Students can find the 11th Class Hindi Book Antral Questions and Answers CBSE Class 11 Hindi Elective रचना स्ववृत्त (बायोडेटा) लेखन और रोज़गार संबंधी आवेदन पत्र to develop Hindi language and skills among the students.
CBSE Class 11 Hindi Elective Rachana स्ववृत्त (बायोडेटा) लेखन और रोज़गार संबंधी आवेदन पत्र
विद्याथी जीवन-कल्पनाएँ रचने एवं हकीकत में बदलने का समय :
प्रत्येक विद्यार्थी अपने भविष्य के प्रति तरह-तरह की कल्पनाएँ करता है। कुछ व्यवसाय करना चाहते हैं तो कुछ डॉक्टर, इंजीनियर या बैंक मैनेजर बनना चाहते हैं। विद्यार्थी जीवन कल्पनाओं का संसार रचने और उसे हकीकत में बदलने का काल होता है। यह काल समाप्त होते ही विद्यार्थी अपनी कल्पना साकार करने की दिशा में कदम बढ़ा देता है। वह देखता है कि उसी के समान और भी विद्यार्थी अपनी मंज्ञिल पाने के लिए किसी भर्ती कार्यालय के सामने पंक्तिबद्ध खड़े हैं।
सही स्ववृत्त कितना आवश्यक :
नौकरी को पाने के लिए सही स्ववृत्त कितना आवश्यक होता है, इसे नरेंद्र की स्थिति से जाना जा सकता है। नरेंद्र मार्केटिंग मैनेजर बनना चाहता है, पर इसकी पहली सीढ़ी है-मार्केटिंग एक्ज़ीक्यूटिव का पद। यह अखबारों, बिजनेस पत्रिकाओं और इंटरनेट पर विज्ञापन की तलाश करके आवेदन-पत्र भेजता है, परंतु या तो उत्तर नहीं मिलता है या फिर नकारात्मक उत्तर आ जाता है।
उसकी स्थिति जानकर मानव संसाधन विभाग में नियुक्त उसके चाचा ने कहा कि जिस तरह तुम्हें अच्छी नौकरी की तलाश है उसी प्रकार कंपनी को अच्छे उम्मीदवार की तलाश होती है। कई बार पाँच पदों के लिए पाँच हजार स्ववृत्तों में से पचास उम्मीदवारों को बुलाया जाता है। इनको चुनने का आधार उनका स्ववृत्त होता है। यह सुनकर नरेंद्र चौंक गया। उसके चाचा ने यह भी बताया कि जिस प्रकार ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए निर्माता लुभावने विज्ञापनों का सहारा लेता है उसी प्रकार उम्मीदवार के लिए यह आवश्यक है कि अपना स्ववृत्त सुंदर और आकर्षक बनाए।
स्ववृत्त चुंबक की तरह आकर्षक :
जिस प्रकार एक अच्छा दूत या प्रतिनिधि अपने स्वामी का आकर्षक और सुंदर चित्र प्रस्तुत करता है उसी प्रकार एक अच्छा स्ववृत्त नियुक्तिकर्ता के मन में अच्छी धारणा उत्पन्न करता है और चुंबक की भाँत ही नियुक्तिकर्ता को आकर्षित कर लेता है, इसलिए स्ववृत्त निर्माण की कला में भी निपुणता होनी चाहिए। अब नरेंद्र के चाचा ने उसका स्ववृत्त देखा और उनमें कमियाँ बताकर नया स्ववृत्त बनाने के लिए कहा। अब नरेंद्र उनकी मदद से स्ववृत्त तैयार करने में जुट गया।
स्ववृत्त क्या है?
स्ववृत्त एक विशेष प्रकार का ऐसा लेखन है, जिसमें व्यक्ति-विशेष के बारे में किसी विशेष प्रयोजन को ध्यान में रखकर सिलसिलेवार ढंग से सूचनाएँ संकलित की जाती हैं।
स्ववृत्त के पक्ष – स्ववृत्त के दो पक्ष होते हैं। पहले पक्ष में वह व्यक्ति है जिसको केंद्र में रखकर सूचनाएँ संकलित की गई होती हैं। दूसरा पक्ष उस व्यक्ति या संस्था का है जिसके लिए या जिसके प्रयोजन को ध्यान में रखकर सूचनाएँ जुटाई जाती हैं। पहला पक्ष है उम्मीदवार और दूसरा पक्ष नियोक्ता। हर सूचना नियोक्ता के काम की नहीं हो सकती। इसीलिए स्ववृत्त में वही सूचनाएँ डाली जा सकती हैं, जिनमें दूसरे पक्ष यानी नियोक्ता की दिलचस्पी हो।
स्ववृत्त संबंधी कुछ विशेष बातें :
1. स्ववृत्त में ईमानदारी होनी चाहिए। इसमें किसी प्रकार के झूठे दावे से या अतिशयोक्ति से बचना चाहिए।
2. गलत या बढ़ा-चढ़ाकर किए गए दावों से धोखा देने की कोशिश खतरनाक बन जाती है, जो साक्षात्कार के समय पकड़ में आ जाती है।
3. अपने व्यक्तित्व, ज्ञान और अनुभव के सबल-पहलुओं पर ज़ोर देना कभी नहीं भूलना चाहिए।
4. स्ववृत्त की शैली सरल, सीधी, सटीक और साफ़ होनी चाहिए ताकि पढ़ने वाले को सारी बातें एक ही नज़र में स्पष्ट हो जाएँ। उसे अर्थ निकालने के लिए दिमाग पर ज़ोर न डालना पड़े।
5. स्ववृत्त न तो ज़रूरत से अधिक लंबा हो न ही ज़्यादा छोटा। अगर बहुत संक्षिप्त हुआ तो इसमें अनेक ज़रूरी चीज़ें आने से रह जाएँगी। दूसरी ओर यदि बहुत लंबा हुआ तो पढ़ने वाला अनेक पहलुओं को नज़रअंदाज़ कर सकता है।
