह आपको पसन्द क्यों आई और आपने उससे क्या सीखा ?
उत्तर :
जिस प्रकार शरीर को स्वस्थ रखने के लिए शुद्ध और पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार मन-मस्तिष्क को स्वस्थ और योग्य बनाने के लिए उत्तम पुस्तकों की आवश्यकता होती है। पुस्तकों के अध्ययन से मस्तिष्क का विकास होता है और ज्ञान की प्राप्ति भी। पुस्तकों से प्राप्त ज्ञान पग-पग पर हमारे काम आता है और कभी-कभी तो यह उस अवस्था को प्राप्त कर लेता है कि हम यश और कीर्ति के पात्र बन जाते हैं। विभिन्न प्रकार की ज्ञानवर्धक पुस्तकें जीवन में ज्ञान प्राप्त करने का मुख्य साधन हैं। जिस प्रकार ज्ञान का क्षेत्र अत्यन्त विस्तृत है उसी प्रकार पुस्तकों का भी क्षेत्र विस्तृत है।
पुस्तकें मनुष्य की सच्ची साथी होती हैं। पुस्तकें प्रत्येक कदम पर एक सच्चे मित्र की भाँति सही राह दिखाती हैं। उसे उन्नति के पथ पर अग्रसर करने के साथ उसे मानसिक व आत्मिक सन्तुष्टि पहुँचाती हैं। पुस्तकें ज्ञान प्रदान करने के साथ-साथ व्यक्ति का मनोरंजन भी करती हैं अतः प्रत्येक व्यक्ति को पुस्तकों का महत्त्व समझकर उन्हें अपने जीवन में स्थान देना चाहिए।
हाल ही मैंने महाकवि तुलसीदास कृत रामचरितमानस पढ़ी। इस पुस्तक में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्श चरित्र के माध्यम से कवि ने मनुष्य के उत्कृष्ट आचार व्यवहार का वर्णन किया है। इस पावन ग्रन्थ को पढ़ते-पढ़ते स्वतः ही मन भगवान राम के ब्रह्म स्वरूप का दर्शन करने लग जाता है और उसे परमानन्द की अनुभूति होने लगती है। इस पवित्र कथा को हृदयंगम कर लेने पर मनुष्य काम, क्रोध, लोभ, मद, मोह, ईष्य्या आदि दुर्गुणों से छुटकारा पा जाता है। यह ग्रन्थ मनुष्य को नीतिपूर्ण आचरण, मर्यादा में रहना, न्यायप्रिय एवं मानस प्रिय बनाता है। भगवान श्रीराम के चरित्र को जितनी. बार पढ़ा जाए हर बार एक नया ही आनन्द आता है। यह ग्रन्थ आज भी समस्त हिन्दू समाज के लिए संजीवनी बूटी है। इस पवित्र ग्रन्थ का दिव्य संदेश हमें पथभ्रष्ट होने से बचाता है और मन को परम शांति प्रदान करता है।
(iii) कम्प्यूटर तथा मोबाइल मनोरंजन के साथ-साथ हमारी ज़रूरत का साधन अधिक बन गए हैं। हर क्षेत्र में इनसे मिलने वाले बाठओं तथा हानियों का वर्णन करते हुए, अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
वर्तमान युग विज्ञान का युग कहलाता है। विज्ञान के आविष्कारों ने आज दुनिया ही बदल दी है तथा मानव जीवन को सुख एवं ऐश्वर्य से भर दिया है। कम्प्यूटर, मोबाइल फ़ोन उनमें से ही अत्यन्त उपयोगी और विस्मयकारी खोज हैं, जो मनोरंजन के साथ-साथ हमारी ज़रूरत का साधन अधिक बन गए हैं। कम्प्यूटर व मोबाइल आज के युग की अनिवार्यता बन गए हैं तथा इनका प्रयोग अनेक क्षेत्रों में किया जा रहा है।
कम्प्यूटर व मोबाइल के माध्यम से बैंक अधिकारी बटन दबाकर ग्राहक के खाते का पूरा विवरण स्क्रीन पर ला देता है। रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों पर आरक्षण का कार्य इसकी सहायता से किया जा सकता है। इसी प्रकार मौसम की जानकारी एकत्रित करने में, टेलीफ़ोन या बिजली के बिल बनवाने व जमा कराने में, छात्रों की उत्तर पुस्तिका जाँचने में, स्वास्थ्य परीक्षण में इनका सफ़लतापूर्वक प्रयोग किया जा रहा है। आजकल तो पुस्तकों की छपाई का काम कम्प्यूटर के प्रयोग से अत्यन्त तीव्रगामी व सुविधाजनक हो गया है। इस प्रकार मोबाइल व कम्प्यूटर सूचना, प्रसारण तथा नियंत्रण का सशक्त साधन बन गये हैं। इन उपकरणों से तरह-तरह के खेल खेले जा सकते हैं। समाचार, चुटकुले, संगीत आदि का आनन्द लिया जा सकता है। किसी भी तरह की विपत्ति में मोबाइल फ़ोन रक्षक बनकर हमारी सहायता करता है। इंटरनेट के प्रयोग ने सभी के लिए ज्ञान के द्वार खोल दिए हैं। अपने ज्ञान में वृद्धि तथा दूसरों तक जानकारियाँ पहुँचाने का यह सरल व तीव्र माध्यम है।
