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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 2 with Solutions
समय : 3 घंटा
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश:
(i) इस प्रश्नपत्र में दो खंड हैं– खंड ‘अ’ और ‘ब’। खंड अ में वस्तुपरक / बहुविकल्पीय और खँड-ब में वस्तुनिष्ठ वर्णनात्मक प्रश्न दिए यए हैं।
(ii) अश्नपत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
(iii) यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
(iv) खंड ‘अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपग्रश्नों की संख्या 44 हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपग्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य हैं।
(v) खंड “ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं; सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों
खण्ड ‘अ’ वस्तुपरक – प्रश्न (40 अंक)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए – (1 × 5 = 5)
बहुत से विद्वानों और चिंतकों ने इस बात को लेकर चिंता प्रकट की है कि भारतीय समाज आधुनिकता से बहुत दूर है और भारत के लोग अपने आप को आधुनिक बनाने की कोशिश भी नहीं कर रहे हैं।
नैतिकता, सौंदर्यबोध और अध्यात्म के समान आधुनिकता कोई शाश्वत मूल्य नहीं है। वह कई चीज़ों का एक सम्मिलित नाम है। औद्योगीकरण आधुनिकता की पहचान है। साक्षरता का सर्वव्यापी प्रसार आधुनिकता की सूचना देता है। नगर-सभ्यता का प्राधान्य आधुनिकता का गुण है। सीधी-सादी अर्थव्यवस्था मध्यकालीनता का लक्षण है। आधुनिक देश वह है, जिसकी अर्थव्यवस्था जटिल और प्रसारणशील हो और जो ‘टेक-ऑफ’ की स्थिति को पार कर चुकी हो।
आधुनिक समाज मुक्त और मध्यकालीन समाज बंद होता है। बंद समाज वह है जो अन्य समाजों से प्रभाव ग्रहण नहीं करता, जो अपने सदस्यों को भी धन या संस्कृति की दीर्घा में ऊपर उठने की खुली छूट नहीं देता, जो जाति-प्रथा और गोत्रवाद से पीड़ित है, जो अंधविश्वासी, गतानुगतिक और संकीर्ण है।
आधुनिक समाज में उन्मुक्तता होती है। उस समाज के लोग अन्य समाजों के लोगों से मिलने-जुलने में नहीं घबराते, न वे उन्नति का मार्ग खास जातियों और खास गोत्रों के लिए सीमित रखते हैं। आधुनिक समाज सामरिक दृष्टि से भी बलवान समाज होता है। जो देश अपनी रक्षा के लिए भी लड़ने में असमर्थ है, उसे आधुनिक कहलाने का कोई अधिकार नहीं है। आधुनिक समाज के लोग आलसी और निकम्मे नहीं होते। आधुनिक समाज का एक लक्षण यह भी है कि उसकी हर आदमी के पीछे होने वाली आय अधिक होती है, उसके हर आदमी के पास कोई धंधा या काम होता है और अवकाश की शिकायत प्राय: हर एक को रहती है।
(i) गद्यांश के आधार पर सही तथ्य को चुनिए।
(क) आधुनिक समाज मुक्त तथा मध्यकालीन समाज खुला होता है।
(ख) आधुनिक समाज बंद तथा मध्यकालीन समाज मुक्त होता है।
(ग) आधुनिक समाज मुक्त तथा मध्यकालीन समाज बंद होता है।
(घ) आधुनिक समाज उन्मुक्त तथा मध्यकालीन समाज जड़ होता है।
उत्तर:
(ग) आधुनिक समाज मुक्त तथा मध्यकालीन समाज बंद होता है।
(ii) शाश्वत मूल्यों में शामिल हैं-
(क) नैतिकता, सौंदर्यवोध और अध्यात्म
(ख) नैतिकता, सौंदर्ययोध और आधुनिकता
(ग) नैतिकता, अध्यात्म और आधुनिकता
(घ) सौंदर्यबोध, अध्यात्म और आधुनिकता
उत्तर:
(क) नैतिकता, सौंदर्यवोध और अध्यात्म
(iii) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए –
कथन (A): विद्वानों और चिन्तकों ने चिंता व्यक्त की है।
कारण (R): भारतीय समाज से न सिर्फ़ आधुनिकता दूर है बल्कि उसको लाने के प्रयास भी नहीं हो रहे।
(क) कथन (A) गलत है, किन्तु कारण (R) सही है।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं।
(ग) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
(घ) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं।
(iv) ‘एक बन्द समाज की विशेषताओं में कई चीजों को सम्मिलित किया जा सकता है।
उपर्युक्त कथन के पक्ष में निम्नलिखित तकों पर विचार कीजिए।
(i) जाति-प्रथा और गोत्रवाद से पीड़ित रहना।
(ii) अन्धविश्वासी, पिछड़ा और संकीर्ण होना।
(iii) धन या संस्कृति के क्षेत्र में खुली छूट देना।
विकल्प
(क) (i) सही है।
(ख) (ii) सही है।
(ग) (i) और (ii) सही हैं।
(घ) (iii) सही है।
उत्तर:
(ग) (i) और (ii) सही हैं।
व्याख्यात्मक हल:
जाति-प्रथा और गोत्रवाद, अन्धविश्वासी और संकीर्ण होना एक बन्द समाज की विशेषताएँ हैं।
(v) आधुनिक समाज की विशिष्टताओं में शामिल है –
(क) उन्मुक्तता
(ख) सामरिक बल
(ग) आलस्य
(घ) प्रबलता
उत्तर:
(घ) प्रबलता
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर, सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए – (1 × 5 = 5)
चमड़े का रंग मनुष्य-मनुजता को बाँटे
यह है जघन्य अपमान प्रति का, मानव का
धरती पर घृणा जिए, मर जाए प्रीति प्यार
यह धर्म मनुज का नहीं, धर्म दानव का।
हा ! प्रेम-नाम ही है रे जिसका महाकाव्य
यदि वही नहीं तो जीवन का क्या अर्थ यहाँ
यदि वही नहीं तो सृष्टि सभ्यता जड़ मृत है
यदि वही नहीं तो ज्ञान सकल है व्यर्थ यहाँ ।
है गर्व तुम्हें जो अपनी उज्ज्वल सफ़ेदी पर
वह मिथ्या है, छल है, घमंड है चेहरे का
रंगों का राजा तो है रंग भीतर वाला
बाहरी रंग तो द्वारपाल है पहरे का।
दुनिया ऐसी तस्वीर कि जिसके खाके में
आधी गोराई तो आधी कजलाई है,
पाँवों के नीचे यदि गौर वर्ण वसुधा
तो सिर पर श्याम गगन की छाया छाई है।
(i) काव्यांश में मुख्य रूप में किस समस्या का उल्लेख किया गया है?
(क) लिंगभेद
(ख) असमानता
(ग) रंगभेद
(घं) गैर-बराबरी
उत्तर:
(ग) रंगभेद
(ii) कवि कहता है रंगों का राजा तो है रंग भीतर वाला’- भीतर वाले रंग का क्या तात्पर्य है?
(क) व्यक्तित्व का आकर्षण
(ख) वास्तविक खूबसूरती
(ग) व्यक्तिगत आचरण
(घ) आंतरिक गुण और स्वभाव
उत्तर:
(घ) आंतरिक गुण और स्वभाव
(iii) उज्ज़्वल सफेदी पर गर्व क्या है?