6. जब पद बहुत बड़ा होता है तो उसके लिए उम्मीदवार भी कम होते हैं। यदि मैनेजिंग डायरेक्टर के पद् के लिए विज्ञापन दिया जाए तो गिनती के लोग ही अपना स्ववृत्त भेजेंगे। ये सारे लोग अच्छी योग्यता और व्यापक अनुभव वाले होंगे। अतः इस स्थिति में स्ववृत्त यदि नौ-दस पृष्ठों का भी हुआ तो उसे ध्यानपूर्वक और बारीकी से पढ़ा जाएगा। लेकिन यदि नीचे के पद् के लिए विज्ञापन दिया जाए तो बड़ी संख्या में आवेदन आएँगे। यहाँ पर यदि स्ववृत्त दो-तीन पृष्ठों से अधिक लंबा हुआ तो पढ़ने वाला अपना धैर्य खो सकता है। यदि तुम्हारी तरह जो कॉलेज से तुरंत निकला है, उसका स्ववृत्त दो-तीन पृष्ठों से अधिक लंबा नहीं होना चाहिए।
7. स्ववृत्त साफ़ – सुथरे ढंग से टंकित या कंप्यूटर मुद्रित होना चाहिए। व्याकरण संबंधी भूलों को भी दूर कर लेना चाहिए। ये बातें छोटी लग सकती हैं मगर उम्मीदवार के प्रति विपरीत धारणा उत्पन्न करती हैं। नियोक्ता को ऐसा लग सकता है कि उम्मीदवार या तो लापरवाह है या फिर उसकी शिक्षा-दीक्षा ढंग से नहीं हुई है।
8. स्ववृत्त सूचनाओं का एक अनुशासित प्रवाह है। यानी इसमें प्रवाह और अनुशासन दोनों ही होने चाहिए। प्रवाह व्यक्ति परिचय से प्रारंभ होता है और शैक्षणिक योग्यता, अनुभव, प्रशिक्षण, उपलब्धियाँ, कार्येतर गतिविधियाँ इत्यादि पड़ावों को पार करता हुआ अपनी पूर्णता प्राप्त करता है। हाँ, आवश्यकतानुसार इनमें फेरबदल किया जा सकता है।
9. व्यक्ति परिचय के अंतर्गत उम्मीदवार का नाम, जन्मतिथि, उम्र, पत्र-व्यवहार का पता, टेलीफ़ोन नंबर, ई-मेल का पता आदि सूचनाएँ दी जाती हैं। व्यक्ति परिचय में जन्मतिथि और माता-पिता का नाम अवश्य डालना चाहिए। जिन पदों के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आते हैं, वहाँ एक ही नाम के कई उम्मीदवार होते हैं। पिता के नाम और जन्मदिन के आधार पर उनमें आसानी से भेद किया जा सकता है।
10. व्यक्ति परिचय के तत्काल बाद अपनी शैक्षणिक योग्यताओं की चर्चा करनी चाहिए। शैक्षणिक योग्यताओं से संबंधित सूचनाएँ एक सारणी के रूप में प्रस्तुत की जानी चाहिए जिनमें प्राप्त डिप्लोमा या डिग्री का विवरण, स्कूल या कॉलेज का नाम, बोर्ड या विश्वविद्यालय का नाम, संबंधित परीक्षा का वर्ष, परीक्षा के विषय, प्राप्तांक प्रतिशत और श्रेणी का उल्लेख होना चाहिए।
11. स्ववृत्त भेजनेवाले को अपनी उस गतिविधि या हॉबी को उल्लेख अवश्य करना चाहिए, जो उसकी उम्मीदवारी को सबल बनाती हो।
12. स्ववृत्त में दो या तीन वैसे लोगों के नाम पते भी दिए जा सकते हैं, जो उम्मीदवार के रिश्तेदार न हों मगर उसकी योग्यताओं एवं क्षमताओं से परिचित हों। जिन लोगों का विवरण दिया जाए वे प्रतिष्ठित व्यक्ति हों। यदि वे उसी क्षेत्र के जाने-माने लोग हों जिस क्षेत्र में उम्मीदवार आवेदन कर रहा है, तो यह और भी अच्छी बात है।
जो कॉलेज से तुरंत निकले हैं, उन्हें अपने प्रिसिपल या प्रोफ़ेसरों के नाम व पते देने चाहिए। कॉलेज से तुरंत निकले छात्रों के मामले में नियोक्ता, प्रिंसिपल या प्रोफ़ेसरों की राय को महत्वपूर्ण मानते हैं क्योंकि इन लोगों ने उम्मीदवार को विद्यार्थी रूप में कई वर्षो तक नज़दीक से देखा-परखा होता है।
स्ववृत्त का उदाहरण:
स्ववृत्त
नाम : नरेंद्र कुमार
पिता का नाम : सुरेश कुमार
माँ का नाम : शशि
जन्म तिथि : 18 नवंबर, 1982
वर्तमान पता : डी-72, पॉकेट चार, मयूर विहार (फ़ेज वन) दिल्ली-110092
स्थायी पता : उपर्युक्त
टेलीफ़ोन नं. : 011-2271 XXXX
मोबाइल नं. : 9868 XXXXX
ई-मेल : [email protected]
शैक्षणिक योग्यताएँ
अन्य संबंधित योग्यताएँ :
- कंप्यूटर का अच्छा ज्ञान और अभ्यास (एम.एस. ऑफ़िस तथा इंटरनेट)
- फ्रांसीसी भाषा का कार्य योग्य ज्ञान
उपलब्धियाँ :
- अखिल भारतीय वाद-विवाद प्रतियोगिता (वर्ष 2001) में प्रथम पुरस्कार।
- राजीव गांधी स्मारक निबंध प्रतियोगिता (2001) में प्रथम पुरस्कार।
- विद्यालय और महाविद्यालय क्रिकेट टीमों का कप्तान।
कार्येतर गतिविधियाँ और अभिरुचियाँ
- उद्योग-व्यापार संबंधी पत्रिकाओं और अख़बारों का नियमित पाठन।
- देश भ्रमण का शौक।
- इंटरनेट सफ़्रिंग।
- फुटबाल और क्रिकेट में अभिरुचि।
वैसे सम्मानित व्यक्तियों का विवरण जो उम्मीदवार के व्यक्तित्व और उपलब्धियों से परिचित हों
1. श्री जे॰ रामनाथन, निदेशक, आदर्श इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, लोदी इस्टेट, नई दिल्ली।
2. श्री देवेंद्र गुप्ता, प्राध्यापक (मार्केटिंग), आदर्श इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, लोदी इस्टेट, नई दिल्ली
तिथि ……….
स्थान ………..
