Students can access the CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions and marking scheme Course A Set 2 will help students in understanding the difficulty level of the exam.
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 2 with Solutions
समय : 3 घंटा
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश:
(i) इस प्रश्नपत्र में दो खंड हैं– खंड ‘अ’ और ‘ब’। खंड अ में वस्तुपरक / बहुविकल्पीय और खँड-ब में वस्तुनिष्ठ वर्णनात्मक प्रश्न दिए यए हैं।
(ii) अश्नपत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
(iii) यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
(iv) खंड ‘अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपग्रश्नों की संख्या 44 हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपग्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य हैं।
(v) खंड “ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं; सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों
खण्ड ‘अ’ वस्तुपरक – प्रश्न (40 अंक)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए – (1 × 5 = 5)
बहुत से विद्वानों और चिंतकों ने इस बात को लेकर चिंता प्रकट की है कि भारतीय समाज आधुनिकता से बहुत दूर है और भारत के लोग अपने आप को आधुनिक बनाने की कोशिश भी नहीं कर रहे हैं।
नैतिकता, सौंदर्यबोध और अध्यात्म के समान आधुनिकता कोई शाश्वत मूल्य नहीं है। वह कई चीज़ों का एक सम्मिलित नाम है। औद्योगीकरण आधुनिकता की पहचान है। साक्षरता का सर्वव्यापी प्रसार आधुनिकता की सूचना देता है। नगर-सभ्यता का प्राधान्य आधुनिकता का गुण है। सीधी-सादी अर्थव्यवस्था मध्यकालीनता का लक्षण है। आधुनिक देश वह है, जिसकी अर्थव्यवस्था जटिल और प्रसारणशील हो और जो ‘टेक-ऑफ’ की स्थिति को पार कर चुकी हो।
आधुनिक समाज मुक्त और मध्यकालीन समाज बंद होता है। बंद समाज वह है जो अन्य समाजों से प्रभाव ग्रहण नहीं करता, जो अपने सदस्यों को भी धन या संस्कृति की दीर्घा में ऊपर उठने की खुली छूट नहीं देता, जो जाति-प्रथा और गोत्रवाद से पीड़ित है, जो अंधविश्वासी, गतानुगतिक और संकीर्ण है।
आधुनिक समाज में उन्मुक्तता होती है। उस समाज के लोग अन्य समाजों के लोगों से मिलने-जुलने में नहीं घबराते, न वे उन्नति का मार्ग खास जातियों और खास गोत्रों के लिए सीमित रखते हैं। आधुनिक समाज सामरिक दृष्टि से भी बलवान समाज होता है। जो देश अपनी रक्षा के लिए भी लड़ने में असमर्थ है, उसे आधुनिक कहलाने का कोई अधिकार नहीं है। आधुनिक समाज के लोग आलसी और निकम्मे नहीं होते। आधुनिक समाज का एक लक्षण यह भी है कि उसकी हर आदमी के पीछे होने वाली आय अधिक होती है, उसके हर आदमी के पास कोई धंधा या काम होता है और अवकाश की शिकायत प्राय: हर एक को रहती है।
(i) गद्यांश के आधार पर सही तथ्य को चुनिए।
(क) आधुनिक समाज मुक्त तथा मध्यकालीन समाज खुला होता है।
(ख) आधुनिक समाज बंद तथा मध्यकालीन समाज मुक्त होता है।
(ग) आधुनिक समाज मुक्त तथा मध्यकालीन समाज बंद होता है।
(घ) आधुनिक समाज उन्मुक्त तथा मध्यकालीन समाज जड़ होता है।
उत्तर:
(ग) आधुनिक समाज मुक्त तथा मध्यकालीन समाज बंद होता है।
(ii) शाश्वत मूल्यों में शामिल हैं-
(क) नैतिकता, सौंदर्यवोध और अध्यात्म
(ख) नैतिकता, सौंदर्ययोध और आधुनिकता
(ग) नैतिकता, अध्यात्म और आधुनिकता
(घ) सौंदर्यबोध, अध्यात्म और आधुनिकता
उत्तर:
(क) नैतिकता, सौंदर्यवोध और अध्यात्म
(iii) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए –
कथन (A): विद्वानों और चिन्तकों ने चिंता व्यक्त की है।
कारण (R): भारतीय समाज से न सिर्फ़ आधुनिकता दूर है बल्कि उसको लाने के प्रयास भी नहीं हो रहे।
(क) कथन (A) गलत है, किन्तु कारण (R) सही है।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं।
(ग) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
(घ) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं।
(iv) ‘एक बन्द समाज की विशेषताओं में कई चीजों को सम्मिलित किया जा सकता है।
उपर्युक्त कथन के पक्ष में निम्नलिखित तकों पर विचार कीजिए।
(i) जाति-प्रथा और गोत्रवाद से पीड़ित रहना।
(ii) अन्धविश्वासी, पिछड़ा और संकीर्ण होना।
(iii) धन या संस्कृति के क्षेत्र में खुली छूट देना।
विकल्प
(क) (i) सही है।
(ख) (ii) सही है।
(ग) (i) और (ii) सही हैं।
(घ) (iii) सही है।
उत्तर:
(ग) (i) और (ii) सही हैं।
व्याख्यात्मक हल:
जाति-प्रथा और गोत्रवाद, अन्धविश्वासी और संकीर्ण होना एक बन्द समाज की विशेषताएँ हैं।
(v) आधुनिक समाज की विशिष्टताओं में शामिल है –
(क) उन्मुक्तता
(ख) सामरिक बल
(ग) आलस्य
(घ) प्रबलता
उत्तर:
(घ) प्रबलता
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर, सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए – (1 × 5 = 5)
चमड़े का रंग मनुष्य-मनुजता को बाँटे
यह है जघन्य अपमान प्रति का, मानव का
धरती पर घृणा जिए, मर जाए प्रीति प्यार
यह धर्म मनुज का नहीं, धर्म दानव का।
हा ! प्रेम-नाम ही है रे जिसका महाकाव्य
यदि वही नहीं तो जीवन का क्या अर्थ यहाँ
यदि वही नहीं तो सृष्टि सभ्यता जड़ मृत है
यदि वही नहीं तो ज्ञान सकल है व्यर्थ यहाँ ।
है गर्व तुम्हें जो अपनी उज्ज्वल सफ़ेदी पर
वह मिथ्या है, छल है, घमंड है चेहरे का
रंगों का राजा तो है रंग भीतर वाला
बाहरी रंग तो द्वारपाल है पहरे का।
दुनिया ऐसी तस्वीर कि जिसके खाके में
आधी गोराई तो आधी कजलाई है,
पाँवों के नीचे यदि गौर वर्ण वसुधा
तो सिर पर श्याम गगन की छाया छाई है।
(i) काव्यांश में मुख्य रूप में किस समस्या का उल्लेख किया गया है?
(क) लिंगभेद
(ख) असमानता
(ग) रंगभेद
(घं) गैर-बराबरी
उत्तर:
(ग) रंगभेद
(ii) कवि कहता है रंगों का राजा तो है रंग भीतर वाला’- भीतर वाले रंग का क्या तात्पर्य है?
(क) व्यक्तित्व का आकर्षण
(ख) वास्तविक खूबसूरती
(ग) व्यक्तिगत आचरण
(घ) आंतरिक गुण और स्वभाव
उत्तर:
(घ) आंतरिक गुण और स्वभाव
(iii) उज्ज़्वल सफेदी पर गर्व क्या है?