(क) सदियों की परंपरा का पालन
(ख) बाज़ार का दबाव और रंगभेद
(ग) मिथ्या, छल और अभिमान
(घ) सत्य, अभिमान और यकीन
उत्तर:
(ग) मिथ्या, छल और अभिमान
(iv) कथन (A) और कारण (R) पर विचार करते हुए सही विकल्प चुनिए –
कथन (A): कवि के अनुसार जीवन व्यर्थ है।
कारण (R): जीवन तब व्यर्थ होता है जब उसमें प्रेम नहीं होता है।
(क) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) गलत है।
(ख) कथन (A) गलत है, किन्तु कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं।
(घ) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
उत्तर:
(ग) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं।
व्याख्यात्मक हल:
कवि का मानना है कि वह जीवन व्यर्थ होता है जिसमें प्रेम का भाव नहीं होता है।
(v) गोरे और काले वर्ण के लिए प्रकृति से कौन-सा प्रतीक दिया गया है?
(क) राधा और कृष्ण का
(ख) धरती और आसमान का
(ग) नदियों और सागर का
(घ) मनुज और दानव का
उत्तर:
(ख) धरती और आसमान का
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए – (1 × 4 = 4)
(i) ‘नतो तुम वहाँ जा सके, न ही मैं।’ इसका सरल वाक्य होगा
(क) तुम और मैं दोनों ही वहाँ नहीं जा सके
(ख) तुम भी वहाँ नहीं जा सके और मैं भी वहाँ नहीं जा सका
(ग) यद्यपि तुम और मैं वहाँ जा सकते थे, फिर भी नहीं जा सके
(घ) चूँकि तुम वहाँ नहीं जा सके, इसलिए मैं भी वहाँ नहीं जा सका
उत्तर:
(क) तुम और मैं दोनों ही वहाँ नहीं जा सके
व्याख्यात्मक हल:
इसमें एक मुख्य समापिका क्रिया ‘ जा सके ‘ होने के कारण यह दिए गए मिश्र वाक्य का सरल वाक्य में सही रूपांतरण होगा।
(ii) ‘सूर्योदय होते ही प्रकृति का सौंदर्य खिल उठता है। ‘ इसका संयुक्त वाक्य होगा –
(क) सूर्योदय होने पर प्रकृति का सौंदर्य खिल उठता है
(ख) सूर्योदय होता है और प्रकृति का सौंदर्य खिल उठता है
(ग) जब सूर्योदय होता है, तब प्रकृति का सौंदर्य खिल उठता है
(घ) क्योंकि सूर्योदय होता है, इसलिए प्रकृत्ति का सौंदर्य खिल उठता है
उत्तर:
(ख) सूर्योदय होता है और प्रकृति का सौंदर्य खिल उठता है
व्याख्यात्मक हल:
इसमें दो स्वतंत्र उपवाक्यों को ‘ और ‘ योजक द्वारा जोड़ा गया है अत: यह सरल वाक्य का संयुक्त वाक्य में उचित रुपांतरण है।
(iii) आपके आवाज उठाने पर सभी आपके साथ खड़े हो जाएँगे। इसका मिश्र वाक्य होगा –
(क) आपके आवाज उठाते ही सभी आपके साथ खड़े हो जाएँगे
(ख) आप आवाज उठाएँगे, तो सभी आपके साथ खड़े हो जाएँगे
(ग) आप आवाज उठाएँगे और सभी आपके साथ खड़े हो जाएँगे
(घ) आप आवाज उठाएँगे इसलिए सभी आपके साथ खड़े हो जाएँगे
उत्तर:
(ख) आप आवाज उठाएँगे, तो सभी आपके साथ खड़े हो जाएँगे
व्याख्यात्मक हल:
इस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य और एक उस पर आश्रित उपवाक्य है अत: यह सरल वाक्य का मिश्र वाक्य में उचित रुपांतरण है।
(iv) निम्नलिखित वाक्यों में मिश्र वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए सबसे सही विकल्प को चुनिए –
(1) आप कह सकते थे कि यह गलती आपने नहीं की है
(2) यदि आप अपना पक्ष रखते, तो अवश्य ही निर्दोष सिद्ध होते
(3) जब आपने गलती की ही नहीं है, तो उसका दंड आपको क्यों मिलेगा
(4) चूँकि दोषी कोई और है इसलिए आप यह दोष अपने ऊपर बिल्कुल मत लीजिए
विकल्प
(क) केवल कथन (1) सही है
(ख) कथन (2) व (3) सही हैं
(ग) कथन (3) व (4) सही हैं
(घ) कथन (1), (2), (3) व (4) सही हैं
उत्तर:
(घ) कथन (1), (2), (3) व (4) सही हैं
व्याख्यात्मक हल:
यहाँ दिए गए चारों वाक्य मिश्र वाक्य हैं।
(v) सूची (1) को सूची (2) से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए –
सूची (1) | सूची (2) |
(1) बिल्ली आई और दूध पी गई। | (i) सरल वाक्य |
(2) यदि दूध बाहर न रखा होता, तो बिल्ली ऐसा नहीं कर पाती। | (ii) संयुक्त वाक्य |
(3) हमें बिल्ली का जूठा दूध फेंकना पड़ा। | (iii) मिश्र वाक्य |
विकल्प
(क) (1)-(iii), (2)-(i), (3)-(ii)
(ख) (1)-(ii), (2)-(iii), (3)-(i)
(ग) (1)-(ii), (2)-(i), (3)-(iii)
(घ) (1)-(ii), (2)-(i), (3)-(iii)
उत्तर:
(ख) (1)-(ii), (2)-(iii), (3)-(i)
व्याख्यात्मक हल:
यहाँ दिए गए कॉलम ; में वाक्य सं. (1) संयुक्त वाक्य, वाक्य सं. (2) मिश्र वाक्य और वाक्य सं. (3) सरल वाक्य है, अत: विकल्प (ख) सही उत्तर है।
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. श्याम से पानी नहीं पिया जा रहा है। | 1. कर्तृवाच्य |
B. श्याम के द्वारा पानी नहीं पिया गया। | 2. कर्मवाच्य |
C. श्याम पानी नहीं पी रहा है। | 3. भाववाच्य |
कूट
A B C
(i) 1 2 3
(ii) 2 3 1
(iii) 3 2 1
(iv) 3 1 2
उत्तर :
(iii) A-3, B-2, C-1
(ख) इनमें कर्मवाच्य का उदाहरण है
(i) किसानों ने खेतों में कीटनाशक द्वाई का छिड़काव किया।
(ii) किसान द्वारा खेतों में कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव किया जाता है।
(iii) किसान खेतों में कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करते हैं।
(iv) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर :
(ii) किसान द्वारा खेतों में कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव किया जाता है
(ग) इनमें भाववाच्य का उदाहरण है
(i) सोहन से चला नहीं जाता
(ii) सोहन अब घर नहीं जाएगा
(iii) सोहन दूर तक जाएगा
(iv) सोहन नहीं चलता है
उत्तर :
(i) सोहन से चला नहीं जाता
(घ) ‘राजा द्वारा प्रजा को कष्ट दिए गए।’ इस वाक्य का कर्तृवाच्य होगा
(i) राजा से प्रजा को कष्ट मिला
(ii) राजा ने प्रजा को कष्ट दिए
(iii) राजा द्वारा प्रजा को कष्ट दिए जाने लगे
(iv) राजा प्रजा को कष्ट देता है
उत्तर :
(ii) राजा ने प्रजा को कष्ट दिए
(ङ) निम्नलिखित वाक्यों में भाव वाच्य पहचानकर नीचे दिए गए सबसे सही विकल्प को चुनिए।
1. गर्मियों में लोगों से खूब नहाया जाता है।
2. किसान द्वारा खेत में खाद डाली जाती है।
3. मजदूरों ने सड़क बना दी है।
4. अब आपके द्वारा गाना गाया जाए।
कूट
(i) केवल कथन 1 सही है।
(ii) कथन 2 व 3 सही हैं।
(iii) कथन 3 व 4 सही है।
(iv) कथन 1,2,3 व 4 सही है।
उत्तर :
(i) केवल कथन 1 सही है।
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए – (1 × 4 = 4)
(i) निम्नलिखित वाक्यों में से किसमें अकर्मक क्रिया का प्रयोग हुआ है?