नरेंद्र
हस्ताक्षर
इस स्ववृत्त के साथ एक आवेदन पत्र भी लिखना चाहिए। इस आवेदन पत्र के साथ ही स्ववृत्त को लगाते हैं और नियोक्ता को उसके विचार के लिए भेज देते हैं।
इस आवेदन-पत्र की आवश्यकता इसलिए होती है क्योंकि स्ववृत्त तो बना-बनाया रखा होता है। विज्ञापन देखा और भेज दिया। इससे पता नहीं चलता कि उम्मीदवार पद और संबंधित संस्थान को लेकर कितना गंभीर है। स्ववृत्त की एक कमी यह होती है कि यह सूचनाओं के सिलसिलेवार संकलन के रूप में होता है। इसमें भाषा का वह वैयक्तिक स्पर्श नहीं आ पाता। दूसरी ओर, आवेदन-पत्र हर विज्ञापन के लिए विशेष तौर पर लिखे जाते हैं। ये उम्मीदवार के भाषा-ज्ञान और अभिव्यक्ति की क्षमता की जानकारी देते हैं।
आवेदन का उद्देश्य तथा भिन्नता :
आवेदन का ढाँचा या स्वरूप तो वैसा ही होता है जैसा अन्य दूसरे आवेदन-पत्रों का होता है। लेकिन इसका उद्देश्य अलग होता है-पद के लिए अपनी योग्यता और गंभीरता के प्रति नियोक्ता का विश्वास जगाना। उद्देश्य की भिन्नता की वजह से इसकी विषय-वस्तु अन्य आवेदन-पत्रों से भिन्न होती है।
आवेदन पत्र की विषयवस्तु :
आवेदन पत्रों की विषय-वस्तु के मुख्यतः चार हिस्से होते हैं –
- पहला हिस्सा भूमिका का होता है, जिसमें उम्मीदवार विज्ञापन और विज्ञापित पद का हवाला देते हुए अपनी उम्मीदवारी की इच्छा प्रकट करता है।
- दूसरे खंड में उम्मीदवार यह बतलाता है कि वह विज्ञापन में वर्णित योग्यताओं और आवश्यकताओं को पूरा करने में किस प्रकार सक्षम है।
- तीसरे खंड में उम्मीदवार पद और संस्थान के प्रति अपनी गंभीरता और अभिरुचि को अभिव्यक्त करता है।
- चौथा खंड उपसंहार यानी आवेदन-पत्र की विषय-वस्तु के औपचारिक समापन के लिए होता है।
उदाहरण
मार्केटिंग एक्ज्रीक्यूटिव पद हेतु आवेदन-पत्र
सेवा में,
महाप्रबंधक (मानव संसाधन)
मानव संसाधन विभाग
इंडिया केमिकल्स लिमिटेड
36, न्यू लिंक रोड़
अंधेरी, मुंबई-400053
विषय : मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव पद के लिए आवेदन
महोदय,
आज दिनांक 06 अप्रैल, 2019 को दिल्ली से प्रकाशित नवभारत टाइम्स के प्रातः संस्करण में प्रकाशित विज्ञापन से ज्ञात हुआ है कि आपकी कंपनी को मार्केटिंग एक्ज़ीक्यूटिक्स की आवश्यकता है। मैं इस पद के लिए अपना आवेदन प्रस्तुत कर रहा हूँ। मेरा स्ववृत्त इस आवेदन के साथ संलग्न है। इसका अवलोकन करने पर आप पाएँगे कि मैं इस पद के लिए पूरी तरह से उपयुक्त उम्मीदवार हूँ। मैं विज्ञापन में आपके द्वारा वर्णित सभी योग्यताओं और अर्हताओं को पूरा करता हूँ। संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है –
(क) मैं विज्ञान का छात्र रहा हूँ और रसायन शास्त्र मेरा प्रिय विषय रहा है। मैंने इस विषय में ऑनर्स के साथ प्रथम श्रेणी में स्नातक की उपाधि पाई है। मैं आपकी कंपनी की गतिविधियों और उत्पादों के वैज्ञानिक पहलुओं से न केवल पूरी तरह से वाकिफ़ हूँ बल्कि उन्हें आपके ग्राहकों के समक्ष सरल शब्दों में प्रस्तुत करने की भी क्षमता रखता हूँ।
(ख) मैंने मार्केटिंग में प्रथम श्रेणी में एम.बी.ए, किया है और मुझे मार्केटिंग के विभिन्न सैद्धांतिक और व्यावहारिक पहलुओं का पूरा ज्ञान है।
(ग) मैं लिखित और मौखिक दोनों प्रकार से स्वयं को अभिव्यक्त करने में सक्षम हूँ। मुझे वाद-विवाद और निबंध की अखिल भारतीय प्रतियोगिताओं में प्रथम पुरस्कार मिले हैं।
(घ) मैं अपने विद्यालय और महाविद्यालय की क्रिकेट टीमों का कप्तान रहा हूँ। इसमें मेरी टीम भावना और नेतृत्व क्षमता प्रमाणित होती है।
(ङ) मैं पर्यटन का शौक रखता हूँ और लगभग पूरे देश के महत्वपूर्ण स्थानों का दौरा कर चुका हूँ। मेरी यह प्रकृति पद की आवश्यकता के अनुकूल है।
मैं उद्योग और व्यवसाय से जुड़ी पत्र-पत्रिकाएँ पढ़ने का शौक रखता हूँ। इनके माध्यम से मैं आपकी कंपनी की गतिविधियों से निरंतर अवगत रहा हूँ कि अपनी स्थापना के कुछ ही वर्षों के अंदर कंपनी की गतिविधियों में व्यापक विस्तार हुआ
आवेदन का उद्देश्य तथा भिन्नता :
आवेदन का ढाँचा या स्वरूप तो वैसा ही होता है जैसा अन्य दूसरे आवेदन-पत्रों का होता है। लेकिन इसका उद्देश्य अलग होता है-पद के लिए अपनी योग्यता और गंभीरता के प्रति नियोक्ता का विश्वास जगाना। उद्देश्य की भिन्नता की वजह से इसकी विषय-वस्तु अन्य आवेदन-पत्रों से भिन्न होती है।
आवेदन पत्र की विषयवस्तु :
आवेदन पत्रों की विषय-वस्तु के मुख्यतः चार हिस्से होते हैं –
- पहला हिस्सा भूमिका का होता है, जिसमें उम्मीदवार विज्ञापन और विज्ञापित पद का हवाला देते हुए अपनी उम्मीदवारी की इच्छा प्रकट करता है।