सभी सुविधाएँ होने के बावजूद आज इनके दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं जिनमें अफ़वाहें फैलाना, धमकियाँ देना, अश्लीलता आदि मुख्य हैं।
यद्यपि ये मानव मस्तिष्क की तरह कार्य करते हैं-परन्तु मानव की तरह सोच-विचार नहीं कर सकते। ये केवल दिए गए निर्देशों का पालन ही कर सकते हैं। अतः हमें इनके गलत प्रयोग से बचना चाहिए और इनकी सुविधाओं का लाभ उठाना चाहिए, जिससे विज्ञान के ये वरदान अभिशाप न बन जाएँ।
प्रश्न 8.
देश में बढ़ती कन्या भ्रूण हत्या पर चिंता व्यक्त करते हुए ‘ नवभारत टाइम्स’ समाचार-पत्र के संपादक को पत्र लिखिए।
अथवा
आरक्षण केन्द्रों पर दलालों और क्लकों की मिलीभगत के कारण जनसाधारण को आरक्षित टिकट पाने के लिए बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इस समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए उत्तर रेलवे दिल्ली प्रबंधक को एक पत्र लिखिए।
उत्तर :
सेवा में,
संपादक महोदय,
नवभारत टाइम्स,
बहादुर शाह जफ़र मार्ग,
नई दिल्ली।
दिनांक 15 सितंबर, $20 \mathrm{xx}$
विषय-कन्या भ्रूण हत्या की बढ़ती प्रवृत्ति के संद्र्भ में।
महोदय,
आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से मैं देश में कन्या
भ्रूण हत्या की बढ़ती प्रवृत्ति की ओर लोर्गो का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ। कृपया मेरे पत्र को उचित स्थान पर प्रकाशित कर मुझे अनुगृहीत करें।
मेरी गंभीर चिंता यह है कि आजकल लगभग रोज़ाना समाचार-पत्रों में अपराध संबंधी बढ़ती घटनाएँ प्रकाशित होती हैं, जिसमें अधिकांश अपराध यौन संबंधी होते हैं। प्रकाशित होने वाली विभिन्न घटनाओं के अतिरिक्त हज़ारों आपराधिक घटनाएँ ऐसी होती हैं, जिनका कहीं कोई लिखित उल्लेख नहीं होता और इसमें अनेक मामले कन्या भ्रूण की जानबूझकर की जाने वाली हत्याएँ हैं। गर्भ में ही लिंग परीक्षण करवाकर अनेक लोग कन्या भूरण होने की स्थिति में उसे मार डालते हैं।
ऐसा करने वाले केवल गरीब या निर्धन एवं अशिक्षित लोग ही नहीं होते, बल्कि समाज का पढ़ा-लिखा एवं धनी तबका भी इसमें बराबर की हिस्सेदारी करता है। लड़कियों को दोयम दर्जे का नागरिक समझकर उनके महत्त्व को सीमित किया जाता है और लड़कों को अधिक महत्त्व प्रदान किया जाता है। यही कारण है कि गर्भ में ही लिंग परीक्षण करवाकर माता-पिता एवं अन्य परिजन लड़कियों के जन्म को हतोत्साहित करते हैं और इसी सोच या मानसिकता का परिणाम है कि उन्हें गर्भ में ही, भ्रूण की अवस्था में ही नष्ट करने की कोशिश की जाती है।
समाज का यह दृष्टिकोण अत्यंत रूढ़िवादी एवं पिछड़ा है, जिसे किसी भी स्थिति में बढ़ावा नहीं मिलना चाहिए। समाज के बौद्धिक एवं तार्किक लोगों का कर्त्तव्य है कि वे सरकार एवं प्रशासन के साथ मिलकर कन्या भ्रूण हत्या को अंजाम देने वाले या उसका समर्थन करने वाले लोगों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करें, जिससे समाज का संतुलित एवं समग्र विकास संभव हो सके।
भवदीय
अनुराग त्रिपाठी
पटेल नगर,
नई दिल्ली
अथवा
लोक निर्माण मंच, गुवाहाटी
दिनांक: 12 मार्च 20xx
सेवा में
महाप्रबंधक महोदय
रेलवे विभाग (उ. पू. रे.)