(क) सदियों की परंपरा का पालन
(ख) बाज़ार का दबाव और रंगभेद
(ग) मिथ्या, छल और अभिमान
(घ) सत्य, अभिमान और यकीन
उत्तर:
(ग) मिथ्या, छल और अभिमान
(iv) कथन (A) और कारण (R) पर विचार करते हुए सही विकल्प चुनिए –
कथन (A): कवि के अनुसार जीवन व्यर्थ है।
कारण (R): जीवन तब व्यर्थ होता है जब उसमें प्रेम नहीं होता है।
(क) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) गलत है।
(ख) कथन (A) गलत है, किन्तु कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं।
(घ) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
उत्तर:
(ग) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं।
व्याख्यात्मक हल:
कवि का मानना है कि वह जीवन व्यर्थ होता है जिसमें प्रेम का भाव नहीं होता है।
(v) गोरे और काले वर्ण के लिए प्रकृति से कौन-सा प्रतीक दिया गया है?
(क) राधा और कृष्ण का
(ख) धरती और आसमान का
(ग) नदियों और सागर का
(घ) मनुज और दानव का
उत्तर:
(ख) धरती और आसमान का
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए – (1 × 4 = 4)
(i) ‘नतो तुम वहाँ जा सके, न ही मैं।’ इसका सरल वाक्य होगा
(क) तुम और मैं दोनों ही वहाँ नहीं जा सके
(ख) तुम भी वहाँ नहीं जा सके और मैं भी वहाँ नहीं जा सका
(ग) यद्यपि तुम और मैं वहाँ जा सकते थे, फिर भी नहीं जा सके
(घ) चूँकि तुम वहाँ नहीं जा सके, इसलिए मैं भी वहाँ नहीं जा सका
उत्तर:
(क) तुम और मैं दोनों ही वहाँ नहीं जा सके
व्याख्यात्मक हल:
इसमें एक मुख्य समापिका क्रिया ‘ जा सके ‘ होने के कारण यह दिए गए मिश्र वाक्य का सरल वाक्य में सही रूपांतरण होगा।
(ii) ‘सूर्योदय होते ही प्रकृति का सौंदर्य खिल उठता है। ‘ इसका संयुक्त वाक्य होगा –
(क) सूर्योदय होने पर प्रकृति का सौंदर्य खिल उठता है
(ख) सूर्योदय होता है और प्रकृति का सौंदर्य खिल उठता है
(ग) जब सूर्योदय होता है, तब प्रकृति का सौंदर्य खिल उठता है
(घ) क्योंकि सूर्योदय होता है, इसलिए प्रकृत्ति का सौंदर्य खिल उठता है
उत्तर:
(ख) सूर्योदय होता है और प्रकृति का सौंदर्य खिल उठता है
व्याख्यात्मक हल:
इसमें दो स्वतंत्र उपवाक्यों को ‘ और ‘ योजक द्वारा जोड़ा गया है अत: यह सरल वाक्य का संयुक्त वाक्य में उचित रुपांतरण है।
(iii) आपके आवाज उठाने पर सभी आपके साथ खड़े हो जाएँगे। इसका मिश्र वाक्य होगा –
(क) आपके आवाज उठाते ही सभी आपके साथ खड़े हो जाएँगे
(ख) आप आवाज उठाएँगे, तो सभी आपके साथ खड़े हो जाएँगे
(ग) आप आवाज उठाएँगे और सभी आपके साथ खड़े हो जाएँगे
(घ) आप आवाज उठाएँगे इसलिए सभी आपके साथ खड़े हो जाएँगे
उत्तर:
(ख) आप आवाज उठाएँगे, तो सभी आपके साथ खड़े हो जाएँगे
व्याख्यात्मक हल:
इस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य और एक उस पर आश्रित उपवाक्य है अत: यह सरल वाक्य का मिश्र वाक्य में उचित रुपांतरण है।
(iv) निम्नलिखित वाक्यों में मिश्र वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए सबसे सही विकल्प को चुनिए –
(1) आप कह सकते थे कि यह गलती आपने नहीं की है
(2) यदि आप अपना पक्ष रखते, तो अवश्य ही निर्दोष सिद्ध होते
(3) जब आपने गलती की ही नहीं है, तो उसका दंड आपको क्यों मिलेगा
(4) चूँकि दोषी कोई और है इसलिए आप यह दोष अपने ऊपर बिल्कुल मत लीजिए
विकल्प
(क) केवल कथन (1) सही है
(ख) कथन (2) व (3) सही हैं
(ग) कथन (3) व (4) सही हैं
(घ) कथन (1), (2), (3) व (4) सही हैं
उत्तर:
(घ) कथन (1), (2), (3) व (4) सही हैं
व्याख्यात्मक हल:
यहाँ दिए गए चारों वाक्य मिश्र वाक्य हैं।
(v) सूची (1) को सूची (2) से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए –
सूची (1) | सूची (2) |
(1) बिल्ली आई और दूध पी गई। | (i) सरल वाक्य |
(2) यदि दूध बाहर न रखा होता, तो बिल्ली ऐसा नहीं कर पाती। | (ii) संयुक्त वाक्य |
(3) हमें बिल्ली का जूठा दूध फेंकना पड़ा। | (iii) मिश्र वाक्य |
विकल्प
(क) (1)-(iii), (2)-(i), (3)-(ii)
(ख) (1)-(ii), (2)-(iii), (3)-(i)
(ग) (1)-(ii), (2)-(i), (3)-(iii)
(घ) (1)-(ii), (2)-(i), (3)-(iii)
उत्तर:
(ख) (1)-(ii), (2)-(iii), (3)-(i)
व्याख्यात्मक हल:
यहाँ दिए गए कॉलम ; में वाक्य सं. (1) संयुक्त वाक्य, वाक्य सं. (2) मिश्र वाक्य और वाक्य सं. (3) सरल वाक्य है, अत: विकल्प (ख) सही उत्तर है।
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए – (1 × 4 = 4)
(i) इनमें कर्मवाच्य का उदाहरण है –
(क) रवीना गजल नहीं गा पाती है
(ख) रवीना से गजल नहीं गाई जाती है
(ग) रवीना पैदल नहीं चल पाती है
(घ) रवीना से पैदल नहीं चला जाता है
उत्तर:
(ख) रवीना से गजल नहीं गाई जाती है
व्याख्यात्मक हल:
दिए गए विकल्पों में से विकल्प (क) और (ग) कर्तृवाच्य के उदाहरण हैं जबकि विकल्प (घ) अकर्मक क्रिया होने के कारण भाववाच्य है अतः विकल्प (ख) कर्मवाच्य का सही उत्तर है।
(ii) “दादी जी पढ़ नहीं सकतीं।’ इसका भाववाच्य होगा –
(क) दादी जी कुछ भी पढ़ नहीं पाएँगी
(ख) दादी जी से पढ़ा नहीं जा सकेगा
(ग) दादी जी से पढ़ा नहीं जा सकता
(घ) दादी जी कुछ भी पढ़ नहीं पाती हैं
उत्तर:
(ग) दादी जी से पढ़ा नहीं जा सकता
व्याख्यात्मक हल:
इसमें कर्त्ता (दादी) के साथ ‘से’ का प्रयोग है, वाक्य में ‘पढ़ना’ अकर्मक क्रिया का भाव प्रमुख है, क्रिया एकवचन, पुल्लिंग और अन्य पुरुष में है तथा कार्य की असमर्थता प्रकट करने के लिए “नहीं” का प्रयोग किया गया है।
(iii) ‘बिना सहारे बूढ़ी माँ से अब चला नहीं जाता है। ‘ इसका कर्तृवाच्य होगा –
(क) बिना सहारे बूढ़ी माँ अब चल नहीं सकेंगी
(ख) बिना सहारे बूढ़ी माँ अब चल नहीं पाती हैं
(ग) बिना सहारे बूढ़ी माँ अब चल नहीं पाएँगी
(घ) बिना सहारे बूढ़ी माँ अब चल नहीं सकती हैं
उत्तर:
(ख) बिना सहारे बूढ़ी माँ अब चल नहीं पाती हैं
व्याख्यात्मक हल:
इसमें क्रिया का विधान कर्त्ता के अनुसार है तथा दिए गए वाक्य के सही काल का प्रयोग है, जबकि अन्य तीनों वाक्यों में क्रिया का काल अथवा रूप परिवर्तित है।
(iv) निम्नलिखित वाक्यों में भाववाच्य का उदाहरण है –
(1) चलो, अब घर चलें
(2) चलो, अब घर चला जाए
(3) कैरम के बाद अब शतरंज खेली जाए
(4) हमारे द्वारा शतरंज खेली जा सकती है
विकल्प
(क) केवल (1) सही है।
(ख) (2) और (3) सही है।
(ग) (3) और (4) सही है।
(घ) (2) और (1) सही है।
उत्तर:
(क) केवल (1) सही है।
(v) सूची (1) को सूची (2) से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
सूची (1) | सूची (2) |
(1) भारत द्वारा मैच जीत लिया गया | (i) कर्तृवाच्य |
(2) गेंदबाज़ों ने मैच में बेहतरीन प्रदर्शन किया | (ii) कर्मवाच्य |
(3) विपक्षी बल्लेबाजों से क्रीज़ पर रुका नहीं जा सका | (iii) भाववाच्य |
विकल्प
(क) (1)-(ii), (2)-(i), (3)-(iii)
(ख) (1)-(i), (2)-(iii), (3)-(ii)
(ग) (1)-(ii) (2)-(iii), (3)-(i)
(घ) (1)-(i) (2)-(ii), (3)-(iii)
उत्तर:
(क) (1)-(ii), (2)-(i), (3)-(iii)
व्याख्यात्मक हल:
यहाँ दिए गए कॉलम में वाक्य सं. (1) कर्मवाच्य (ii), वाक्य सं. (2) कर्तृवाच्य (i) और वाक्य सं. (3) भाववाच्य (iii) है, अत: विकल्प (क) सही उत्तर है।
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए – (1 × 4 = 4)
(i) निम्नलिखित वाक्यों में से किसमें अकर्मक क्रिया का प्रयोग हुआ है?