- दूसरे खंड में उम्मीदवार यह बतलाता है कि वह विज्ञापन में वर्णित योग्यताओं और आवश्यकताओं को पूरा करने में किस प्रकार सक्षम है।
- तीसरे खंड में उम्मीदवार पद और संस्थान के प्रति अपनी गंभीरता और अभिरुचि को अभिव्यक्त करता है।
- चौथा खंड उपसंहार यानी आवेदन-पत्र की विषय-वस्तु के औपचारिक समापन के लिए होता है।
उदाहरण
मार्केटिंग एक्ज़ीक्यूटिव पद हेतु आवेदन-पत्र
सेवा में,
महाप्रबंधक (मानव संसाधन)
मानव संसाधन विभाग
इंडिया केमिकल्स लिमिटेड
36, न्यू लिंक रोड़
अंधेरी, मुंबई-400053
विषय : मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव पद के लिए आवेदन
महोदय,
आज दिनांक 06 अप्रैल, 2019 को दिल्ली से प्रकाशित नवभारत टाइम्स के प्रातः संस्करण में प्रकाशित विज्ञापन से ज्ञात हुआ है कि आपकी कंपनी को मार्केटंग एक्ज़ीक्यूटिक्स की आवश्यकता है। मैं इस पद के लिए अपना आवेदन प्रस्तुत कर रहा हूँ। मेरा स्ववृत्त इस आवेदन के साथ संलग्न है। इसका अवलोकन करने पर आप पाएँगे कि मैं इस पद के लिए पूरी तरह से उपयुक्त उम्मीदवार हूँ। मैं विज्ञापन में आपके द्वारा वर्णित सभी योग्यताओं और अर्हताओं को पूरा करता हूँ। संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है –
(क) मैं विज्ञान का छात्र रहा हूँ और रसायन शास्त्र मेरा प्रिय विषय रहा है। मैंने इस विषय में ऑनर्स के साथ प्रथम श्रेणी में स्नातक की उपाधि पाई है। मैं आपकी कंपनी की गतिविधियों और उत्पादों के वैज्ञानिक पहलुओं से न केवल पूरी तरह से वाकिफ़ हूँ बल्कि उन्हें आपके ग्राहकों के समक्ष सरल शब्दों में प्रस्तुत करने की भी क्षमता रखता हूँ।
(ख) मैंने मार्केटिंग में प्रथम श्रेणी में एम.बी.ए, किया है और मुझे मार्केटिंग के विभिन्न सैद्धांतिक और व्यावहारिक पहलुओं का पूरा ज्ञान है।
(ग) मैं लिखित और मौखिक दोनों प्रकार से स्वयं को अभिव्यक्त करने में सक्षम हूँ। मुझे वाद-विवाद और निबंध की अखिल भारतीय प्रतियोगिताओं में प्रथम पुरस्कार मिले हैं।
(घ) मैं अपने विद्यालय और महाविद्यालय की क्रिकेट टीमों का कप्तान रहा हूँ। इसमें मेरी टीम भावना और नेतृत्व क्षमता प्रमाणित होती है।
(ङ) मैं पर्यटन का शौक रखता हूँ और लगभग पूरे देश के महत्वपूर्ण स्थानों का दौरा कर चुका हूँ। मेरी यह प्रकृति पद की आवश्यकता के अनुकूल है।
मैं उद्योग और व्यवसाय से जुड़ी पत्र-पत्रिकाएँ पढ़ने का शौक रखता हूँ। इनके माध्यम से मैं आपकी कंपनी की गतिविधियों से निरंतर अवगत रहा हूँ कि अपनी स्थापना के कुछ ही वर्षों के अंदर कंपनी की गतिविधियों में व्यापक विस्तार हुआ है। मेरी सूचना के अनुसार कंपनी ने भविष्य के लिए अत्यंत महत्वाकांक्षी योजनाएँ बनाई हैं। मैं महसूस करता हूँ कि ऐसे माहौल में मुझे न केवल अपनी उन्नति और विकास का अवसर मिलेगा बल्कि मैं कंपनी की उन्नति और विकास में भी योगदान कर सकूँगा।
अनुरोध है कि उपर्युक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए मेरे आवेदन पर सकारात्मक रूप से विचार करें और मुझे मार्केटिंग एक्ज्जीक्यूटिव के पद पर नियुक्त करें।
सधन्यवाद
भवदीय
(नरेंद्र कुमार)
आवेदन पत्र के अन्य उदाहरण –
1. शिक्षा निदेशालय, दिल्ली को विभिन्न विषयों के प्रशिक्षित स्नातक अध्यापकों की आवश्यकता है। इस पद के लिए शिक्षा निदेशक को आवेदन पत्र।
शिक्षा निदेशक
शिक्षा निदेशालय
पुराना सचिवालय, नई दिल्ली।
विषय – प्रशिक्षित स्नातक अध्यापकों की भर्ती हेतु आवेदन-पत्र।
महोदय,
मुझे 05 फरवरी, 20XX को प्रकाशित ‘दैनिक जागरण’ समाचार-पत्र से ज्ञात हुआ है कि शिक्षा निदेशालय को विभिन्न विषयों के प्रशिक्षित स्नातक अध्यापकों की आवश्यकता है। प्रार्थी भी स्वयं को टी॰जी॰टी० अंग्रेज़ी के उम्मीदवार के रूप में प्रस्तुत कर रहा है, जिसका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है :
नाम – क०ख०ग०
पिता का नाम – श्री राम स्वरूप
जन्मतिथि – 25 दिसंबर, 1988
पता – य०र०ल० नगर।
शैक्षणिक योग्यताएँ –
दसवीं कक्षा – सी०बी०एस०ई०, नई दिल्ली – 2003 – 70%
बारहवीं कक्षा – सी०बी०एस०ई०, नई दिल्ली – 2005 – 79%
बी० ए० – दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली – 2008 – 72%
एम०ए० – इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, नई दिल्ली 2010 – 76%
बी० एड् – इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, नई दिल्ली 2011 – 70%
अनुभव – अभिनव पब्लिक स्कूल में अंग्रेज़ी अध्यापक पद पर एक साल अनुबंध के आधार पर शिक्षण-कार्य। घोषणा- मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि सेवा का अवसर मिलने पर पूरी निष्ठा एव ईमानदारी से कार्य करूँगा।
धन्यवाद।
भवदीय
हस्ताक्षर : ……….