विषय: आरक्षण केन्द्रों पर दलालों और क्लर्कों की मिलीभगत के कारण होने वाली कठिनाई के संदर्भ में महोदय,
मैं मालीगाँव क्षेत्र का रहने वाला एक साधारण व्यक्ति हूँ। यहाँ आरक्षण केन्द्रों पर दलालों और क्लर्कों की मिलीभगत के कारण जनसाधारण को टिकट पाने के लिए बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इसी बात की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ। महोदय! मैं एक व्यापारी हूँ, मुझे तक्रीबन हर महीने यात्रा करनी ही पड़ती है। मैंने आए दिन यहाँ दलालों को चापलूसी करते देखा है, यही नहीं कुछ क्लर्क भी शामिल रहते हैं। पैसे का लेन-देन खूब चलता है। जो पैसे का लालच दे देते हैं, उन्हें टिकट आसानी से मिल जाती है वरना दलालों द्वारा टिकट खरीद ली जाती है, आम जनता यह देखते ही रह जाती है। समय खत्म हो जाता है, परंतु इनका जुगाड़ चलता रहता हैं। इन सभी कियाओं से हम साधारण लोग काफ़ी परेशान हैं, आशा है कि आप हमारी परेशानी को समझेंगे और उसका निदान करेंगे।
धन्यवाद
भवदीय
आलोक महंत
प्रश्न 9.
निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर (लगभग 40 शब्दों में) दीजिए- 2 × 2 = 4
(i) डायरी लेखन क्या है ? कुछ प्रसिद्ध डायरियों और डायरी लेखकों के नाम भी बताइए।
उत्तर :
अत्यंत निजी स्तर पर घटित घटनाओं और उससे सम्बन्धित बौद्धिक तथा भावनात्मक प्रक्रियाओं का लेखा-जोखा डायरी कहलाता है। हमारे जीवन में प्रतिदिन अनेक घटनाएँ घटती हैं। दैनिक जीवन में हम जिन घटनाओं, विचारों और गतिविधियों से निरन्तर गुज़रते हैं, उन्हें डायरी के पृष्ठों पर शब्दबद्ध कर लेना ही डायरी लेखन है। प्रसिद्ध डायरियाँ और उनके लेखकों के नाम निम्नलिखित हैं-
1. एक साहित्यिक की डायरी-गजानन माधव मुक्तिबोध।
2. पैरों में पंख बाँधकर-रामवृक्ष बेनीपुरी।
3. रूस में पच्चीस मास-राहुल सकृत्यायन।
4. सुदूर दक्षिण पूर्व-सेठ गोविन्द दास।
5. द डायरी ऑफ अ यंग गर्ल-ऐनी फ्रैंक।
6. हरी घाटी-डॉ. रघुवंश।
(ii) पटकथा के प्रमुख अंग कितने होते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
पटकथा के अनुकूल कहानी में विविध दृश्य, घटना, प्रसंग, विषय का सिलसिला होना, संघर्ष, मसालेदार, कौतुहल बनाने वाला और दर्शकों को बाँधे रखने वाला होना जरूरी है। कहानी बनावट और संवाद पटकथा के महत्त्वपूर्ण तीन अंग हैं। प्रस्तावना (समस्या) संघर्ष और समाधान पटकथा के प्रस्थान बिन्दु हैं और यही इसकी सफलता का सूत्र OBE या OBC है।
(iii) पटकथा के लिए सर्वप्रथम आवश्यक तत्त्व क्या होता है ?