(क) मेरी बहन एक कहानी पढ़ती है।
(ख) मेरी बहन एक उपन्यास पढ़ रही है।
(ग) मेरी बहन एक अच्छे विद्यालय में पढ़ती है।
(घ) मेरी बहन एक दिलचस्प पुस्तक पढ़ती है।
उत्तर:
(ग) मेरी बहन एक अच्छे विद्यालय में पढ़ती है।
व्याख्यात्मक हल:
इस वाक्य में अकर्मक क्रिया है जबकि अन्य तीनों वाक्यों में सकर्मक क्रिया है। अत: विकल्प (ग) सही है।
(ii) यह मेरा पसंदीदा रेस्तरां है- रेखांकित पद का परिचय है –
(क) सार्वनामिक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, ‘रेस्तरां’ विशेष्य
(ख) सर्वनाम, निश्वयवाचक, पुल्लिंग, एकवचन
(ग) संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन
(घ) सर्वनाम, अनिश्चयवाचक, पुल्लिंग, एकबचन
उत्तर:
(ख) सर्वनाम, निश्वयवाचक, पुल्लिंग, एकवचन
व्याख्यात्मक हल:
दिए गए वाक्य में “यह’ पद से निश्चय वाचक सर्वनाम का बोध हो रहा है। यह पुल्लिंग और एकवचन है।
(iii) उफ! ‘क्या सोचा था क्या हो गया’ में रेखांकित पद का परिचय होगा –
(क) विस्मयादिबोधक, प्रसन्नता सूचक
(ख) विस्मयादिबोधक, शोक सूचक
(ग) विस्मयादिबोधक, अचरज सूचक
(घ) विस्मयादिबोधक, घृणा सूचक
उत्तर:
(ख) विस्मयादिबोधक, शोक सूचक
व्याख्यात्मक हल:
यह पद अव्यय-विस्मयादिबोधक वाक्य है और इससे शोक का भाव प्रकट हो रहा है।
(iv) “मन की कोमलता अक्सर चोट खा जाती है” – में रेखांकित पद का परिचय होगा –
(क) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मकारक
(ख) विशेषण, गुणवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘मन’ विशेष्य
(ग) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ताकारक
(घ) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, बहुवचन, कर्ताकारक
उत्तर:
(क) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मकारक
व्याख्यात्मक हल:
‘कोमलता’ पद भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, कर्मकारक और एक वचन है अत: विकल्प (क) सही है।
(v) घर के साथ ही एक बगीचा होता था- रेखांकित पद का परिचय होगा- है
(क) संबंधबोधक, अव्यय, घर और बगीचे के बीच संबंध दर्शा रहा है।
(ख) समुच्चयबोधक, अव्यय, घर और बगीचे को जोड़ना
(गं) क्रिया-विशेषण, स्थानवाचक, ‘होता था! की विशेषता
(घ) निपात
उत्तर:
(क) संबंधबोधक, अव्यय, घर और बगीचे के बीच संबंध दर्शा रहा है।
व्याख्यात्मक हल:
यहाँ ‘के साथ’ पद संबंधबोधक अव्यय है जो घर और बगीचे के बीच संबंध को दर्शा रहा है।
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए – (1 × 4 = 4)
(i) “अर्थ बिना कब पूर्ण हैं, शब्द, सकल जग-काज।
अर्थ अगर आ जाए तो, ठाठ-बाट औ, राज ॥” इस दोहे में प्रयुक्त अलंकार है –
(क) श्लेष
(ख) उत्प्रेक्षा
(ग) मानवीकरण
(घ) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(क) श्लेष
व्याख्यात्मक हल:
इस काव्य पंक्ति में प्रयुक्त ‘अर्थ’ शब्द के दो अर्थ – (1) मतलब (2) धन होने के कारण श्लेष अलंकार है।
(ii) “कैसे कलुषित प्राण हो गए।
मानो मन पाषाण हो गए॥ ”इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है –
(क) श्लेष
(ख) उत्प्रेक्षा
(ग) मानवीकरण
(घ) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(ख) उत्प्रेक्षा
व्याख्यात्मक हल:
यहाँ कलुषित प्राणों में ‘मन के पाषाण हो जाने’ की संभावना होने के कारण “उत्प्रेक्षा’ अलंकार है।
(iii) “इधर उठाया धनुष क्रोध में और चढ़ाया उस पर बाण।
धरा, सिंधु, नभ काँपे सहसा, विकल हुए जीवों के प्राण॥ ”इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है –
(क) श्लेष
(ख) उत्प्रेक्षा
(ग) मानवीकरण
(घ) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(घ) अतिशयोक्ति
व्याख्यात्मक हल:
इस काव्य-पंक्ति में धनुष पर बाण चढ़ाते ही धरा, सागर और नभ के काँप जाने के अतिशयोक्तिपूर्ण वर्णन के कारण “अतिशयोक्ति” अलंकार है।
(iv) “एक दिवस सूरज ने सोची, छुट्टी ले लेने की बात।
सोचा कुछ पल सुकूँ मिलेगा, चलने दो धरती पर रात॥” इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है –
(क) श्लेष
(ख) उत्प्रेक्षा
(ग) मानवीकरण
(घ) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(ग) मानवीकरण
व्याख्यात्मक हल:
यहाँ सूरज को मानवीय क्रियाएँ करते दिखाए जाने के कारण ‘मानवीकरण’ अलंकार है।
(v) “कहती हुई यों उत्तरा के नेत्र जल से भर गए।
हिमकणों से पूर्ण मानो हो गए पंकज नए॥” इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है –
(क) श्लेष
(ख) उत्प्रेक्षा
(ग) मानवीकरण
(घ) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(ख) उत्प्रेक्षा
व्याख्यात्मक हल:
यहाँ उत्तरा के अश्रुपूर्ण नेत्रों में ओस कणों से युक्त कमल पुष्पों की कल्पना के कारण “उत्प्रेक्षा’ अलंकार है।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए – (1 × 5 = 5)
कुछ नहीं पूछ पाए हालदार साहब। कुछ पल चुपचाप खड़े रहे, फिर पान के पैसे चुकाकर जीप में आ बैठे और रवाना हो गए। बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-जिंदगी सब कुछ होम कर देने वालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढ़ती है। दुःखी हो गए। पंद्रह दिन बाद फिर उसी कस्बे से गुजरे। कस्बे में घुसने से पहले ही खयाल आया कि कस्बे की हृदयस्थली में सुभाष की प्रतिमा अवश्य ही प्रतिष्ठापित होगी, लेकिन सुभाष की आँखों पर चश्मा नहीं होगा। क्योंकि मास्टर बनाना भूल गया। और कैप्टन मर गया। सोचा, आज वहाँ रुकेंगे नहीं, पान भी नहीं खाएँगे, मूर्ति की तरफ़ देखेंगे भी नहीं, सीधे निकल जाएँगे। ड्राइवर से कह दिया, चौराहे पर रुकना नहीं, आज बहुत काम है, पान आगे कहीं खा लेंगे। लेकिन आदत से मजबूर आँखें चौराहा आते ही मूर्ति की तरफ् उठ गईं। कुछ ऐसा देखा कि चीखे, रोको ! जीप स्पीड में थी, ड्राइवर ने जोर से ब्रेक मारे। रास्ता चलते लोग देखने लगे। जीप रुकते-रुकते हालदार साहब जीप से कूदकर तेज-तेज कदमों से मूर्ति की तरफ लपके और उसके ठीक सामने जाकर अटेंशन में खड़े हो गए। मूर्ति की आँखों पर सरकंडे से बना छोटा-सा चश्मा रखा हुआ था, जैसा बच्चे बना लेते हैं। हालदार साहब भावुक हो गए। इतनी-सी बात पर उनकी आँखें भर आईं।
(i) हालदार साहब क्या सोचकर दुःखी हो गए?