(क॰ख०ग०)
दिनांक : 07 फरवरी, 20XX
संलग्नक-शैक्षणिक एवं अनुभव प्रमाण-पत्रों की छायांकित प्रतियाँ।
2. चाँदनी चौक स्थित दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के पुस्तकालयाध्यक्ष को पुस्तकालय सहायक के पद के लिए आवेदन पत्र।
पुस्तकालयाध्यक्ष
दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी
चाँदनी चौक, नई दिल्ली।
विषय – पुस्तकालय सहायक हेतु आवेदन पत्र।
महोदय,
22 जनवरी, 20XX को नवभारत टाइम्स में छपे विज्ञापन से ज्ञात हुआ कि आपके पुस्तकालय में सहायकों के कुछ पद रिक्त हैं। प्रार्थिनी भी उक्त पद के लिए अपना आवेदन प्रस्तुत कर रही है, जिसका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है
प्रार्थिनी का नाम – क०ख०ग०
पिता का नाम – श्री सुखवीर सिंह
जन्मतिथि – 14 दिसंबर, 1987
पता – य०र०ल० नगर।
शैक्षणिक योग्यताएँ –
प्रार्थिनी का नाम – क० ख०ग०
पिता का नाम – श्री सुखवीर सिंह
जन्मतिथि – 14 दिसंबर, 1987
पता – य०र०ल० नगर।
शैक्षणिक योग्यताएँ –
दसवीं कक्षा – सी०बी०एस० ई०, नई दिल्ली – 2002 – 70%
बारहवीं कक्षा – सी०बी०एस०ई०, नई दिल्ली – 2004 – 68%
बी० ए० – दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली – 2007 – 63%
बी० लिब० – महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय – 2010 – 65%
कंप्यूटर प्रशिक्षण – एफ० टेक० संस्थान – 2012 – A+
(दो वर्षीय)
अनुभव-छोटूराम पुस्तकालय रोहतक में 1 वर्ष का कार्यानुभव।
आशा है कि आप मेरी योग्यताओं पर विचार करते हुए मुझे सेवा का अवसर प्रदान करेंगे।
सधन्यवाद्।
प्रार्थिनी
हस्ताक्षर : ………
(क॰ख॰ग०)
दिनांक : 02 फरवरी, 20XX
संलग्नक – शैक्षणिक एवं अनुभव प्रमाण-पत्रों की फाटो प्रतियाँ।
3. सुविधा इलेक्ट्रॉनिक्स (प्रा० लि०), जालंधर, पंजाब को मार्केटिंग एक्ज़ीक्यूटिव पद के लिए आवेदन पत्र।
प्रबंधक
सुविधा इलेक्ट्रॉनिक्स (प्रा० लि०)
जालंधर, पंजाब।
विषय-मार्केटिंग एक्ज़ीक्यूटिव पद के लिए आवेदन-पत्र।
मान्यवर,
चंडीगढ़ से प्रकाशित दिनांक 25 फरवरी, 20XX के ‘पंजाब केसरी’ समाचार-पत्र से ज्ञात हुआ कि सुविधा इलेक्ट्रॉंनिक्स को कुछ मार्केटिंग एक्ज़ीक्यूटिव की आवश्यकता है। स्वयं को इस पद के योग्य समझते हुए मैं अपना आवेदन-पत्र प्रेषित कर रहा हूँ। मेरा संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है :
नाम – क०ख०ग०
पिता का नाम – श्री फूल सिंह सैनी
जन्मतिथि – 10 जुलाई, 1989
पता – प०फ०ब० नगर।
शैक्षणिक योग्यताएँ –
दसवीं कक्षा – सी०बी०एस०ई०, नई दिल्ली – 2003 – 62%
बारहवीं कक्षा – सी०बी०एस०ई०, नई दिल्ली – 2005 – 73%
बी० बी० ए० – पंजाब टेक्निकल विश्वविद्यालय – 2008 – 70%
एम० बी० ए० – पंजाब विश्वविद्यालय – 2010 – 73%
अनुभव-फेना डिटर्जेंट कंपनी में एक वर्ष का अनुभव।
आशा है कि आप सेवा का अवसर प्रदान करके कृतार्थ करेंगे।
धन्यवाद।
भवदीय
हस्ताक्षर : ………
(क॰ख०ग०)
दिनांक : 28 फरवरी, 20XX
संलग्नक – शैक्षणिक तथा प्रशिक्षण संबंधी प्रपत्रों की छाया प्रतियाँ।
4. खादी ग्रामोद्योग बोर्ड, किंग्सवे कैंप, दिल्ली के महाप्रबंधक को विक्रय प्रतिनिधि (सेल्स एक्ज़ीक्यूटिव ) पद के लिए आवेदन पत्र।
महाप्रबंधक
खादी ग्रामोद्योग
किंग्सवे कैंप, नई दिल्ली।
विषय-विक्रय प्रतिनिधि पद हेतु आवेदन-पत्र।
महोदय,
दिनांक 15 सितंबर, 20XX के ‘पंजाब केसरी’ समाचार-पत्र से ज्ञात हुआ कि गांधी जयंती के अवसर पर खादी एवं हथकरघा की बनी वस्तुओं की बिक्री बढ़ाने हेतु इस बोर्ड को विक्रय प्रतिनिधियों की आवश्यकता है। इस पद के लिए मैं भी आवेदन-पत्र भेज रहा हूँ। मेरा संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है :
नाम – क॰ख०ग०
पिता का नाम – श्री फूल सिंह
जन्मतिथि – 15 दिसंबर, 1988
पता – य०र०ल० नगर।
शैक्षणिक योग्यताएँ –
दसवीं कक्षा – सी०बी०एस० ई०, नई दिल्ली – 2003 – 72%
बारहवीं कक्षा – सी०बी०एस० ई०, नई दिल्ली – 2005 – 80%
बी० बी०ए० – पंजाब टेक्निकल विश्वविद्यालय – 2008 – 85%
एम०बी०ए० – पंजाब टेक्निकल विश्वविद्यालय – 2010 – 83%
अनुभव-भारत हैंडलूम में अंशकालिक विक्रय प्रतिनिधि के रूप में एक साल का अनुभव। घोषणा-उपर्युक्त विवरण पूर्णतया सत्य है। इसमें न कुछ झूठ है और न कुछ छिपाया गया है। मैं आपको आश्वस्त करता हूँ कि सेवा का मौका मिलने पर पूर्णतया संतुष्ट रखने का प्रयास करूँगा।
धन्यवाद।
भवदीय
हस्ताक्षर : ………
(क०ख०ग०)
दिनांक : 16 सितंबर, 20XX
संलग्नक-समस्त प्रमाण-पत्रों एवं अनुभव प्रमाण-पत्र की छाया प्रतियाँ।
5. दिल्ली नगर निगम, सिविल लाइंस क्षेत्र, दिल्ली के आयुक्त को प्राथमिक अध्यापक के पद के लिए आवेदन पत्र।
आयुक्त
दिल्ली नगर निगम
सिविल लाइंस क्षेत्र
16, राजपुर रोड़, नई दिल्ली।
विषय-प्राथमिक अध्यापक पद हेतु आवेदन पत्र।
मान्यवर,
दिनांक 15 जनवरी, 20XX के ‘जनसत्ता’ दैनिक समाचार-पत्र से ज्ञात हुआ कि सिविल लाइंस क्षेत्र में प्राथमिक कक्षा के बच्चों को पढ़ाने के लिए अध्यापकों के कुछ पद रिक्त हैं। मैं भी इस पद के लिए अपना आवेदन पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ। मेरा संक्षिप्त व्यक्तिगत विवरण इस प्रकार है :
नाम – क०ख०ग०
पिता का नाम – श्री राम रतन
जन्मतिथि – 10 अक्तूबर, 1990
पता – य०र०ल० नगर।
शैक्षणिक योग्यताएँ –
दसवीं कक्षा – सी०बी०एस०ई०, नई दिल्ली – 2005 – 78%
बारहवीं कक्षा – सी०बी०एस०ई०, नई दिल्ली – 2007 – 85%
जे०बी०टी० – डाइट, केशवपुरम, नई दिल्ली – 2009 – 68%
कंप्यूटर कोर्स (एक वर्षीय) – नीट संस्थान – 2010 – A+ ग्रेड
सी०टी०ई०टी० – सी०बी०एस० ई०, नई दिल्ली – 2011 – 66%
अनुभव-नवोदय शिक्षा संस्थान में प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने का एक साल का अनुभव। आशा है कि आप मेरी योग्यताओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए सेवा का अवसर प्रदान करेंगे। सधन्यवाद।
भवदीय
हस्ताक्षर : …………..