(क) मेरी बहन एक कहानी पढ़ती है।
(ख) मेरी बहन एक उपन्यास पढ़ रही है।
(ग) मेरी बहन एक अच्छे विद्यालय में पढ़ती है।
(घ) मेरी बहन एक दिलचस्प पुस्तक पढ़ती है।
उत्तर:
(ग) मेरी बहन एक अच्छे विद्यालय में पढ़ती है।
व्याख्यात्मक हल:
इस वाक्य में अकर्मक क्रिया है जबकि अन्य तीनों वाक्यों में सकर्मक क्रिया है। अत: विकल्प (ग) सही है।
(ii) यह मेरा पसंदीदा रेस्तरां है- रेखांकित पद का परिचय है –
(क) सार्वनामिक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, ‘रेस्तरां’ विशेष्य
(ख) सर्वनाम, निश्वयवाचक, पुल्लिंग, एकवचन
(ग) संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन
(घ) सर्वनाम, अनिश्चयवाचक, पुल्लिंग, एकबचन
उत्तर:
(ख) सर्वनाम, निश्वयवाचक, पुल्लिंग, एकवचन
व्याख्यात्मक हल:
दिए गए वाक्य में “यह’ पद से निश्चय वाचक सर्वनाम का बोध हो रहा है। यह पुल्लिंग और एकवचन है।
(iii) उफ! ‘क्या सोचा था क्या हो गया’ में रेखांकित पद का परिचय होगा –
(क) विस्मयादिबोधक, प्रसन्नता सूचक
(ख) विस्मयादिबोधक, शोक सूचक
(ग) विस्मयादिबोधक, अचरज सूचक
(घ) विस्मयादिबोधक, घृणा सूचक
उत्तर:
(ख) विस्मयादिबोधक, शोक सूचक
व्याख्यात्मक हल:
यह पद अव्यय-विस्मयादिबोधक वाक्य है और इससे शोक का भाव प्रकट हो रहा है।
(iv) “मन की कोमलता अक्सर चोट खा जाती है” – में रेखांकित पद का परिचय होगा –
(क) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मकारक
(ख) विशेषण, गुणवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘मन’ विशेष्य
(ग) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ताकारक
(घ) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, बहुवचन, कर्ताकारक
उत्तर:
(क) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मकारक
व्याख्यात्मक हल:
‘कोमलता’ पद भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, कर्मकारक और एक वचन है अत: विकल्प (क) सही है।
(v) घर के साथ ही एक बगीचा होता था- रेखांकित पद का परिचय होगा- है
(क) संबंधबोधक, अव्यय, घर और बगीचे के बीच संबंध दर्शा रहा है।
(ख) समुच्चयबोधक, अव्यय, घर और बगीचे को जोड़ना
(गं) क्रिया-विशेषण, स्थानवाचक, ‘होता था! की विशेषता
(घ) निपात
उत्तर:
(क) संबंधबोधक, अव्यय, घर और बगीचे के बीच संबंध दर्शा रहा है।
व्याख्यात्मक हल:
यहाँ ‘के साथ’ पद संबंधबोधक अव्यय है जो घर और बगीचे के बीच संबंध को दर्शा रहा है।
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) “स्वर्णशालियों की कलमें थीं
दूर-दूर तक फैल रहीं।
शरद-इंदिरा के मंदिर की
मानो कोई गैल रही।।
इन काव्य पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्र्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(ii) उत्त्रेक्षा इसमें धान की पकी हुई बालियों की कतार पर (उपमेय) शरत्कालीन लक्ष्मी (शोभा) के मंदिर में जाने वाली पगडडीी (उपमान) की संभावना की गई है।
(ख) ‘अर्जौ तर्यौना ही रह्यौ, श्रुति सेवत इक अंग।’ इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्र्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(i) श्लेष यहाँ ‘तर्यौना’ में श्लेष अलंकार है। एक पक्ष में ‘तर्यौना’ का अर्थ कान का आभूषण (कर्णफूल) है और दूसरे पक्ष में ‘तर्यौना’ का अर्थ-तरा नहीं अर्थात् निष्कृष्ट जीव है। दूसरा अर्थ ‘तर्यौ + ना’ खंड करने पर ही प्राप्त होता है।
(ग) जगी वनस्पतियाँ अलसाई मुह धोया शीतल जल से। इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iii) मानवीकरण वनस्पतियों के मुँह नहीं होता है। ये मुँह धोने वाली, अलसाने वाली आदि क्रियाएँ केवल मनुष्यों की होती हैं। ये क्रियाएँ वनस्पति द्वारा किया जाना असंभव है। अतः यह मानवीकरण अलंकार है।
(घ) ‘सिर फट गया उसका वहीं,
मानो अरुण रंग का घड़ा हो।’
इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(ii) उत्वेक्षा दी गई पंक्ति में सिर के लाल रंग का बड़ा होने की कल्पना हो रही है। इसमें सिर-उपमेय तथा लाल रंग का घड़ा-उपमान है। उपमेय में उपमान के होने की कल्पना की जा रही है, इसलिए यह उत्पेक्षा अलंकार है।
(ङ) ‘हाथों से उठा गिरि को, कंदुक भाँति उछाल निशिचर, हुँकार भरते हैं।’ इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्र्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iv) अतिशयोवित यहाँ राक्षसों द्वारा हार्थों से पहाड़ को उठाकर गेंद की तरह उछालने की बात की गई है। अतः बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहने से यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए – (1 × 5 = 5)
कुछ नहीं पूछ पाए हालदार साहब। कुछ पल चुपचाप खड़े रहे, फिर पान के पैसे चुकाकर जीप में आ बैठे और रवाना हो गए। बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-जिंदगी सब कुछ होम कर देने वालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढ़ती है। दुःखी हो गए। पंद्रह दिन बाद फिर उसी कस्बे से गुजरे। कस्बे में घुसने से पहले ही खयाल आया कि कस्बे की हृदयस्थली में सुभाष की प्रतिमा अवश्य ही प्रतिष्ठापित होगी, लेकिन सुभाष की आँखों पर चश्मा नहीं होगा। क्योंकि मास्टर बनाना भूल गया। और कैप्टन मर गया। सोचा, आज वहाँ रुकेंगे नहीं, पान भी नहीं खाएँगे, मूर्ति की तरफ़ देखेंगे भी नहीं, सीधे निकल जाएँगे। ड्राइवर से कह दिया, चौराहे पर रुकना नहीं, आज बहुत काम है, पान आगे कहीं खा लेंगे। लेकिन आदत से मजबूर आँखें चौराहा आते ही मूर्ति की तरफ् उठ गईं। कुछ ऐसा देखा कि चीखे, रोको ! जीप स्पीड में थी, ड्राइवर ने जोर से ब्रेक मारे। रास्ता चलते लोग देखने लगे। जीप रुकते-रुकते हालदार साहब जीप से कूदकर तेज-तेज कदमों से मूर्ति की तरफ लपके और उसके ठीक सामने जाकर अटेंशन में खड़े हो गए। मूर्ति की आँखों पर सरकंडे से बना छोटा-सा चश्मा रखा हुआ था, जैसा बच्चे बना लेते हैं। हालदार साहब भावुक हो गए। इतनी-सी बात पर उनकी आँखें भर आईं।
(i) हालदार साहब क्या सोचकर दुःखी हो गए?