(क) नेता जी की मूर्ति की आँखों पर चश्मा न देखकर
(ख) देशभक्तों का मज़ाक उड़ाने वाली बिकाऊ कौम को देखकर
(ग) घर-गृहस्थी, जवानी-जिंदगी आदि की बीती हुई बातें सोचकर
(घ) देश में अलग-अलग कौमों की विचारधारा में बहुत अंतर देखकर
उत्तर:
(ख) देशभक्तों का मज़ाक उड़ाने वाली बिकाऊ कौम को देखकर
व्याख्यात्मक हल:
हालदार साहब यह सोचकर दु:खी हो गए कि ऐसे लोगों का क्या होगा, जो अपनी स्वार्थ-सिद्धि के लिए किसी भी स्तर तक गिरने या बिकने को तैयार रहते हैं और अपने देश के लिए सर्वस्व बलिदान करने वाले देशभकतों का मजाक उड़ाते हैं।
(ii) “सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति की आँखों पर चश्मा नहीं होगा… । ‘हालदार साहब ऐसा क्यों सोच रहे थे ?
(क) कैप्टन के सारे चश्मे बिक जाने के कारण
(ख) कैप्टन के गंभीर रूप से बीमार हो जाने के कारण
(ग) मूर्तिकार मास्टर कौ भूल और कैप्टन की मृत्यु के कारण
(घ) नटखट बच्चों द्वारा चश्मा बार-बार उतार दिए जाने के कारण
उत्तर:
(ग) मूर्तिकार मास्टर कौ भूल और कैप्टन की मृत्यु के कारण
व्याख्यात्मक हल:
हालदार साहब ने ऐसा इसलिए सोचा क्योंकि मूर्तिकार मास्टर मूर्ति पर संगमरमर का चश्मा बनाना भूल गया था और सुभाष की मूर्ति पर अपनी छोटी-सी दुकान से रोज चश्मा लगाने वाले कैप्टन की मृत्यु हो चुकी थी।
(iii) हालदार साहब की आदत से मजबूर आँखों ने क्या किया ?
(क) चौराहे पर आते ही पान की दुकान खोजने लर्गी।
(ख) उन्होंने कैप्टन का स्मरण किया और वे नम हो गईं।
(ग) चौराहे पर आते ही स्वभावत: मूर्ति की ओर उठ गईं।
(घ) बाँस पर चश्मे लगाकर उन्हें बेचते हुए कैप्टन को खोजने लर्गी।
उत्तर:
(ग) चौराहे पर आते ही स्वभावत: मूर्ति की ओर उठ गईं।
व्याख्यात्मक हल:
हमेशा मूर्ति की आँखों पर चश्मा देखने की आदत से मजबूर हालदार साहब की आँखें चौराहा आते ही स्वाभाविक रूप से मूर्ति की ओर उठ गईं।
(iv) हालदार साहब क्यों चीख पड़े ?
(क) पान वाले का बदला हुआ व्यवहार देखकर
(ख) नेता जी की मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा लगा देखकर
(ग) नेता जी की मूर्ति के पास बहुत सारे बच्चों को एकत्र देखकर
(घ) ड्राइवर के द्वारा उनके आदेश का पालन न किए जाने के कारण
उत्तर:
(ख) नेता जी की मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा लगा देखकर
व्याख्यात्मक हल:
नेता जी की मूर्ति की आँखों पर सरकंडे का बना चश्मा देखकर हालदार साहब खुशी से चीख उठे।
(v) सरकंडे से बना छोटा-सा चश्मा किस बात का प्रतीक था ?
(क) राष्ट्रीय धरोहरों को संरक्षण देने का
(ख) हस्तकला के प्रति बढ़ रहे अनुराग का
(ग) देशभकतों के प्रति श्रद्धा व सम्मान का
(घं) सरकंडे जैसी वनस्पति को संरक्षित करने का
उत्तर:
(ग) देशभकतों के प्रति श्रद्धा व सम्मान का
व्याख्यात्मक हल:
वह चश्मा शायद किसी बच्चे द्वारा बनाया गया था और इस बात का प्रतीक था कि देश की भावी पीढ़ी में भी देशभक्तों के प्रति श्रद्धा एवं सम्मान की भावना विद्यमान है।
प्रश्न 8.
क्षितिज के गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए – (1 × 2 = 2)
(i) बालगोबिन भगत साधु की सभी परिभाषाओं पर किन गुणों के कारण खरे उतरते थे ?
(क) मधुर गायन, खेतीबाड़ी करना, गाँधीवादी दर्शन, सारा समय पूजा-पाठ में बिताना।
(ख) मृत्यु से न घबराना, हर समय भजन में लीन रहना, बेटे व बहू से बहुत प्रेम करना।
(ग) सात्विक गृहस्थ जीवन, सत्यवादिता, शुद्ध व्यवहार, कबीर दर्शन से सज्जित आत्मा।
(घ) आस्तिकता, समाज-सेवा, प्रतिदिन मंदिर जाना, रास्ते में जो भी मिले, उसे उपदेश देना।
उत्तर:
(ग) सात्विक गृहस्थ जीवन, सत्यवादिता, शुद्ध व्यवहार, कबीर दर्शन से सज्जित आत्मा।
व्याख्यात्मक हल:
सात्विक गृहस्थ जीवन व्यतीत करने, सदा सत्य बोलने , सबसे खरा व्यवहार करने और कबीर के दर्शन के प्रति सच्ची आस्था रखने के कारण बालगोबिन भगत एक सच्चे साधु की सभी परिभाषाओं पर खरे उतरते थे।
(ii) काशी को संस्कृति की पाठशाला इसलिए कहा गया है, क्योंकि –
(क) यहीं से सांस्कृतिक संरक्षण अभियान का शुभारंभ हुआ था
(ख) यहाँ के लोग अपने बच्चों को धार्मिक संस्कार देते हैं
(ग) यहाँ गली-गली में पाठशालाएँ हैं, जिनमें संस्कार सिखाए जाते हैं
(घ) यह विद्वानों, कला-मर्मज्ञों, कलाकारों, स्नेह व सद्भावना की पावन स्थली है
उत्तर:
(घ) यह विद्वानों, कला-मर्मज्ञों, कलाकारों, स्नेह व सद्भावना की पावन स्थली है
व्याख्यात्मक हल:
काशी विद्वानों, कलाकारों, साहित्य प्रेमियों, कला-मर्मज्ञों, प्रेम, अपनत्व और धार्मिक तथा सांप्रदायिक सद्भावना से युक्त पवित्र – पावन भूमि है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए – (1 × 5 = 5)
लखन कहा हसि हमरे जाना। सुनहु देव सब धनुष समाना॥
का छति लाभु जीन धनु तोरें। देखा राम नयन के भोरे॥
छुअत टूट रघुपतहिं न दोसू। मुनि बिनु काज करिअ कत रोसू॥
बोले चितै परसु की ओरा। रे सठ सुनेहि सुभाउ न मोरा॥
बालकु बोलि बधधों नहि तोहीं। केवल मुनि जड़ जानहि मोहीं ॥
बाल ब्रह्मचारी अति कोही। बिस्वबिदित क्षत्रियकुल द्रोही ॥
भुजबल भूमि भूप बिनु कीन्हीं। बिपुल बार महिदेवन्ह दीन्हीं ॥
सहसबाहुभुज छेदनिहारा। परसु बिलोकु महीपकुमारा॥
(i) परशुराम ने लक्ष्मण को किन शब्दों में धमकाया ?