(क॰ख॰ग०)
दिनांक : 20 जनवरी, 20XX
संलग्नक-शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों एवं अनुभव प्रमाण-पत्र की छाया प्रतियाँ।
6. स्वास्थ्य मंत्रालय, नई दिल्ली के निदेशक को कंप्यूटर टाइपिस्ट पद के लिए आवेदन पत्र। निदेशक
स्वास्थ्य मंत्रालय
दिल्ली।
विषय-कंप्यूटर टाइपिस्ट पद के लिए आवेदन पत्र।
महोदय,
दिनांक 14 फरवरी, 20XX के ‘नवभारत टाइम्स’ समाचार-पत्र से ज्ञात हुआ कि आपके विभाग में कंप्यूटर टाइपिस्ट के पद रिक्त हैं। प्रार्थी स्वयं को इस पद के योग्य मानते हुए आवेदन पत्र प्रस्तुत कर रहा है, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है :
नाम – क०ख०ग०
पिता का नाम – श्री राम सिंह
जन्मतिथि – 15 अप्रैल, 1991
पता – य०र०ल० नगर।
शैक्षणिक योग्यताएँ –
दसवीं कक्षा – सी०बी०एस०ई०, नई दिल्ली – 2005 – 73%
बारहवीं कक्षा – सी०बी०एस० ई०, नई दिल्ली – 2007 – 78%
बी० सी०ए० – एमिटी विश्वविद्यालय नोएडा, गौतम बुद्ध नगर – 2010 – 72%
टंकण प्रशिक्षण – छह माह का पाठ्यक्रम – 2011
अनुभव-चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट, दिल्ली में कंप्यूटर ऑपरेटर पद पर एक साल (अंशकालिक) का अनुभव। घोषणा-मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि उपर्युक्त विवरण मेरे ज्ञान से पूर्णतया सत्य हैं। इनमें न कुछ झूठ है और न कुछ छिपाया गया है।
आशा है कि मेरी योग्यताओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए आप मुझे सेवा का अवसर प्रदान करेंगे। सधन्यवाद।
प्रार्थी
हस्ताक्षर : ………
(क०ख०ग०)
दिनांक : 18 फरवरी, 20XX
संलग्नक-प्रमाण-पत्रों एवं अनुभव प्रमाण-पत्र की छायांकित प्रतियाँ।
7. किसी प्रतिष्ठित समाचार-पत्र में ‘पत्रकार’ पद के लिए आवेदन पत्र।
संपादक
दैनिक जागरण
सेक्टर – 62, गौतम बुद्ध नगर,
नोएडा (उ० प्र०)।
विषय-‘पत्रकार’ पद हेतु आवेदन पत्र।
मान्यवर,
दिनांक 30 जनवरी, 20XX को इस प्रतिष्ठित समाचार-पत्र में छपे विज्ञापन संख्या 007 / 20XX से ज्ञात हुआ कि आपके प्रकाशन समूह को कुछ पत्रकारों की आवश्यकता है। इस पद के लिए मैं भी अपना आवेदन-पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ। मेरा संक्षिप्त व्यक्तिगत विवरण निम्नलिखित है :
नाम – क०ख०ग०
पिता का नाम – श्री प्रकाश चंद मौर्य
जन्मतिथि – 15 जुलाई, 1990
पता – य०र०ल० नगर।
शैक्षणिक योग्यताएँ –
दसवीं कक्षा – सी०बी०एस० ई०, नई दिल्ली – 2005 – 80%
बारहवीं कक्षा – सी०बी०एस०ई०, नई दिल्ली – 2007 – 75%
बी० ए० – दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली – 2010 – 63%
पत्रकारिता डिप्लोमा – जे० एन०यू०, नई दिल्ली – 2011 – प्रथम श्रेणी
कार्यानुभव-सांध्य टाइम्स (दिल्ली से प्रकाशित) में 20 नवंबर, 20XX से अब तक पत्रकार के रूप में कार्यरत। घोषणा-मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि यदि मुझे सेवा का अवसर प्रदान किया जाता है, तो मैं अपने कार्य-व्यवहार से आपको संतुष्ट रखने का पूर्ण प्रयास करूँगा।
धन्यवाद।
प्रार्थी
हस्ताक्षर :
(क०ख०ग०)
दिनांक : 02 फरवरी, 20XX
संलग्नक-शैक्षणिक योग्यताओं एवं अनुभव प्रमाण-पत्र की छायांकित प्रतियाँ।
8. ‘साथी’ नामक स्वयंसेवी संस्था, जो आलमबाग, लखनऊ, उ० प्र० में स्थित है, को निकटवर्ती बस्तियों एवं गाँवों में लोगों के बीच एड्स के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कुछ स्वयंसेवियों की ज़रूरत है। अत: इस संस्था के प्रबंधक को आवेदन पत्र।
प्रबंधक
‘साथी’ स्वयंसेवी संस्था
आलमबाग, लखनऊ (उ० प्र०)।
विषय-स्वयंसेवी की भर्ती के संबंध में।
मान्यवर,
दिनांक 05 जनवरी, 20XX को लखनऊ से प्रकाशित ‘अमर उजाला’ समाचार-पत्र में छपे विज्ञापन से ज्ञात हुआ कि आपकी संस्था को एड्स के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए स्वयंसेवियों की ज़रूरत है। प्रार्थी भी इसी संबंध में अपना आवेदन-पत्र प्रस्तुत कर रहा है, जिसका संक्षिप्त व्यक्तिगत विवरण निम्नलिखित है :
नाम – क०ख०ग०
पिता का नाम – श्री गोपाल सिंह कुशवाहा
जन्मतिथि – 19 मार्च, 1989
पता – प०फ०ब० नगर।
शैक्षणिक योग्यताएँ –
अपना आवेदन-पत्र प्रस्तुत कर रहा है, जिसका संक्षिप्त व्यक्तिगत विवरण निम्नलिखित है :
नाम – क०ख०ग०
पिता का नाम – श्री गोपाल सिंह कुशवाहा
जन्मतिथि – 19 मार्च, 1989
पता – प०फ०ब० नगर।
शैक्षणिक योग्यताएँ –
दसवीं कक्षा – मा०शि०प०, इलाहाबाद (उ०प्र०) – 2004 – 63%
बारहवीं कक्षा – मा०शि०प०, इलाहाबाद (उ०प्र०) – 2006 – 73%
बी० ए० – लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ – 2009 – 65%
लोकसंपर्क में द्विवर्षीय डिप्लोमा – लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ – 2011 – प्रथम श्रेणी
अनुभव-‘सहयोग’ संस्था में एक वर्ष का कार्यानुभव। आशा है कि आप सेवा का अवसर प्रदान करके कृतार्थ करेंगे।