(क) नेता जी की मूर्ति की आँखों पर चश्मा न देखकर
(ख) देशभक्तों का मज़ाक उड़ाने वाली बिकाऊ कौम को देखकर
(ग) घर-गृहस्थी, जवानी-जिंदगी आदि की बीती हुई बातें सोचकर
(घ) देश में अलग-अलग कौमों की विचारधारा में बहुत अंतर देखकर
उत्तर:
(ख) देशभक्तों का मज़ाक उड़ाने वाली बिकाऊ कौम को देखकर
व्याख्यात्मक हल:
हालदार साहब यह सोचकर दु:खी हो गए कि ऐसे लोगों का क्या होगा, जो अपनी स्वार्थ-सिद्धि के लिए किसी भी स्तर तक गिरने या बिकने को तैयार रहते हैं और अपने देश के लिए सर्वस्व बलिदान करने वाले देशभकतों का मजाक उड़ाते हैं।
(ii) “सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति की आँखों पर चश्मा नहीं होगा… । ‘हालदार साहब ऐसा क्यों सोच रहे थे ?
(क) कैप्टन के सारे चश्मे बिक जाने के कारण
(ख) कैप्टन के गंभीर रूप से बीमार हो जाने के कारण
(ग) मूर्तिकार मास्टर कौ भूल और कैप्टन की मृत्यु के कारण
(घ) नटखट बच्चों द्वारा चश्मा बार-बार उतार दिए जाने के कारण
उत्तर:
(ग) मूर्तिकार मास्टर कौ भूल और कैप्टन की मृत्यु के कारण
व्याख्यात्मक हल:
हालदार साहब ने ऐसा इसलिए सोचा क्योंकि मूर्तिकार मास्टर मूर्ति पर संगमरमर का चश्मा बनाना भूल गया था और सुभाष की मूर्ति पर अपनी छोटी-सी दुकान से रोज चश्मा लगाने वाले कैप्टन की मृत्यु हो चुकी थी।
(iii) हालदार साहब की आदत से मजबूर आँखों ने क्या किया ?
(क) चौराहे पर आते ही पान की दुकान खोजने लर्गी।
(ख) उन्होंने कैप्टन का स्मरण किया और वे नम हो गईं।
(ग) चौराहे पर आते ही स्वभावत: मूर्ति की ओर उठ गईं।
(घ) बाँस पर चश्मे लगाकर उन्हें बेचते हुए कैप्टन को खोजने लर्गी।
उत्तर:
(ग) चौराहे पर आते ही स्वभावत: मूर्ति की ओर उठ गईं।
व्याख्यात्मक हल:
हमेशा मूर्ति की आँखों पर चश्मा देखने की आदत से मजबूर हालदार साहब की आँखें चौराहा आते ही स्वाभाविक रूप से मूर्ति की ओर उठ गईं।
(iv) हालदार साहब क्यों चीख पड़े ?
(क) पान वाले का बदला हुआ व्यवहार देखकर
(ख) नेता जी की मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा लगा देखकर
(ग) नेता जी की मूर्ति के पास बहुत सारे बच्चों को एकत्र देखकर
(घ) ड्राइवर के द्वारा उनके आदेश का पालन न किए जाने के कारण
उत्तर:
(ख) नेता जी की मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा लगा देखकर
व्याख्यात्मक हल:
नेता जी की मूर्ति की आँखों पर सरकंडे का बना चश्मा देखकर हालदार साहब खुशी से चीख उठे।
(v) सरकंडे से बना छोटा-सा चश्मा किस बात का प्रतीक था ?
(क) राष्ट्रीय धरोहरों को संरक्षण देने का
(ख) हस्तकला के प्रति बढ़ रहे अनुराग का
(ग) देशभकतों के प्रति श्रद्धा व सम्मान का
(घं) सरकंडे जैसी वनस्पति को संरक्षित करने का
उत्तर:
(ग) देशभकतों के प्रति श्रद्धा व सम्मान का
व्याख्यात्मक हल:
वह चश्मा शायद किसी बच्चे द्वारा बनाया गया था और इस बात का प्रतीक था कि देश की भावी पीढ़ी में भी देशभक्तों के प्रति श्रद्धा एवं सम्मान की भावना विद्यमान है।
प्रश्न 8.
क्षितिज के गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ का उद्देश्य क्या है?
(i) देशभक्ति की भावना का संदेश देना
(ii) देश के निर्माण व विकास में प्रत्येक नागरिक को सहयोग देना चाहिए
(iii) देश की समृद्धि के लिए प्रयास करने वाला प्रत्येक व्यक्ति देशभक्त है
(iv) उपरोक्त सभी
उत्तर :
(iv) उपरोक्त समी ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के माध्यम से लेखक ने देशभक्ति की भावना का संदेश दिया है। लेखक का मानना है कि देश के निर्माण व विकास की प्रक्रिया में प्रत्येक नागरिक को अपने-अपने तरीके से सहयोग देना चाहिए। इसमें बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी सहयोग करना चाहिए। लेखक कहता है देश की सभी चीजों से प्यार करने वाला, देश की समृद्धि के लिए प्रयास करने वाला प्रत्येक नागरिक देशभक्त है।
(ख) ‘एक कहानी यह भी’ पाठ के अनुसार परंपरागत ‘पड़ोस कल्चर’ क्या है?
(i) इसमें किसी व्यक्ति के अपने पड़ोसी के साथ घनिष्ठ व उदार संबंध होते हैं
(ii) इसमें व्यक्ति को अपने पड़ोसी से कोई सरोकार नहीं होता
(iii) इसमें व्यक्ति किसी के भी साथ अच्छे संबंध बनाकर नहीं रखता
(iv) इसमें व्यक्ति परिवार के साथ घनिष्ठता से रहता है
उत्तर :
(i) इसमें किसी व्यक्ति के अपने पड़ोसी के साथ घनिष्ठ व उदार संबंघ होते हैं पाठ के अनुसार, परंपरागत ‘पड़ोस कल्वर’ से तात्पर्य यह है कि इसमें किसी ब्यक्ति की अपने पड़ोसी के साथ घनिष्ठता होती है तथा उससे उदार संबंध बने होते हैं।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए – (1 × 5 = 5)
लखन कहा हसि हमरे जाना। सुनहु देव सब धनुष समाना॥
का छति लाभु जीन धनु तोरें। देखा राम नयन के भोरे॥
छुअत टूट रघुपतहिं न दोसू। मुनि बिनु काज करिअ कत रोसू॥
बोले चितै परसु की ओरा। रे सठ सुनेहि सुभाउ न मोरा॥
बालकु बोलि बधधों नहि तोहीं। केवल मुनि जड़ जानहि मोहीं ॥
बाल ब्रह्मचारी अति कोही। बिस्वबिदित क्षत्रियकुल द्रोही ॥
भुजबल भूमि भूप बिनु कीन्हीं। बिपुल बार महिदेवन्ह दीन्हीं ॥
सहसबाहुभुज छेदनिहारा। परसु बिलोकु महीपकुमारा॥
(i) परशुराम ने लक्ष्मण को किन शब्दों में धमकाया ?