उत्तर :
शीर्षक, घटना, कथा और संवाद। कहानी को दृश्यात्मक रूप में परिवर्तित करने के लिए उसमें संवाद डालने पड़ते हैं। उसमें घटनाओं को एक व्यवस्थित क्रम देना पड़ता है। अन्य तीनों तत्त्व शीर्षक, घटना, संवाद भी पटकथा के लिए आवश्यक हैं, लेकिन पटकथा के लिए सबसे आवश्यक तत्त्व कथा ही होती है। बिना कथा के कोई पटकथा नहीं बनाई जा सकती है।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित दो प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर (लगभग 40 शब्दों में) दीजिए- 3 × 1 = 3
(i) स्ववृत्त से क्या तात्यर्य है ?
उत्तर :
स्ववृत्त दो शब्दों से मिलकर बना है ‘स्व’ और ‘वृत्त’ अर्थात् अपना परिचय। किसी व्यक्ति विशेष द्वारा अपने बारे में सूचनाओं का क्रमशः (सिलसिलेबार) संकलन ही स्ववृत्त कहलाता है। इसमें व्यक्ति अपने व्यक्तित्व, ज्ञान और अनुभव के सबल पक्ष को इस प्रकार प्रस्तुत करता है, जो नियोक्ता के मन में उम्मीदवार के प्रति अच्छी व सकरात्मक छवि प्रस्तुत करें। स्ववृत्त नियोक्ता के मन में एक सकारात्मक धारणा प्रस्तुत करता है।
स्ववृत्त को अंग्रेजी में Bio-Data, Resume या Curriculum Vitae कहते हैं। स्ववृत्त का तात्पर्य आत्म विज्ञापन या आत्म प्रशंसा नहीं है, यह Resume किसी आजीविका प्राप्ति के सन्दर्भ में लिखा जाता है। इस पत्र में व्यक्ति पद से सम्बन्धित अपनी योग्यताओं, कार्यानुभव, उपलब्धियों को प्रस्तुत करता है।
(ii) हिन्दी-अंग्रेजी शब्दकोश पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर :
हिंदी-अंग्रेज़ी शब्द कोश को द्वि-भाषी कोश भी कहा जाता है। इसमें हिंदी शब्दों के अर्थ के साथ-साथ उच्चारण आदि को भी अंग्रेज़ी भाषा में प्रस्तुत किया जाता है। चूँकि इस प्रकार के कोशों में प्रविष्टियाँ हिंदी भाषा के शब्दों की होती हैं, इसलिए उन्हें हिन्दी वर्णमाला के क्रमानुसार रखा जाता है। हिंदी शब्दों के साथ उनके उचित उच्चारण के लिए अंग्रेज़ी ध्वनि-चिन्हों, भाषा एवं व्याकरणिक रूपों का संकेत चिन्ह आदि भी प्रस्तुत किया जाता है। इस तरह के कोशों में कोशकार का यह प्रयास रहता है कि हिंदी भाषा के शब्दों को अंग्रेज़ी भाषा में पूरी तरह स्पष्ट किया जा सके।
पाठ्य-पुस्तक आरोह भाग-1 एवं वितान भाग- 1 अंक (23)
प्रश्न 11.
काव्य खण्ड पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर (लगभग 60 शब्दों में) दीजिए- 3 × 2 = 6
(i) मनुष्य में कौन-कौन से ऐसे दोष हैं, जिनसे कबीर, मनुष्य को दूर रहने के लिए सावधान करते हैं?