सधन्यवाद।
प्रार्थी
हस्ताक्षर :
(क०ख०ग०)
दिनांक : 10 जनवरी, 20XX
संलग्नक-शैक्षणिक एवं अनुभव प्रमाण-पत्र की छायांकित प्रतियाँ।
9. फुल मार्क्स ( प्रा० लि०), दिल्ली को डी०टी०पी० ऑपरेटर की आवश्यकता है। इस पद हेतु योग्यताओं का विवरण देते हुए व्यवस्थापक को आवेदन पत्र।
व्यवस्थापक
फुल मार्स्स (प्रा० लि०)
अंसारी रोड, दरियागंज,
नई दिल्ली।
विषय – डी०टी०पी० ऑपरेटर हेतु आवेदन पत्र।
मान्यवर,
दिनांक 10 फरवरी, 20XX को प्रकाशित ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ समाचार-पत्र से ज्ञात हुआ कि आपके प्रकाशन को डी॰टी॰पी० ऑपरेटर की आवश्यकता है। इस संबंध में मैं अपनी योग्यताओं का उल्लेख करते हुए आवेदन पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ। मेरा संक्षिप्त व्यक्तिगत विवरण निम्नलिखित है :
नाम – क०ख०ग०
पिता का नाम – श्री राम प्रताप वर्मा
जन्मतिथि – 10 सितंबर, 1988
पता – य०र०ल० नगर।
शैक्षणिक योग्यताएँ –
दसवीं कक्षा – सी०बी०एस० ई०, नई दिल्ली – 2003 – 55%
बारहवीं कक्षा – सी०बी०एस० ई०, नई दिल्ली – 2005 – 58%
बी० ए० – इग्नू, नई दिल्ली – 2008 – 56%
व्यावसायिक योग्यताएँ –
1. पुस्तक प्रकाशन में द्विवर्षीय डिप्लोमा वाई०एम०सी०ए० से – 2010
2. कंप्यूटर प्रशिक्षण एक वर्षीय डिप्लोमा एन०आई० आई०टी० से – 2011
अनुभव – ओजस प्रकाशन में कंप्यूटर ऑपरेटर मार्च 20XX से अब तक।
मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि अपनी सेवाओं से आपको संतुष्ट रखने का पूर्ण प्रयास करूँगा।
सधन्यवाद।
भवदीय
हस्ताक्षर : …….
(क० ख०ग०)
दिनांक : 15 फरवरी, 20xx
संलग्नक – समस्त शैक्षणिक, व्यावसायिक योग्यताओं एवं अनुभव प्रमाण-पत्र की छायांकित प्रतियाँ।
10. भारतीय स्टेट बैंक में कार्यालय सहायक पद के लिए मुख्य प्रबंधक, नरीमन प्वाइंट, मुंबई को आवेदन पत्र।
मुख्य प्रबंधक
भारतीय स्टेट बैंक
नरीमन प्वाइंट, मुंबई।
विषय – कार्यालय सहायक हेतु आवेदन पत्र।
महोदय,
दिनांक 15 जुलाई, 20XX को ‘दैनिक जागरण’ समाचार-पत्र में प्रकाशित विज्ञापन के प्रत्युत्तर में कार्यालय सहायक हेतु अपना आवेदन पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ। मेरा संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है –
प्रार्थी नाम – क० ख०ग०
पिता का नाम – श्री राजेश्वर शर्मा
जन्मतिथि – 20 दिसंबर, 1988
पता – य०र०ल० नगर।
शैक्षणिक योग्यताएँ –
दसवीं कक्षा – सी०बी०एस० ई०, नई दिल्ली – 2003 – 68%
बारहवीं कक्षा – सी०बी०एस०ई०, नई दिल्ली – 2005 – 72%
बी०कॉम० – महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय – 2008 – 63%
कंप्यूटर प्रशिक्षण – महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय – 2010
कार्यानुभव – क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक आकरा में कार्यालय सहायक पद पर दो वर्ष से कार्यरत। मैं अपने कार्य से आपको संतुष्ट रखने का पूर्ण प्रयास करूँगा।
सधन्यवाद।
भवदीय
हस्ताक्षर : …….
(क० ख०ग०)
दिनांक : 30 जुलाई, 20xx
पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न
प्रश्न 1.
कल्पना कीजिए कि आपने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना अध्ययन पूरा कर लिया है और किसी प्रसिद्ध अख़बार में पत्रकार पद के लिए आवेदन भेजना है। इसके लिए एक आवेदन-पत्र लिखिए।
उत्तर :
पत्रकार पद हेतु आवेदन-पत्र
सेवा में,
संपादक जी
दैनिक जागरण
एफ 62-63
सेक्टर – 62 गौतम बुद्ध नगर,
(उत्तर प्रदेश)
विषय – पत्रकार हेतु आवेदन-पत्र।
महोदय,
दिनांक 24 मार्च, 2019 को दैनिक जागरण समाचार पत्र में छपे विज्ञापन से ज्ञात हुआ कि आपके समाचार पत्र को कुछ पत्रकारों की आवश्यकता है। मैं भी इस पद के लिए अपना आवेदन-पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ।
मेरा स्ववृत्त इस आवेदन पत्र के साथ संलग्न है। इसका अवलोकन करने से आपको विश्वास हो जाएगा कि मैं इस पद के लिए पूर्णतया योग्य उम्मीदवार हूँ। मैं आपके विज्ञापन में अपेक्षित सभी योग्यताएँ पूरी करता हूँ। मेरा संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है –
स्ववृत्त
नाम – मोहित मौर्य
पिता का नाम – राजेंद्र कुमार मौर्य
जन्म तिथि – 15 नवंबर, 1993
वर्तमान पता- 135 WZ, मौर्या एंकलेव, पीतमपुरा, दिल्ली
टेलीफ़ोन नं. – 011-2123XXXX
ईमेल – mohitmaurya2000 gmail.com
शैक्षणिक योग्यताएँ
कार्यानुभव – पंजाब केसरी समाचार-पत्र दिल्ली में 2 साल से सहायक पत्रकार पद पर कार्यरत।
मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं सत्यनिष्ठा तथा कर्तव्यपरायणता के साथ अपने दायित्व का निर्वाह करूँगा। आशा है कि आप मुझे इस पद पर सेवा का अवसर प्रदान कर कृतार्थ करेंगे।
सधन्यवाद,
भवदीय हस्ताक्षर
(मोहित मौर्य)
संलग्न – शैक्षणिक योग्यताओं की छायाप्रति
प्रश्न 2.