(क) वे केवल साधारण मुनि नहीं हैं।
(ख) वे महान् योद्धा भी हैं।
(ग) उन्होंने अनेक बार क्षत्रिय राजाओं को युद्ध में परजित किया है।
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।
व्याख्यात्मक हल:
परशुराम लक्ष्मण से कहते हैं कि वे उन्हें सामान्य ऋषि न समझें | वे न केवल महान् योद्धा हैं वरन् कई बार धरती को क्षत्रिय रहित कर चुके हैं।
(ii) ‘छुअत दूट रघुपतिहु न दोसू’ यह कथन किसने, किससे कहा ?
(क) लक्ष्मण ने रामचन्द्रजी से।
(ख) विश्वामित्र ने परशुराम से।
(ग) लक्ष्मण ने परशुराम से।
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ग) लक्ष्मण ने परशुराम से।
व्याख्यात्मक हल:
परशुराम द्वारा शिवधनुष के टूटने पर क्रोधित होने पर लक्ष्मण कहते हैं कि यह धनुष पुराना व कमजोर था इसलिए श्रीराम के हाथ लगाते ही टूट गया।
(iii) यह अंश तुलसी के किस ग्रन्थ से उद्धृत है?
(क) कवितावली।
(ख) गीतावली।
(ग) राम नहछू।
(घ) रामचरितमानस।
उत्तर:
(घ) रामचरितमानस।
(iv) परशुराम की किन्हीं दो चरित्रगत विशेषताओं के बारे में बताइए।
(क) वे अत्यन्त शांत तथा क्षत्रियों के रक्षक थे।
(ख) वे अत्यन्त दयालु तथा क्षत्रियों के विनाशक थे।
(ग) वे अत्यन्त विनम्र तथा क्षत्रियों के सहायक थे।
(घ) वे अत्यन्त क्रोधी तथा क्षत्रियों के प्रबल शत्रु थे।
उत्तर:
(घ) वे अत्यन्त क्रोधी तथा क्षत्रियों के प्रबल शत्रु थे।
(v) काव्यांश में ‘नयन के भोरे’ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
(क) श्रीराम के लिए।
(ख) लक्ष्मण के लिए।
(ग) परशुराम के लिए।
(घ) विश्वामित्र के लिए।
उत्तर:
(क) श्रीराम के लिए।
व्याख्यात्मक हल:
साँवले सलोने श्रीराम की छवि इतनी मोहक थी कि वे देखने में बहुत सीधे व भोले लगते थे।
प्रश्न 10.
पाठ्यपुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) गोपियाँ व्यथित मन से उद्धव जी को क्या उलाहना देती हैं?
(i) श्रीकृष्ण द्वारा अपनी मयादाओं को छोड़ने का
(ii) श्रीकृष्ण के वापस न आने का
(iii) श्रीकृष्म द्वारा गोपियों को मधुरा बुलाने का
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) श्रीकृष्ण द्वारा अपनी मर्यादाओं को छोड़ने का श्रीकृष्ण अपने मित्र उद्धव के साथ गोपियों की आशा के विपरीत उन्हें योग का संदेश भेज देते हैं। अंत में गोपियाँ व्यथित मन से उद्धव को उलाहना देती हुई कहती हैं कि जिनके कारण हमने अपनी मर्यादाओं को छोड़ दिया था, उन्होंने अपनी मर्यादा का पालन नहीं किया। इस स्थिति में हम किस प्रकार धैर्य धारण करें।
(ख) ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ पाठ के आधार पर बताइए कि परशुराम जी ने लक्ष्मण जी की शिकायत विश्वामित्र से ही क्यों की?
(i) क्योंकि विश्वामित्र सभा में सबसे बड़े थे
(ii) क्योंकि विश्वामित्र ही केवल लक्ष्मण जी को शांत कर सकते थे
(iii) क्योंकि विश्वामित्र राम-लक्ष्मण के गुरु थे
(iv) क्योंकि लक्ष्मण जी विश्वामित्र से डरते थे
उत्तर :
(iii) क्योंकि विश्वामित्र राम-लक्ष्मण के गुरु थे लक्ष्मण जी द्वारा परशुराम जी पर व्यंग्य करने पर उन्हें बहुत क्रोध आ गया। अतः उन्होंने इस पर लक्ष्मण की शिकायत विश्वामित्र से की, क्योंकि विश्वामित्र ही राम-लक्ष्मण को राजा जनक की स्वयंवर सभा में अपने साथ लाए थे और साथ ही वे उनके गुरु भी थे। परशुराम जी का मानना था कि लक्ष्मण जी अपने गुरु की बात मानकर अवश्य चुप हो जाएँगे और उनके क्रोध से भी बच जाएँंगे।
खण्ड ‘ब’ वर्णनात्मक – प्रश्न (40 अंक)
प्रश्न 11.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए – (2 × 3 = 6)
(i) नवाब साहब ने खीरा न खाने का जो कारण बताया, क्या वह सही था? ‘लखनवी अंदाज” पाठ के आधार पर कारण सहित लिखिए।
उत्तर:
लेखक द्वारा खीरा खाने के इंकार करने के बाद नवाब साहब ने भी खीरों को खाए बिना केवल सूँघकर खिड़की से बाहर फेंक दिया। खीरान खाने का कारण बताते हुए उन्होंने कहा, ‘ खीरा लज़ीज होता है लेकिन होता है सकील, नामुराद मेदे ( अमाशय) पर बोझ डाल देता है। हमें उनके द्वारा बताया गया यह कारण उचित प्रतीत नहीं होता क्योंकि उन्होंने पहले स्वयं ही वे खीरे खरीदे थे। किन्तु लेखक द्वारा उसे खाने से इंकार करने और अपनी नवाबी शान का झूठा दिखावा करने के लिए उन्होंने खीरे बिना खाए केवल सूँघकर फेंक दिए।
(ii) मन्नू भंडारी ने अपने पिताजी के इंदौर के दिनों के बारे में क्या जानकारी दी है?
उत्तर:
मननू भंडारी ने अपने पिताजी के बारे में इंदौर के दिनों की जानकारी देते हुए कहा कि वहाँ उनके पिताजी की समाज में बड़ी प्रतिष्ठा थी, उनका सम्मान था और नाम था। कांग्रेस के साथ-साथ वे समाज-सुधार के कामों से भी जुड़े हुए थे। ये पिताजी की खुशहाली के दिन थे और उन दिनों उनकी दरियादिली के चर्चे भी खूब थे।
(iii) उस्ताद बिस्मिला खाँ को बालाजी के मंदिर रोज क्यों जाना पड़ता था? वहाँ वे किस रास्ते से गुजरते थे और क्यों ?
उत्तर:
उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ को बालाजी के मंदिर रोजाना नौबतखाने रियाज॒ के लिए जाना पड़ता था। वे रसूलनबाई और बतूलनबाई के यहाँ से होकर गुजरने वाले रास्ते से जाते थे क्योंकि इस रास्ते से जाना उन्हें अच्छा लगता था। उन्हें अपने जीवन के आरम्भिक दिनों में संगीत के प्रति आसक्ति इन्हीं गायिका बहनों को सुनकर मिली।
(iv) संस्कृति के सन्दर्भ में लेखक ने मनुष्य की योग्यता को किन-किन रूपों में दर्शाया है ? इसका कया अभिप्राय है ?