उत्तर :
कबीर ने मनुष्य में कई ऐसे दोष देखे, जिनसे मनुष्य को दूर रहना चाहिए। उन्होंने इन दोषों का वर्णन करते हुए उसे सावधान किया। वे कहते हैं कि परमात्मा एक है, लेकिन मनुष्य ने उसका अद्वैत रूप नहीं पहचाना, बल्कि वह उसे भिन्न-भिन्न रूपों में देखते हैं। सांसारिक आकर्षणों के मोह में पड़कर मनुष्य भयहीन नहीं हो पाता। बाह्य आडंबरों के कारण मनुष्य स्वयं को (आत्मा को) नहीं पहचान पाता। कबीर ने नियम और धर्म का पालन करने वाले लोगों की मुख्य कमी यह मानी है कि वे बाह्य आडंबरों के कारण परमात्मा (तत्व) से कोसों दूर हैं। वे सच्चे ज्ञान को नहीं जान पाते। वे अज्ञानी हैं। उसके लिए मनुष्य को संसार के राग-द्वेष से, लाभ-हानि से, मोह-माया से दूर हो जाना चाहिए। तभी वह निर्भय भी हो पाएगा। तभी आत्मा-परमात्मा का मिलन भी हो पाएगा। मनुष्य यह नही समझ पाता कि परमात्मा संसार के प्रत्येक कण में व्याप्त है व आत्मा भी उसी का अंश है और बाहरी रूप से प्रत्येक प्राणी के भिन्न स्वरूप होने पर भी उनके अन्तर में स्थित परमात्मा एक ही है।
(ii) किन कारणों से मीरा कभी प्रसन्न होती है तो कभी रोने लगती है ?
उत्तर :
मीरा श्री कृष्ण को बार-बार याद करती हैं। उनको बार-बार याद करना मीरा को आनंदित कर देता है। वह उनकी भक्ति में प्रसन्न हो उठती हैं। मीरा यह समझ गई थी कि कृष्ण-भक्ति अर्थात् ईश्वर भक्ति से ही जीवन सफल हो सकता है। संसार के लोगों को बाह्य आडंबरों में, मोह-माया अथवा विभिन्न कर्मकांडों में लिप्त देखकर मीरा सोचती हैं कि लोग अपने बहुमूल्य जीवन को, संसार की विषय-वासनाओं में फँसकर, व्यर्थ ही गँवा देते हैं। ये लोग यह नहीं समझते कि संसार के सभी भौतिक सुख-सुविधाएँ व्यर्थ हैं। हर वस्तु क्षणिक और नश्वर है। मीरा जानती है कि ईश्वर भक्ति ही शाश्वत व सच है। इसलिए मीरा ऐसे लोगों को देखकर दुःखी होती है व रोती है। इस सारहीन जीवन-शैली को देखकर मीरा सोचती है कि लोग इस दुर्लभ मानव जीवन को ईश्वर भक्ति में क्यों नहीं लगाते।
(iii) कवि की मानसिक स्थिति कैसी हो गई थी और क्यों ?
उत्तर :
कवि को स्वतंत्रता आन्दोलन में शामिल होने के कारण जेल में जाना पड़ा। कवि को इस बात पर बहुत गर्व था कि उसने अपने देश के प्रति अपने कर्त्तव्य को निभाया था, लेकिन कवि के माता-पिता उसके जेल जाने से बहुत दु:खी थे और वह स्वयं को अपने माता-पिता के दुःखी होने का कारण समझता था। हालाँकि उसने परिवार हित में स्वयं को समर्पित किया था परन्तु अपने परिवार से न मिल पाने की पीड़ा भी कम न थी। अपनी पीड़ा वह किसी को भी बता नहीं पाता, इसलिए वह अपना दु:ख कभी बादल से तो कभी सावन से साझा करता है। अब उसे अकेलापन अच्छा लगने लगा था। वह किसी से बात नहीं करता। परिवार वालों को याद करते-करते वह अक्सर खो-सा जाता। इस तरह उसकी मानसिक स्थिति दयनीय व निराशाजनक स्थिति में पहँच गई थी।
प्रश्न 12.
काव्य खण्ड पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर (लगभग 40 शब्दों में) दीजिए- 2 × 2 = 4
(i) कवि द्वारा उल्लिखित बातों के अतिरिक्त समाज में अन्य किन बातों को आप खतरनाक मानते हैं ?