(क) वे केवल साधारण मुनि नहीं हैं।
(ख) वे महान् योद्धा भी हैं।
(ग) उन्होंने अनेक बार क्षत्रिय राजाओं को युद्ध में परजित किया है।
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।
व्याख्यात्मक हल:
परशुराम लक्ष्मण से कहते हैं कि वे उन्हें सामान्य ऋषि न समझें | वे न केवल महान् योद्धा हैं वरन् कई बार धरती को क्षत्रिय रहित कर चुके हैं।
(ii) ‘छुअत दूट रघुपतिहु न दोसू’ यह कथन किसने, किससे कहा ?
(क) लक्ष्मण ने रामचन्द्रजी से।
(ख) विश्वामित्र ने परशुराम से।
(ग) लक्ष्मण ने परशुराम से।
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ग) लक्ष्मण ने परशुराम से।
व्याख्यात्मक हल:
परशुराम द्वारा शिवधनुष के टूटने पर क्रोधित होने पर लक्ष्मण कहते हैं कि यह धनुष पुराना व कमजोर था इसलिए श्रीराम के हाथ लगाते ही टूट गया।
(iii) यह अंश तुलसी के किस ग्रन्थ से उद्धृत है?
(क) कवितावली।
(ख) गीतावली।
(ग) राम नहछू।
(घ) रामचरितमानस।
उत्तर:
(घ) रामचरितमानस।
(iv) परशुराम की किन्हीं दो चरित्रगत विशेषताओं के बारे में बताइए।
(क) वे अत्यन्त शांत तथा क्षत्रियों के रक्षक थे।
(ख) वे अत्यन्त दयालु तथा क्षत्रियों के विनाशक थे।
(ग) वे अत्यन्त विनम्र तथा क्षत्रियों के सहायक थे।
(घ) वे अत्यन्त क्रोधी तथा क्षत्रियों के प्रबल शत्रु थे।
उत्तर:
(घ) वे अत्यन्त क्रोधी तथा क्षत्रियों के प्रबल शत्रु थे।
(v) काव्यांश में ‘नयन के भोरे’ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
(क) श्रीराम के लिए।
(ख) लक्ष्मण के लिए।
(ग) परशुराम के लिए।
(घ) विश्वामित्र के लिए।
उत्तर:
(क) श्रीराम के लिए।
व्याख्यात्मक हल:
साँवले सलोने श्रीराम की छवि इतनी मोहक थी कि वे देखने में बहुत सीधे व भोले लगते थे।
प्रश्न 10.
पाठ्य पुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(i) “यह दंतुरित मुस्कान’ कविता में कवि ने स्वयं को ‘प्रवासी’ और ‘ अन्य’ क्यों कहा है?
(क) कवि अतिथि के समान एक लंबे अंतराल के बाद घर आया है
(ख) क्योंकि बच्चा कवि को पहचान नहीं पा रहा है
(ग) कवि का उस घर से कोई संबंध नहीं है
(घ) उपर्युक्त सभी कथन गलत।
उत्तर:
(क) कवि अतिथि के समान एक लंबे अंतराल के बाद घर आया है
व्याख्यात्मक हल:
अपने घुमक्कड़ स्वभाव के कारण कवि अधिकतर घर से बाहर ही रहता है। वह अतिथि के समान ही एक लंबे अंतराल के बाद घर आया है, इसलिए उसने स्वयं को अन्य कहा है।
(ii) ‘संगतकार’ की प्रमुख विशेषता क्या होती है? है
(क) वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं
(ख) वे मुख्य कलाकार को पीछे छोड़कर आगे निकल जाते हैं
(गं) वे अपनी योग्यता को छिपाकर मुख्य कलाकार के कृतित्व को बढ़ाने में पूर्ण योगदान देते हैं
(घ) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
उत्तर:
(गं) वे अपनी योग्यता को छिपाकर मुख्य कलाकार के कृतित्व को बढ़ाने में पूर्ण योगदान देते हैं
व्याख्यात्मक हल:
संगतकार की विशेषता होती है कि वह अपनी योग्यता को न दर्शाकर मुख्य गायक या कलाकार की श्रेष्ठता को प्रतिष्ठित ‘करता है।
खण्ड ‘ब’ वर्णनात्मक – प्रश्न (40 अंक)
प्रश्न 11.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए – (2 × 3 = 6)
(i) नवाब साहब ने खीरा न खाने का जो कारण बताया, क्या वह सही था? ‘लखनवी अंदाज” पाठ के आधार पर कारण सहित लिखिए।
उत्तर:
लेखक द्वारा खीरा खाने के इंकार करने के बाद नवाब साहब ने भी खीरों को खाए बिना केवल सूँघकर खिड़की से बाहर फेंक दिया। खीरान खाने का कारण बताते हुए उन्होंने कहा, ‘ खीरा लज़ीज होता है लेकिन होता है सकील, नामुराद मेदे ( अमाशय) पर बोझ डाल देता है। हमें उनके द्वारा बताया गया यह कारण उचित प्रतीत नहीं होता क्योंकि उन्होंने पहले स्वयं ही वे खीरे खरीदे थे। किन्तु लेखक द्वारा उसे खाने से इंकार करने और अपनी नवाबी शान का झूठा दिखावा करने के लिए उन्होंने खीरे बिना खाए केवल सूँघकर फेंक दिए।
(ii) मन्नू भंडारी ने अपने पिताजी के इंदौर के दिनों के बारे में क्या जानकारी दी है?
उत्तर:
मननू भंडारी ने अपने पिताजी के बारे में इंदौर के दिनों की जानकारी देते हुए कहा कि वहाँ उनके पिताजी की समाज में बड़ी प्रतिष्ठा थी, उनका सम्मान था और नाम था। कांग्रेस के साथ-साथ वे समाज-सुधार के कामों से भी जुड़े हुए थे। ये पिताजी की खुशहाली के दिन थे और उन दिनों उनकी दरियादिली के चर्चे भी खूब थे।
(iii) उस्ताद बिस्मिला खाँ को बालाजी के मंदिर रोज क्यों जाना पड़ता था? वहाँ वे किस रास्ते से गुजरते थे और क्यों ?
उत्तर:
उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ को बालाजी के मंदिर रोजाना नौबतखाने रियाज॒ के लिए जाना पड़ता था। वे रसूलनबाई और बतूलनबाई के यहाँ से होकर गुजरने वाले रास्ते से जाते थे क्योंकि इस रास्ते से जाना उन्हें अच्छा लगता था। उन्हें अपने जीवन के आरम्भिक दिनों में संगीत के प्रति आसक्ति इन्हीं गायिका बहनों को सुनकर मिली।
(iv) संस्कृति के सन्दर्भ में लेखक ने मनुष्य की योग्यता को किन-किन रूपों में दर्शाया है ? इसका कया अभिप्राय है ?