उत्तर:
नई खोज करने वाला, नया आविष्कार करने वाला तथा विकास में योगदान देने वाले नियम बनाने वाला योग्य तथा सुसंस्कृत है। उसकी योग्यता संस्कृति की पोषक है।
प्रश्न 12.
निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) लक्ष्मण के अनुसार वीर क्या नहीं किया करते? ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर :
लक्ष्मण ने परशुराम को वीरता का व्रत धारण करने वाले, घैर्यवान और अहंकार रहित बताते हुए कहा कि आप जैसे महान मुनि को अपशब्द बोलना शोभा नहीं देता। आप शूरवीर है। शूरवीर अपनी करनी युद्ध में दिखाते हैं, बातों से अपना वर्णन नहीं करते। शत्रु को युद्ध में उपस्थित पाकर अपने प्रताप की डींग मारने वाले कायर होते हैं।
(ख) कृष्ण के प्रति अपने अनन्य प्रेम को गोपियों ने किस प्रकार अभिव्यक्त किया है? ‘सूर के पद’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर :
कृष्ण के मति अपने अनन्य प्रेम को अभिव्यक्त करते हुए गोपियों ने कहा है
(i) वे श्रीकृष्ण के प्रेम में उसी प्रकार बँधी हुई हैं, जैसे चींटियाँ गुड़ पर चिपकी रहती हैं।
(ii) उनके लिए भीकृष्ज तो हारिल पक्षी की लकड़ी के समान हैं, जिस प्रकार हारिल पक्षी अपने पैरों में दबायी लकड़ी को नहीं छोड़ता है, ठीक उसी प्रकार उन्होंने मन, कर्म और वाणी से श्रीकृष्ण को अपने हृदय में बसाया हुआ है।
(iii) उन्हे श्रीकृष्ण के प्रेम के स्थान पर योग का नाम सुनकर ऐसा लगता है, जैसे उनके मुँह में कड़वी ककड़ी चली गई है।
(ग) ‘उत्साह’ कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि उन्मन और विकल कौन हैं और क्यों?
उत्तर :
‘उत्साह’ कविता के आधार पर उन्मन और विकल बादल है। सारा जगत भयंकर गर्मी से बेचैन और उदास है। जीव-जंतु आदि सभी बेचैन हो रहे हैं। प्राणी जगत की यह दयनीय दशा बादलों से देखी नहीं जा रही है। यही कारण है कि बादलों का मन कहीं नहीं टिक रहा है, इसलिए बादल को उन्मन और विकल कहा गया है।
(घ) ‘उत्साह’ कविता में कवि ने समाज में क्रांति लाने के लिए बादल को क्या करने को कहा और क्यों?
उत्तर :
कवि ने समाज में क्रांति लाने के लिए बादल से फुहार या रिमझिम बरसने के स्थान पर ‘गरजने’ के लिए कहा, क्योंकि समाज में क्रांति कोमल या मृदु भाव से नहीं आती, बल्कि उसके लिए कठोरता या विध्यस की आवश्यकता पड़ती है। कहने का तात्पर्य यह है कि ‘चत्साह’ कविता में कवि ने कोमल भावों के लिए रिमझिम बरसने अर्थात् फुहारों को तथा विध्यंस के लिए बादलों द्वारा गरजना प्रतीकों के रूप में प्रयोग किया है। कवि चाहता है कि बादल नव-सृष्टि के निर्माण के लिए जोर से गरजकर समाज में क्रांति का जोश भर दें।
प्रश्न 13.
पूरक पाद्य-पुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए – (4 × 2 = 8)
(i) पिता द्वारा भोलानाथ को खाना खिलाने के बाद भी उसकी माँ उसे खाना खिलाती थी, क्यों ? ‘माता का अँचल’ पाठ के आ६गर पर लिखिए।
उत्तर:
भोलानाथ के पिता भोलानाथ को अपने साथ रखते घुमाते-फिराते, गंगा की ओर ले जाते। वे भोलानाथ को अपने साथ चौके में बिठाकर खिलाते थे। उनके हाथ से भोजन कर जब भोलानाथ का पेट भर जाता तब उनकी माँ थोड़ा और खिलाने का हठ करती। वे बाबू जी से पेट भर न खिलाने की शिकायत करती और कहती देखिए मैं खिलाती हूँ।
(ii) रचनाकार की भीतरी विवशता ही उसे लेखन के लिए मजबूर करती है और लिखकर ही रचनाकार उससे मुक्त हो पाता है। ‘मैं क्यों लिखता हूँ” पाठ के आधार पर हिरोशिमा घटना से जोड़ते हुए इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
अज्ञेय जी के अनुसार भीतरी विवशता लेखन के लिए विवश करती है और यह विवशता अनुभूति से उत्पन्न होती है। अनुभूति, किसी रचनाकार के हृदय के समस्त भावों को बाहर निकालने और उन्हें प्रकट करने में अधिक सक्षम होती है। जब तक हृदय में अनुभूति न जागे लेखन कार्य संभव नहीं है। अज्ञेय जी बाहरी दवाब और प्रत्यक्ष अनुभव की अपेक्षा अनुभूति को लेखन के लिए अधिक महत्त्वपूर्ण मानते हैं। अनुभूति ही हृदय में संवेदना जाग्रत करके लेखन के लिए विवश करती है। लेखक अपनी इसी आंतरिक विवशता के कारण लिखने के लिए प्रेरित होता है। लेखक ने हिरोशिमा की विभीषिका को पत्थर पर उतरी मनुष्य की छाया से अनुभव किया और इसी अनुभूति के घनीभूत होते ही उसे हिरोशिमा कविता के रूप में लिख दिया।
(iii) ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ में कहा है कि ‘कटाओ’ पर किसी दुकान का न होना वरदान है, ऐसा क्यों ? भारत के अन्य प्राकृतिक स्थानों को वरदान बनाने में युवा नागरिक की क्या भूमिका हो सकती है?
उत्तर:
“कटाओ” पर किसी दुकान का न होना उसके लिए वरदान है क्योंकि यदि वहाँ पर भी दुकानें खुल जाएँगी तो उस स्थान का व्यवसायीकरण हो जाएगा। ऐसे में शायद वहाँ का प्राकृतिक सौन्दर्य नष्ट हो जाएगा। अभी वहाँ आने-जाने वाले लोगों की संख्या सीमित है। दुकानें खुलने पर आने वाले पर्यटक यहाँ गंदगी फैलाएँगे। वाहनों के आवागमन से यहाँ के तापमान और प्रदूषण में भी वृद्धि होगी।
इस स्थान और अन्य पर्यटन स्थलों की सुंदरता को बनाए रखने में युवा नागरिक महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। वे इन स्थलों की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें, वृक्षों को न काटे, सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करें, नदियों एवं अन्य जल खोतों को दूषित न करें एवं प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करें। साथ ही लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करें।.