राजीव गांधी फाउंडेशन उच्च शिक्षा हेतु स्कॉलरशिप प्रदान करती है, अतः उसे भेजने के लिए अपना ‘बायोडेटा’ तैयार कीजिए।
उत्तर :
छात्र प्रश्न-1 का आवेदन-पत्र देखकर अपना ‘बायोडेटा’ स्वयं तैयार करें।
प्रश्न 3.
स्ववृत्त में कौन-कौन से बिंदुओं को शामिल किया जाता है और उनकी प्रस्तुति का क्या प्रभाव पड़ता है?
उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
स्ववृत्त में निम्नलिखित बिंदुओं को शामिल किया जाता है –
• स्ववृत्त में ईमानदारी होनी चाहिए।
स्ववृत्त में सीधी, सटीक शैली का प्रयोग करना चाहिए।
• इसका आकार न अधिक लंबा न बहुत छोटा होना चाहिए।
• जानकारी देते समय झूठ या अतिशयोक्ति से बचना चाहिए।
• स्ववृत्त स्वच्छ तथा स्पष्ट अक्षरों में लिखा होना चाहिए।
उपर्युक्त बिंदुओं का नियोक्ता पर सकारात्मक असर पड़ता है। इसमें एक नियोक्ता को आकर्षित करने की शक्ति होती है। अतः स्ववृत्त तैयार करते समय पूरी सावधानी बरतनी चाहिए।
अन्य हल प्रश्न –
प्रश्न 1.
नरेंद्र मार्केटिंग एक्ज़ीक्यूटिव पद के लिए विज्ञापन की तलाश कहाँ करता है?
उत्तर :
नरेंद्र मार्केटिंग एक्ज़ीक्यूटिव पद के लिए अख़बार, बिजनेस पत्रिकाओं और इंटरनेट पर विज्ञापनों की तलाश करता है।
प्रश्न 2.
नौकरी के लिए स्ववृत्त का क्या महत्व है?
उत्तर :
नौकरी के लिए स्ववृत्त का यह महत्व है कि इसी के आधार पर योग्य उम्मीदवारों का चयन किया जाता है।
प्रश्न 3.
स्ववृत्त सुंदर और आकर्षक क्यों होना चाहिए?
उत्तर :
जिस प्रकार निर्माता ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए लुभावने विज्ञापनों का सहारा लेता है, उसी प्रकार उम्मीदवार सुंदर और आकर्षक स्ववृत्त के माध्यम से नियोक्ता को आकर्षित कर सकता है। आकर्षक स्ववृत्त उम्मीदवार के प्रति अच्छी और सकारात्मक धारणा उत्पन्न करता है।
प्रश्न 4.
स्ववृत्त क्या है?
उत्तर :
स्ववृत्त एक प्रकार का लेखन है जिसमें व्यक्ति विशेष के बारे में किसी विशेष प्रयोजन को ध्यान में रखकर क्रमिक ढंग से सूचनाएँ संकलित की जाती हैं।
प्रश्न 5.
स्ववृत्त में कितने पक्ष होते हैं?
उत्तर :
स्ववृत्त में दो पक्ष होते हैं। पहला पक्ष वह व्यक्ति है, जिसको केंद्र में रखकर सूचनाएँ एकत्र की जाती हैं। दूसरा
पक्ष उस व्यक्ति या संस्था का है, जिसके प्रयोजन को ध्यान में रखकर सूचनाएँ एकत्र की जाती हैं।
प्रश्न 6.
स्ववृत्त में कौन – सी सूचनाएँ समाहित की जाती हैं?
उत्तर :
स्ववृत्त में वे सूचनाएँ समाहित की जाती हैं जिनमें दूसरे पक्ष अर्थात नियोक्ता की दिलचस्पी हो।
प्रश्न 7.
स्ववृत्त की भाषा-शैली कैसी होनी चाहिए?
उत्तर :
स्ववृत्त की भाषा-शैली सरल, सीधी, सटीक और साफ होनी चाहिए ताकि एक नज़र डालते ही सारी बातें स्पष्ट
हो जाएँ।
प्रश्न 8.
स्ववृत्त लंबा होने का क्या नुकसान है ?
उत्तर :
स्ववृत्त लंबा होने का यह नुकसान यह है कि नियोक्ता अर्थात पढ़नेवाला ऊबकर अनेक पहलुओं को नज़रअंदाज़
कर जाता है।
प्रश्न 9.
कॉलेज से निकले उम्मीदवारों का बायोडेटा आकार में कैसा होना चाहिए?
उत्तर :
कॉलेज से निकले उम्मीदवारों का बायोडेटा दो या तीन पृष्ठों से ज्यादा लंबा नहीं होना चाहिए।
प्रश्न 10.
स्ववृत्त की छोटी-सी गलती किस तरह विपरीत धारणा उत्पन्न करती है?
उत्तर :
स्ववृत्त की छोटी-सी गलती देखकर नियोक्ता को लग सकता है कि उम्मीदवार या तो लापरवाह है या फिर उसकी शिक्षा-दीक्षा ढंग से नहीं हुई है।
प्रश्न 11.
स्ववृत्त में व्यक्ति परिचय के अंतर्गत क्या-क्या सूचनाएँ दी जाती हैं?
उत्तर :
स्ववृत्त में व्यक्ति परिचय के अंतर्गत उम्मीदवार का नाम, जन्म तिथि, उम्र, पत्र-व्यवहार का पता, टेलीफ़ोन नंबर, ई-मेल आदि सूचनाएँ दी जाती हैं।
प्रश्न 12.
भाषण या वाद-विवाद में मिले पुरस्कारों का उल्लेख स्ववृत्त में क्यों करना चाहिए?
उत्तर :
भाषण या वाद-विवाद में मिले पुरस्कारों का उल्लेख स्ववृत्त में इसलिए करना चाहिए क्योंकि इनसे उम्मीदवार की वाकपटुता और संभाषण कला का पता चलता है।
प्रश्न 13.
स्ववृत्त के साथ आवेदन पत्र की ज़रूरत क्यों पड़ती है?
उत्तर :
आवेदन-पत्र से ही उम्मीदवार का भाषा – ज्ञान और अभिव्यक्ति क्षमता की जानकारी मिलती है, इसलिए स्ववृत्त के साथ इसकी ज़रूरत पड़ती है।
प्रश्न 14.
स्ववृत्त की एक कमी का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
स्ववृत्त की एक कमी यह है कि यह सूचनाओं के सिलसिलेवार संकलन के रूप में होता है। इससे भाषा का वह वैयक्तिक स्पर्श नहीं आ पाता है।
प्रश्न 15.
स्ववृत्त के साथ लगे आवेदन का क्या उद्देश्य होता है?
उत्तर :
स्ववृत्त के साथ लगे आवेदन का उद्देश्य होता है- पद के लिए अपनी योग्यता और गंभीरता के प्रति नियोक्ता का विश्वास जगाना।