उत्तर :
कवि द्वारा उल्लिखित बातों के अतिरिक्त समाज में कई अन्य बातों को भी हम खतरनाक मानते हैं जैसे-नैतिक मूल्यों यथा प्रेम, भाईचारे की भावना का हास, महिलाओं के साथ होते अपराध, भ्रष्टाचार, स्वार्थपरता, सांप्रदायिकता, जातिवाद, राष्ट्रद्रोह, आतंकवाद, आरक्षण, अपहरण आदि। ये चीज़ें समाज में लगे घुन के समान हैं जो उसे अंदर से खोखला करती जा रही हैं।
(ii) ‘हे मेरे जूही के फूल, जैसे ईश्वर’ कवयित्री ने क्यों कहा है ?
उत्तर :
‘हे मेरे जूही के फूल जैसे ईश्वर’ कविता से ईश्वर के लिए जूही के फूल के बारे में कवयित्री ने इसलिए कहा है क्योंकि जूही का फूल कोमल होता है, सुगंधित होता है, प्रसन्नतादायक होता है। ईश्वर भी दयालु होता है, पवित्र होता है, आनंदमय होता है इस भाव के माध्यम से वह उस ईश्वर के लिए हर प्रकार से समर्पित होना चाहती है।
(iii) पानी के रातभर गिरने और प्राणन-मन के घिरने में परस्पर क्या सम्बन्ध है ?
उत्तर :
कवि अपने घर से बहुत दूर जेल में बंद है। वहाँ तेज़ बारिश होने लगी। रातभर वर्षा होने से कवि को अपने घर की याद आ गई। उसे घर के सदस्यों के साथ हँसी-खेल करते हुए पुराने मनोरम दिन याद आ गए। जिसके कारण उसके प्राण व मन व्याकुल हो उठे।
प्रश्न 13.
गद्य खण्ड पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर (लगभग 60 शब्दों में) दीजिए- 3 × 2 = 6
(i) अमित और उसकी माँ लीला क्यों नहीं चाहते थे कि रजनी स्कूल जाकर हैडमास्टर साहब से मिले ?
उत्तर :
रजनी अमित के स्कूल जाकर हैड मास्टर साहब से मिलकर अमित की गणित की कॉपी देखना चाहती थी, लेकिन अमित और उसकी माँ नहीं चाहते थे कि रजनी ऐसा करे क्योंकि उन्हें भय था कि अगर रजनी स्कूल जाकर कुछ कहेगी तो सर उससे बहुत गुस्सा हो जाएँगे और अगले साल कहीं और ज़्यादा परेशान करेंगे। इसके अलावा जब अमित को उसी स्कूल में आगे पढ़ना है तो इन लोगों से झगड़ा मोल लेना ठीक नहीं । बेकार की मुसीबत खड़ी हो जाएगी।
(ii) गाँव और शहर दोनों जगहों पर चलने वाले मोहन के जीवन-संघर्ष में क्या फ़र्क है ? चर्चा करें और लिखें।
उत्तर :
मोहन को गाँव व शहर दोनों जगह संघर्ष करना पड़ा। गाँव में प्राकृतिक व आर्थिक संघर्ष था। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उसे आधा पेट ही खाना मिल पाता था वहाँ चार मील दुर स्थित विद्यालय जाने के लिए उसे दो मील चढ़ाई के अलावा बरसात के मौसम में रास्ते में पड़ने वाली नदी को झेलना पड़ता था। उधर शहर में उसे रमेश बाबू के घर में नौकर का कार्य करना पड़ता था, जिससे गाँव का मेधावी छात्र मोहन शहर में घरेलू कार्यों में दबे रहकर सामान्य छात्र बन गया और उसका उज्जवल भविष्य अंधकारमय हो गया।
(iii) पाठ में मियाँ नसीरुद्दीन का शब्द चित्र लेखिका ने कैसे खींचा है ?
उत्तर :
पाठ में लेखिका ने मियाँ नसीरुद्दीन का शब्द चित्र इस प्रकार खींचा है- हमने जो अंदर झाँका तो पाया, मियाँ चारपाई पर बैठे बीड़ी का मज़ा ले रहे हैं। मौसमों की मार से पका चेहरा, आँखों में काइयाँ भोलापन और पेशानी पर मँजे हुए कारीगर के तेवर थे।
प्रश्न 14.