उत्तर:
नई खोज करने वाला, नया आविष्कार करने वाला तथा विकास में योगदान देने वाले नियम बनाने वाला योग्य तथा सुसंस्कृत है। उसकी योग्यता संस्कृति की पोषक है।
प्रश्न 12.
निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए – (2 × 3 = 6)
(i) ‘सूरदास’ के पद के आधार पर लिखिए कि गोपियों ने किन उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलाहने दिए हैं।
उत्तर:
गोपियों ने उद्धव को उलाहने देते हुए कहा है कि तुम तो जल में पड़े हुए कमल के पत्ते के समान हो जो जल में तो रहता है पर एक दाग भी उस पर नहीं लगता तथा जल में पड़ी हुई उस तेल की गागर के समान हो जो जल में रहकर भी जल की एक बूँद के साथ
अपना संबंध नहीं रखती।
(ii) परशुराम के प्रति लक्ष्मण के व्यवहार पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
लक्ष्मण वीर, साहसी, निडर किन्तु स्वभाव से उग्र हैं। वे परशुराम के कठोर बचनों को सुनकर शांत नहीं रहते वरन् अपने बचनों सैवे भी व्यंग्य-प्रहार करते हैं, परन्तु किसी भी बात की अति बुरी होती है। लक्ष्मण क्रोधावेश में अपनी मर्यादा भूलकर परशुराम को नृपद्रोही और न जाने क्या-क्या कह जाते हैं। वे उनकी उम्र और पद की गरिमा का भी ध्यान नहीं रखते इसीलिए सारी प्रजा “हाय-हाय” कहकर उन्हें ही अनुचित कहती है।
(iii) आत्मकथ्य के कवि ने खाली करने वाले किसे और क्यों कहा है ?
उत्तर:
कवि ने उन मित्रों को खाली करने वाला बताया है जिन्होंने उसे आत्मकथा लिखने को कहा था। कवि के निजी अनुभव बहुत कटु रहे हैं। हो सकता है कि उसके मित्रों ने ही उसकी खुशी में बाधा डाली हो । इस प्रकार उसके जीवन को खुशियों से वंचित कर दिया
हो।
(iv) फ़सल नदियों के पानी का जादू, हाथों के स्पर्श की गरिमा और महिमा तथा मिट्टी का गुण धर्म किस प्रकार है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
फ़सल बिना पानी के न तो उग सकती है, न बढ़ सकती है और न पक सकती है। इसमें एक नहीं अनेक व्यक्तियों का परिश्रम तथा उनके हाथों के श्रम के साथ-साथ बीज-खाद व मिट्टी का भी योगदान होता है। यदि ये सब नहीं होगा तो बीज का न तो अंकुर बनेगा, न फ़ुसल और न दाना, अतः फ़सल इनकी गरिमा एवं महिमा के साथ-साथ मिट्टी का गुण धर्म है।
प्रश्न 13.
पूरक पाद्य-पुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए – (4 × 2 = 8)
(i) पिता द्वारा भोलानाथ को खाना खिलाने के बाद भी उसकी माँ उसे खाना खिलाती थी, क्यों ? ‘माता का अँचल’ पाठ के आ६गर पर लिखिए।
उत्तर:
भोलानाथ के पिता भोलानाथ को अपने साथ रखते घुमाते-फिराते, गंगा की ओर ले जाते। वे भोलानाथ को अपने साथ चौके में बिठाकर खिलाते थे। उनके हाथ से भोजन कर जब भोलानाथ का पेट भर जाता तब उनकी माँ थोड़ा और खिलाने का हठ करती। वे बाबू जी से पेट भर न खिलाने की शिकायत करती और कहती देखिए मैं खिलाती हूँ।
(ii) रचनाकार की भीतरी विवशता ही उसे लेखन के लिए मजबूर करती है और लिखकर ही रचनाकार उससे मुक्त हो पाता है। ‘मैं क्यों लिखता हूँ” पाठ के आधार पर हिरोशिमा घटना से जोड़ते हुए इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
अज्ञेय जी के अनुसार भीतरी विवशता लेखन के लिए विवश करती है और यह विवशता अनुभूति से उत्पन्न होती है। अनुभूति, किसी रचनाकार के हृदय के समस्त भावों को बाहर निकालने और उन्हें प्रकट करने में अधिक सक्षम होती है। जब तक हृदय में अनुभूति न जागे लेखन कार्य संभव नहीं है। अज्ञेय जी बाहरी दवाब और प्रत्यक्ष अनुभव की अपेक्षा अनुभूति को लेखन के लिए अधिक महत्त्वपूर्ण मानते हैं। अनुभूति ही हृदय में संवेदना जाग्रत करके लेखन के लिए विवश करती है। लेखक अपनी इसी आंतरिक विवशता के कारण लिखने के लिए प्रेरित होता है। लेखक ने हिरोशिमा की विभीषिका को पत्थर पर उतरी मनुष्य की छाया से अनुभव किया और इसी अनुभूति के घनीभूत होते ही उसे हिरोशिमा कविता के रूप में लिख दिया।
(iii) ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ में कहा है कि ‘कटाओ’ पर किसी दुकान का न होना वरदान है, ऐसा क्यों ? भारत के अन्य प्राकृतिक स्थानों को वरदान बनाने में युवा नागरिक की क्या भूमिका हो सकती है?
उत्तर:
“कटाओ” पर किसी दुकान का न होना उसके लिए वरदान है क्योंकि यदि वहाँ पर भी दुकानें खुल जाएँगी तो उस स्थान का व्यवसायीकरण हो जाएगा। ऐसे में शायद वहाँ का प्राकृतिक सौन्दर्य नष्ट हो जाएगा। अभी वहाँ आने-जाने वाले लोगों की संख्या सीमित है। दुकानें खुलने पर आने वाले पर्यटक यहाँ गंदगी फैलाएँगे। वाहनों के आवागमन से यहाँ के तापमान और प्रदूषण में भी वृद्धि होगी।
इस स्थान और अन्य पर्यटन स्थलों की सुंदरता को बनाए रखने में युवा नागरिक महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। वे इन स्थलों की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें, वृक्षों को न काटे, सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करें, नदियों एवं अन्य जल खोतों को दूषित न करें एवं प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करें। साथ ही लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करें।.
प्रश्न 14.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 20 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए – (6 × 1 = 6)
(i) पर्यावरण संरक्षण : समय की माँग
- मानव और पर्यावरण में अटूट संबंध,
- संरक्षण की आवश्यकता क्यों ?
- संरक्षण की योजनाओं का प्रभाव,
- सुझाव
उत्तर:
पर्यावरण संरक्षण : समय की माँग
पर्यावरण संरक्षण वर्तमान समय की सबसे बड़ी मांग है। इसमें सबसे अहम बात यह है कि यह माँग सिर्फ किसी सरकार या प्रशासन से नहीं बल्कि आमजन से प्रकृति की, उसकी ही रक्षा के लिए की जा रही है।
मानव प्रत्येक प्रकार के क्रियाकलापों के लिए पर्यावरण पर निर्भर है। मानव एक कलाकार के रूप में पर्यावरण द्वारा प्रदत्त रंगमंच पर कार्य करता है। कहीं पर्यावरण उसे प्रभावित करता है तो कहीं वह उसके साथ अनुकूलन तथा परिवर्तन करता है। इसे पर्यावरण समायोजन भी कहते हैं। मानव विभिन्न प्राकृतिक साधनों का उपयोग अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिएकरता आ रहा है। खाद्यान्नों और अन्य कच्चे पदार्थों की पूर्ति के लिए उसने भूमि को जोता है, सिंचाई और शक्ति के विकास के लिए उसने वन्य पदार्थों एवं खनिजों
का शोषण और उपयोग किया है।
संसाधन हमारी पृथ्वी पर एक निश्चित मात्रा तक पाए जाते हैं। उन्हें बनने में कई करोड़ों वर्षों का समय लगता है, हमें अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए उन्हें बेहतर भविष्य देने के लिए संसाधनों का बहुत कम उपयोग करना है जिससे हम एक श्रेष्ठ भविष्य की कल्पना कर सकें। भूमि संरक्षण के अन्तर्गत ऊपरी भूमि में 100 × 100 × 10 आकार के तालाब का निर्माण तथा ड्रेनेज लाइन पर भी गड्ढों का निर्माण किया जाता है, जिससे भूमि एवं जल का संरक्षण होता है। पर्यावरण संरक्षण के लिए घर की खाली जुमीन, बालकनी व छत पर पौधे लगाए जाएँ, आर्गेनिक खाद या जैविक खाद का उपयोग किया जाए। कपड़े के बने झोले-बैले लेकर निकलें, पॉलिथीन प्लास्टिक न लें, खिड़की से पर्दे हटाएँ व दिन में सूरज की रोशनी से काम चलाया जाए।
(ii) एक भारत, श्रेष्ठ भारत
- योजना का प्रारंभ कब?