प्रश्न 14.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए।
(क) स्वावलंबन
संकेत बिंदु
- भूमिका
- स्वावलंबन की महत्ता
- स्वयं पर विश्वास की महत्ता
उत्तर :
स्वावलंबन
मानवीय जीवन में सफलता के शिखर तक पहुँचने हेतु स्वावलंबन को आवश्यक तत्त्व माना जाता है। परावलंबी व्यक्ति उस लता के समान होता है, जो न केवल पेड़ के सहारे ऊपर बढ़ती है, बल्कि वह परजीवी भी होती है। स्वावलंबन के अभाव में व्यक्ति किसी बड़े उद्देश्य को तो प्राप्त कर ही नहीं पाता, साथ ही वह अपने व्यक्तित्य की चमक भी पूर्ण रूप से खो देता है। स्वावलंबन के दो पहलू हैं-अपना कार्य स्वयं करना और आत्मनिश्चयी बनना। विश्व में जितने भी महापुरुष हुए हैं, सभी ने अपना मार्ग स्वय निर्धारित कर सफलता प्राप्त की है। स्वामी विवेकानंद, ईश्वरचंद्र विद्यासागर, महात्मा गाँधी, बेंजामिन फ्रैंकलिन, नेपोलियन, अब्राहम लिंक्न, न्यूटन आदि अनगिनत नाम हैं, जिनके व्यक्तित्व की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता स्वावलंबन ही थी। जो व्यक्ति अपनी शक्ति पर विश्वास रखकर अपने कार्य में अग्रसर नहीं होता है, उसकी पराजय निश्चित होती है। एक प्रसिद्ध कहावत है कि ” पतन से भी बड़ा पतन यह है कि किसी को सबसे पहले स्वर्य पर ही विश्वास न हो। ” वास्तव में, स्वावलंबन ही जीवन है, जबकि परावलंबन मृत्यु के समान है। वास्तव में स्वावलंबन का अर्थ है- आत्मनिर्भरता। मनुष्य आत्मनिर्भर तभी हो सकता है जब उसमें आत्मविश्वास कूट-कूटकर भरा हुआ होगा। स्वावलंबी मनुष्य कभी भी किसी पर आश्रित नहीं रहता। ऐसा मनुष्य जीवन में आने वाले संकटों से कभी नहीं घबराता। वह अपने निर्णय स्वयं लेता है और अंततः एक दिन अपने लक्य को प्राप्त कर लेता है। स्वाबलंबी मनुष्य अपने कर्तव्य को भली-भाँति समझता है। वह कभी भी कर्त्तव्यविमुख नहीं होता। अतः स्वावलंबन मनुष्य के लिए एक महत्तपूर्ण गुण है, जिसे सभी को अपनाना चाहिए।
(ख) महानगरीय भीड़-भाड़ और मेट्रो
संकेत बिंदु
- भूमिका
- महानगरों में मेट्रो के लाभ
उत्तर :
महानगरीय भीड़-भाड़ और मेट्रो
भीड़-भाड़ किसी भी महानगर की पहघान होती है। इसी भीड़ के लिए आवागमन के अनेक साधन होते हैं। आवागमन के जो भी आधुनिक साधन आविष्कृत होते हैं, वे सबसे पहले महानगरों में ही प्रचलित होते हैं। आज के भीड़-भाड़ वाले युग में मेट्रो आवागमन के सुलभ और आधुनिक साथनों में सबसे प्रमुख साधन है। यह अनेक देशों में एक अत्यंत लोकप्रिय सार्वजनिक प्रणाली है। महानगर के कोलाहल वाले वातावरण और भाग-दौड़ भरी व्यस्त जीवन-शैली में मेट्रो में सुकून के दो पल मिल ही जाते हैं। महानगरीय जीवन में मेट्रो के अनेक लाभ हैं: जैसे-प्रदूषण के स्तर में कमी होना, सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आना, समय की बचत, ट्रैफिक जाम से बचाव, हर सूचना का स्क्रीन पर प्रदर्शित होना आदि ऐसे कई लाभ हैं, जो मेट्रो को आवागमन के लिए सुगम बनाते है। आज भारत प्रगति की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
यदि हम किसी भी महानगर को देखते हैं, तो हमें उसकी प्रगति देखकर जितनी खुशी होती है, उतनी ही निराशा उसकी बढ़ती जनसंख्या, वाहनों की अत्यधिक वृद्धि, प्रदूषण की अधिकता आदि देखकर होती है। आज हमारे देश के महानगरों में तेजी से बढ़ती जनसंख्या हमें विनाश की ओर ले जा रही है। भारतवर्ष के महानगर में सबसे बड़ी समस्या जो हर किसी को झेलनी पड़ती है, वह ट्रैफिक जाम की है। इसी समस्या से निजात पाने के लिए मेट्रो सर्वाधिक सुखद साथन है। इसके साथ-साथ कई ऐसी समस्याएँ हैं, जिन पर मेट्रो ने विजय प्राप्त कर हमारे जीवन को अत्थंत सुखद बना दिया है। दिल्ली की समस्याओं के संदर्भ में और दिल्ली मेट्रो रेल की संभावनाओं के परिप्रेक्ष्य में कहा जा सकता है कि नि संदेह इसने यहाँ के जीवन को काफी सहज कर दिया है। मेट्रो यहाँ की यातायात प्रणाली के लिए एक वरदान सिद्ध हुई है।
(ग) ग्लोबल वार्मिंग और जन-जीवन
संकेत बिंदु
- भूमिका
- बचाव
- आवागमन का सुलभ साधन
- महानगरीय जीवन हेतु सुखद साधन मेट्रो
- जन-जीवन पर प्रभाव
उत्तर :
ग्लोबल वार्मिंग और जन-जीवन
‘ग्लोबल वार्मिग’ शब्द का अर्थ है ‘संपूर्ण पृथ्वी के तापमान में वृद्धि होना ‘। वैश्विक तापमान अर्थात् ग्लोबल वार्मिंग जो आज विश्व की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। इससे न केवल मनुष्य, बल्कि पृथ्वी पर रहने वाला प्रत्येक प्राणी त्रस्त है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण जन-जीवन खतरे में पड़ गया है। न केवल जन-जीवन अपितु पृथ्वी पर रहने वाले प्राणी, जीव, पेड़-पौधे सभी खतरे में हैं। ग्लोबल वार्मिग के कारण तापमान में वृद्धि, अनिश्चित जलवायु की स्थिति और वायु तथा जल प्रदूषण में वृद्धि ने पृथ्वी पर जीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। बार-बार आती बाद्, सूखे और चक्रवातों के परिणामस्वरूप लाखों लोग काल का ग्रास बन गए हैं तथा प्रदूषण के बढ़ते स्तर से कई स्वास्थ समस्याएँ उत्पन्न हो गई है। ग्लोबल वार्मिंग से जन-जीवन पर अत्यधिक बुरा प्रभाव पड़ रहा है। यदि समय रहते ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के उपाय नहीं किए गए, तो हमारी पृथ्वी पर समाप्त हो जाएगा।
ग्लोबल वार्मिंग चिंता का विषय बन चुका है। अब समय आ चुका है कि मानय जाति इस ओर ध्यान दे तथा इसे गभीरता से ले। इसे रोकने के लिए हमें प्रदूषण को कम करना होगा। कार्बन-डाइऑक्साइड सहित अन्य गैसों के उत्सर्जन में कमी करके वृक्षारोपण को बढ़ावा देना होगा, जिससे प्रकृति में पर्यावरण संबंधी संतुलन बना रहे। कार्बन उत्सर्जन में कमी से ग्लोबल वार्मिंग के परिणामों को कम किया जा सकता है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग के दुष्परिणामों पर नियंत्रण किया जा सके।
प्रश्न 15.