गद्य खण्ड पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर (लगभग 40 शब्दों में) दीजिए- 2 × 2 = 4
(i) ‘नमक का दरोगा’ कहानी का कौन-सा पात्र आपको सर्वाधिक प्रभावित करता है और क्यों ?
उत्तर :
‘नमक का दरोगा’ कहानी का नायक वंशीधर हमें सर्वाधिक प्रभावित करता है क्योंकि वह सत्यनिष्ठ और चरित्रवान दरोगा है। उसके पिता उसे बेईमानी की सलाह देते हैं। उसके चारों तरफ़ समाज पूरी तरह भ्रष्ट है, फिर भी वह बड़े गर्व और स्वाभिमान से जीता है। पंडित अलोपीदीन से मुकदमा हारने पर भी वह छाती तानकर चलता है। पछ्तावा प्रकट नहीं करता। अंत में अलोपीदीन भी उसकी इस दृढ़ता से मुग्ध हो जाते हैं।
(ii) मियाँ नसीरुद्दीन पाठ के माध्यम से क्या संदेश दिया गया है ?
उत्तर :
मियाँ नसीरुद्दीन पाठ के माध्यम से लेखिका ने यह संदेश दिया है कि-
- कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता-बल्कि उस काम को करने की भावना श्रेष्ठ होनी चाहिए।
- केवल कागज़ी या ज़बानी बातों से काम नहीं सीखा जाता, सच्ची तालीम उसका व्यवहारिक प्रशिक्षण होता है।
- हमें अपना काम पूरी ईमानदारी और परिश्रम के साथ करना चाहिए तथा उस पर गर्व का अनुभव करना चाहिए।
(iii) पथेर पांचाली फ़िल्म की शुटिंग का काम ढाई साल तक क्यों चला ?
उत्तर :
इस फ़िल्म की शूटिंग का काम ढाई साल तक इसलिए चला, क्योंकि लेखक विज्ञापन कम्पनी में नौकरी करता था, जब भी उसे फुर्सत मिलती थी, तब शूटिंग करता था। पैसों के अभाव के कारण भी शूटिंग बार-बार रोकनी पड़ती थी।
प्रश्न 15.
वितान के पाठों पर आधारित निम्नलिखित दो प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर (लगभग 60 शब्दों में) दीजिए- 3 × 1 = 3
(i) लता के गाने की विशेषता क्या है ?
उत्तर :
लता की लोकप्रियता का मुख्य मर्म यह ‘गानपन’ ही है। लता के गाने की एक और विशेषता है, उसके स्वरों की निर्मलता। उसके पहले की पार्श्व गायिका नूरजहाँ भी एक अच्छी गायिका थी, इसमें संदेह नहीं तथापि उसके गाने में एक मादक उत्तान दिखता था। लता के स्वरों में कोमलता और मुग्धता है। ऐसा दिखता है कि लता का जीवन की ओर देखने का जो दृष्टिकोण है वही उसके गायन की निर्मलता में झलक रहा है। लता के गाने की एक और विशेषता है, उसका नादमय उच्चारण। उसके गीत के किन्हीं दो शब्दों का अंतर स्वरों के आलाप द्वारा बड़ी सुंदर रीति से भरा रहता है और ऐसा प्रतीत होता है कि वे दोनों शब्द विलीन होते-होते एक दूसरे में मिल जाते हैं। यह बात पैदा करना बड़ा कठिन है, परंतु लता के साथ यह बात अत्यंत सहज और स्वाभाविक हो बैठी है।
(ii) कुंई किस अर्थ में कुएँ से बिल्कुल अलग है?
उत्तर :
कुंई एक और अर्थ में कुएँ से बिल्कुल अलग है। कुआँ भूजल को पाने के लिए बनता है, पर कुंई भूजल से ठीक वैसे नहीं जुड़ती, जैसे कुआँ जुड़ता है। कुंई वर्षा के जल को बड़े विचित्र ढंग से समेटती है- तब भी जब वर्षा ही नहीं होती। यानी कुई में न तो सतह पर बहने वाला पानी है, न भूजल है। यह तो ‘नेति-नेति’ जैसा कुछ पेचीदा मामला है।