- ऐसी योजनाओं की आवश्यकता क्यों ?
- विद्यालयों में इसे कार्य रूप में कैसे लाया गया?
- प्रभाव
उत्तर:
एक भारत, श्रेष्ठ भारत
“एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम, 31 अक्टूबर 2015 को महान् व्यक्ति और स्वतन्त्रता सेनानी सरदार बल्लभ भाई पटेल की 40 वीं जयन्ती के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा शुरू किया गया। इस योजना में देश का कोई भी एक राज्य दूसरे राज्य से हर साल एक-दूसरे की विरासत जैसे-संस्कृति, परम्परा, भाषा आदि को बढ़ावा देने के लिए जुड़ेगा। एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम अधिक पारस्परिक समझ को प्रोत्साहित करने के लक्ष्य के साथ विभिन्न भारतीय राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में रहने वाले विभिन्न संस्कृतियों के लोगों के बीच सक्रिय रूप से सम्बन्ध सुधारने का प्रयास करता है।
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक भारत श्रेष्ठ भारत के नाम से एक नई पहल शुरू करने के लिए 31 अक्टूबर 2015 को राष्ट्रीय एकता दिवस संबोधन की घोषणा की थी उदाहरणार्थ, हरियाणा राज्य तमिलनाडु से जुड़ सकता है और साहित्यिक कार्यक्रमों,
पुस्तक उत्सवों, खाद्य उत्सवों, गति उत्सवों , हरियाणा के लोगों के पर्यटन जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी समृद्ध रियासतों को लोकप्रिय बना सकता है।
इस योजना के माध्यम से एक राज्य के लोगों को अन्य राज्यों की परम्परा, संस्कृति और अन्य प्रथाओं का उचित ज्ञान मिलेगा जो लोगों के बीच समझ और सम्बन्ध को बढ़ाएगा जिससे भारत की एकता और अखण्डता में वृद्धि होगी।
यह देश भर में लोगों को लोगों से जोड़ने का एक कार्यक्रम है। भारत एक ऐसा देश है जो ‘ विविधता में एकता ‘ का सबसे अच्छा उदाहरण है। यह कार्यक्रम भारत में एकता की गुणवत्ता में सुधार के लिए भी एक पहल है। उन्होंने अपने ‘मन की बात ‘ कार्यक्रम में यह भी कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना भारत को एक सर्वोच्च भारत बनाने के लिए है। देश में एकता और सद्भाव की संस्कृति को समृद्ध करने के मुख्य लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लोगों को आसान तरीके से जोड़ने के लिए इसे विशिष्ट और प्रतिष्ठित योजना बनाने की योजना है।
(iii) ऑनलाइन शिक्षा: शिक्षा जगत में नवीन क्रांति
- वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अनिवार्यता,
- सकारात्मक प्रभाव,
- कमियाँ,
- सुझाव
उत्तर:
ऑनलाइन शिक्षा: शिक्षा जगत में नवीन क्रांति
आधुनिक समय में ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली एक वरदान की तरह है। जिसने किसी कारण शिक्षा ग्रहण नहीं की वह ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली से नए आयाम हासिल कर सकता है इसे शिक्षा का नवीनतम् रूप माना जाता है। वर्ष 1993 से ऑनलाइन शिक्षा को वैद्य शिक्षा माध्यम के रूप में भी स्वीकार किया गया है, जिन्हें प्रयुक्त भाषा में दूरस्थ शिक्षा कहा जाता है। इसमें निर्धारित पाठ्यक्रम की VS/डी वी डी और इन्टरनेट के माध्यम से शिक्षा दी जाती है। बड़ी-2 सेवाओं जैसे सिविल सर्विस, इंजीनियरिंग और मेडिकल, आदि की शिक्षा भी आज कई संस्थान ऑनलाइन उपलब्ध करवा रहे हैं।
बदलते परिवेश में टेक्नोलॉजी के भी कई बदलाव हुए हैं और इसके उपयोग भी बढ़े हैं। ऑनलाइन शिक्षा से समय बचता है साथ ही आप घर बैठे आराम से शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। बच्चे लगातार अपने शिक्षकों से ऑनलाइन कक्षा में पढ़ने के तरीकों को सीखते हैं और पढ़ने में भी रुचि रखते हैं। उदाहरण के लिए राजस्थान सरकार द्वारा स्माइल प्रोजेक्ट के तहत स्कूली बच्चों को व्हाट्सएप के माध्यम से रोजाना स्टडी मेटेरियल, वीडियो, ऑडियो आदि पहुँचाए जाते हैं। इस नई पहल से शिक्षा व्यवस्था बाधित होने की बजाए अधिक आसान हुई है। बदलते अध्ययन वातावरण ने शिक्षण को और भी रोमांचक बनाया है। इसमें आप अपने वीडियो को फिर से देख सकते हैं।
ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हमारी वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने PMeViDYA नामक प्रोग्राम की शुरूआत की। अभी ऑनलाइन शिक्षाप्रणाली पर अमल इतना नहीं हुआ है। महामारी के चलते शिक्षण संस्थानों और छात्रों को इसके अनुरूप ढालना एक चुनौती के समान है। इंटरनेट स्पीड भी एक बड़ी समस्या है। दूसरा कारण आज भी कई मध्यम वर्गीय परिवारों में स्मार्ट फोन जैसी मूल सुविधा उपलब्ध नहीं है। पाठ्यक्रम की असमानता सबसे बड़ी चुनौती है। आधुनिक युग में इसका उपयोग बहुत तेजी से बढ़ रहा है। अगर देखा जाए तो शिक्षक और छात्र अधिकतर आठ घंटे ऑनलाइन टाइम बिताते हैं जो कि मानसिक और शारीरिक स्थिति के लिए हानिकारक है। दूसरा घर की आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण माता-पिता बच्चों को मोबाइल, लेपटॉप, कम्प्यूटर जैसी सुविधा उपलब्ध नहीं करा सकते।
आज के इस डिजिटल युग में ऑनलाइन शिक्षा के प्रोत्साहन से छात्र नए-से-नए ज्ञान से परिचित हो सकेंगे।
प्रश्न 15.