किसी एक विषय पर लगभग 00 शब्दों में पत्र लिखिए। (5 × 1 = 5)
आपका मित्र पढ़ाई में बहुत अच्छा है, लेकिन किताबी कौड़ा बनकर रह गया है। उसे अन्य गतिविधियों में भी सक्रिय होने को आवश्यकता और लाभों के विषय में बताते हुए लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
पत्रलेखन
राजोरी गार्डन
नई दिल्ली।
दिनांक x x x x
प्रिय मित्र सोहन
प्रसन्न रहो।
मैं कुशल पूर्वक हूँ, विश्वास है कि आप भी प्रसनन्नचित्त होंगे। तुम्हारा पत्र मिला पढ़कर मुझे बहुत खुशी हुई कि तुमने नर्वीं कक्षा के सभी वर्गों में (वार्षिक परीक्षा में) विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इसके लिए मैं तुम्हें बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। मैं तुम्हारी कर्मठता से बहुत वाकिफ हूँ कि तुम हमेशा इधर-उधर की बातों में ध्यान न देकर अध्ययन में ही संलग्न रहते हो, लेकिन मैं समझता हूँ कि किताबी ज्ञान के साथ पाठ्यसहगामी एवं पाठ्येतर गतिविधियों में सक्रिय प्रतिभागी होना भी अत्यन्त आवश्यक है, जैसे- त्वरित भाषण, वाद-विवाद प्रतियोगिता, खेल प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी, नाटक आदि। इससे हमारा न केवल शारीरिक विकास होगा, बल्कि मानसिक विकास भी होगा। हमारे अन्दर गतिविधियों से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार के शैक्षिक कौशल भी विकसित होंगे।
अत: मैं आशा करता हूँ, कि तुम किताबी ज्ञान के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की शैक्षिक गतिविधियों में सक्रिय होकर प्रतिभागिता करोगे। माता-पिता को मेरा सादर प्रणाम और संगीता को सस्नेह आशीर्वाद कहना।
तुम्हारा मित्र
अ,ब, स,
अथवा
आपके क्षेत्र की सड़कें बदहाल अवस्था में हैं जिसके कारण आए दिन दुर्घटनाएँ होती रहती हैं। उसकी जानकारी देते हुए उपयुक्त कार्यवाई हेतु शहरी/ग्रामीण विकास मंत्री को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में,
ग्राम विकास मंत्री
संत कबीर-नगर।
विषय-अपने क्षेत्र की सड़कों की दुर्दशा के सम्बन्ध में।
माननीय महोदय,
एक सचेत नागरिक होने के नाते मैं आपका ध्यान नगर की सड़कों की दुर्दशा की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ कि आज पूरे नगर में, एक भी ऐसी सड़क नहीं है, जिन पर गड्ढे और गंदगी का अम्बार न लगा हुआ हो सड़क पर बहुत गहरे एवं बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिससे नित्य प्रति दुर्घटनाएँ होती रहती हैं। वर्षा के दिनों में तो बहुत ही बुरा हाल हो जाता है, जगह-जगह गड्ढों में पानी भर जाता है, ट्विपहिया वाहन फँस जाते हैं, राहगीर चुटैल हो जाते हैं। बस अड्डे से शहर की ओर जाने वाले मार्ग पर चलते हुए प्रतिदिन ट्रैफिक जाम रहता है, उसका कारण है सड़कों का टूटा होना, गड्ढों में पशुओं का बैठा होना या नगरपालिका द्वारा सड़कों की मरम्मत न कराना। ऐसा लगता है कि व्यवस्था नाम की कोई चीज ही नगर की सड़कों पर नहीं रही है। कई बार क्षेत्रीय नागरिकों द्वारा शिकायत करने पर भी कान पर जूँ नहीं रेंगा।
अत: आपसे निवदेन है कि शीघ्र पत्र का संज्ञान लेते हुए उपरोक्त समस्या का निदान कराएँ।
धन्यवाद !
एक नागरिक
अमृतदीप
संत कबीर नगर
दिनांक ……..
प्रश्न 16.
आप वैभवी शुक्ला हैं। आप एम.बी.बी.एस. कर चुकी हैं। आपको महिला चिकित्सालय में चिकित्सक के पद हेतु आवेदन करना है। इसके लिए आप अपना एक संक्षिप्त स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए। (5)
अथवा
आप मयंक शर्मा हैं। आपका लैंड लाइन फोन खराब हो गया है। भारत संचार निगम को खराब फोन की मरम्मत के लिए शिकायत करते हुए लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए।
उत्तर
शैक्षणिक योग्यताएँ
अन्य संबंधित योग्यताएँ
- फोर्टीज अस्पताल में रेजीडेंट के पद पर 3 वर्ष के लिए कार्यरत् (2018-2020), वर्तमान में एपेक्स अस्पताल में कार्यरत्
- स्वास्थ्य संबंधी कैंपों में प्रतिभागिता व ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी मार्गदर्शन
- विझान प्रदर्शनी में सक्रिय भागीदारी
उपलब्धियाँ
- विझान क्विज विद्यालयी स्तर प्रथम पुरस्कार (2007)
- अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान प्रतियोगिता (क्लीवलैंड में आयोजित) द्वितीय पुरस्कार (2009)
कार्येत्तर गतिविधियाँ तथा अभिरुचियाँ
- स्वास्थ्य संबंधी पत्रिकाओं का नियमित पठन
- स्वास्थ्य संबंधी कैंपों का आयोजन व उनमें सक्रिय भागीदारी
- स्वास्थ्य संबंधी कार्यशालाओं में भाग लेकर जन-सामान्य का मार्गदर्शन
संदर्भित व्यक्तियों का विवरण
- डों, महावीर प्रसाद जैन, एसोसिएट, प्रोफेसर एस.एम.एस. मेडिकल कॉलेज, जयपुर।
- डॉ. सुशीला, वरिष्ठ डॉक्टर (प्रसूति विभाग)
- फोर्टीज होंस्पिटल, जयपुर।
तिथि 7.10.20XX
स्थान जयपुर
डों. वैभवी शुक्ला
हस्ताक्षर
अथवा
प्रश्न 17.
विद्यालय वार्षिकोत्सव के अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा निर्मित हस्तकला वस्तुओं की प्रदर्शनी के प्रचार हेतु विज्ञापन लिखिए। (4 × 1 = 4)
उत्तर:
हस्तकला प्रदर्शनी
गायत्री विद्यालय, आगरा के वार्षिकोत्सव पर विद्यार्थियों द्वारा हस्तकला प्रदर्शनी लगाई गई है, जिसमें वस्तुओं का निर्माण प्राकृतिक संसाधनों द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा और स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
अत्यंत कम मूल्यों पर उपलब्ध वस्तुओं को खरीद कर कृपया विद्यार्थियों का हौसला बढ़ाएँ।
प्रदर्शनी का समय- सुबह 9.00 बजे से 3.00 बजे तक।
प्रदर्शनी का स्थान- विद्यालय का प्रांगण।
दिनांक- 3-03-20xx
अथवा
अपने मित्र को वार्षिक परीक्षा में प्रथम श्रेणी में पास होने पर शुभकामना संदेश लिखिए।
उत्तर:
दिनांक ………..
प्रातः 11 बजे
प्रिय मित्र रमेश,
आपके वार्षिक परीक्षा में प्रथम श्रेणी में पास होने पर कुछ पंक्तियों द्वारा शुभकामनाएँ भेज रहा हूँ –
दुआ है कि कामयाबी के हर शिखर पर आपका ही नाम होगा,
आपके हर कदम पर दुनिया का सलाम होगा,
आप जिन्दगी की हर परीक्षा में सफ़ल हों।
शुभकामनाओं सहित,
आपका मित्र, राहुल