किसी एक विषय पर लगभग 00 शब्दों में पत्र लिखिए। (5 × 1 = 5)
आपका मित्र पढ़ाई में बहुत अच्छा है, लेकिन किताबी कौड़ा बनकर रह गया है। उसे अन्य गतिविधियों में भी सक्रिय होने को आवश्यकता और लाभों के विषय में बताते हुए लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
पत्रलेखन
राजोरी गार्डन
नई दिल्ली।
दिनांक x x x x
प्रिय मित्र सोहन
प्रसन्न रहो।
मैं कुशल पूर्वक हूँ, विश्वास है कि आप भी प्रसनन्नचित्त होंगे। तुम्हारा पत्र मिला पढ़कर मुझे बहुत खुशी हुई कि तुमने नर्वीं कक्षा के सभी वर्गों में (वार्षिक परीक्षा में) विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इसके लिए मैं तुम्हें बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। मैं तुम्हारी कर्मठता से बहुत वाकिफ हूँ कि तुम हमेशा इधर-उधर की बातों में ध्यान न देकर अध्ययन में ही संलग्न रहते हो, लेकिन मैं समझता हूँ कि किताबी ज्ञान के साथ पाठ्यसहगामी एवं पाठ्येतर गतिविधियों में सक्रिय प्रतिभागी होना भी अत्यन्त आवश्यक है, जैसे- त्वरित भाषण, वाद-विवाद प्रतियोगिता, खेल प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी, नाटक आदि। इससे हमारा न केवल शारीरिक विकास होगा, बल्कि मानसिक विकास भी होगा। हमारे अन्दर गतिविधियों से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार के शैक्षिक कौशल भी विकसित होंगे।
अत: मैं आशा करता हूँ, कि तुम किताबी ज्ञान के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की शैक्षिक गतिविधियों में सक्रिय होकर प्रतिभागिता करोगे। माता-पिता को मेरा सादर प्रणाम और संगीता को सस्नेह आशीर्वाद कहना।
तुम्हारा मित्र
अ,ब, स,
अथवा
आपके क्षेत्र की सड़कें बदहाल अवस्था में हैं जिसके कारण आए दिन दुर्घटनाएँ होती रहती हैं। उसकी जानकारी देते हुए उपयुक्त कार्यवाई हेतु शहरी/ग्रामीण विकास मंत्री को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में,
ग्राम विकास मंत्री
संत कबीर-नगर।
विषय-अपने क्षेत्र की सड़कों की दुर्दशा के सम्बन्ध में।
माननीय महोदय,
एक सचेत नागरिक होने के नाते मैं आपका ध्यान नगर की सड़कों की दुर्दशा की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ कि आज पूरे नगर में, एक भी ऐसी सड़क नहीं है, जिन पर गड्ढे और गंदगी का अम्बार न लगा हुआ हो सड़क पर बहुत गहरे एवं बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिससे नित्य प्रति दुर्घटनाएँ होती रहती हैं। वर्षा के दिनों में तो बहुत ही बुरा हाल हो जाता है, जगह-जगह गड्ढों में पानी भर जाता है, ट्विपहिया वाहन फँस जाते हैं, राहगीर चुटैल हो जाते हैं। बस अड्डे से शहर की ओर जाने वाले मार्ग पर चलते हुए प्रतिदिन ट्रैफिक जाम रहता है, उसका कारण है सड़कों का टूटा होना, गड्ढों में पशुओं का बैठा होना या नगरपालिका द्वारा सड़कों की मरम्मत न कराना। ऐसा लगता है कि व्यवस्था नाम की कोई चीज ही नगर की सड़कों पर नहीं रही है। कई बार क्षेत्रीय नागरिकों द्वारा शिकायत करने पर भी कान पर जूँ नहीं रेंगा।
अत: आपसे निवदेन है कि शीघ्र पत्र का संज्ञान लेते हुए उपरोक्त समस्या का निदान कराएँ।
धन्यवाद !
एक नागरिक
अमृतदीप
संत कबीर नगर
दिनांक ……..
प्रश्न 16.
आपतरुणवैश्य/तरुणा वैश्य हैं। आपबी. एड कर चुके हैं, आपको विवेक इंटरनेशनल स्कूल, अब सनगर में हिंदी अध्यापक/अध्यापिका पद के लिए आवेदन करना है। इसके लिए आप अपना एक संक्षिप्त स्ववृत (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए। (5 × 1 = 5)
उत्तर:
सेवा में,
प्रबंधक.
विवेक इंटरनेशनल स्कूल
अब स नगर
विषय : हिंदी अध्यापिका के पद हेतु।
महोदय,
स्थानीय रोजगार समाचार पत्र दिनांक 05 मार्च 20xx में निकले विज्ञापन के सन्दर्भ में मैं आपके विद्यालय में हिंदी अध्यापिका के रिक्त पद हेतु अपना आवेदन प्रस्तुत करते हुए स्ववृत्त प्रेषित कर रही हूँ, जो निम्नवत् है –
नाम : कु. तरुणा वैश्य
पिता का नाम : श्री विवेक वैश्य
माता का नाम : श्रीमती सरला वैश्य
जन्मतिथि ; 4 नवंबर 1996
वर्तमान पता : 77/12 दयालबाग ,आगरा
मोबाइल न॑ : 0999xxxxxx
ई-मेल पता : [email protected]
शैक्षणिक योग्यताएँ –
अन्य सम्बन्धित योग्यताएँ –
- कंप्यूटर में एक वर्षीय डिप्लोमा
- हिंदी, अंग्रेजी में दक्षता और जर्मन भाषा का कार्य साधक ज्ञान
- जिम्मास्टिक का एक वर्षीय प्रशिक्षण प्राप्त
अभिरुचियाँ –
- संगीत गायन एवं वादन
- शिक्षण में नवाचार एवं आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करने में अभिरुचि
- खेलकूद एवं योग
स्थान
तिथि
हस्ताक्षर
अथवा
किसी कॉलेज में हिन्दी विषय में सहायक अध्यापक के रिक्त पद की जानकारी के लिए ई-मेल करें।
उत्तर:
From: [email protected]
To: [email protected]
Cc: [email protected]
दिनांक: 22-04-xx
विषय- हिन्दी विषय में सहायक अध्यापक के रिक्त पद की जानकारी हेतु
कला संकाय प्रमुख
डी.ई.आई, दयालबागृ
आगरा-282005
माननीय महोदय,
सादर सूचित करना चाहती हूँ कि मैं माधुरी वैश्य हिन्दी विभाग की शोध छात्रा हूँ। मेरी पी.एच-डी. समाप्त होने की ओर अग्रसर है। महोदय हिन्दी विभाग में सहायक अध्यापक के कुल कितने पद रिक्त हैं ? कृपया जानकारी प्रदान करें।
आपसे सहयोग की अपेक्षा में
धन्यवाद
शोधार्थी
माधुरी वैश्य
हिन्दी विभाग
कला संकाय
रजिस्ट्रेशन क्रमांक: 184186
माधुरी
Mob: 84470703xx
प्रश्न 17.
विद्यालय वार्षिकोत्सव के अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा निर्मित हस्तकला वस्तुओं की प्रदर्शनी के प्रचार हेतु विज्ञापन लिखिए। (4 × 1 = 4)
उत्तर:
हस्तकला प्रदर्शनी
गायत्री विद्यालय, आगरा के वार्षिकोत्सव पर विद्यार्थियों द्वारा हस्तकला प्रदर्शनी लगाई गई है, जिसमें वस्तुओं का निर्माण प्राकृतिक संसाधनों द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा और स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
अत्यंत कम मूल्यों पर उपलब्ध वस्तुओं को खरीद कर कृपया विद्यार्थियों का हौसला बढ़ाएँ।
प्रदर्शनी का समय- सुबह 9.00 बजे से 3.00 बजे तक।
प्रदर्शनी का स्थान- विद्यालय का प्रांगण।
दिनांक- 3-03-20xx
अथवा
अपने मित्र को वार्षिक परीक्षा में प्रथम श्रेणी में पास होने पर शुभकामना संदेश लिखिए।
उत्तर:
दिनांक ………..
प्रातः 11 बजे
प्रिय मित्र रमेश,
आपके वार्षिक परीक्षा में प्रथम श्रेणी में पास होने पर कुछ पंक्तियों द्वारा शुभकामनाएँ भेज रहा हूँ –
दुआ है कि कामयाबी के हर शिखर पर आपका ही नाम होगा,
आपके हर कदम पर दुनिया का सलाम होगा,
आप जिन्दगी की हर परीक्षा में सफ़ल हों।
शुभकामनाओं सहित,
आपका मित्र, राहुल